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मसला यह नहीं कि वह खूबसूरत बहुत है 🥰💞मसला यह है कि वह बेहद पसंद है मुझे 🌷🌺🥰🌺🌺'                       🙏
21/11/2024

मसला यह नहीं कि वह खूबसूरत बहुत है 🥰💞
मसला यह है कि वह बेहद पसंद है मुझे 🌷🌺
🥰🌺🌺' 🙏

मुस्कुराते रहो कांटो में गुलाब की तरह🌷🌷🌷🥰😉 चाहे लाख गम मिले जिदंगी जीने में🙏
13/11/2024

मुस्कुराते रहो कांटो में गुलाब की तरह🌷🌷🌷
🥰😉 चाहे लाख गम मिले जिदंगी जीने में🙏

प्रयागराज संगम 🌷🌷🌷🙏🌷🌷🌷          🙏      👉      🙏
12/11/2024

प्रयागराज संगम 🌷🌷🌷🙏
🌷🌷🌷
🙏 👉 🙏

15/02/2024

😂😂🤣 सियार की कहानी 🤣🤣🤣
एक बार एक गांव में एक सियार रहता था उसकी शादी नहीं हो रही थी वह बहुत परेशान था इस गांव के पड़ोस में एक सियारिन रहती थी एक दिन अचानक सियार से मुलाकात हो गई सियार ने कहा मुझसे शादी करोगी सियार में जवाब दिया मुझे चार सुनाए उसी से शादी करूंगी सियार ने कहा मैं तुझे चार नहीं आठ सुनाऊंगा मुझसे शादी कर सियारिन तैयार हो गई फिर क्या दोनों ने मिलकर शादी कर ली लेकिन सियार के पास घर नहीं था तो वह इधर-उधर घूम रहा था सियारिन गर्भवती हो गई और वह अब कहने लगी तुम तो मुझे चार नहीं आठ सुन रहे थे और आपके पास तो रहने के लिए घर भी नहीं है तब सियार ने कहा सुन जब तुम्हारा बच्चा होने का समय हो तब बताना फिर धीरे-धीरे समय बीतता रहा एक दिन सियारिन का बच्चा होने का समय हुआ तब वह सियार से बोली बताओ कहां है आपका घर आपसे यार क्या करता है वह एक शेर की गुफा में ले गया वहां सियारी ने बच्चों को जन्म दिया से जब घूम कर आया तो देख रहा है कि उसकी गुफा पहले से बंद है उसने कहा कौन है मेरी गुफा में सियार ने सियारिन से कहा देखो शेर आया है हम लोगों को खा जाएगा जैसा मैं कहता हूं वैसा करो सियारिन बोली ठीक है सियार बोला जैसे ही शेर हम लोगों पर दहाड़े तुम बच्चों को रुला देना बाकी मैं संभाल लूंगा शेर गुफा के बाहर दहाड़ने लगा बोल कौन है मेरी गुफा में तब सियारिन ने बच्चों को रुला दिया तो सियार ने कहा य विलोचनी बच्चों को क्यों रुला रही हो सियारी ने जवाब दिया है बांसी शेर का मांस रखा है ताज मांग रहे हैं बताओ मैं क्या करूं सियार बोला रुको बच्चों को संभालो बोलो बच्चों से की अभी ताज मांस मिल जाएगा शेर बाहर ही है शेर ने जब यह सुना तो वह हक्का-बक्का रह गया और वहां से भाग निकला भागते भागते रास्ते में बहुत सारे शेर मिले और सारे शेर कहने लगे भाई क्यों इतना भाग रहे हो शेर ने कहा मेरी गुफा में कोई ऐसा आ गया है की कह रहा है वासी शेर का मांस रखा है ताज मांग रहे हैं और फिर क्या मैं वहां था तो कहने लगा रुको मैं अभी ताजा मांस देता हूं बाकी शेर बोल अरे कोई नहीं है भाई वह वही करताहसियार है जो अभी-अभी शादी की है चलो देखते हैं शेर और शेर के साथी सब गुफा के पास आए सियार ने पहले से ही गुफा को चारों ओर से ढक लिया था थोड़ा सा सुराग छोड़ दिया अब शेर गुफा के चारों तरफ चक्कर लगाने लगे सब ने कहा कि चलो एक-एक करके इसके ऊपर बैठ जाते हैं गुफा दब जाएगी जो भी होगा बाहर निकल आएगा फिर क्या हुआ जिस शेर की गुफा थी उसी को नीचे रहना रहने के लिए कहा एक दूसरे के ऊपर शेर चढ़ने लगे तब सियार ने कहा ए विलोचनी बच्चों से कहो ऊपर का मांस लेंगे या नीचे का तोशियारी ने कहा मैं खाली की लूंगा शेर ने सोचा यह सब मुझे मरवा देंगे मैं जिंदा रहूंगा तो गुफा और बना लूंगा और फिर क्या शेर ने ताकत लगाई और नीचे से बाहर की तरफ भाग सब शेर गिरते गए भागते गए आगे एक लोमड़ी मिली वह बोली आप सब इस तरह क्यों भाग रहे हैं शेर ने कहा हमारी गुफा में कोई हमसे बड़ा आ गया है जो कहता है की ताजा शेर का मांस खाऊंगा लोमड़ी बोली वही करता है सियार और सियारिन है चलो मैं निकाल देता हूं लोमड़ी आगे आगे पीछे पीछे शेर चल पड़े गुफा के पास पहुंचे जहां थोड़ा सा सुराग था वहीं पर लोमड़ी देखने लगी इधर उधर देखिए और पूछ इस सुराग में डाल दी फिर क्या सियार और सियारिन दोनों ने मिलकर पूछ पकड़ लिया और खींचने लगे लोमड़ी अपनी तरफ खींच रही और सियार अपनी तरफ काफी खींचतान के बाद लोमड़ी की पूछ उखाड़ गई और वह चिल्लाते हुए कहने लगी हाय दादा भागो इसमें तो सब पूछ उखाड़ भरे और फिर सब चले गए और सियार और सियारी आराम से रहने लगे सियार कहने लगा देख मेरी बुद्धि तो कहती थी कि मुझे चार सुनाओगे मैंने कहा था मैं तुझे आठ सुनाऊंगा धन्यवाद

