27/12/2022
यो धुरवाणी परित्यज्य अध्रुवाणी निषेवतो धुरवाणी
तस्य नश्यन्ति अध्रुवाणी नष्ट मेवही!!!
जो निश्चित को छोड़कर अनिश्चित का आश्रय लेते हैं उनका निश्चित भी नष्ट हो जाता हैं और अनिश्चित तो लगभग नष्ट के समान हैं ही!!!