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Dark Web kya hai और कैसे काम करता है?-What is the Dark Web and how does it work? https://ift.tt/LnuhfA9Dark Web kya hai ...
10/11/2022

Dark Web kya hai और कैसे काम करता है?-What is the Dark Web and how does it work? https://ift.tt/LnuhfA9

Dark Web kya hai और कैसे काम करता है?

What is the Dark Web and how does it work?

यदि आपको ऐसा लगता है कि आप Internet की दुनिया के बारे में सबकुछ जानते हैं, तो आपको अपने ज्ञान को जरा बढ़ाने की जरूरत है. क्योंकि हम में से अधिकतर लोग Internet के बारे जितना जानते हैं वो पुरे Internet का सिर्फ 4% ही है.

जी हाँ! सिर्फ 4% बाकी के Internet का 96% हिस्सा Deep और Dark Web पर मौजूद है. अब आप सोच रहे होंगे कि ये Deep और Dark Web क्या बला है? तो घबराइये मत इस पोस्ट मैं Dark Web (डार्क वेब) से संबंधित बहुत से सवाल जैसे Dark Web kya hai, डार्क वेब में क्या-क्या होता है, क्या Dark Web सच में बहुत खतरनाक है, Dark Web कैसे चलाएं, Dark Web Download, इत्यादि के जवाब बहुत ही साधारण भाषा में देने वाला हूं.

यूं कहें तो इस इस पोस्ट को पढने के बाद आपके दिमाग में Dark Web से संबंधित कोई सवाल नहीं बचेगा, क्योंकि इस पोस्ट में आपको मिलेगी Dark Web के बारे में पूरी जानकारी.

Table of Contents

Dark Web kya hai? Darknet in Hindi

Surface Web क्या होता है?

Deep Web क्या होता है?

डार्क वेब क्या होता है?

Tor Browser क्या होता है?

TOR का Full Form

Dark Web कैसे काम करता है?

TOR Browser के खास Features

डार्क वेब में क्या-क्या होता है?

क्या Dark Web खतरनाक है?

क्या Dark Web चलाना Illegal है?

Dark Web को अपने Computer में कैसे चलाएं?

Deep Web और Dark Web में अंतर

Dark Web पर FAQs

TOR क्या है?

क्या Dark Web में घुसने के बाद हम कभी बाहर नहीं निकल सकते हैं?

Dark Web कैसे सीखें

IP का Full Form क्या होता है?

ISP का Full Form क्या होता है?

Dark Web kya hai? Darknet in Hindi

अब आप यह सोच रहे होंगे कि चलो मान लिया कि Internet का 96% हिस्सा Deep और Dark Web पर है, पर ये Deep और Dark Web kya hai?

चलिए मैं आपको काफी आसान भाषा में समझाता हूं. हम जो Internet का उपयोग करते हैं वो पुरे विश्व में World Wide Web (वर्ल्ड वाइड वेब) के रूप में उपलब्ध है, जिसे Short Form में WWW के नाम से भी जानते हैं.

Dark Web kya hai?

इस World Wide Web (WWW) को तीन भागों में बांटा गया है जो इस प्रकार है-

Surface Web (सरफेस वेब)

Deep Web (डीप वेब)

Dark Web (डार्क वेब)

आईये एक-एक करके इन तीनों के बारे में जरा विस्तार से जानते हैं:

Surface Web क्या होता है?

Surface Web, Internet की वो दुनिया है जो कि सभी के लिए Search Engines और Browsers के जरिए आसानी से उपलब्ध है.

इस अंतर्गत वो सभी Websites आती हैं जो Search Engines जैसे कि Google, Yahoo, Bing इत्यादि पर आसानी से उपलब्ध है यानी कि Indexed है. साधारण भाषा में समझें तो Surface Web की सारी Websites आपको दिखाई (Visible) देती हैं, यहाँ कुछ भी छुपा हुआ नहीं होता है.

Surface वेब के अंतर्गत आने वाली सभी Websites को आप साधारण Browsers के जरिये Access कर सकते हैं.

उदाहरण की बात करें तो मान लीजिये आपने Google पर खोजा “YouTube” उसके बाद आपको Search Results में YouTube की वेबसाइट दिखाई देती है और आप उस पर Click करके YouTube चला पाते हैं. इसका मतलब है कि YouTube Surface वेब पर उपलब्ध है, क्योंकि Search Engine पर इसे छुपाया नहीं जा रहा है.

आशा करता हूं आप Surface Web को आसानी से समझ गए होंगे.

Deep Web क्या होता है?

