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15/05/2023


पहली बार किसी (राजनेता या फ़िल्मी सिलेब्रिटी के अलावा) का ऐसा भव्य और अदभुत स्वागत देखा जा रहा होगा ऐसे देश के वीर सपूतों को नेता होना चाहिए लेकिन अफ़सोस इनके पास टिकट खरीदने का पैसा नहीं है

लखीमपुर की जनता वाक़ई रियल हीरो को आज सम्मानित कर रही है

पहली बार रोड शो किसी राहगीर को खल नही रहा होगा..

  राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा की हुई सगाई, सामने आई ये खूबसूरत तस्वीर..
13/05/2023



राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा की हुई सगाई, सामने आई ये खूबसूरत तस्वीर..

नाम बताएं,या जानते हैं इस सुंदरी को आप..?
09/05/2023

नाम बताएं,
या जानते हैं इस सुंदरी को आप..?

कुछ दिखा? 😂😂
07/05/2023

कुछ दिखा?
😂😂

02/05/2023

कौन सा दान है ?

जिसे एक गरीब व्यक्ति भी उतना हीं दान कर सकता है जितना की एक अमीर व्यक्ति !

 #सच्चाई..?एक विधवा बहू ने अपनी सास को बताया कि, वह तीन माह के गर्भ से है परिवार में हंगामा मच गया, समाज में भूचाल आ गया...
28/04/2023

#सच्चाई..?

एक विधवा बहू ने अपनी सास को बताया कि, वह तीन माह के गर्भ से है परिवार में हंगामा मच गया, समाज में भूचाल आ गया, लोगों ने पंचायत जुटाई और उस बहू से बच्चे के बाप का नाम जानना चाहा, भरी पंचायत में बहु ने बताया कि, तीन माह पूर्व मैं प्रयागराज, त्रिवेणी संगम स्नान करने गई थी, स्नान के समय मैंने गंगा का आहवान करते हुए तीन बार गंगा जल पी लिया था हो सकता है, उसी समय किसी ऋषि महात्मा, महापुरुष का गंगा में वीर्य अस्खलन हो गया और वो आहवान के साथ मैं पी गयी, उसी से मैं गर्भवती हो गई।

सरपंच जी ने कहा, यह असंभव है, ऐसा कभी हो नहीं सकता कि, किसी के वीर्य पी लेने से कोई गर्भवती हो जाय, उस महिला ने सरपंच को जवाब दिया और कहा, हमारे धर्म ग्रंथों में यही बात तो दिखाई गई है कि, विभँडक ऋषि के वीर्य स्खलन हो जाने से श्रृंगी ऋषि पैदा हुए,
हनुमान जी का पसीना मछली ने पी लिया, वह गर्भवती हुई और मकरध्वज पैदा हुए, सूर्य के आशीर्वाद से कुंती गर्भवती हो गई और कर्ण पैदा हुए, मछली के पेट से मत्स्यगंधा (सत्यवती) पैदा हुई, खीर खाने से राजा दशरथ के तीनों रानियां गर्भवती हई और चार पुत्र पैदा हो गये, जमीन के अंदर गड़े हुए घडे से सीता पैदा हुई! ये सारी बातें संभव है, किन्तु मेरी बात असंभव है!

वैसे मैं बताना चाहती हूं कि मैं गर्भवती नहीं हूँ मैंने यह नाटक इसलिए किया था कि, इस पाखंडी समाज की आंख खुल जाय, आप लोग ऐसे धर्म पुस्तकों को आज के समाज को जरूरत नहीं है जिससे कि पाखंड, अविश्वास एवं अज्ञानता परोसा जाए, जिसमे ऐसी कहानियाँ लिखी गयी है आप लोग चाहें तो मेरा मेडिकल परीक्षण कर सकते हैं!

हमारे समाज को वैज्ञानिक एवं तार्किक सोच की जरूरत है, अंधविश्वास, पाखंडी एवं अंधभक्ति से मुक्त हो।
कंटेंट:सोशल मीडिया

आपका सुझाव (कंमेंट) सर्वोपरि हैं...
26/04/2023

आपका सुझाव (कंमेंट) सर्वोपरि हैं...

