Way of mokchh by satlok

Way of mokchh by satlok प्रभु लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा सो दे?

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          🕊️धरती ऊपर स्वर्ग पुस्तक पढ़ने से समाज में फैली बुराइयों के बारे में ज्ञान होता है तथा परमात्मा के द्वारा बनाये...
23/08/2023











🕊️धरती ऊपर स्वर्ग पुस्तक पढ़ने से समाज में फैली बुराइयों के बारे में ज्ञान होता है तथा परमात्मा के द्वारा बनाये गए संविधान को सही रूप से पालन करने में मदद मिलती है।

🕊️"धरती ऊपर स्वर्ग" के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज ने हमें चेताया है कि सत भक्ति के बिना अनमोल मनुष्य जीवन व्यर्थ है।
गरीब मर्द गर्द में मिल गए, रावण से रणधीरम।
कंस केसि चाणूर से, हिरणाकुश बलबीरम।।

🕊️अनावश्यक रीति-रिवाजों तथा नशे के आदि होकर हमने अपना घर नरक बना रखा है। जबकि संत रामपाल जी महाराज व्यर्थ की परंपराओं, रीति रिवाजों, नशे, दहेज जैसी अनेकों बुराइयों को समाप्त कर धरती ऊपर स्वर्ग तैयार कर रहे हैं।

🕊️संत रामपाल जी महाराज जी की शिक्षाओं से ऐसी आध्यात्मिक क्रांति उठ रही है जिससे मनुष्य सभी प्रकार की बुराई जैसे नशा, चोरी-ठगी, कपट छोड़कर सभ्य बनेंगे। जिससे धरती ऊपर स्वर्ग की स्थापना होगी।

🕊️संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक ज्ञान से ऐसी क्रांति आयेगी जिससे भारत सोने की चिड़या फिर से बनेगा। समाज से सभी प्रकार की बुराइयां समाप्त हो जायेगी, जिससे धरती पर स्वर्ग जैसा वातावरण बनेगा अर्थात धरती ऊपर स्वर्ग होगा।

🕊️यथार्थ अध्यतामिक ज्ञान के अभाव में भटकते मानव समाज को पुनः मूल शास्त्रों की और मोड़कर, उन्हें यथार्थ भक्ति विधि देना संत रामपाल जी महाराज का मुख्य उद्देश्य है जिससे हम अपने मूल उदगम स्थान, सतलोक जा सकें।

🕊️संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य

◆ आध्यात्मिक मार्ग पर फैले पाखंडवाद को समाप्त करना है।
◆ सभी प्रमाणित धर्म ग्रंथों के आधार पर शास्त्रानुकूल भक्ति जनसाधारण तक पहुंचाना है।
◆ समाज में व्याप्त कुरीतियां जैसे मृत्यु भोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, दहेज प्रथा आदि का समूल नाश करके स्वच्छ समाज का निर्माण करना है।

🕊️धरती ऊपर स्वर्ग पुस्तक को पढ़ने के बाद पता चला की तत्वदर्शी संत के न मिलने के कारण हम व्यर्थ परंपराओं का भार ढोते रहते हैं और सब कुछ होते हुए भी नरक जैसा जीवन जीते हैं।
तत्वदर्शी संत मिलने के बाद धरती के ऊपर ही जीवन स्वर्ग समान बन जाता है।

🕊️संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य समाज से अमीर-गरीब, ऊंच-नीच, जातपात, धार्मिक भेदभाव को समाप्त कर सभी मानव समाज सहित पूरे विश्व को जोड़ना है।

संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखी पुस्तक "धरती ऊपर स्वर्ग"
आप इसे जरूर पढ़ें।

🕊️संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य

• पूरे विश्व को बुराईयों से मुक्त करके शांति स्थापित करना और आपसी भाईचारा कायम करना है।
• धरती स्वर्ग समान बने, हर इंसान सुखी हो।
• सतभक्ति प्रदान कर सर्व मानव समाज को अंधविश्वास और पाखंडवाद से मुक्ति दिलाना है।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक “धरती ऊपर स्वर्ग” इस पुस्तक को अवश्य पढें।

🕊️संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है घोर कलयुग में पुनः सतयुग जैसा वातावरण लाना, जिसमें

● आपसी भाईचारा होगा।
● विश्व में शांति होगी।
● दहेज मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, नशा मुक्त समाज होगा।
● विश्व के सभी मानव सतभक्ति करेंगे और अपने निज धाम सतलोक को चले जाएंगे।

🕊️संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है धरती ऊपर स्वर्ग समान माहौल बनाना। जहाँ

● सभी धर्म व जाति के लोग बिना किसी भेदभाव के आपसी भाईचारे के साथ रहें।
● दहेज, भ्रष्टाचार, नशा, पाखण्ड, अंधविश्वास जैसी कोई बुराई न हो।
● विश्व के सभी मानव सतभक्ति करके मोक्ष प्राप्त करें।

*🌳 #मांस_खाना_हराम खाते थे। हजरत मुहम्मद के समय प्रत्येक गाँव में यहूदियों यानि मूसा जी के अनुयायियों की संख्या भी काफी ...
30/06/2023

*🌳

#मांस_खाना_हराम

खाते थे। हजरत मुहम्मद के समय प्रत्येक गाँव में यहूदियों यानि मूसा जी के अनुयायियों की संख्या भी काफी थी। लेकिन कोई भी माँस नहीं खाता था।

🐐 हजरत मोहम्मद जी ने हदीस में फरमाया है
"सभी प्राणियों के साथ प्रेम से बर्ताव करो। संसार के सभी प्राणियों पर रहम करो क्योंकि खुदा ने तुम पर बड़ी मेहरबानियां कपरमात्मविचार करें यदि मांस खाना अल्लाह का आदेश होता तो आदरणीय हजरत मोहम्मद जी ने‌ मांस क्यों नहीं खाया?