Deep Web Internet का वो हिस्सा है, जहाँ की Sites या फिर Links को Direct Access करना संभव नहीं है. Deep Web के अंतर्गत आने वाली Sites/Links किसी भी Search Engine पर Indexed नहीं होती है यानि कि वो किसी भी Search Engine (Google, Bing, इत्यादि) पर खोजने से दिखाई नहीं देती है.

इन्हें ज्यादातर सुरक्षा कारणों या फिर किसी और वजह से भी लोगों से छुपा कर रखा जाता है. इन Links को विशेष परिस्थितियों में विशेष लोगों द्वारा Access किया जाता है.

Internet के इस हिस्से का उपयोग ज्यादातर सरकार (Government) और बैंकों के द्वारा किया जाता है ताकि वो कुछ गुप्त (Secret) जानकारियों को लोगों से छुपा कर रख सकें.

आइये एक उदाहरण से समझते हैं-

आप सब को पता है कि हमारी G-Mail ID का एक पासवर्ड होता है, जिसके बारे में या तो सिर्फ हमें पता होता है या फिर Google को, क्योंकि गूगल हमारे पासवर्ड को अपने पास (Server में) सुरक्षित रखता है. गूगल हम सभी के पासवर्ड को Deep Web में सुरक्षित रखता है, यदि ऐसा ना हो और मान लीजिए हमारे Passwords Surface Web पर हों तो क्या होगा? कोई भी आसानी से गूगल पर Search करके हमारे पासवर्ड को जान सकता है, जो कि बहुत खतरनाक साबित होगा.

ऊपर दिए गए उदाहरण से आप यह समझ गए होंगे कि Deep Web की क्या अहमियत है? आईये अब जानते हैं कि ये Dark Web kya hai?

Types of Web

डार्क वेब क्या होता है?

Dark Web भूलकर भी नहीं चलाना चाहिए, Dark Web बहुत ही खतरनाक होता है, न जाने ऐसी कितनी सारी बातें आपने सुनी होगी. आईये इन बातों की सच्चाई का पता लगाते हैं और विस्तार से जानते हैं कि ये Dark Web kya hai?

परिभाषा (Definition)

Dark Web को Deep Web का ही एक अंग माना जाता है जो कि Search Engines पर Indexed नहीं होता है और इसे Access करने के लिए एक खास तरह के Browser की आवश्यकता होती है.

आईये इस परिभाषा का अर्थ जरा विस्तार से समझते हैं-

जैसा कि Deep Web, Internet की दुनिया का एक छुपा हुआ हिस्सा है, ठीक उसी प्रकार Dark Web (डार्क वेब) भी इस इंटरनेट की दुनिया में काफी गहराइयों में दबा हुआ है. इसे दुसरे शब्दों में Darknet भी कहा जाता है.

हम अक्सर किसी भी वेबसाइट पर जाने के लिए करते हैं? आप बोलेंगे कि ये कैसा सवाल हुआ हम या तो किसी Search Engine जैसे कि गूगल में उस साइट को खोज कर उस पर चले जाते हैं या फिर किसी भी ब्राउज़र में उस साइट का Link/URL लिखकर उस साइट पर चले जाते हैं. लेकिन जरा ठहरिए डार्क वेब की कहानी थोड़ी अलग है.

साधारण Surface Web की तरह Dark Web के Websites को Access नहीं किया जा सकता है. Dark Web की Websites आपको गूगल या फिर किसी भी सर्च इंजन पर खोजने से नहीं मिलेगी, क्योंकि ये किसी भी सर्च इंजन में Indexed ही नहीं होती हैं. अगर कहीं से आपको डार्क वेब के Websites का Link मिल भी गया फिर भी आप इसे Open नहीं कर पाएंगे, क्योंकि ये Links साधारण ब्राउज़र में खुलते हीं नहीं हैं.

डार्क वेब पर जाने और डार्क वेब की वेबसाइट को Access करने के लिए हमें एक खास ब्राउज़र की जरूरत पड़ती है, जिसका नाम है Tor Browser.

अब आप ये तो समझ गए होंगे कि Dark Web kya hai?, Darknet क्या होता है? आईये जरा अब Tor Browser और डार्क वेब को विस्तार से जानते हैं.

Tor Browser क्या होता है?

जैसा कि आप ऊपर जान चुके हैं कि Dark Web को चलाने के लिए एक खास ब्राउज़र “TOR” की जरूरत होती है, लेकिन आपको यह जान कर हैरानी होगी कि इस ब्राउज़र को डार्क वेब के लिए नहीं बनाया गया था, इसके कुछ खास विशेषताओं ने डार्क वेब को जन्म दिया.

