News PHH

News PHH North India’s trusted News Network. We bring you News Direct from Run independently by the most Credible Team in the field of Journalism.
(3)

अमेरिकी अदालत द्वारा गौतम अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट: 2236 करोड़ रुपये की रिश्वत मामले में नया मोड़हाल ही में अमेरिक...
22/11/2024

अमेरिकी अदालत द्वारा गौतम अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट: 2236 करोड़ रुपये की रिश्वत मामले में नया मोड़

हाल ही में अमेरिकी अदालत ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह वारंट 2236 करोड़ रुपये के रिश्वत मामले में जारी किया गया है, जिसमें अडानी समूह पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों को सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंधों को प्राप्त करने के लिए यह राशि दी। अमेरिकी न्यायालय के आदेश से भारतीय राजनीतिक और व्यापार जगत में हड़कंप मच गया है। इस मामले में आरोप है कि अडानी समूह ने रिश्वत के माध्यम से सरकारी मंजूरी और अनुबंध प्राप्त किए, जिससे उनकी सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा मिला।

गौतम अडानी का नाम पहले भी विवादों में रह चुका है। विशेष रूप से, अडानी समूह के साथ जुड़े वित्तीय घोटाले, पर्यावरणीय उल्लंघन और भूमि अधिग्रहण विवादों ने उनकी छवि पर दाग डाला है। इसके बावजूद, अडानी समूह ने अपनी कारोबारी सफलता में कई प्रमुख मील के पत्थर हासिल किए हैं, लेकिन इस नए गिरफ्तारी वारंट ने समूह के भविष्य को संदेह के घेरे में डाल दिया है।

अडानी समूह के खिलाफ आरोपों के असर से उनके शेयरों में भारी गिरावट आई है। अडानी समूह के शेयरों में अचानक आई गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या यह विवाद अडानी समूह की समग्र व्यापार रणनीति और भविष्य की योजनाओं को प्रभावित करेगा।

आगे का रास्ता अडानी समूह के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि कानूनी और वित्तीय दबावों के कारण उनकी छवि और कारोबार पर असर पड़ सकता है।

वहीं अदानी समूह ने आरोपों से इनकार किया और आरोपपत्र को "बेवजह कदम" करार दिया। समूह ने कहा कि उसने "शासन और पारदर्शिता के सर्वोत्तम मानकों को दृढ़ता से बनाए रखा है" और "सभी संभावित कानूनी उपाय" अपनाएगा।

आपकी सोच ही आपकी असली शक्ति है। सकारात्मक सोच से सबकुछ संभव है |
22/11/2024

आपकी सोच ही आपकी असली शक्ति है। सकारात्मक सोच से सबकुछ संभव है |

21/11/2024

'हर दिन हिमाचल की छवि मिट्टी में मिला रही है सुक्खू सरकार', बोले-सरकार की नाकामी से हिमाचल भवन की नीलामी की नौबत आ गई।झूठे वादों के अलावा सुक्खू सरकार कोई काम गंभीरता से नहीं कर रही।

21/11/2024

औंधे मुंह गिर गया राहुल गांधी जी का 'खटाखट मॉडल', अनुराग ठाकुर बोले- पहले हिमाचल भवन की कुर्की, अब HPTDC के सरकारी होटलों पर ताले का आदेश। देवभूमि को बदहाल करने वाली सुक्खू सरकार का हर कारनामा जनता देख रही है, हिसाब जरूर होगा।

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा 18 एचपीटीडीसी होटलों के बंद करने का आदेश और राज्य पर्यटन निगम की आर्थिक स्थिति पर प्र...
20/11/2024

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा 18 एचपीटीडीसी होटलों के बंद करने का आदेश और राज्य पर्यटन निगम की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के 18 होटलों को बंद करने का आदेश दिया है। यह निर्णय राज्य सरकार की तरफ से पर्यटन उद्योग में हो रहे वित्तीय नुकसान और इन होटलों की कम occupancy दर को ध्यान में रखते हुए लिया गया। राज्य के पर्यटन निगम की खस्ता हालत और इन होटलों में लगातार हो रहे नुकसान ने ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर किया। इस लेख में हम इस आदेश के प्रभाव, हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति, और क्या सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) इन होटलों के पुनरुद्धार में मदद कर सकती है, पर विचार करेंगे।

