20/06/2022
एक सक्सेना जी दिल्ली की बैँक मेँ
गये,
और बैँक मेनेजर से रु.50,000 का लोन मांगा.
बैँक मेनेजर ने गारेँटर मांगा.
सक्सेना जी ने अपनी BMW कार 🚔जो बैँक के सामने
पार्क की हुई
थी उसको गारेँटी के तरीके
से जमा करवा दी.
मेनेजर ने गाडी के कागज चैक किए,
और लोन देकर गाडी को कस्टडी मेँ
खडी करने के लिए
कर्मचारी को सुचना दी.
सक्सेना जी 50,000 रुपये लेकर चला गये.
बैँक मेनेजर और कर्मचारी सक्सेना जी पर हँसने
लगे और बात करने लगे कि यह करोडपति होते हुए
भी अपनी गाडी सिर्फ
50,000 मेँ गिरवी रख कर चला गया.
कितना बेवकुफ आदमी है.😗😗
उसके बाद 2 महीने बाद सक्सेना जी वापस बैँक मे
गये
और लोन की सभी रकम देकर
अपनी गाडी वापस लेने
की इच्छा दर्शायी.
बैँक मेनेजर ने हिसाब-किताब किया और बोला : 50,000 मुल
रकम के साथ 1250 रुपये ब्याज.
सक्सेना जी ने पुरे पैसे दे दिए.
बैँक मेनेजर से रहा नही गया और उसने पुछा :
कि आप इतने करोडपति होते भी आपको 50,000
रुपयो कि जरुरत कैसे पडी.?
सक्सेना जी ने जवाब दिया : मैँ जयपुर से आया था.
मैँ अमेरिका जा रहा था.
दिल्ली से मेरी फ्लाइट थी.
दिल्ली मेँ
मेरी गाडी कहा पार्क
करनी है यह मेरी सबसे
बडी प्रोबलम थी.
लेकिन इस प्रोबलम को आपने हल कर दिया.
मेरी गाडी 🚔भी सेफ
कस्टडी मेँ दो महीने तक संभाल के
रखा और 50,000 रुपये
खर्च करने के लिए भी दिए दोनो काम करने
का चार्ज लगा सिर्फ 1250 रुपये.
आपका बहुत बहुत धन्यवाद.!