TOR एक बहुत खास तरह का वेब ब्राउज़र है, जिसको आपकी Privacy के लिए बनाया गया था, लेकिन इसकी कुछ खास विशेषताओं ने इसे गलत गलत धंधो का अड्डा बना दिया.

TOR Browser को 20 September 2002 को Release किया गया था, लेकिन इसका पहला Public Launch इसके लगभग 1 साल बाद हुआ.

इस ब्राउज़र की सबसे खास बात यह है कि अगर आप इससे Browsing करते हैं तो आपकी असली Location का पता लगाना लगभग नामुमकिन होगा. TOR के इस फीचर को आपके Privacy के लिए बनाया गया था, लेकिन गलत काम करने वालों के लिए यह ज्यादा उपयोगी साबित हुआ और इसने डार्क वेब को जन्म दिया.

TOR का Full Form

TOR का Full Form होता है “The Onion Routing”

Dark Web कैसे काम करता है?

अब हम चर्चा करने वाले हैं कि Dark Web और TOR Browser कैसे काम करता है?

इसके पुरे नाम में हम एक शब्द देख पाते हैं जो है “ONION”, जिसका मतलब होता है “प्याज”. अब यह प्याज की किसी ब्राउज़र में भला क्या जरूरत? बताता हूं!

जिसप्रकार प्याज में कई सारी परतें (Layers) होती हैं ठीक उसीप्रकार इस ब्राउज़र को चलाने के लिए आपको अलग-अलग IP (Internet Protocol) Adresses से होकर जाना पड़ता है. अब यह आपको जरा पेचीदा लग रहा होगा, रुकिए आसान भाषा में समझाता हूं.

आजकल हमारी यह दुनिया Technology के क्षेत्र में काफी आगे जा चुकी है और इसकी बदौलत हम ऐसी-ऐसी चीजें कर सकते हैं जो सुनने में शायद हमें नामुमकिन-सी लगे.

आप अभी किसी न किसी जगह से Internet को चला रहे होंगे और आज के समय में आपके IP Address के जरिये यह पता लगाना काफी आसान है कि आप कहाँ से Internet को चला रहे हैं! आपकी इसी जानकारी को गोपनीय बनाने के लिए TOR को बनाया गया, अगर आप TOR के जरिये Browsing कर रहे हैं तो आपकी Location को पता लगा पाना लगभग नामुमकिन-सा है.

आइये इसे एक उदाहरण से समझते हैं:

मान लीजिये आप किसी साधारण ब्राउज़र में कुछ सर्च करते हैं तो यहाँ आपकी Real IP Address से सीधे Search Request जाएगी और इस Case में आपकी वास्तविक IP (Internet Protocol) के जरिए आपकी Location का पता लगाना बहुत ही आसान होगा.

लेकिन वहीं अगर आप TOR Browser के जरिये जब इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी Browsing Request को बहुत सारी अलग-अलग IP Addresses से होकर गुजारा जाता है ताकि कोई आपकी असली IP Address पता ना लगा सके और इस वजह से कोई आपकी असली Location भी ना पता कर सके.

यूं कहे तो जब आप इसमें Browsing करते हैं तो आपकी Browsing Request को बहुत सारे VPN यानी की Virtual Private Network के ज़रिये भेजा जाता है.

VPN: साधारण भाषा में समझे तो यह भी एक प्रकार की युक्ति जिससे आप खुद को छुपाते हुए इंटरनेट चला सकते हैं.

अब मन में यह सवाल आ रहा होगा कि क्या यदि कोई इस ब्राउज़र का उपयोग गलत कम में करता है तो उसे नहीं पकड़ा जा सकता है? जवाब है- यह बहुत ही ज्यादा मुश्किल है. वैसे ऐसा बहुत बार देखा गया है जब सरकारी Intelligence Agencies ने ऐसे बुरे लोगों को पकड़ा है

TOR Browser और Dark Web

TOR Browser के खास Features

वैसे तो आप TOR के बारे में काफी कुछ जान चुके हैं, लेकिन आइये एक नजर इसकी खास विशेषताओं पर भी डालते हैं.

TOR Browser के Onion Routing Feature के जरिये आपकी असली IP और Location का पता नहीं लगाया जा सकता है.

इस ब्राउज़र में .com, .in, .net, .org जैसे Extension वाली Websites नहीं खुलती है, इसमें खुलने वाली Websites में एक खास तरह Extension “.onion” लगा होता है.

TOR के जरिये आप अपनी एक खुद की .onion Extension वाली Website बिलकुल फ्री में बना सकते हैं.

यह थे कुछ Features जो कि TOR बहुत खास बनाते हैं, दुर्भाग्यवश इन्हीं Features के जरिये Dark Web का जन्म भी हुआ है.

