22/01/2024
रब्बे काबा की क़सम आज तुम्हारा दिन है जालिमों
पर कल हमारा दिन आयेगा इंशाअल्लाह☝
अपने सीनों में, मेरे ज़ख़्म को ताज़ा रखना
मेरी तामीर का, तुम फिर से इरादा रखना !! इंशाअल्लाह
ये कैसी सियासत है मिरे मुल्क पे हावी
इंसान को इंसाँ से जुदा देख रहा हूँ
Jaipur
Sawai Madhopur
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