प्रयागराज में हाल ही में हुई घटना के बाद बेहद तनाव की स्थिति की वजह से धूमनगंज इलाके की पूरी दुकानें  बंद थी इस दौरान ड्...
20/04/2023

प्रयागराज में हाल ही में हुई घटना के बाद बेहद तनाव की स्थिति की वजह से धूमनगंज इलाके की पूरी दुकानें बंद थी इस दौरान ड्यूटी पर तैनात सिपाही आकाश यादव और उनके साथी मोहल्ले में ड्यूटी दे रहे थे उस दौरान एक बच्चा अपने घर पर बनए भोज लेकर इनके बीच पहुंचा। बच्चे के द्वारा भोजन दिए जाने से तैनात सिपाही बेहद खुश नजर आए और उन्होंने यह वाक्य इंटरनेट पर साझा करते हुए
आकाश यादव ने लिखा की
✍️ आज (दिनांक 16अप्रैल को ) सुबह से धूमनगंज प्रयागराज में ड्यूटी कर रहा था, बाजार बन्द था, दोपहर में छोटा बालक #यश हम लोगों के लिए घर से खाना बनवा कर ले आया। इस बच्चे का पुलिस में प्रेम देखकर दिल खुश हो गया। 🇮🇳 Prashant Singh Kaurav Pradyum Yadav Thakur Harsh Singh
Aakash Yadav

आप भी कर सकते है...इंसानियत बुलंदशहर काले आम चौराहे पर शिक्षिका ने जब रिक्शा चालक को गर्मी से परेशान देखा तो अपना छाता उ...
20/04/2023

आप भी कर सकते है...

इंसानियत बुलंदशहर काले आम चौराहे पर शिक्षिका ने जब रिक्शा चालक को गर्मी से परेशान देखा तो अपना छाता उसके ऊपर लगा दिया..
फोटो सेंड: प्रमोद कुमार रॉय, मुजफ्फरपुर

राजनीति जो न करवाएं, पानी भी नीला हद हैं...😂😛😛
20/04/2023

राजनीति जो न करवाएं, पानी भी नीला हद हैं...
😂😛😛

भ से "भूख" , भ से "भूखा"बगल में बैठी बच्ची की निगाहें देखिए, साइड वाला नजर एक उम्मीद के साथ की खाने से पहले खिलाएंगे सरक...
19/04/2023

भ से "भूख" , भ से "भूखा"

बगल में बैठी बच्ची की निगाहें देखिए, साइड वाला नजर एक उम्मीद के साथ की खाने से पहले खिलाएंगे सरकार😊


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  से 33 साल से लड़ रहीं  #जयश्रीप्रयागराज।क्या आप जयश्रीजी को जानते हैं नहीं ना तो जानें यूपी के प्रयागराज में धूमनगंज इल...
16/04/2023