आशा करता हूं Dark Web kya hai? इस सवाल का जवाब आपको बहुत ही गहराई से मिल रहा होगा.

डार्क वेब में क्या-क्या होता है?

अब आपको इतना तो पता चल ही गया होगा कि Dark Web में जाने के लिए हमें TOR Browser की जरूरत होती है और TOR के जरिए हम अपनी पहचान को पूरी तरह से छुपा सकते हैं, जिसे हमारी प्राइवेसी के लिए बनाया गया था.

लेकिन ज़रा खुद सोचिए अपने आप को सबसे ज्यादा गोपनीय कौन रखता चाहता है, मेरी तरह आपका भी जवाब होगा, वो लोग जो गलत काम, गलत धंधे करते हैं. क्योंकि ऐसे लोग नहीं चाहते की कोई भी उन्हें पकड़ पाए क्योंकि इसके बदले में उन्हें बहुत बड़ी सजा हो जाएगी.

बिलकुल! डार्क वेब अधिकतर लोग, वहीँ लोग हैं जो कि बहुत हीं गलत काम करते हैं और उन्हें कोई पकड़ न पाए इसलिए वे लोग Dark Web का सहारा लेते हैं.

Dark Web पर Drugs Selling, Live Po*******hy, Secret Documents Selling, Smuggling, इत्यादि रोजाना होते रहते हैं. गलत धंधे करने वालों का यह सबसे पसंदीदा Online काला बाजार है.

यहाँ पर खरीद-बिक्री करने के लिए Cryptocurrency जैसे Bitcoin, Ethereum इत्यादि का उपयोग किया जाता है ताकि इन्हें कोई ट्रैक न कर सके.

डार्क वेब पर आपको दुनिया के खतरनाक Hackers भी मिल जायेंगे जो कि ऐसे लोगों की प्रतीक्षा कर रहे होते हैं जिनको Dark Web की अच्छी जानकारी ना हो और वो उन्हें आसानी से हैक कर पाएं.

इसके अलावा भी बहुत सारे गलत और रहस्यमयी काम DarkNet या Dark Web पर रोजाना होते हैं, जिनके बारे में Guidelines के कारण मैं आपको नहीं बता सकता.

अभी आप यह समझ रहे हैं कि Dark Web kya hai? इसी पोस्ट में आगे आपको यह पता चलेगा कि Dark Web कैसे चलाते हैं?

क्या Dark Web खतरनाक है?

हाँ बिलकुल! यदि आप सावधानी नहीं बरतते हैं तो या फिर आपको डार्क वेब की पूरी जानकारी नहीं है तो!

जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया कि डार्क वेब पर हमेशा खतरनाक Hackers आपके इंतज़ार में बैठे रहते हैं. उनका काम ही है वैसे लोगों को अपना शिकार बनाना जिन्हें Dark वेब की अच्छी जानकारी नहीं है.

निम्नलिखित कारणों से Dark Web आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है:

Hacking

डार्क वेब पर हैकिंग तो आम बात है, अगर आपके पास डार्क वेब की अच्छी जानकारी नहीं है तो आपको आपको Dark Web पर नहीं जाना चाहिए. क्योंकि जैसा कि मैंने ऊपर बताया था कि TOR के जरिये आप अपनी खुद की वेबसाइट बिलकुल फ्री में बना सकते हैं, उसी प्रकार हैकर भी अपनी वेबसाइट बना के रखते हैं ताकि वो आपको Hack कर सकें.

Virus

डार्क वेब के बहुत सारी वेबसाइट पर Hackers द्वारा वायरस को अपलोड किया रहता है ताकि जाने-अनजाने में आप उसे अपने Laptop/Computer में Download कर लें. डाउनलोड करने के लिए आपको बहुत सारी लुभावनी चीजें दिखाई जाती हैं.

इसके अलावा भी बहुत तरह से आपको नुकसान पहुँचाया जा सकता है, जैसे आपके PC का Access लिया जा सकता है, आपके साथ Illegal चीजें की जा सकती हैं. इसलिए बेहतर यही होगा कि यदि आपको जानकारी नहीं है तो Dark वेब ना हीं चलाएं.

क्या Dark Web चलाना Illegal है?

इसका जवाब हर देशों के लिए अलग-अलग हो सकता है, लेकिन मैं भारत की बात करूं तो यहाँ डार्क वेब को चलाना पुरी तरह से Legal है यानी आप भारत में डार्क वेब को आसानी से चला सकते हैं.