🐐कबीर, मुसलमान मारे करद सो, हिंदू मारे तलवार।
कहे कबीर दोनूं मिलि, जेहें यम द्वार।।

कबीर साहेब जी ने कहा है कि, मुसलमान हों या हिंदू जो बेजुबान जीवों को करद, तलवार आदि से बेरहमी से काटकर उनका मांस खाते हैं, वह मृत्यु पश्चात नर्क में डालें जाएंगे। चाहे वो किसी भी धर्म का व्यक्ति क्यों न हो।

🐐पवित्र कुरान शरीफ में जीव हत्या कर मांस खाने के लिए अल्लाह का कोई फरमान नहीं है और जो मांस खाने को कहें वह अल्लाह का ज्ञान नहीं हो सकता। मांस खाने का आदेश अल्लाह का नहीं, शैतान का है।

🐐आसमानी किताब तौरेत के उत्पत्ति ग्रंथ 1:29 में अल्लाह ने शाकाहारी भोजन का निर्देश दिया है।
मांस खाने का आदेश अल्लाह का नहीं शैतान का है।

🐐कुरान शरीफ सुरा-अल-बकरा आयत 22 में कहा है कि मनुष्य धरती पर रहने वाले सभी जीवों पर अधिकार रखे। फल और अनाज मनुष्य का भोजन है।
किन्तु जीव हत्या करके, बकरे की कुर्बानी देकर मांस खाने का आदेश किसी को नहीं है।
अत: मुसलमान भाइयों अल्लाह के नाम पर बेजुबान जीवों का कत्ल करना बन्द करो।

🐐कबीर परमात्मा ने कहा है कि अच्छा शाकाहार खाना खाओ। बासमती चावल पकाओ। उसमें घी तथा खांड (मीठा) डालकर खाओ और भक्ति करो। (कूड़े काम) बुरे (पाप) कर्म त्याग दो। मिट्टी मांस न पकाओ।

🐐"रोजे रखें और खूनि करें, फिर तसबी ले हाथ।
गरीबदास दरगह सरै, बौहत करी तै घात।।"
अल्लाह की इबादत करने के उद्देश्य से (रोजे) व्रत रखते हो, (तरुबी) माला से जाप भी करते हो। फिर खून करते हो यानि गाय, मुर्गी मुर्गा, बकरा-बकरी मारते हो। यह अल्लाह के साथ धोखा करने जैसा है।

🐐जो नर गोश्त खाते हैं, ते नर राक्षस जान।
इसमें कोई संशय नहीं, चाहे हिन्दू खाओ या मुसलमान।।
अर्थात जो व्यक्ति गोश्त (मांस) खाते हैं, ऐसे व्यक्ति राक्षस के समान हैं, चाहे वह हिन्दू हों या मुसलमान।

🐐मांस खाने वाले शैतान
कबीर, मांस खाय ते ढेड़ सब, मद पीवे सो नीच।
कुल की दुर्मति पर हरै, राम कहे सो ऊंच।।
कबीर परमेश्वर ने मांस खाने वाले को ढेड़ एवं शराब का सेवन करने वाले को नीच कहकर सम्बोधित किया है। तथा राम/परमात्मा की इबादत करने वाले को श्रेष्ठ बताया है। चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का व्यक्ति हो।

🐐कुरान शरीफ सूरा -अल-बकरा आयत 22 में कहा है:- फल और अनाज मनुष्य का भोजन है।
किन्तु जीव हत्या या बकरे की कुर्बानी देकर खाने का आदेश नहीं।

🐐"काजी कलमा पढ़त है, बाँचे फेर कुरान,
गरीबदास इस जुलम से, तेरे डूबे दोनो जिंहान।"
पहले काजी बकरे पर कलमा पढ़कर उसे हलाल करते हैं फिर पीछे कुरान का पाठ पढ़ते हैं, परमात्मा ने कहा है कि ऐसे जुल्म से तो तुम नरक के भागी बनोगे।

🐐कबीर, दिनको रोजा रखत हैं, रात हनत हैं गाय।
यह खून वह वंदगी, कहुं क्यों खुशी खुदाय।।
परमात्मा कबीर जी कहते हैं कि तुम दिन में तो रोजा रखते हो और रात में गाय का मांस खाते हो यह जीव हत्या है। यह अल्लाह की बंदगी नहीं है।

🐐मांस खाना हराम
नबी मुहम्मद नमस्कार है, राम रसूल कहाया,
1लाख 80 को सौगंध जिन नहीं करद चलाया।
अरस कुरस पर अल्लह तख्त है खालिक बिन नहीं खाली,
वे पैगंबर पाक़ पुरुष थे, साहिब के अब्दाली।।
गरीबदासजी बताते हैं कि नबी मुहम्मद जी परमात्मा की बहुत नेक आत्मा थी। उन्होंने कभी मांस नहीं खाया, न अपने 1,80,000 शिष्यों को खाने को कहा।

🐐कबीर, बकरी पाती खात है, ताकी काढी खाल।
जो बकरी को खात है, तिनका कौन हवाल।।
अल्लाह ताला कबीर साहेब फरमाते हैं कि जो जीव घास जैसा कोमल चारा खाता है उसको आप ऐसी सजा देते हो। लेकिन आप तो उसका कठोर मांस खाते हो तो आपका क्या होगा। अर्थात आपको भी कठोर कष्ट सहन करना होगा।

🐐 बकरीद पर हलाल किये जाने वाले बकरे को गलत बताते हुए गरीबदास जी महाराज कहते हैं कि ये क्रिया महज धोखा है। इससे सिवाय पाप के कुछ हासिल नही होता।
एक मुल्ला मस्जिद में कूके, एक पुकारे बोका।
इनमें कौन सरे को जागा, हमको लाग्या धोखा।।