से 33 साल से लड़ रहीं #जयश्री

प्रयागराज।
क्या आप जयश्री
जी को जानते हैं नहीं ना तो जानें यूपी के प्रयागराज में धूमनगंज इलाके के झलवा की रहने वाली सुरजकली कुशवाहा उर्फ़ जयश्री के पति बृजमोहन कुशवाहा के पास12 बीघा से अधिक जमीन थी।इस पर बढ़िया खेती होती थी।परिवार का पालन-पोषण हो रहा था।लेकिन एक दिनअचानक सब कुछ बदल गया।जयश्री के पति गायब हो गए। जमीन पर अतीक
का कब्जा हो गया। जयश्री कहती हैं कि अतीक के अब्बू फिरोज के पास लाल रंग का एक ट्रैक्टर था। इस ट्रैक्टर से किसानों के खेतों की जुताई- बुवाई होती थी।यही ट्रैक्टर उनके खेत में भी चलता था।लेकिन उनकी जमीन देखकर अतीक के मन में लालच जाग गया।अतीक का करीबी लेखपाल मानिकचंद श्रीवास्तव एक दिन जयश्री के पास आया और कहा कि उनकी जमीन शिवकोटी सहकारी आवास समिति के नाम पर दर्ज हो गई है।दरअसल अतीक ने शिवकोटी सहकारी समिति बनाकर जयश्री
की पूरी जमीनअपने नाम करवा ली थी। यही नहीं अतीक ने
इसमें दो लोगों को सचिव बनाया और इस जमीन को बेचना
शुरू कर दिया।जयश्री के अनुसार1989 में एक दिन उनके पति अचानक से गायब हो गए।वह कहाँ गए किसी को पता नहीं।इसके कुछ दिनों बाद उन्हें पता चला कि जमीन अब उनकी नहीं रही।जमीन जयश्री और उनके परिवार के जीवनयापन का सबसे बड़ा सहारा था। इसलिए उन्होंने गाँव
वालों से सहायता माँगी और अपनी जमीन वापस पाने के लिए।कोर्ट में आपत्ति दाखिल कर दी।इस बीच उन्हें यह पता चल गया था कि जमीन हड़पने का पूरा खेल अतीक अहमद का था।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।उन्होंने बताया कि जब उनकी जमीन हड़पी गई।तब अतीक अहमद विधायक था।उसने उन्हें कई बार अपने कार्यालय में बुलाया।अतीक के बुलावे पर जब वह पहली बार गईं तो उसने कहा कि तुम्हारा पति मेरा बहुत खास था अब नहीं रहा। इसलिए अब तुम्हारे परिवार जिम्मेदारी मेरी है।अपनी जमीन दे
दो और घर में रहो। जयश्री ने इनकार किया तो अतीक भड़क गया।कहा कि जिस तरह तुम्हारे पति को गायब करवाया है, उसी तरह तुमको भी गायब करवा दूँगा।जयश्री के अनुसार इसके बाद अतीक के गुर्गों ने कई बार घर में घुसकर उनके साथ मारपीट की।उसके गुर्गे उन्हें लगातार धमकी देते रहे।लेकिन उन्होंने हमेशा ही अतीक का डटकर मुकाबला किया।वे अपने भाई प्रह्लाद कुशवाहा की करेंट लगने से हुई मौत के लिए भी अतीक अहमद को जिम्मेदार ठहराती हैं।उनका कहना है कि बीते 30 सालों में उनपर 7 बार हमला हुआ।अतीक के गुर्गों ने सैंकड़ों बार उन्हें धमकियाँ दीं।साल 2016 में उनके घर के सामने बेटे और परिवार पर हमला हुआ।इसमें उनके बेटे को गोली लगी थी।लेकिन बेटे की जान बच गई।जयश्री के अनुसार वह कई सालों तक कोर्ट और थाने के चक्कर काटती रहीं।लेकिन अतीक के खिलाफ कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही थी।साल1991 में उन्हें अतीक के खिलाफ पहली FIR करवाने में कामयाबी हासिल हुई।लेकिन साल 2001में आरोपों को निराधार बताकर केस बंद कर दिया गया 2005 में जयश्री को बड़ी सफलता मिली।सीलिंग एक्ट से अनुमति नहीं मिलने के कारण शिवकोटी सहकारी आवास समिति का नामांतरण रद्द हो गया।इसके बाद जमीन उनके नाम पर दर्ज कर दी गई।साल 2007 में सूबे के सियासत में परिवर्तन हुआ यानि मायावती सत्ता में लौटी तो इसके बाद अतीक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और कार्रवाई का सिलसिला शुरू हुआ।और बाबा के शाशन काल में अतीक का अंत देख ही रहे हैं
ये खानदानी क्रिमिनल है इसी को इन्होने धंधा बना लिया था..
राजनीतिक दल ख़ासकर सपा का संरक्षण प्राप्त था इनको...।याद रखिए दर्द उतना ही किसी को दें जितना खुद सह सकें।
कंटेंट:

जनता की आवाज मैं  #प्रधानमंत्री बन सकता हूं..?
12/04/2023

जनता की आवाज मैं #प्रधानमंत्री बन सकता हूं..?