लेकिन जिन देशों में Dark Web चलाना Legal है, इसका मतलब यह कभी नहीं है कि वहां पर गलत काम करना भी Legal है. अगर आप किसी भी तरह का गलत काम करते हैं जैसे कि Hacking, Drugs Selling इत्यादि तो आपको निश्चित ही कानूनी प्रक्रिया के बाद बड़ी सजा मिलेगी.

इसलिए Dark Web पर ना तो अंजान वेबसाइट पर जाएँ और ना ही कोई गलत काम करें.

अब हमने यह बहुत अच्छे से जान लिया कि Dark Web kya hai?, Dark Web कैसे काम करता है? और भी बहुत कुछ. इसके बाद यदि आप चाहते हैं Dark Web कैसे चलाएं?, तो अब मैं आपको ये भी बताता हूं.

Dark Web को अपने Computer में कैसे चलाएं?

Dark Web को चलाने से पहले यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि आप इसे अपनी जवाबदेही पर चला रहे हैं, हम किसी भी तरह से आपको प्रोत्साहित नहीं कर रहे हैं.

अब हम आपको जो तरीका बताने वाले हैं, उसे Step by Step Follow कीजिये उसके बाद आप आसानी से डार्क वेब में घुस जाएंगे और सुरक्षित तरीके से चला भी पाएंगे.

Dark Web चलाने के लिए निम्नलिखित Steps को Follow करें:

VPN (Virtual Private Network) का इस्तेमाल

अपने आप को थोडा सुरक्षित करने के लिए आप किसी Trusted VPN का उपयोग जरूर करें.

वैसे तो एक तरह से TOR भी बहुत सरे VPN के जरिये आपकी Privacy को Protect करता है, लेकिन हमें पता है कि Dark Web Hackers का अड्डा है, इसलिए हमें थोड़ी सावधानी बरतते हुए एक अच्छे VPN का उपयोग जरूर करना चाहिए.

TOR Browser को Download और Install कीजिये

अब आपको TOR ब्राउज़र की जरूरत पड़ेगी तो अब आप TOR को उसके Official वेबसाइट से डाउनलोड कर लें. नीचे दिए गए लिंक पर Click करके आप सही TOR Browser को डाउनलोड कर सकते हैं.

डार्क वेब डाउनलोड: TOR Browser Download Link

अब आपका अगला कदम होगा TOR को अपने कंप्यूटर में Install करना, तो जैसे आप अन्य Software को Install करते हैं ठीक उसी प्रकार इसे अपने कंप्यूटर में Install कर लें.

Dark Web में प्रवेश कीजिये

अब आप अपने Computer/Laptop में चल रहे सभी Programs को बंद कर दें, फिर आप TOR Browser को खोलें. आपको एक साधारण ब्राउज़र की तरह हीं एक ब्राउज़र खुला हुआ दिखेगा, पर ध्यान रहे ये साधारण नहीं है.

बधाई हो! अब आप इंटरनेट की उस दुनिया में हैं, जहां अधिकतर लोग नहीं जा पाते हैं. हाँ सही समझे यही है “DARK WEB”.

इसके आगे की यात्रा आपको खुद ही करनी होगी, अब डार्क वेब पर उपलब्ध Trusted Websites का पता लगाइए और उन्हें Explore कीजिये.

आशा करता हूं अब आप बहुत अच्छे से समझ गए होंगे कि Dark Web kya hai, डार्क वेब कैसे काम करता है और Dark Web को सुरक्षित तरीके से कैसे चलाएं?

Deep Web और Dark Web में अंतर

Deep Web और Dark Web में कुछ प्रमुख अंतर निम्लिखित हैं:

Deep Web (डीप वेब) Dark Web (डार्क वेब)

Deep Web को किसी भी साधारण ब्राउज़र के जरिए चलाया जा सकता है. Dark Web को चलाने के लिए विशेष ब्राउज़र की जरूरत पड़ती है, जिसमे से सबसे ज्यादा TOR को उपयोग किया जाता है.

उपयुक्त Deep Web का Access करने पर वह बिलकुल खतरनाक नहीं है. Dark Web की कम जानकारी आपको बहुत बड़े खतरे में डाल सकती है.

Deep Web का अधिकतर उपयोग बैंकों, सरकारी संगठनों, अनुसन्धान केन्द्रों द्वारा किया जाता है. Dark Web का अधिकतर उपयोग Smugglers और Hackers करते हैं.

आईये कुछ बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों यानी कि Frequently Asked Questions (FAQs) के उत्तर भी जान लें.

Dark Web पर FAQs

TOR क्या है?

TOR एक विशेष तरह का वेब ब्राउज़र है, जिसके जरिये आप Dark Web में दाखिल हो सकते हैं.

क्या Dark Web में घुसने के बाद हम कभी बाहर नहीं निकल सकते हैं?