🐐 मारी गऊ शब्द के तीरं, ऐसे थे मोहम्मद पीरं।।
शब्दै फिर जिवाई, हंसा राख्या माँस नहीं भाख्या, एैसे पीर मुहम्मद भाई।।
नबी मुहम्मद ने एक गाय को शब्द से मार कर सब
के सामने जीवित कर दिया था। उन्होंने गाय का माँस नहीं खाया। मुसलमान समाज वास्तविकता से परिचित नहीं है। जिस दिन गाय जीवित की थी उस दिन की याद बनाए रखने के लिए गऊ मार देते हो। आप जीवित नहीं कर सकते तो मारने के भी अधिकारी नहीं हो। आप माँस को प्रसाद रूप जान कर खाते तथा खिलाते हो। आप स्वयं भी पाप के भागी बनते हो तथा अनुयाईयों को भी गुमराह कर रहे हो। आप दोजख के पात्र बन रहे हो।
- बाख़बर संत रामपाल जी महाराज

🐐गरीबदास जी कहते हैं कि यदि गर्दन कटवाने से जन्नत मिलने का तुम्हें पूर्ण विश्वास है तो अपने परिवार के किसी सदस्य को जन्नत भेजो तब जानें।
गरीबदास जी कहते हैं -
जो ये रूह तूने भिस्त पठाई, तो कर तदबीर कबीला भाई||

🐐जीव हनै हिंसा करे, प्रकट पाप सिर होय।
निगम पुनि ऐसे पाप ते, भिस्त गया ना कोय।
परमात्मा कबीर जी कहते हैं कि जींस हिंसा करने से पाप ही लगता है। ऐसा महापाप करके भिस्त (स्वर्ग) कोई नहीं गया। तो फिर हे भोले मानव फिर ऐसा महापाप क्यों करता है।

 Supreme God KavirDev (God Kabir) himself took respected Garibdas ji to Satyalok by giving him true devotion, then respe...
25/03/2023


Supreme God KavirDev (God Kabir) himself took respected Garibdas ji to Satyalok by giving him true devotion, then respected Garibdas ji Maharaj said in his Amritvani looking into his eyes.....

 ईसा जी की मृत्यु बाद परमेश्वर प्रकट हुएईसा जी को क्रश करने के बाद पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब, ईसा जी का रूप धारण करके अन...
21/12/2022



ईसा जी की मृत्यु बाद परमेश्वर प्रकट हुए
ईसा जी को क्रश करने के बाद पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब, ईसा जी का रूप धारण करके अनेकों जगह प्रकट होकर शिष्यों को दिखाई देने लगे। यदि परमेश्वर नहीं आते तो ईसा जी के पूर्व चमत्कारों को देखते हुए‌ ईसा जी का अंत देखकर कोई भी व्यक्ति भक्ति साधना नहीं करता, नास्तिक हो जाते।
(प्रमाण पवित्र बाईबल में यूहन्ना 16: 4-15)

🔮यीशु का जन्म-मरण व चमत्कार सब काल (यहोवा) के द्वारा निर्धारित था
पवित्र बाईबल यूहन्ना 9:1-34 में है कि एक अंधे व्यक्ति को यीशु ने स्वस्थ कर दिया। यीशु बोले इसका कोई पाप नहीं था, यह इसलिए हुआ कि प्रभु की महिमा प्रकट करनी थी। यदि पाप होता तो यीशु उसकी आंखें ठीक नहीं कर सकते थे।

🔮क्या यीशु परमेश्वर हैं?
ईसाई त्रिदेवों में, जो पिता, पुत्र व पवित्र आत्मा के बारे में बताते हैं कि यीशु परमेश्वर का पुत्र था।
मार्क 1:11- और आकाश से एक आवाज़ आयी: "तुम मेरे प्यारे पुत्र हो, तुमसे मैं बहुत प्रसन्न हूँ।"
सिद्ध हुआ कि यीशु परमेश्वर का पुत्र था।

🔮 ईसा जी भगवान नहीं थे, वह तो एक ईश्वर की भक्ति बताते थे
हजरत ईसा जी को भी पूर्ण परमात्मा सत्यलोक से आकर मिले तथा एक परमेश्वर का मार्ग समझाया। इसके बाद ईसा जी एक ईश्वर की भक्ति समझाने लगे। लोगों ने बहुत विरोध किया।बीच-बीच में ब्रह्म(काल) के फरिश्ते हजरत ईसा जी को विचलित करते रहे तथा वास्तविक ज्ञान को दूर रखा।

🔮 ईसा जी परमेश्वर नहीं थे, उनके द्वारा किये गये चमत्कार भी पूर्व निर्धारित थे
हजरत ईसा मसीह के चमत्कारों में लिखा है कि एक प्रेतात्मा से पीड़ित व्यक्ति को ठीक कर दिया। यह काल स्वयं ही किसी प्रेत तथा पितर को प्रेरित करके किसी के शरीर में प्रवेश करवा देता है। फिर उसको किसी के माध्यम से अपने भेजे दूत के पास भेजकर प्रेत को भगा देता है। अपने अवतार की महिमा करवाकर कर हजारों को उसका अनुयाई बनवा कर काल जाल में फंसा देता है तथा उस पूर्व भक्ति कमाई युक्त साधक की कमाई को समाप्त करवा कर नरक में डाल देता है।

🔮 ईसा मसीह परमेश्वर नहीं
वह काल के भेजे अवतार थे, उनके द्वारा किये चमत्कार व उनकी
यह सब काल ज्योति निरंजन (ब्रह्म) का सुनियोजित जाल है। जिस कारण उसके द्वारा भेजे अवतारों की महिमा बन जाए तथा
आस पास के सभी प्राणी उस पर आसक्त होकर उसके द्वारा बताई ब्रह्म साधना पर अटल हो जाऐं। जब परमेश्वर का संदेशवाहक आए तो कोई भी विश्वास न करे।

🔮 ईसा मसीह की मृत्यु
हजरत ईसा मसीह की मृत्यु 30 वर्ष की आयु में हुई जो पूर्व ही निर्धारित थी। स्वयं ईसा जी ने कहा कि मेरी मृत्यु निकट है।
(मत्ती 26ः24-55 पृष्ठ 42-44)