एचपीटीडीसी होटलों की स्थिति और न्यायालय का आदेश

एचपीटीडीसी का मुख्य उद्देश्य राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना और यात्रियों को विश्वस्तरीय सेवाएं प्रदान करना है। हालांकि, हाल के वर्षों में राज्य के कुछ प्रमुख होटलों की occupancy दर बहुत कम रही है, जिसके कारण इन होटलों में आर्थिक घाटा बढ़ता गया। उच्च न्यायालय ने यह महसूस किया कि इन होटलों को चलाने में आने वाला खर्च और राजस्व की कमी के कारण निगम की वित्तीय स्थिति और भी खराब हो रही है। इसलिए, न्यायालय ने 16 होटलों को बंद करने का आदेश दिया।

हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम की खराब वित्तीय स्थिति

हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी हाल के वर्षों में कमजोर रही है। राज्य की वित्तीय सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि पर्यटन उद्योग राज्य की सबसे बड़ी आय स्रोतों में से एक है। पर्यटन निगम के होटल संचालित करने के बावजूद राजस्व में लगातार कमी हो रही है, जिससे राज्य सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव बन रहा है। इसके अलावा, पर्यटन व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और पुराने ढांचे वाले होटलों की कमी भी निगम की मुश्किलों को बढ़ाती है।

सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) से क्या हो सकता है सुधार?

पारंपरिक सरकारी प्रबंधन के बजाय, सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) एक प्रभावी तरीका हो सकता है इन होटलों को पुनर्जीवित करने के लिए। इस मॉडल में निजी कंपनियों को राज्य सरकार के साथ मिलकर इन होटलों का प्रबंधन और संचालन करने का अवसर दिया जा सकता है। इससे सरकारी निगम पर वित्तीय दबाव कम होगा, और निजी कंपनियां अपने प्रबंधन कौशल और पूंजी के साथ इन होटलों को बेहतर बना सकती हैं। इसके अलावा, PPP मॉडल के तहत राज्य सरकार को बेहतर प्रबंधन, सुविधाओं में सुधार और बढ़ती हुई occupancy दर से लाभ हो सकता है।

भविष्य में क्या सुधारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं?

1. संरचनात्मक सुधार: होटलों के पुराने ढांचे में सुधार और आधुनिक सुविधाओं का समावेश करना होगा ताकि पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।

2. मार्केटिंग और प्रमोशन: बेहतर मार्केटिंग रणनीतियां अपनाकर इन होटलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जा सकता है।

3. निजी निवेश को आकर्षित करना: PPP मॉडल के अलावा, राज्य सरकार निजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सुविधाएं और रियायतें दे सकती है।

4. स्थानीय उत्पादों और सेवाओं का प्रचार: स्थानीय उत्पादों और सांस्कृतिक गतिविधियों को होटलों के पैकेज में शामिल किया जा सकता है, जिससे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिले।

5. सतत पर्यटन और इको-टूरिज्म पर ध्यान: पर्यावरणीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए इको-टूरिज्म के लिए विशेष पैकेज तैयार किए जा सकते हैं, जो पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करेंगे।

निष्कर्ष

हिमाचल प्रदेश के पर्यटन निगम के होटलों की खराब वित्तीय स्थिति और कम occupancy दर के कारण हुए नुकसान को देखते हुए उच्च न्यायालय का आदेश एक जरूरी कदम था। हालांकि, सार्वजनिक-निजी साझेदारी और संरचनात्मक सुधारों के माध्यम से इन होटलों को पुनर्जीवित किया जा सकता है। भविष्य में अगर सही कदम उठाए जाएं, तो यह राज्य के पर्यटन उद्योग को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत कर सकते हैं, बल्कि हिमाचल प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी स्थापित कर सकते हैं।

17/11/2024

| शिमला में स्वामी रामकृष्ण मिशन आश्रम में हंगामा, भूमि विवाद पर रामकृष्ण मिशन और ब्रह्मो समाज के बीच मारपीट। एक-दूसरे पर कुर्सियां फेंकते नजर आए लोग।