नहीं! ऐसा कुछ नहीं है, ये सिर्फ कुछ लोगों द्वारा फैलाई गई झूठी अफवाह है.

Dark Web कैसे सीखें?

आपको इस पोस्ट में भी ढेर सारी जानकारियां मिल जाएँगी, इसके अलावा आप इंटरनेट की मदद ले सकते हैं.

IP का Full Form क्या होता है?

Internet Protocol

ISP का Full Form क्या होता है?

Internet Service Provider

आशा करता हूं कि इस पोस्ट से आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा और अब आप यह अच्छे से समझ गए होंगे कि Dark Web kya hai?, Dark Web कैसे काम करता है?, Dark Web कैसे चलाते हैं? इसके साथ-साथ आप डार्क वेब से सम्बंधित बहुत सारी बातों को गहराई से समझ पाए होंगे.

आप अपने सुझाव नीचे Comment Section में जरूर बताएं.

धन्यवाद

Android उपकरणों में सटीक one tap हेडशॉट के लिए सर्वश्रेष्ठ free fire सेंसिटिविटी सेटिंग्स https://ift.tt/Za1Uknp Android...
10/11/2022

Android उपकरणों में सटीक one tap हेडशॉट के लिए सर्वश्रेष्ठ free fire सेंसिटिविटी सेटिंग्स https://ift.tt/Za1Uknp

Android उपकरणों में सटीक One Tap हेडशॉट के लिए सर्वश्रेष्ठ फ्री फायर सेंसिटिविटी सेटिंग्स

गरेना फ्री फायर, एक तेज-तर्रार बैटल रॉयल गेम है, जो युद्ध के मैदान में छोटी और तीव्र कार्रवाई करता है। इस तेज़-तर्रार शीर्षक के साथ बने रहने के लिए, खिलाड़ियों को अपने गेमप्ले के साथ तेज़ और सहज होना होगा। लड़ाई करते समय तेज होने का एक सबसे अच्छा तरीका है एक-टैप हेडशॉट बनाना। हालांकि, यह आसान नहीं है, और खिलाड़ियों को इस हेडशॉट तकनीक में महारत हासिल करने के लिए अत्यधिक अनुकूलित संवेदनशीलता सेटिंग्स और नियमित अभ्यास की आवश्यकता होती है

चूंकि एक-टैप हेडशॉट करते समय संवेदनशीलता सेटिंग्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, यह लेख उसी को प्राप्त करने के लिए फ्री फायर में सबसे अनुकूलित सेटिंग्स को साझा करेगा।

नोट:- चूंकि एक-टैप वाले हेडशॉट्स के लिए उच्च संवेदनशीलता की आवश्यकता होती है, नीचे चर्चा की गई सेटिंग्स सामान्य से अधिक होती हैं। इसके अलावा, संवेदनशीलता डिवाइस से डिवाइस में भिन्न होती है। इसलिए, मामूली बदलाव आवश्यक हो सकते हैं

फ्री फायर में एक-टैप हेडशॉट्स के लिए सर्वश्रेष्ठ संवेदनशीलता सेटिंग्स प्राप्त करने के लिए विस्तृत मार्गदर्शिका

निम्नलिखित सेटिंग्स फ्री फायर में एक-टैप हेडशॉट बनाने में खिलाड़ियों की सहायता करेंगी

फ्री फायर में एक-टैप हेडशॉट्स के लिए सबसे अच्छी संवेदनशीलता

General: 100

Red Dot: 100

2X Scope: 90

4X Scope: 88

AWM Scope: 88

Free Look: 60

फ्री फायर में अपनी संवेदनशीलता सेटिंग्स को समायोजित करने के लिए, खिलाड़ी इन चरणों का पालन कर सकते हैं

चरण 1: उन्हें स्क्रीन के ऊपरी-दाएँ कोने में "सेटिंग" विकल्प का चयन करना होगा।

चरण 2: एक नया टैब खुलता है जहां उपयोगकर्ता स्क्रीन के बाईं ओर "संवेदनशीलता" विकल्प चुन सकते हैं

वे यहां सेटिंग लागू कर सकते हैं

एक-टैप हेडशॉट करने के लिए युक्तियाँ

ऊपर चर्चा की गई सेटिंग्स को लागू करने के बाद, खिलाड़ियों को अपनी डिवाइस संवेदनशीलता के अनुसार उन्हें थोड़ा समायोजित या ट्विक करना पड़ सकता है। वन-टैप हेडशॉट्स करने के लिए, उनके पास हमेशा लंबी दूरी के झगड़े के लिए अपने हथियार से जुड़ी एक गुंजाइश होनी चाहिए। क्लोज-रेंज मुकाबले के लिए, एक टैप हेडशॉट करने के लिए एक शॉटगन आवश्यक है

