Siwan News

Siwan News Siwan Media House Pvt. Ltd.
(140)

07/11/2024
07/11/2024

कोशी live... जय छठी मैया🙏🙏

07/11/2024

"सिवान में लोक आस्था का महापर्व छठ! इस बार पक्वालिया घाट का नजारा कुछ खास है।"

02/11/2024

भोजपुरी में उच्च शिक्षा को बढ़ावा: 'भोजपुरी आलोचना के प्रस्तावना' पुस्तक का हुआ लोकार्पण

02/11/2024

एमएम कॉलोनी में लाखों की चोरी, छत के रास्ते चोरों ने दिया वारदात को अंजाम

26/10/2024

सीवान के बबुनिया मोड़ पर खुला company Club रेस्टोरेंट Company Club

25/10/2024

दीनदयालपुर पंचायत की मुखिया ने किया बड़ा काम! पंचायत के लोगों को मिली ये सुविधा

22/10/2024

विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली युवा कवयित्री युसरा फातमा की अनोखी उपलब्धि

21/10/2024

सिवान में पुलिस स्मृति दिवस पर अमर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि

18/10/2024

सीवान में जहरीली शराब कांड के पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव,

16/10/2024

उत्तर बिहार का सबसे बड़ा विजय जुलूस 17 को। इस बार 150 से ज्यादा झांकियां निकालने की तैयारी

16/10/2024

सीवान में जहरीली शराब का कहर! अभी तक 5 लोगों की मौत, कितनों का चल रहा है इलाज

13/10/2024

सीवान में युवाओं के संगठन को मिली नई पहचान, शैक्षणिक और समाजसेवा में आएगी तेजी

12/10/2024

बिग ब्रेकिंग।

सीवान जिले के जामो थाना क्षेत्र के मराछि गांव में युवक को अपराधियों ने मारी गोली। घायल युवक मराछि गांव के सुरेश सिंह का पुत्र अमित सिंह है। इलाज कर लिए सदर अस्पताल लाया जा रहा है।

10/10/2024

बड़हरिया में प्राइवेट कोचिंग के शिक्षक को अपराधियों ने मारी गोली

10/10/2024

अवनीत फिजिक्स क्लासेस के संचालक अवनीत कुमार के भाई अवनीश कुमार को अपराधियों ने बड़हरिया में मारी गोली,

09/10/2024

A_R Nritya Academy में डांडिया और गरबा नाइट्स का हुआ आयोजन

07/10/2024

आराध्या चित्रकला और स्टार होपर्स के द्वारा सीवान में डांडिया महोत्सव सीजन 4 का किया गया आयोजन।।

Address

Mahadewa Road
Siwan
841226

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Siwan News posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Siwan News:

Videos

Share

Our Story

जरूरतों ने मुझे पैदा किया……….. SIWAN NEWS·THURSDAY, MARCH 23, 2017 मैं अखबार हूँ , मुझसे जुड़े लोग पत्रकार तथा मुझसे जुड़े कार्य को पत्रकारिता कहते है। वही जो लगभग दस से बारह पन्नों का टुकड़ा जिसपर न जाने कितनी बलात्कार , हत्याएं ,लूट-डकैती और न जाने कितनी असामाजिक गतिविधियों सहित सामजिक गतिविधियां सहेजी रहती है। हां, वही जिसे आप आज के दौर में प्रभात खबर, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान , दैनिक भास्कर, द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, द हिन्दू और भी कई नामो से जानते हैं। विश्व में मेरा आरम्भ काल लगभग 131 ईo में पूर्व रोम में माना जाता है। उस वक़्त मैं प्रतिदिन सारणी से प्रकाशित होता था। जिसका नाम Acta Diurna था। एक पत्थर या किसी धातु की पट्टियों पर कुछ संदेशों को अंकित कर लोगो से परिचित कराया जाता था। मध्यकाल में यूरोप के व्यापारिक केंद्रों ने मुझे एक और नाम से प्रकाशित कराया -जिसका नाम 'सुचना-पत्र' था। इसमें कारोबार, क्रय-विक्रय और मुद्रा के मूल्यों में उतार-चढ़ाव से सम्बंधित सूचनाएं होती थी। लेकिन ये हस्तलिखित होती थी जो काफी महँगा होता था। बढ़ती जरूरतों ने मुझे तकनीकी रूप से छापने के लिए तैयार कर दिया था और 15 वी शताब्दी में गुटेनबर्ग ने छापने की मशीन का आविष्कार कर मुझे बेहद सरल और सस्ता बना दिया। इस मशीन द्वारा गुटेनबर्ग धातुओ की अक्षरों का आविष्कार कर संदेशों को छापने में आसानी कर दी। 16 वी शताब्दी के अंत में यूरोप के एक कारोबारी योहन करालुस ने स्ट्रासबर्ग शहर में धनवान कारोबारियों के लिए मुझे उपयोग में लाता था। जिसे वो खुद ही लिख कर उनके पास भेजता था, पर छापने की मशीन आ जाने के बाद सन 1605 से छपाई वाला सन्देश सहित पन्ना उनके पास भेजने लगा था और करालुस ने मेरा नाम बदलकर "रिलेशन" रख दिया। जो विश्व का पहला मुद्रित अखबार माने जाने लगा। मैं देश भ्रमण पर निकल चुका था। हर एक देशों में अपना अलग अलग नाम छोड़ते हुए भारत पंहुचा। मेरे भारत पहुचने से पहले मुझे छापने वाली मशीन करीब 1674 ईस्वी में भारत पहुच चुकी थी पर मैं इसके ठीक 102 वर्ष बाद यानी 1776 ईस्वी में पंहुचा। मुझे भारत में आश्रय देने वाली संस्था थी "ईस्ट इंडिया कंपनी" तथा इसके भूतपूर्व अधिकारी विलेम बॉल्ट्स। उस वक़्त मैं अंग्रेजी भाषा में लोगो से रूबरू होता था पर मेरा क्षेत्र कंपनी तथा सरकार के बीच ही सीमित था। 4 साल बाद 1780 ईस्वी में जेम्स आगस्टस हिक्की ने मुझे एक अलग नाम से प्रकाशित किया। नाम था "बंगाल गजट" . दो पन्ने तथा मुझमे छपी लेख ईस्ट इंडिया कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों की व्यक्तिगत जीवन पर ही होते थे। 1790 ईस्वी तक मेरे और भी कई नाम प्रकाशित हो चुके थे। कुछ जीवित रहे कुछ ओझल भी हो गए। 1819 ईस्वी में राजा राम मोहन रॉय ने बंगाली भाषा में "संवाद कौमुदी" नाम से एक और अखबार प्रकाशित किये। बढती जरूरतों ने मुझे और भी नाम दिया था। 1822 में "मुंबईना समाचार(गुजराती भाषा, साप्ताहिक )" के नाम से प्रकाशित हुआ जो दस वर्ष बाद दैनिक सारणी में परिवर्तित हो गया। 1826 में "उदंत मार्तण्ड ( हिंदी भाषा,साप्ताहिक )" के नाम से लोगो के बीच पंहुचा ,पर पैसो की कमी ने मुझे एक साल में ही लोगो के बीच से हटा दिया । 1830 में राजाराम मोहन रॉय ने "बंगदूत ( हिंदी भाषा, साप्ताहिक )" नाम से मुझे लोगो से परिचित कराया। वैसे मेरा सम्बन्ध बहुभाषीय था जैसे कि बँगला, हिंदी, अंग्रेजी तथा फ़ारसी। मेरे प्रकाशन का केंद्र कोलकाता था। करीब 1833 ईस्वी तक भारत में मेरे 20 नाम अलग अलग हो चुके थे। वही 1850 में 28 तथा , 1953 में 35 नाम हो चुके थे। इस तरह मेरे नाम तो बढे पर नाममात्र ही। मेरी भाषाएँ उस वक़्त बहुत कठिन थी जो आम लोगो के समझ से बिलकुल ही बाहर थी। जिसके वजह से मेरे बहुत सारे नाम लोगो के बीच से समाप्त ही हो गए। नए विचारो सहित हिंदी भाषा में 1846 में राजा शिव प्रसाद ने "वनारस अखबार" के नाम से प्रकाशन शुरू किया लेकिन इसमें भी वही समस्या थी , कठिन शब्द। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए भारतेंदु हरिश्चन्द्र ने 1868 में "कविवच सुधा" नाम से साहित्यिक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया ,लेकिन 1868 से पहले 1854 में "समाचार सुधा वर्षण" नाम से लोगो से रूबरू हो चूका था। अंततः सरल शब्द और आसान भाषा सहित कम खर्च में लोगो के पास पहुचने लगा। लोग मुझे बेहद पसंद करने लगे थे क्योंकि नए नए विचार , नयी नयी ज्ञान सहित सामाजिक सुधार से सम्बंधित मूल तथ्यों को पहुचा रहा था। Sharyar Amit singh


Other Media/News Companies in Siwan

Show All