12/04/2023

बागेश्वर में पहली बार पैराग्लाइडिंग चैंपियनशिप का शुभारंभ

डीएम बोली मैने भी किया था प्रयास,लेकिन हो गया फ्रैक्चर
बागेश्वर।
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड और जिला प्रशासन बागेश्वर की ओर से आयोजित होने वाली पहली पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी चैंपियनशिप का शुभारंभ बुधवार को किया गया। चैंपियनशिप का शुभारंभ करते हुए जिलाधिकारी बागेश्वर अनुराधा पाल ने कहा कि इसका उद्देश्य बागेश्वर में साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
बागेश्वर के कपकोट में इस चैंपियनशिप का आयोजन 12 से 14 अप्रैल तक किया जा रहा है। है। जो कि बुधवार को केदारीबगड़ मैदान में शुभारंभ के बाद जालेख से शुरू हुई। चैंपियनशिप का उद्घाटन बागेश्वर की जिलाधिकारी अनुराधा पाल और जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर सभी पायलेट ने केदारीबागड में लैंडिंग की। बागेश्वर की जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने बताया कि उनको भी पैराग्लाइडिंग का शौक था और उन्होंने भी इसके लिए कोशिश की थी लेकिन तब उनका पैर फ्रैक्चर हो गया था।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि इससे देश भर में संदेश जाएगा की बागेश्वर भी साहसिक गतिविधियों के लिए बेहतर जगह है। जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्य ने बताया कि इस पहली बार होने वाली चैंपियनशिप में आर्मी, नेवी उत्तर प्रदेश,हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड,मेघालय,आसाम रेजिमेंट,हरियाणा सहित सिक्किम के 31 पायलेट हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर बागेश्वर के सीएमओ डॉक्टर डीपी जोशी ने कहा कि इस पैराग्लाइडिंग चैंपियनशिप के लिए हमारी ओर से हर तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं। वहीं इस प्रतियोगिता को लेकर ग्रामीणों में भी बेहद उत्साह दिखाई दिया। उनके लिए भी ये बेहद ही रोमांचक भरे क्षण हैं।

कंटेंट सेंड: विनोद पुडिंर, देहरादून

अंदाज में क्या कहेंगे..?
09/04/2023

अंदाज में क्या कहेंगे..?

07/04/2023

तमिलनाडु DMK विधायक ने चलाई बस, पहले खंभे से टकराई फिर गड्ढे में धंस गई

घटना कांचीपुरम की है

इसी रूट पर बस सेवा शुरू की गई, रूट पर बस को हरी झंडी दिखाने के बाद यह हादसा हुआ...

 ें_मोरे_राम_लखनजगदीश बाबू किसी सरकारी महकमे में तृतीय श्रेणी कर्मचारी थे! विवाह के चौदह-पंद्रह वर्ष व्यतीत हो जाने के ब...
07/04/2023

ें_मोरे_राम_लखन

जगदीश बाबू किसी सरकारी महकमे में तृतीय श्रेणी कर्मचारी थे! विवाह के चौदह-पंद्रह वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद भी संतानहीनता की पीड़ा भोग रहे थे! हालांकि इस बीच एक सुंदर बालक ने जन्म भी लिया, पर काल के क्रूर हाथों ने उसे बरही बीतते बीतते छीन लिया!

घर से रोज दस-बारह किमी दूर अपने दफ्तर जाने के क्रम में बीच में पड़ने वाली बनरबगिया (बंदरों का बगीचा) में उनकी साइकिल कुछ देर के लिए जरुर रुकती। हालांकि उनकी आमदनी सीमित थी, बावजूद इसके, वो रोज थोड़े से भिगोये चने की छोटी सी पोटली अपने साइकिल के हैंडल में लटकाना नहीं भूलते थे।

बगीचे में जैसे ही उनकी साइकिल रुकती, बंदरों का झुंड उन्हें घेर लेता। बगैर अफरातफरी के, वो संयमपूर्वक उन्हें घेर कर बैठ जाते और मजे में चने खाते!

जितनी पीड़ा वो भोग रहे थे, उससे दुगुनी पीड़ा में उनकी पत्नी जी रही थी! स्त्री थी ना! एक तो संतानहीन, दूजे लोगों की बातें--"दूजा ब्याह कर लो जगदीश बाबू, शायद उससे तुम्हारा वंश चले!"

सौत के आने मात्र की कल्पना से ही वो सिहर उठती थी! कहाँ तो दिन-रात गुनती कि उसकी भी गोद में राम-लखन खेलेंगे और कहाँ...!

संभवत: मई का महीना था। आसमान से आग बरस रही थी! जगदीश बाबू पत्नी को शहर ले गये थे, डॉक्टर को दिखाने! इस बार उसका जवाब भी निराशाजनक था--"मेरी मानो तो प्रयास मत करो। खतरा है संतान होने में!"