🔮 परमेश्वर अमर है, लेकिन ईसा मसीह जी की मृत्यु हुई
हजरत ईसा मसीह की मृत्यु पूर्व ही निर्धारित थी। स्वयं ईसा जी ने कहा कि मेरे बारह शिष्यों में से ही एक मुझे विरोधियों को पकड़वाएगा। एक ईसा मसीह का खास यहूंदा इकसरौती नामक शिष्य था, जिसने तीस रूपये के लालच में अपने गुरु जी को विरोधियों के हवाले कर दिया।
(मत्ती 26ः24-55 पृष्ठ 42-44)

🔮 पुण्यात्मा ईसा मसीह जी को केवल अपना पूर्व का निर्धारित जीवन काल प्राप्त हुआ जो उनके विषय में पहले ही पूर्व धर्म शास्त्रों में लिखा था।
‘‘मत्ती रचित समाचार‘‘ पृष्ठ 1 पर लिखा है कि याकुब का पुत्र युसूफ था। युसूफ ही मरियम का पति था।
मरियम को एक फरिश्ते से गर्भ रहा था। तब हजरत ईसा जी का जन्म हुआ समाज की दृष्टि में ईसा जी के पिता युसूफ थे। (मत्ती 1ः1-18)

🔮हजरत ईसा से पवित्र ईसाई धर्म की स्थापना हुई
ईसा मसीह के नियमों पर चलने वाले भक्त
आत्मा ईसाई कहलाए तथा पवित्र ईसाई धर्म का उत्थान हुआ।

🔮 ईसा मसीह का जन्म एक देवता से हुआ।
प्रमाण : पवित्र बाईबल मती रचित सुसमाचार मती=1ः25 पृष्ठ नं. 1-2 पर।
ईसा मसीह की पूज्य माता जी का नाम मरियम तथा पूज्य पिताजी का नाम यूसुफ था। परन्तु मरियम को गर्भ एक देवता से रहा था। इस पर यूसुफ ने आपत्ति की तथा मरियम को त्यागना चाहा तो स्वपन में (फरिश्ते) देवदूत ने ऐसा न करने को कहा तथा यूसुफ ने डर के मारे मरियम का त्याग न करके उसके साथ पति-पत्नी रूप में रहे। देवता से गर्भवती हुई मरियम ने ईसा को जन्म दिया।

🔮 हजरत ईसा जी पाप नहीं काट सकते
हजरत यीशु का जन्म तथा मृत्यु व जो जो भी चमत्कार किए वे पहले ब्रह्म(ज्योति निरंजन) के द्वारा निर्धारित थे। यह प्रमाण पवित्र बाईबल में है कि एक व्यक्ति जन्म से अंधा था। वह हजरत यीशु मसीह के आशीर्वाद से वह ठीक हो गया। शिष्यों ने पूछा इस व्यक्ति ने कौन-सा पाप किया था। यीशु जी ने कहा कि इसका कोई पाप नहीं है। यह तो इसलिए हुआ है कि प्रभु की महिमा प्रकट करनी है। भावार्थ यह है कि यदि पाप होता तो हजरत यीशु आँखे ठीक नहीं कर सकते थे।

🔮 ईसा मसीह की दर्दनाक मौत से साबित होता है कि वह परमात्मा नहीं थे। परमात्मा तो अविनाशी है।
तीस वर्ष की आयु में ईसा मसीह जी को शुक्रवार के दिन सलीब मौत (दीवार) के साथ एक आकार के लकड़ के ऊपर खड़ा करके हाथों व पैरों में मेख (मोटी कील) गाड़ दी।
जिस कारण अति पीड़ा से ईसा जी की मृत्यु हुई।

🔮*यीशु जी की जन्म-मृत्यु पहले ही निर्धारित थी*
हजरत यीशु का जन्म तथा मृत्यु व जो भी चमत्कार किए वे पहले ही ब्रह्म (यहोवा) के द्वारा निर्धारित थे ताकि उसके भेजे अवतार की महिमा बनी रहे और जब पूर्ण परमेश्वर का संदेशवाहक आये तो कोई उसका विश्वास न करें
प्रमाण के लिए देखें- पवित्र बाइबल यूहन्ना 9:1-34 में

🔮ईसा जी में फरिश्ते प्रवेश कर बोलते थे
एक स्थान पर ईसा जी ने कहा कि मैं याकूब से भी पहले था। संसार की दृष्टि से याकूब ईसा जी का दादा था। यदि ईसा जी की आत्मा होती तो यह नहीं कहती कि मैं याकूब (अपने दादा) से भी पहले था। सिद्ध होता है ईसा जी में कोई अन्य फरिश्ता बोल रहा था जो प्रेतवत प्रवेश कर जाता था।

🔮ईसा मसीह की बाईबल में एक सहायक (अवतार) भेजने की भविष्यवाणी
यीशु ने बाईबल John 16:7 में एक सहायक (अवतार) भेजने की भविष्यवाणी की है कि - मैं तुमसे सच कहता हूं कि मेरा जाना तुम्हारे लिए अच्छा है। यदि मैं न जाऊं तो सहायक (अवतार) तुम्हारे पास न आयेगा। परंतु यदि मैं जाऊंगा तो उसे तुम्हारे पास भेज दूंगा।
वह सहायक/अवतार पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी हैं जो अपने दिव्य आध्यात्मिक ज्ञान से विश्व में शान्ति स्थापित करेंगे।

🔮पवित्र बाईबल में लिखा है कि जीसस के शरीर छोड़ने के बाद कोई अन्य मसीहा विश्व में आएगा जो विश्व में शांति स्थापित करेगा।
वह कोई और नहीं जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।