लंबी दूरी

दुश्मन को देखे जाने के बाद, खिलाड़ियों को उन पर निशाना साधने की जरूरत है, अपना एडीएस (एइम डाउन साइट) खोलें और फायर बटन पर एक बार टैप करें। ADS ओपन करने के तुरंत बाद ऑटो-ऑब्जेक्ट फीचर दुश्मन के मध्य क्षेत्र को निशाना बनाएगा। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आग के बटन को बहुत अधिक समय तक नहीं दबाया जाना चाहिए। एक शॉट लगाने के बाद खिलाड़ियों को इसी प्रक्रिया को लगातार 2-3 बार दोहराना होता है। दो बार टैप करने के बाद, उन्हें हेडशॉट करने के लिए क्रॉसहेयर को दुश्मन के सिर तक खींचना होगा

निकट से

शॉटगन एक-टैप हेडशॉट को नज़दीकी सीमा में करने के लिए आवश्यक हैं। खिलाड़ियों को बस दुश्मन के काफी करीब होना चाहिए जहां हथियार सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। फिर, वे दुश्मन के सिर को निशाना बना सकते हैं और एक त्वरित-हेडशॉट करने के लिए फायर बटन को एक बार टैप कर सकते हैं

Free Fire मे Mod Apk के बारे में छोटी और बड़ी जानकारी 2022-vipin99 tech https://ift.tt/YAFsvQBFree Fire को दुनिया में मि...
10/11/2022

Free Fire मे Mod Apk के बारे में छोटी और बड़ी जानकारी 2022-vipin99 tech https://ift.tt/YAFsvQB

Free Fire को दुनिया में मिलियन लोगों के द्वारा खेला जाता है। लेकिन सबसे ज्यादा भारत में खेला जाता है। यह बैटल रॉयल गेम एंड्रॉइड और iOS प्लेटफार्म पर काफी स्मूथ रन करता है।

कई सारे प्लेयर्स गेम के अंदर FPS बढ़ाने, लैग फ्री, और ज्यादा किल्स करने के लिए थर्ड पार्टी एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, कुछ खिलाड़ी Mod मेन्यू ऐप का उपयोग करते है। तो आइए इस आर्टिकल में Mod मेन्यू ऐप के बारे में पूरी जानकारी बताने वाले हैं।

फ्री फायर में क्या है खास?

फ्री फायर के साथ स्टाइल में लड़ाई, एक फ्री-टू-प्ले सर्वाइवल शूटर जो दुनिया भर में लगभग सभी स्मार्टफोन के लिए सुलभ है। बैटल रॉयल, क्लैश स्क्वॉड और अन्य रोमांचक मोड में दुश्मनों से मुकाबला करें। प्रत्येक 10 मिनट के मैच में, एड्रेनालाईन, स्टाइल और मस्ती के लिए बोयाह आपका रास्ता तय करता है

Free Fire में Mod मेन्यू ऐप क्या है?

इस ऐप को खिलाड़ियों के लिए बनाया गया है, जिसे वीडियोस के द्वारा प्रोमोशन भी किया जा रहा है। Garena Free Fire के डेवेल्पर्स के अनुसार इस ऐप का उपयोग करने पर ESP, ऑटो हेडशॉट, और अन्य चीज़ें शामिल है। इन फीचर्स के लिए एक टूल प्रदान करता है जिसे Free Fire में उपयोग किया जाता है। लेकिन ऐसा करने पर खिलाड़ियों की Free Fire ID बैन हो सकती है।

क्या Free Fire में Mod मेन्यू ऐप का उपयोग करना लीगल. Free Fire में Mod मेन्यू ऐप का उपयोग करना 100% अवैध है, यह खिलाड़ियों को सरल हैक्स प्रदान करता है, जो Garena Free Fire के डेवेल्पर्स के अनुसार गैर कानूनी है।

ऐसी थर्ड पार्टी एप्लिकेशन का उपयोग नहीं करना चाहिए। इन एप्लिकेशन के बारे में अधिकांश प्लेयर्स Garena Free Fire की वेबसाइट पर प्रश्न पूछते हैं। लेकिन, यह एक हैक माना जाता है जिससे खिलाड़ियों की Free Fire ID हमेशा के लिए बैन हो सकती है। इसलिए थर्ड पार्टी एप्लिकेशन का उपयोग करना गलत है। सके आलावा Garena Free Fire गेम को बिना किसी थर्ड पार्टी ऐप का इस्तेमाल करके खेल सकते हैं।