वापसी में दोनों उद्वेलित थे, पत्नी तो कुछ ज्यादा ही! वापसी में दोनों धूप से बचने और सुस्ताने के लिए उसी बगीचे में पहुँच गये!

"ए जी! इसी बगीचे में रोज रुकते हैं ना आप?"--पत्नी ने पूछा।

"हाँ! अब तो इन बंदरों से मन जुड़ चुका है!"

"रोज इन्हें चने खिलाते हैं, कभी कुछ खुद के लिए क्यों नहीं मांगते?"

"क्या कह रही हो! इतना स्वार्थी कैसे हो सकता हूँ कि थोड़े से चने के बदले इनसे पुत्र मांगू!"

"मांग नहीं सकते, पर कम से कम इनसे अपना दु:ख तो कह ही सकते हो! इतने सारे हनुमानजी लोग हैं, रामजी से हमारी अरज-गरज कहेंगे तो वो हमारी लालसा जरुर पूरी करेंगे!"

"जानता हूँ रे! पर इनसे भी कुछ कहने की जरुरत है भला! क्या नहीं जानते हैं ये! हालांकि कई बार सोचता हूँ कि कुछ कहूँ-कुछ मांगू! पर जब सामने पड़ते हैं तो सबकुछ भूल जाता हूँ! बस चने खिलाता हूँ और हाथ जोड़कर निकल लेता हूँ!"

दोनों पति-पत्नी बातों में इतने तल्लीन थे कि उन्हें अपने पीछे आकर बैठ चुके एक विशाल बंदर की उपस्थिति का आभास ही नहीं हुआ!

अचानक पत्नी को लगा, जैसे पीछे से कोई उसका पीठ थपथपा रहा हो! उसने पीछे मुड़कर देखा और सिहर गयी!

"घबराओ मत! ये मुखिया जी हैं इस बगीचे के, कुछ नहीं कहेंगे तुम्हें! पर समझ नहीं आता, आज ये बिन बुलाये कैसे आ गये!"

"मैं कुछ समझी नहीं जी!"

"ये बंदरों की टोली के मुखिया हैं। रोज सारे बंदर मुझे देखते ही दौड़े चले आते हैं पर ये नहीं आते! जब इन्हें व्यक्तिगत रुप से नाम लेकर बुलाता हूँ, तब अपना हिस्सा लेने आते हैं!"

पत्नी की आँखों से अश्रु बह निकले। बंदरों के मुखिया पर उसका अनुराग उमड़ पड़ा! मन से भय जाता रहा। उसने आगे बढ़कर उसे अपनी गोद में ले लिया!

अहा! अद्भुत दृश्य था!
एकटक दोनों एक-दूसरे को निहारते रहे!
पत्नी की आँखों से टप टप आँसू गिर रहे थे मुखिया के चेहरे पर!

अचानक मुखिया ने पत्नी की साड़ी का कोर पकड़ा और आँखों से गिरते आँसुओं को पोछ डाला। अगले ही पल वो कुलांचे भरते हुए बगीचे से दूर चले गये!

"उठिये जी, देर हो रही है, अब हमें चलना चाहिए!"--पत्नी चलने को उद्यत हुई। उसका चेहरा आत्मसंतोष से भरा हुआ था!

"क्या हुआ! एकाएक बड़ी खुश नजर आ रही हो!"--जगदीश बाबू चकराये!

"और लो! खुश क्यों ना होऊं भला!"

"पर अचानक हुआ क्या भागवान!"

"अब चलो भी! मेरे अंगने भी राम-लखन के आने का मुहूर्त आ चुका है! और हाँ, कल से मेरे मुखिया जी के लिए थोड़ा सा गुड़ अलग से जरुर ले लीजिएगा!"

जगदीश बाबू मन ही मन मुस्कराये! पत्नी के सहज भाव हैं, ये सोचकर उस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया!

समय अपनी गति से आगे बढ़ा! पत्नी के सहज भाव विश्वास में बदल कर साकार हो चुके थे! उसके जीवन की सबसे बड़ी लालसा "कब अइहें मोरे राम-लखन" पूरी हो चुकी थी!