सीनियर पत्रकार दिनेश शर्मा को पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान नई दिल्ली, 16 नवंबर – राष्ट्रीय प्रेस दिवस 20...
16/11/2024

सीनियर पत्रकार दिनेश शर्मा को पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान

नई दिल्ली, 16 नवंबर – राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2024 के अवसर पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और एक्रीडेटेड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पत्रकारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार दिनेश शर्मा को उनके पत्रकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के रायसीना रोड स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित हुआ, जहां पत्रकारिता के मूल्यों को संरक्षित रखने के प्रति पत्रकारों की अटूट प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व सांसद और डीपीसीसी अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में पत्रकारिता की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और निर्भीकता पर बल दिया। जय प्रकाश अग्रवाल ने कहा, "स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता हमारे लोकतंत्र की बुनियाद है। पत्रकारों का धर्म है सत्य को निर्भीकता से जनता तक पहुँचाना।" उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारों के प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा है और इस परिवर्तन को सराहा जाना चाहिए।

कार्यक्रम में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गौतम लाहिड़ी ने पत्रकारिता की एकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता को विभाजित नहीं किया जाना चाहिए और इसे संवाद के रूप में बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उनका मानना था कि आज पत्रकारिता का दिन है, और सभी को मिलकर इसके अखंडता और भलाई के लिए काम करना चाहिए। गौतम लाहिड़ी ने प्रेस क्लब को "पत्रकारों का दूसरा घर" बताया और इसके प्रेस काउंसिल में प्रतिनिधित्व को एक बड़ी उपलब्धि करार दिया।

कार्यक्रम में रमाकांत गोस्वामी, पूर्व मंत्री, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार ने पत्रकारिता के बदलते स्वरूप पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता, मीडिया और निष्ठा के क्षेत्र में बदलाव आ रहा है, और ऐसे समय में चुनौतियों का समाधान करना जरूरी है।

इस अवसर पर दिनेश शर्मा सहित कई अन्य पत्रकारों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इन पत्रकारों में अरुण जोशी, सुनील नेगी, अनिल शर्मा, विजय शर्मा, शिवेंद्र, नवीन गौतम, प्रदीप चतुर्वेदी, राजीव गुप्ता, संदीप शर्मा, जूलिया गंगवानी और बनपानी पांडा जैसे नाम शामिल हैं। इन पत्रकारों ने न केवल समाचार रिपोर्टिंग में उत्कृष्टता हासिल की, बल्कि अपने कार्यों के माध्यम से समाज में जन-जागरूकता और सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया।

इस मौके पर एक्रीडेटेड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय शंकर चतुर्वेदी ने पत्रकारों की समस्याओं को हल करने के लिए प्रेस क्लब की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए मुफ्त मेट्रो यात्रा की सरकार से अपील की। इसके साथ ही एसोसिएशन ने पत्रकारों के कल्याण के लिए कई प्रमुख मांगें भी उठाई, जिनमें रेलवे छूट, निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज, सरकारी विज्ञापन सहायता और पेंशन योजना शामिल थीं।

इस अवसर पर राजकुमार (अतिरिक्त महानिदेशक, पीआईबी), प्रकाश वैद्य (नेहरू युवा केंद्र संगठन के निदेशक), नीरज ठाकुर (प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के महासचिव) और एस.के. भंडारी (सेवानिवृत्त आईएएस एवं पूर्व सचिव, भारत सरकार) ने भी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।

कार्यक्रम के समापन में विजय शंकर चतुर्वेदी ने पत्रकारों से सत्य की खोज में निरंतर प्रयास करने की अपील की और पत्रकारिता की भूमिका को लोकतांत्रिक समाज को सुदृढ़ बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

लवी इंटरनेशनल फेयर: शिमला जिले के रामपुर की सांस्कृतिक धरोहरलवी इंटरनेशनल फेयर हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर बुश...
12/11/2024

लवी इंटरनेशनल फेयर: शिमला जिले के रामपुर की सांस्कृतिक धरोहर

लवी इंटरनेशनल फेयर हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर बुशहर क्षेत्र में आयोजित होने वाला एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मेला है। यह मेला हर साल नवंबर में आयोजित होता है और इस क्षेत्र की प्राचीन परंपराओं और व्यापारिक इतिहास को जीवित रखता है। लवी मेला न केवल हिमाचल प्रदेश, बल्कि भारत और तिब्बत के बीच ऐतिहासिक व्यापार संबंधों का प्रतीक भी है।