🔮परमेश्वर कबीर जी की भक्ति से ही रक्षा होती है
ईसा जी को उनके शिष्य ने सिर्फ 30 रुपए के लिए उनके विरोधियों को सौंप दिया। विरोधियों ने T आकार की लकड़ी में कील गाड़कर क्रश कर दिया। हज़रत ईसा जी ने मरते समय कहा कि हे मेरे प्रभु! आपने मुझे क्यों त्याग दिया। इससे स्पष्ट है कि काल प्रभु अंतिम समय में अकेला छोड़ देता है। (पवित्र बाईबल मत्ती 27 तथा 28/20 पृष्ठ 45 से 48 में)
विश्वास बनाए रखने के लिए यीशु के रूप में प्रकट हुए थे। अन्यथा उनके अनुयायियों ने भगवान में विश्वास खो दिया होता और नास्तिक बन गए होते।

🔮भक्ति युक्त आत्माएं नबी बनकर आती हैं
बाईबल में यूहन्ना ग्रन्थ (अध्याय 16 श्लोक 4 से 15) में प्रमाण है काल भक्ति युक्त भक्तों को नबी बनाकर भेजता है और उन्हीं भक्तों की कमाई से चमत्कार करवाता रहता है। जब उनकी कमाई खत्म हो जाती है उनको मरने के लिए छोड़ देता है जैसे ईसा जी की मृत्यु हुई।
लेकिन परमेश्वर भक्ति दृढ़ रखने के लिए 3 दिन बाद ईसा जी के

🔮ईसा जी का जीवन निर्धारित था
ईसा जी की मृत्यु 30 वर्ष की आयु में हुई जो पूर्व निर्धारित थी। ईसा जी ने कहा कि मेरी मृत्यु निकट है तथा तुम शिष्यों में से ही एक मुझे विरोधियों को पकड़वाएगा और वो मुझे मार देंगे। इससे सिद्ध है हज़रत ईसा जी ने कोई चमत्कार नहीं किया ये सब पहले से ही निर्धारित था। हज़रत ईसा जी किसी को सुखी भी नहीं कर सकते थे जिनको सुख हुआ था वो पहले से ही निर्धारित थे।

🔮हजरत ईसा जी में देव तथा पित्तर प्रवेश होकर बोलते थे
प्रमाण : बाईबल अध्याय 2 कुरिन्थियों 2ः12-17 पृष्ठ 259-260 में स्पष्ट लिखा है कि एक आत्मा नबी में प्रवेश करके बोल रही है।

🔮मांस खाने का आदेश परमेश्वर का नहीं है
प्रमाण:- कोरिंथियन 2:12, 17
एक आत्मा किसी में प्रवेश करके बोल रही है।
(17) हम उन लोगों में से नहीं है जो परमेश्वर के वचनों में मिलावट करते हैं।
इससे स्पष्ट है कि ईसा जी में अन्य फरिश्ते और अन्य आत्माएं भी बोलती हैं जो अपनी तरफ से मिलावट करके बोलती हैं।
बाईबल में मांस खाने का आदेश अन्य आत्माओं का है, प्रभु का नहीं।

🔮जीसस के शरीर में आत्माएँ प्रवेश करके भविष्यवाणियां करती थी।
जब जीसस को क्रॉस/सूली पर चढ़ाया गया तब सभी आत्माओं ने यीशु के शरीर को छोड़ दिया।
बाईबल 2 कोरिंथियन 2:12-17 पृष्ठ 259-260 में प्रमाण है कि आत्माएँ यीशु के शरीर में प्रवेश करके बोलती थीं।

✝️ Spirits used to enter the body of Jesus and make predictions
New Testament Bible
When Jesus grew up, spirits used to enter his body and they used to make prophecies and do miracles. Jesus preached about one God. As Jesus continued his preachings, the crowd became larger and they started calling him the son of David and as the Messiah.
( Bible 2 Corinthians 2:12-17 )

Lord Kabir is the eternal father of all souls. He never dies nor He takes birth from a mother.
God Kabir only is worthy of being worshipped.

✝️Jesus was born
Whereas the definition of God says –
God doesn’t take birth from a mother.
Lord Kabir appeared on a lotus flower. He does not take birth from a mother’s womb.

✝️It is written in Genesis Holy Bible that God created everything in 6 days and rested on His eternal throne on the 7th day. After that it was Kaal/Brahm who ordered to eat meat in the bible to misguide everyone.
- Saint Rampal Ji Maharaj

✝️Jesus was the son of god
Supreme God neither takes birth from a mother nor does he die. He is eternal. But Jesus took birth and died at the cross. Jesus is not the Lord.

✝️Jesus was not God
Mark 1:11 – and a voice came out of the heavens: “You are My beloved Son, in You I am well-pleased.”
All holy books prove Kabir Saheb is the Almighty God.

✝️Jesus was the Son of God, Not God
Mark 14:36: “And he said, ‘Father, all things are possible for you.'
The Supreme God is more greater and powerful than Jesus.

✝️Holy Bible, Genesis 18:2
Abraham looked up and saw three men standing nearby.
This proves that there are more than one God whereas Christians believe that God is One.
- Saint Rampal Ji Maharaj

✝️Jesus said he was son of God.
Luke 1:32: “He will be called great and will be called the Son of the Most High.”
All holy scriptures prove that Supreme God Kabir is the father of all souls. He is the creator of all.

✝️One quality of a true God is that he neither takes birth nor does he die, i.e., He is eternal. But Christ did not fulfill both of these conditions. He took birth from Mary and died at the cross of the Calvary. So, he is not the Lord.

✝️Jesus was the son of god
Hebrews 1:5 – To which of the angels did He ever say, “YOU ARE MY SON, TODAY I HAVE BEGOTTEN YOU”? And again, “I WILL BE A FATHER TO HIM AND HE SHALL BE A SON TO ME”?

✝️God is in form
Holy Bible Genesis 1:26
Sixth Day: - Living beings and Man:
After creating the other living beings Then God said, "Let us make
man in our own image, in our likeness, who will rule over all the creatures.