बजरंगबली हमारे भावों को ग्रहण करें, हम सब पर अपनी कृपादृष्टि बनाये रखें, इसी कामना के साथ आप सभी मित्रों को हनुमान जयंती की बहुत बहुत बधाई।*

कृपा शंकर मिश्र #खलनायक* की वाल से।
तस्वीर -देवघर शिवगंगा के किनारे बैठे हनुमान जी की🙏🏻

राम जी की वंदना सीता जी की वंदना अंजना के नंदना की बार बार वंदनाजय हनुमान जी महाराज            🙏🙏 #श्री_हनुमान_जन्मोत्सव
06/04/2023

राम जी की वंदना सीता जी की वंदना अंजना के नंदना की बार बार वंदना

जय हनुमान जी महाराज
🙏🙏

#श्री_हनुमान_जन्मोत्सव

 #ख्वाहिशें...बेटा अच्छे स्कूल में पढ़े‌ आज के परिवेश में पढ़ाई कम   पर ज्यादा निर्भर हैं. माता-पिता की कुछ मजबूरी होती ...
05/04/2023

#ख्वाहिशें...
बेटा अच्छे स्कूल में पढ़े‌ आज के परिवेश में पढ़ाई कम पर ज्यादा निर्भर हैं. माता-पिता की कुछ मजबूरी होती है कभी तनख्वाह नहीं मिलती कुछ व्यक्तिगत कारण स्कूल को भी समझना चाहिए और इन प्यारे बच्चों की क्या गलती को भी समझना चाहिए अभिभावक की मजबूरी..!

05/04/2023

सपना चौधरी Very hard worker ledy watching ..

सत्य,अहिंसा, करुणा का दर्शन...मध्य प्रदेश/जबलपुर   के अवसर पर निकाली गई धार्मिक शोभायात्रा में हिस्सा लेते जैन समाज के स...
03/04/2023

सत्य,अहिंसा, करुणा का दर्शन...
मध्य प्रदेश/जबलपुर
के अवसर पर निकाली गई धार्मिक शोभायात्रा में हिस्सा लेते जैन समाज के सदस्य. यह महावीर,चौबीसवें और वर्तमान समय चक्र के अंतिम तीर्थंकर के जन्म का जश्न मनाता है। भगवान महावीर ने अहिंसा, सत्य और करुणा के दर्शन का प्रचार किया। फोटो क्रेडिट - उमा शंकर मिश्रा

दुनिया के सात आश्चर्यों की लिस्ट बनाने वालों हमारा शिव मंदिर अकेले ही पर्याप्त है...भारत में इस मंदिर को देखकर वैज्ञानिक...
03/04/2023

दुनिया के सात आश्चर्यों की लिस्ट बनाने वालों हमारा शिव मंदिर अकेले ही पर्याप्त है...

भारत में इस मंदिर को देखकर वैज्ञानिक भी अचंभित है। यह मंदिर भारत का गौरव और दुनिया के लिये अजूबा है।
यह मंदिर कर्नाटक राज्य में अरब सागर के किनारे बहुत ही सुन्दर एवं शांत स्थान पर बना हुआ है। यह मंदिर दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची भगवान शिव की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का गोपुरम विश्व में सब से ऊँचा गोपुरम माना जाता है। यह 249 फीट ऊँचा है।

वामपंथी इतिहासकारों के कारण ऐसे मंदिरों का वर्णन किताबों में नहीं है,इसलिये इनका खूब प्रचार कीजिये।

(मुरुदेश्वर मंदिर कर्नाटक)

  ?कुछ लिखने तो कहां जा सकता हैं कि लिखने वाले की सोच काफी छोटी है!फिर भी इतना कहूंगा कि ये स्वतंत्रता नहीं है बल्कि मान...
02/04/2023

?

कुछ लिखने तो कहां जा सकता हैं कि लिखने वाले की सोच काफी छोटी है!

फिर भी इतना कहूंगा कि ये स्वतंत्रता नहीं है बल्कि मानसिक पागलपन है, बेहूदगी है?

बाकी आप अपने विचार साझा करने को स्वतंत्र हैं...

02/04/2023

#संकट_में_साथ...
राजकुमारी का घर अब का घर। दिल्ली की रहने वाली राजकुमारी गुप्ता ने अपना 4 मंज़िला मकान राहुल के नाम किया ...

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