15/02/2024

जिंदगी की उलझन
😒😒😒😒🤔🤔
ऐ एक कहानी बन गयी जब हम सब
के पिता( बाबा) कुछ कहाँनियो के मध्य से बताते थे!
1980 से 2000 तक के पहले आदमी के पास कोई भी उलझनें नहीं थी
और हर एक आदमी अपनी जिंदगी में कहीं न कहीं
उलझा हुआ है!
पहले आदमी बहार काम करने के लिए
जाता था और फिर एक महीने के बाद जब वो कुछ भी
कहना चाहता तो लेटर लिखता और फिर भी ओ खुश
रहता था और परिवार में भाई बहन माता पिता और
पति पत्नी सब खुश थे एक दूसरे का हाल चाल लेटर
के मध्यम मिलता
और अब 2000 के बाद से आज तक आदमी
उलझनों में उलझता ही जा रहा है
कयोकि हर रोज क्या खाया क्या पिया क्या कर रही थी
हर पल भर की बात की खबर रखनी है
और फिर आपस में छोटी छोटी बात की टेन्शन तनाव
हो जाता है और फिर आदमी अपनी जिंदगी में उलझा
रह रहा है जितना भी आदमी डिजिटल हुआ है
उतना ही उलझनों में फंसा हुआ है
लेकिन मेरे भाई बहन आप सभी आपस बात चीत करें
लेकिन सक और तनाव आपस में न होने दे
ज्यादा सक आपस के रिश्तों में तनाव पैदा कर देते हैं!
🙏यही है जिदंगी की उलझन 🙏🙏🤗
खुश रहिये 🤗🤗
धन्यवाद!!

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