✝️God is in human form
Holy Bible Genesis
Seventh day: - Day of Rest.
God created the entire nature in six days and took rest on the seventh day.
Holy Bible has proved that God has a man-like visible body;who created the entire nature in six days and then took rest.

✝️Genesis – Holy Bible
3:8 – That evening they heard the Lord God walking in the garden and they hid from him among the trees.
The One who can walk, talk andas a human like resemblance definitely has a form. Hence these verses clearly prove that God is in form.

✝️Holy Bible – Genesis
1:29 – I have provided all kinds of grain and all kinds of fruit for you to eat;
1:30 – but for all the wild animals and for all the birds I have provided grass and leafy plants for food -and it was done.
It clearly states that God has given us all sorts of fruits and vegetables to eat.

✝️Bible proves "Kabir Is God"
Iyov 36:5 – Orthodox Jewish Bible (OJB)
See, El is Kabir, and despiseth, not any; He is Kabir in ko’ach lev (strength of understanding).
Supreme God is Kabir, but despises no one. He is Kabir, and firm in his purpose.
In all Bible translations, the word Kabir has been translated as “Mighty” or “Great” whereas Kabir is the original name of

 #भगवदगीता_के_गूढ़_रहस्य📙अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अ...
23/11/2022

#भगवदगीता_के_गूढ़_रहस्य

📙अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘

📙पवित्र गीता जी के ज्ञान को यदि श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रकट हुआ हूँ।

📙श्री कृष्ण जी काल नहीं थे, उनके दर्शन मात्र से मनुष्य, पशु (गाय आदि) प्रसन्न होकर श्री कृष्ण जी के पास आकर प्यार पाते थे।

📙काल कोई और शक्ति है। वह श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रेतवत प्रवेश करके पवित्र श्रीमद्भगवत गीता जी के ज्ञान रूप में चारों पवित्र वेदों का सार बोल गया।

📙काल की एक हजार भुजाऐं हैं। श्री कृष्ण जी श्री विष्णु जी के अवतार थे, जिनकी चार भुजाऐं हैं।

📙अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन् ! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान कर रहे हैं। हे सहस्त्राबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान ! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं कर पा रहा हूँ।

📙अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाला प्रभु काल कह रहा है कि ‘हे अर्जुन यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था।‘

📙कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा यहाँ युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था।

📙पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योंकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथा बाद में कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ।

📙गीता अध्याय 15 श्लोक 17 में काल ने कहा है कि वास्तव में अविनाशी परमात्मा तो इन दोनों (क्षर पुरूष तथा अक्षर पुरूष) से दूसरा ही है वही तीनों लोकों में प्रवेश करके सर्व का धारण पोषण करता है वही वास्तव में परमात्मा कहा जाता है।

📙गीता ज्ञान दाता काल गीता अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5, अध्याय 10 श्लोक 2 में अपने को नाशवान यानि जन्म-मरण के चक्र में सदा रहने वाला बताया है। कहा है कि हे अर्जुन! तेरे और मेरे बहुत जन्म हो चुके हैं। तू नहीं जानता, मैं जानता हूँ।

📙गीता अध्याय 3 श्लोक 14 से 15 में भी स्पष्ट है कि ब्रह्म काल की उत्पत्ति परम अक्षर पुरूष से हुई वही परम अक्षर ब्रह्म ही यज्ञों में पूज्य है।

📙गीता सार
वास्तविक भक्ति विधि के लिए गीता ज्ञान दाता प्रभु काल ब्रह्म किसी तत्वदर्शी की खोज करने को कहता है (गीता अध्याय 4 श्लोक 34) इस से सिद्ध है गीता ज्ञान दाता (ब्रह्म) द्वारा बताई गई भक्ति विधि पूर्ण नहीं है।

📙गीता अध्याय 8 श्लोक 5 तथा 7 में काल अपनी भक्ति करने को कहा है तथा युद्ध भी कर, निःसंदेह मुझे प्राप्त होगा, परंतु जन्म-मृत्यु दोनों की बनी रहेगी। अपनी भक्ति का मंत्र अध्याय 8 के श्लोक 13 में बताया है कि मुझ ब्रह्म की भक्ति का केवल एक ओम अक्षर है। इस नाम का जाप अंतिम श्वांस तक करने वाले को इससे मिलने वाली गति यानि ब्रह्मलोक प्राप्त होता है।

📙अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाला प्रभु काल कह रहा है कि ‘हे अर्जुन यह मेरा वास्तविक काल रूप है'।

📙गीता अध्याय 8 श्लोक 20 से 22 में काल ब्रह्म किसी अन्य पूर्ण परमात्मा के विषय में कहा है जो वास्तव में अविनाशी है।

📙गीता अध्याय 15 के श्लोक 4 में कहा है कि उस तत्वदर्शी संत के मिल जाने के पश्चात् उस परमेश्वर के परम पद की खोज करनी चाहिए अर्थात् उस तत्वदर्शी संत के बताए अनुसार साधना करनी चाहिए जिससे पूर्ण मोक्ष(अनादि मोक्ष) प्राप्त होता है। गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि मैं भी उसी की शरण में हूँ।

📙गीता अध्याय 15 श्लोक 1
गीता का ज्ञान सुनाने वाले प्रभु काल ने कहा कि ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को शाखा वाला अविनाशी विस्त्तारित, पीपल का वृक्ष रूप संसार है जिसके
छोटे-छोटे हिस्से या टहनियाँ पत्ते कहे हैं उस संसार रूप वृक्ष को जो सर्वांगों सहित जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी है।