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने जिला शिमला के रामपुर बुशहर में ११ नवम्बर को चार दिवसीय लवी मेले का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल भी उपस्थित थीं।

राज्यपाल ने कहा कि सदियों से लवी मेले ने व्यापारिक मेले के रूप में अपनी पहचान कायम की है और वर्तमान में प्रदेश के सांस्कृतिक उत्सव के रूप में उभर रहा है।

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

लवी मेला सदियों पुराना है और इसका ऐतिहासिक महत्व अत्यधिक है। यह मेला प्राचीन इंडो-तिब्बत व्यापार मार्ग (Indo-Tibetan Trade Route) से जुड़ा हुआ था। इस मार्ग के माध्यम से, तिब्बत और भारत के बीच व्यापार होता था, जिसमें वस्त्र, पशुधन, खाद्यान्न, और यांत्रिक सामान का आदान-प्रदान होता था। यह मेला उस व्यापारिक गतिविधि का हिस्सा था, जिसमें व्यापारी विभिन्न वस्तुओं का लेन-देन करते थे।

इतिहासकारों का मानना है कि यह मेला पहले व्यापारिक उद्देश्यों के लिए शुरू हुआ था, लेकिन समय के साथ यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का भी केंद्र बन गया। मेले के दौरान, श्रद्धालु देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं, और पारंपरिक लोक नृत्य, संगीत, नाट्य प्रदर्शन, और हाथ से बने हस्तशिल्प की प्रदर्शनी होती है।

धार्मिक और लोककथाएँ

लवी मेले के आयोजन के पीछे कुछ लोककथाएँ भी जुड़ी हैं। एक कथा के अनुसार, इस मेले की शुरुआत रामपुर के राजा वीर चंद्र ने की थी, जिन्होंने तिब्बत के व्यापारियों को भारतीय बाजारों से जोड़ने के लिए इसे आयोजित किया था। एक अन्य मान्यता के अनुसार, इस मेले का आयोजन एक विशेष अवसर पर हुआ था जब तिब्बत और भारत के बीच शांति समझौता हुआ था।

सांस्कृतिक महत्व

लवी मेला आज भी व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है। इस मेले में लोग पारंपरिक हिमाचली वस्त्र पहनते हैं और लोक नृत्य जैसे नाटी, कुल्लवी नृत्य और लद्धा नृत्य का प्रदर्शन करते हैं। इसके साथ ही विभिन्न पारंपरिक हस्तशिल्प और लोक कला के प्रदर्शन होते हैं, जो हिमाचल की सांस्कृतिक धरोहर को प्रकट करते हैं।

लवी मेला, रामपुर और पूरे हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर का एक अमूल्य हिस्सा है, जो न केवल व्यापारिक इतिहास को पुनः जीवित करता है, बल्कि सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक आस्थाओं का सम्मान भी करता है। यह मेला न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है।

रेणुका जी मेला: हिमाचल की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहररेणुका जी मेला हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के रेणुका जी में हर साल...
12/11/2024

रेणुका जी मेला: हिमाचल की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर

रेणुका जी मेला हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के रेणुका जी में हर साल आयोजित होने वाला एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है। यह मेला रेणुका देवी के सम्मान में मनाया जाता है, जो यहां के प्रमुख धार्मिक स्थल और माँ दुर्गा की अवतार मानी जाती हैं। यह मेला न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए भी अत्यधिक महत्व रखता है।

जिला सिरमौर में अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले का शुभारम्भ ११ नवम्बर को किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ददाहू में भगवान परशुराम की पालकी को कंधा देकर शोभायात्रा की अगुवाई की।

इस अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले और त्यौहार प्रदेश की समृद्ध संस्कृति के अभिन्न अंग हैं।

