30/09/2022
भगत सिंहक बैरक साफ करनिहार भंगीक नाम बोघा छल। भगत सिंह हुनका बेबे (माए) कहैत छलाह। जखन कियो पुछैत अछि जे भगत सिंह ई भंगी बोघा अहांक बेबे कोना भेल? तखन भगत सिंह कहैत छलाह, हमर मल-मूत्र या त हमर बेब उठा लेलक, या ई नीक आदमी बोघे द्वारा। दलदल में हम अपन बेब (माँ) देखैत छी। ई हमर बेब अछि।
ई कहि भगत सिंह बोघेकेँ कोरामे भरि दैत।
भगत सिंह जी अक्सर बोघा के कहै छेलै, बेबे, तोरा हाथ के रोटी खाय चाहै छियै। मुदा बोघा अपन जाति स्मरण करैत संकोच करैत कहितथि, भगत सिंह, अहाँ उच्च जातिक सरदार छी, आ हम छोट भंगी छी, भगतन अहाँ होबय दिअ, जिद्द नहि करू।
सरदार भगत सिंह सेहो अपन जिद्द मे दृढ़ छलाह, फाँसी सँ किछु दिन पहिने ओ बोघे केँ जिद्द करैत बजलाह, बेबे, आब हम सब किछु दिनक लेल पाहुन छी, आब अपन इच्छा पूरा करू!
बोघे के आँखि मे नोर बहि गेलनि। कनैत-कनैत ओ स्वयं ओहि वीर शहीद-ए-आजम लेल अपन हाथ सँ रोटिया बनौलनि, आ अपन हाथ सँ ओकरा खुआओलनि। भगत सिंह जहिना रोटीक गैस मुँहमे रखलनि तहिना बोघेक चीत्कार भड़कि उठलनि। हे भगतन हे हमर शेरा धन्य छथि अहाँक माय जे अहाँकेँ जन्म देलनि। भगत सिंह बोघेकेँ कोरामे लऽ लेलक।
एहेन सोचक स्वामी छलाह हुनक वीर सरदार भगत सिंह जी। मुदा स्वतंत्रताक 70 वर्षक बादो समाज मे उच्च-नीचक भेदभावक भाव दूर करबाक लेल भगत सिंह 88 साल पहिने जे काज केने छलाह से नहि क' सकलहुँ।
एहि देशक महान शहीद आजम कें प्रणाम।🙏🙏