📙गीता अध्याय 07 श्लोक 12 में गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म कह रहा है कि तीनों देवताओं द्वारा जो भी उत्पति, स्थिति तथा संहार हो रहा है इसका निमित्त मैं ही हूँ।
परन्तु मैं इनसे दूर हूँ। कारण है कि काल को शापवश एक लाख प्राणियों का आहार करना होता है। इसलिए मुख्य कारण अपने आप को कहा है तथा काल भगवान तीनों देवताओं से भिन्न ब्रह्म
लोक में रहता है तथा इक्कीसवें ब्रह्मण्ड में रहता है। इसलिए कहा है कि मैं उनमें तथा वे मुझ में नहीं हैं।

📙गीता जी के अध्याय 18 के श्लोक 64 तथा अध्याय 15 के श्लोक 4 में स्पष्ट है कि स्वयं काल ब्रह्म कह रहा है कि हे अर्जुन! मेरा उपास्य देव (इष्ट) भी वही परमात्मा (पूर्ण ब्रह्म) ही है तथा मैं भी उसी की शरण हूँ तथा वही सनातन स्थान (सतलोक) ही मेरा परम धाम है। क्योंकि ब्रह्म भी वहीं (सतलोक) से निष्कासित है।

📙गीता जी के अध्याय 18 के श्लोक 66 में गीता ज्ञान दाता काल ने अपने से अन्य परम अक्षर ब्रह्म की शरण में जाने को कहा है।

📙गीता अध्याय 17 श्लोक 23-28 में ओम मंत्र जो काल का है तथा तत मंत्र जो सांकेतिक है, यह अक्षर पुरूष की साधना का है तथा सत मंत्र भी सांकेतिक है। यह परम अक्षर पुरूष की साधना का है। इन तीनों मंत्रों के जाप से पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है।

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02/11/2022
16/10/2022
संध्या आरती
14/10/2022

संध्या आरती

संध्या आरती Sandhya aarti Full HD by sant Rampal ji Magaraj ji

 Who is God, how is it, how is it found, who has seen it, where does it reside?  To know the answer to many such questio...
12/10/2022


Who is God, how is it, how is it found, who has seen it, where does it reside? To know the answer to many such questions,


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जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लेने हेतु फॉर्म भरे

 खतरनाक बीमारियों से कैसे बचें?जानने के लिए जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की Official App "Sant Rampalji Mah...
12/10/2022


खतरनाक बीमारियों से कैसे बचें?
जानने के लिए जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की Official App "Sant Rampalji Maharaj"

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असुर निकंदन रमेनी
12/10/2022

असुर निकंदन रमेनी

असुर निकंदन रमेणी full HD by sant rampal ji maharaj ji

🙏🙏क्या आप जानते हैं?🌏 1. ब्रह्मा, विष्णु, महेश के माता-पिता कौन हैं?2. शेरांवाली माता (दुर्गा अष्टंगी) का पति कौन है? 3....
09/10/2022

🙏🙏क्या आप जानते हैं?🌏

1. ब्रह्मा, विष्णु, महेश के माता-पिता कौन हैं?

2. शेरांवाली माता (दुर्गा अष्टंगी) का पति कौन है?

3. हमको जन्म देने व मारने में किस प्रभु का स्वार्थ है?

4. हम सभी देवी-देवताओं की इतनी भक्ति करते हैं, फिर भी दुःखी क्यों हैं?

5. ब्रह्मा, विष्णु, महेश किसकी भक्ति करते हैं?

6. पूर्ण संत की क्या पहचान है एवं पूर्ण मोक्ष कैसे मिलेगा?

7. परमात्मा साकार है या निराकार?

8. किसी भी गुरु की शरण में जाने से मुक्ति संभव है या नहीं?

9. तीर्थ, व्रत, तर्पण, श्राद्ध निकालने से लाभ संभव है या नहीं?

10. श्री कृष्ण जी काल नहीं थे। फिर गीता वाला काल कौन है?

11. पूर्ण परमात्मा कौन तथा कैसा है? कहाँ रहता है? कैसे मिलता है? किसने देखा है?

12. समाधि अभ्यास (Meditation) राम, हरे कृष्ण, हरिओम, हंस, तीन व पाँच नामों
तथा वाहेगुरू आदि-आदि नामों के जाप से सुख एवं मुक्ति संभव है या नहीं?

13. वर्तमान समय में प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं के अनुसार वह महान संत कौन है?

इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए कृप्या पढ़ें पुस्तक' “जीने की राह" को और देखिए साधना टीवी शाम 7:30 से 8:30 तक रोजाना

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 📕  संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक "जीने की राह" को Audio Book की मदद से सुनें। Audio Book Sant Rampal ...
20/03/2022



📕 संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक "जीने की राह" को Audio Book की मदद से सुनें।
Audio Book Sant Rampal Ji Maharaj पर उपलब्ध है।

📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि कैसे देवता भक्त परिवार की सुरक्षा करते हैं। Audio Book सुनने के लिए "SANT RAMPAL JI MAHARAJ" पर जाएं।

📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि कैसे पापों से बचा जा सकता है। Audio Book सुनने के लिए Download करें Official App
"SANT RAMPAL JI MAHARAJ"

📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि घर की कलह कैसे समाप्त हो सकती है।
Audio Book सुनने के लिए Download करें Official App "SANT RAMPAL JI MAHARAJ"

📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि कैसे भूत-प्रेत, पित्तर-भैरव-बेताल जैसी आत्माऐं परिवार के आसपास भी नहीं आएंगी।
Audio Book Available On Official App
"SANT RAMPAL JI MAHARAJ"

📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि कैसे पूरा परिवार सुखी होगा।
Download करें Official App
"SANT RAMPAL JI MAHARAJ"

📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि कैसे इस लोक तथा परलोक दोनों में सुखी रहा जा सकता है।
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📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि पूर्ण परमात्मा कौन है? उसका नाम क्या है? उसकी भक्ति कैसी है?
Audio Book सुनने के लिए Download करें Official App "SANT RAMPAL JI MAHARAJ"

📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि कैसे नशे से छुटकारा पाया जा सकता है।
Audio Book सुनने के लिए Download करें Official App "SANT RAMPAL JI MAHARAJ"

📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि कैसे अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है।
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📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि कैसे घर में परमात्मा का निवास होगा।
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📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि कैसे उजड़े परिवार फिर से बस जाऐंगे।
Audio Book सुनने के लिए Download करें Official App "SANT RAMPAL JI MAHARAJ"

15/02/2022

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🌲17 फरवरी को जगत के तारणहार संत 🌲🌲रामपाल जी महाराज जी का बोध दिवस है🌲 जो पूरे विश्व में शांति स्थापित करेगें। 🌲
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🌲परमेश्वर कबीर जी ने कहा था कि ‘‘पृथ्वी और🌲 आकाश टल सकते हैं, सूर्य का अटल 🌲 सिद्धांत है उदय-अस्त, वो भी निरस्त हो सकता है, लेकिन मेरी बातें कभी झूठी नहीं हो सकती। जब कलयुग 5500 वर्ष बीत जाएगा तब एक महापुरूष जगत का उद्धार करने के लिए आएगा। वह महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस है।

🎉संत रामपाल जी महाराज का 17 फरवरी को बोध दिवस है जिनके बारे में नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि कई सदियों से ना देखा ऐसा हिन्दुओं का सुख साम्राज्य दृष्टिगोचर होगा। हिंदुस्तान में पैदा हुआ धार्मिक संत ही तत्वदृष्टा तथा जग का तारणहार होगा।

🎉संत रामपाल जी महाराज जी का 17 फरवरी को बोध दिवस है जिनके विषय में हंगरी की महिला ज्योतिषी ‘‘बोरिस्का’’ ने लिखा है कि 21वीं सदी में मानवीय सद्गुणों का विकास एक भारतीय संत के द्वारा होगा, जो चिरस्थाई रहेगा, इस आध्यात्मिक व्यक्ति के अनुयायी भौतिकवाद को आध्यात्मिकता में बदल देगें।

🎉 जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्र साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। वर्तमान में परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस है।

🎉परम संत रामपाल जी महाराज को नाम उपदेश 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को स्वामी रामदेवानंद जी महाराज से प्राप्त हुआ।

🎉17 फरवरी को उस महान संत का बोध दिवस है, जिनके बारे में नास्त्रेदमस ने भी भविष्यवाणी की है की "ठहरो राम राज्य आ रहा है। एक महापुरुष पूरे विश्व में स्वर्ण युग लायेगा। जिसके नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनेगा।"
वह महापुरुष और कोई नहीं संत रामपालजी महाराज जी हैं।

🎉 समस्त जीव आत्माओं के कल्याण हेतु धरती पर अवतरित महान परम पूज्य संत रामपाल जी महाराज का 17 फरवरी को बोध दिवस है। जो काल के बंधन से छुड़ावाकर जीव को मोक्ष प्रदान करते हैं।

🎉 संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। इन्हीं के अध्यात्मिक ज्ञान से पूरे विश्व में शांति होगी।
17 फरवरी 1988 को उनको नाम उपदेश प्राप्त हुआ था। तब से लेकर अब तक उन्होंने करोड़ों लोगों को विकारों से मुक्त कर मोक्ष की राह दिखाई।

🎉 17 फरवरी को संत रामपाल जी महाराज जी का बोध दिवस है जिनके ही बारे में पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ने 600 वर्ष पहले धर्मदासजी से कहा था कि कलयुग के मध्य में एक महापुरुष विश्व कल्याण के लिए प्रकट होगा। जब सभी धर्मों के अनुयायी एक होंगे तथा मोक्ष प्राप्त करेंगे।

🎉 परम संत रामपाल जी महाराज जी को नाम उपदेश 17 फरवरी 1988 को प्राप्त हुआ। जिसके पश्चात संत रामपाल जी महाराज जी ने शास्त्र अनुकूल ज्ञान देकर करोड़ों लोगों में नैतिकता, चरित्र व संस्कार का निर्माण किया और उनको जीने की नयी राह दी।

🎉17 फरवरी को परम संत रामपाल जी महाराज का बोध दिवस है
जिनके आध्यत्मिक तत्वज्ञान से पूरे विश्व में सतयुग जैसा माहौल आएगा।

🎉 17 फरवरी बोध दिवस
संत रामपाल जी महाराज ने चोरी, ठगी, नशा और भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों को दूर करके करोड़ों लोगों का जीवन सुखी बना दिया है। ऐसे महान संत का आज बोध दिवस है।

🎉समाज में व्यापक कुरीतियों और बढ़ रहे सामाजिक अपराधों से छुटकारा पाने के लिए हमें तत्वज्ञान की आवश्यकता है और ऐसा ही ज्ञान देने वाले जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का 17 फरवरी को बोध दिवस है।

🎉 17 फरवरी को उस महान सन्त का बोध दिवस है जिनके द्वारा बताई गई सतभक्ति से हमारे पापों का नाश होता है। जिससे हमारे दुःख दूर होते हैं। और हमें परमात्मा से लाभ मिलना शुरू हो जाते हैं।

🎉 सभी भविष्यवक्ताओं के अनुसार भारत का एक महापुरुष विश्व को मानवता के सूत्र में बांध देगा व हिंसा, दुराचार, कपट संसार से सदा के लिए मिटा देगा। वह महापुरुष कोई और नहीं बल्कि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही हैं जिनका 17 फरवरी 2021 को बोध दिवस (आध्यात्मिक जन्म दिवस) है।

🎉 17 फरवरी को उस महान संत सतगुरु रामपाल जी महाराज का बोध दिवस है जिसने समाज कल्याण के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।

🎉 17 फरवरी को उस महापुरुष का बोध दिवस है जिसने दहेज मुक्त, नशा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त समाज तथा विश्व शांति का बीड़ा उठाया है। विश्व कल्याण के लिये प्रकट वह महापुरुष जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं।

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