इतिहास और उत्पत्ति

रेणुका जी मेला का इतिहास बहुत पुराना है। यह मेला वर्षों से एक धार्मिक आयोजन के रूप में मनाया जा रहा है, जो भगवान परशुराम की माता रेणुका देवी के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। मान्यता के अनुसार, रेणुका देवी का प्राचीन इतिहास भारतीय पुराणों में मिलता है, जहाँ वह महर्षि जमदग्नि की पत्नी और भगवान परशुराम की माता मानी जाती हैं। एक कहानी के अनुसार, रेणुका देवी ने महर्षि जमदग्नि के आदेश का पालन करते हुए अपने पुत्रों को पाप से बचाने के लिए स्वयं को बलि चढ़ा दिया था। उनकी यह भक्ति और बलिदान उनकी पूजा का मुख्य कारण बने।

धार्मिक महत्व

रेणुका जी का मेला विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह मेला हर साल नवंबर माह के दूसरे सप्ताह में आयोजित होता है, जो कि दीपावली के बाद की अवधि में होता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेते हैं और देवी रेणुका के दर्शन कर पुण्य प्राप्त करते हैं। मेला कई दिनों तक चलता है, जिसमें पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, हवन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

सांस्कृतिक महत्व

रेणुका जी मेला न केवल धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता का भी प्रतीक है। मेला क्षेत्र में पारंपरिक हिमाचली लोक कला, नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुतियाँ होती हैं। विशेष रूप से नाटी (लोक नृत्य) और पारंपरिक गीतों का प्रदर्शन मेले की प्रमुख विशेषताएँ हैं। यहां के स्थानीय लोग पारंपरिक हिमाचली वेशभूषा में सज-धज कर मेले में भाग लेते हैं, जिससे स्थानीय संस्कृति की झलक मिलती है।

मेलों के आयोजन और आदान-प्रदान

रेणुका जी मेला व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। यहां पर विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प, लोक कला, पारंपरिक वस्त्र और हस्तनिर्मित सामान बिकते हैं। व्यापारी और कारीगर अपने उत्पादों को यहां लाकर बेचते हैं, जिससे यह मेला एक व्यावसायिक मेला भी बन गया है। यह मेला स्थानीय कला, संस्कृति और हस्तशिल्प के प्रचार-प्रसार में सहायक है।

लोककथाएँ और विश्वास

रेणुका जी मेला और देवी रेणुका की पूजा से जुड़ी कई लोककथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, देवी रेणुका ने अपने परिवार की रक्षा के लिए कठिन तपस्या की थी, और उनके इस महान कार्य को देखते हुए भगवान शिव ने उन्हें अमरत्व का वरदान दिया था। ऐसी कथाएँ स्थानीय लोगों की श्रद्धा और विश्वास को और मजबूत करती हैं, जिससे यह मेला हर साल एक श्रद्धालु और आस्थावान भीड़ को आकर्षित करता है।

रेणुका जी मेला हिमाचल प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि स्थानीय कला, संस्कृति और परंपराओं का भी आदान-प्रदान करने का एक बड़ा मंच है। हर साल इस मेले के माध्यम से हिमाचल की समृद्ध संस्कृति और धार्मिक आस्थाएँ जीवित रहती हैं। यह मेला स्थानीय लोगों के लिए एक अवसर है अपनी परंपराओं को फिर से जीने और आने वाली पीढ़ियों तक उनका महत्व पहुंचाने का।

07/11/2024

Himachali Pahari Mehfil LIVE, Fagu Theog Region

07/11/2024

Himachali Mehfil LIVE

डोनाल्ड ट्रम्प की ऐतिहासिक दूसरी जीत: भारत, वैश्विक बाजारों और युद्धों पर क्या होगा प्रभाव?अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपत...
07/11/2024

डोनाल्ड ट्रम्प की ऐतिहासिक दूसरी जीत: भारत, वैश्विक बाजारों और युद्धों पर क्या होगा प्रभाव?

अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की ऐतिहासिक दूसरी जीत से न केवल अमेरिकी राजनीति प्रभावित होगी, बल्कि वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा। ट्रम्प ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराकर एक बार फिर व्हाइट हाउस में प्रवेश किया है। इस जीत का भारत के लिए विशेष महत्व है, खासकर व्यापारिक दृष्टिकोण से। ट्रम्प प्रशासन ने अपने पहले कार्यकाल में भारत के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध बनाए थे, और उनकी दूसरी जीत से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भारत-अमेरिका व्यापार संबंध और अधिक मजबूत होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच की मित्रता भी महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत रिश्तों ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को एक नई दिशा दी थी। ट्रम्प की दूसरी बार सत्ता में वापसी से इस दोस्ती को और मजबूती मिल सकती है, जिससे भारत को वैश्विक व्यापार, रक्षा और तकनीकी क्षेत्र में लाभ हो सकता है।

वैश्विक शेयर बाजारों पर भी इस जीत का असर पड़ा है। ट्रम्प की वापसी से अमेरिकी बाजारों में उथल-पुथल की संभावना बनी हुई है, लेकिन इसके साथ ही विकासशील देशों, खासकर भारत, के लिए निवेश के अवसर भी बढ़ सकते हैं।

रूस-यूक्रेन युद्ध में ट्रम्प की जीत का असर सीधे तौर पर नहीं दिख सकता, लेकिन उनका 'अमेरिका फर्स्ट' सिद्धांत रूस के साथ एक समझौता और शांति प्रक्रिया को जन्म दे सकता है। वहीं, इजराइल-लेबनान-हमास ईरान युद्धों में भी ट्रम्प के कड़े दृष्टिकोण से तनाव घटने की संभावना है, जिससे मध्य-पूर्व में स्थिरता आ सकती है।

डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी चुनावों में जीत से H1B वीज़ा नीति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। भारतीय आईटी कर्मचारियों के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है, क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने विदेशी कामकाजी वीज़ा नियमों को कड़ा करने की योजना बनाई थी, जिससे भारतीय पेशेवरों को कठिनाइयाँ हो सकती हैं।

कहना गलत नहीं होगा कि डोनाल्ड ट्रम्प की दूसरी जीत भारत और वैश्विक राजनीति के लिए एक नई राह खोल सकती है। व्यापार, रक्षा, और वैश्विक सुरक्षा में नए समीकरण बन सकते हैं। ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका और दुनिया के लिए एक नया अध्याय शुरू हो सकता है।










Upcoming Taradevi Shimla Ropeway: A New Era in Hill Station ConnectivityThe picturesque hill station of Shimla is set to...
05/11/2024

Upcoming Taradevi Shimla Ropeway: A New Era in Hill Station Connectivity

The picturesque hill station of Shimla is set to enhance its tourist appeal with the upcoming Taradevi Ropeway project, a groundbreaking initiative that promises to transform the way visitors explore this beautiful region. Spanning an impressive 13.79 kilometers, this ropeway will feature 13 strategically located stations, making it one of the most ambitious transport projects in the area.

Recently, tenders have been invited for the construction of the ropeway, marking a significant step towards its anticipated completion within four years. This project is designed to not only ease traffic congestion but also provide a unique aerial experience, allowing visitors to take in the stunning vistas of the surrounding Himalayan landscape.

The Taradevi Ropeway will connect several key points, including popular tourist destinations and local attractions, ensuring a seamless travel experience for tourists and residents alike. The incorporation of 13 stations means that passengers will have multiple boarding and disembarking points, facilitating easy access to various sites of interest.

In addition to improving accessibility, this initiative aims to boost the local economy by attracting more tourists to the region. The scenic ride through the hills is expected to draw adventure enthusiasts and nature lovers, providing them with an unforgettable experience. This project aligns with the Indian government’s focus on enhancing tourism infrastructure and promoting eco-friendly transportation options.

The ropeway is also poised to create new job opportunities during both the construction phase and once operational, benefiting the local community. With a growing emphasis on sustainable tourism, the Taradevi Ropeway is designed to minimize environmental impact while maximizing visitor experience.

As this ambitious project unfolds, it promises to set a new benchmark for tourism in Shimla and the surrounding areas. Estimated cost of rope way is 1734 crores, of which ADB will provide a loan of 80 percent while state government will bear 20 percent cost and the successful ex*****on of the Taradevi Ropeway will not only provide a modern mode of transport but will also preserve the natural beauty of the region, ensuring that Shimla remains a beloved destination for generations to come.










NewsPHH रविवार सम्पादकीय: भारत-कनाडा संबंध - कनाडा के गंभीर आरोपहाल ही में कनाडा द्वारा अमित शाह और भारत पर कथित रूप से ...
03/11/2024

NewsPHH रविवार सम्पादकीय: भारत-कनाडा संबंध - कनाडा के गंभीर आरोप

हाल ही में कनाडा द्वारा अमित शाह और भारत पर कथित रूप से उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के आरोप ने दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नई तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर दी है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया है। यह आरोप केवल एक व्यक्ति की हत्या का मामला नहीं है, बल्कि यह भारत-कनाडा संबंधों में विश्वास संकट को बढ़ाता है।

इन आरोपों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। भारत को अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि की रक्षा के लिए प्रयास करने होंगे, वहीं कनाडा को अपने सुरक्षा हितों और प्रवासी समुदाय की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। इस स्थिति का नकारात्मक प्रभाव व्यापार, निवेश और द्विपक्षीय सहयोग पर पड़ सकता है।

अतः, दोनों देशों को एक समझौतावादी दृष्टिकोण अपनाते हुए आपसी विश्वास बहाल करने की आवश्यकता है। संवाद और सहयोग के माध्यम से ही इस संकट का समाधान संभव है।

NewsPHH Sunday Editorial: The Resurgence of Violence in Jammu & KashmirThe recent surge in terrorist attacks in Jammu & ...
03/11/2024

NewsPHH Sunday Editorial: The Resurgence of Violence in Jammu & Kashmir

The recent surge in terrorist attacks in Jammu & Kashmir following Omar Abdullah’s oath as Chief Minister highlights a troubling trend that threatens the region's stability. The renewed violence, which has seen an uptick in targeted killings and militant activities, underscores the fragile peace that has been tenuously maintained over the years.

As the political landscape shifts, these attacks not only endanger the lives of civilians but also jeopardize the socio-economic development of the region. The instability breeds fear and hampers investment, pushing the local population further into despair. With the central government’s focus on security and governance, it is crucial to address the underlying issues that fuel discontent among the youth.

Looking ahead, the future of Jammu & Kashmir hinges on a dual approach: robust security measures coupled with sincere dialogue and development initiatives. Engaging the local population and addressing grievances can pave the way for lasting peace. Failure to act decisively could lead to an escalation of violence, entrenching a cycle of conflict that could take years to resolve.

NewsPHH संपादकीय:हिमाचल में पैराग्लाइडिंग: साहसिक खेलों की चुनौतियाँ और सुरक्षा2024 में हिमाचल प्रदेश के मणाली के पास मर...
02/11/2024

NewsPHH संपादकीय:

हिमाचल में पैराग्लाइडिंग: साहसिक खेलों की चुनौतियाँ और सुरक्षा

2024 में हिमाचल प्रदेश के मणाली के पास मरही और बिर बिलिंग में पैराग्लाइडिंग के दौरान हुई घटनाएँ इस बात का संकेत हैं कि साहसिक खेलों में जोखिम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इन स्थानों की सुंदरता और एडवेंचर स्पोर्ट्स का रोमांच पर्यटकों को आकर्षित करता है, लेकिन सुरक्षा मानकों की कमी और उचित प्रशिक्षण की कमी कई बार जानलेवा साबित होती है।

पैराग्लाइडिंग जैसे खेलों में हवा की गति, मौसम की स्थिति और तकनीकी कौशल का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। कई बार inexperienced पायलटों के कारण दुर्घटनाएँ होती हैं, जो न केवल उनकी बल्कि अन्य लोगों की जान को भी खतरे में डाल देती हैं। इन घटनाओं ने यह सवाल उठाया है कि क्या सभी ऑपरेटरों के पास पर्याप्त प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरण हैं।

सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे साहसिक खेलों के लिए कड़े सुरक्षा मानदंड लागू करें और सभी प्रशिक्षकों को आवश्यक लाइसेंस प्रदान करें। साथ ही, पर्यटकों को भी चाहिए कि वे सुरक्षित और मान्यता प्राप्त संस्थानों से ही पैराग्लाइडिंग का अनुभव लें। इस तरह हम हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हुए सुरक्षित रह सकते हैं।

Address

Shimla

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when News PHH posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to News PHH:

Videos

Share


Other News & Media Websites in Shimla

Show All