अगर उपयोगकर्ता किसी एप्लिकेशन का उपयोग करके बैटल रॉयल गेम को खेलता है तो यह हैक माना जाता है। एंटी-हैक FAQ के अनुसार प्लेयर्स की Free Fire ID बैन कर दी जाएगी।

परंतु, कुछ वीडियोस में इन थर्ड पार्टी एप्लिकेशन को लीगल बताया जाता है। दरअसल, यह गलत जानकारी है, जिन्हें उपयोग करने से बचे, वरना Free Fire ID बैन हो सकती है। पिछले महीन Garena की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार 90000 एकाउंट्स को बैन किया गया है।

Q.1 क्या फ्री फायर नंबर 1 गेम है?

Ans- पबजी मोबाइल, फोर्टनाइट बैटल रॉयल और कॉल ऑफ ड्यूटी: मोबाइल के पीछे गरेना फ्री फायर सबसे लोकप्रिय बैटल रॉयल मोबाइल गेम्स में से एक है।

Q.2 फ्री फायर बैन क्यों है?

Ans- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत में 54 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध आदेश जारी होने के बाद से Google Play Store और App Store से Garena की फ्री फायर गायब हो गई है। भारत सरकार का दावा है कि ये ऐप भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और गोपनीयता के लिए खतरा हैं

Q.3फ्री फायर में क्या है खास?

Ans- फ्री फायर के साथ स्टाइल में लड़ाई, एक फ्री-टू-प्ले सर्वाइवल शूटर जो दुनिया भर में लगभग सभी स्मार्टफोन के लिए सुलभ है। बैटल रॉयल, क्लैश स्क्वॉड और अन्य रोमांचक मोड में दुश्मनों से मुकाबला करें। प्रत्येक 10 मिनट के मैच में, एड्रेनालाईन, स्टाइल और मस्ती के लिए बोयाह आपका रास्ता तय करता है

Truecaller किस देश का ऐप है? और इसका मालिक कौन है- ट्रूकॉलर का बाप https://ift.tt/J6Nf1PpTruecaller किस देश का ऐप है और ...
10/11/2022

Truecaller किस देश का ऐप है? और इसका मालिक कौन है- ट्रूकॉलर का बाप https://ift.tt/J6Nf1Pp

Truecaller किस देश का ऐप है और इसका मालिक कौन है

नमस्ते! हिंदी तरंग ब्लॉग पर आपका स्वागत है. हम अकसर ये सुनते रहते हैं कि हमें Truecaller (ट्रूकॉलर) App का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि ये चीनी ऐप है और इससे हमारे डाटा को चुराया जाता है, पर आखिर वास्तविकता क्या है? इस पोस्ट में हम यहीं जानेंगे कि Truecaller किस देश का ऐप है और Truecaller का असली मालिक कौन है?

Truecaller किस देश का ऐप है और इसका मालिक कौन है

पिछले कुछ सालों से सभी लोग अपने आप को Online काफी सुरक्षित रखना चाहते हैं और जिन्हें भी अपने Data या Personal Details की अहमियत का पता हो वो कभी भी नहीं चाहेंगे कि उनका Data Online Leak हो जाये.

आजकल आए दिन हमें ये सुनने को मिलता है कि Facebook से कई लोगों का डाटा लीक हो गया, Whatsapp से कई लोगों की Details चोरी हो गई और हाल में ही हुए कुछ घटनाओं की वजह से लोगों का खासकर Chinese Apps पर से भरोसा उठ गया है.

तो अब जानते हैं Truecaller App की कहानी!......?

Truecaller किस देश का ऐप है? और इसका मालिक कौन है- ट्रूकॉलर का बाप..?

Table of Contents

Truecaller ऐप क्या है?

क्या Truecaller Chinese ऐप है?

Truecaller किस देश का ऐप है?

Truecaller का मालिक कौन है?

क्या Truecaller का उपयोग करना सही है?...

Truecaller ऐप क्या है?

सबसे पहले जिन्हें यह नहीं पता कि Truecaller ऐप क्या है? उन्हें मैं बता दूं कि यह एक Smartphone Application है.

इसमें बहुत सारी खास विशेषताएं हैं, जिसमें से एक है Caller Identification (कॉल करने वाले की पहचान करना). साधारण भाषा में बताऊँ तो यदि आपकी आपके पास किसी अज्ञात नंबर (Unknown Number) से कॉल आता है या फिर आप किसी अज्ञात नंबर को कॉल करते हैं तो यह ऐप उस अज्ञात नंबर के मालिक/उपयोगकर्ता के बारे में जानकारी दे सकता है.

इसके अलावा भी इसमें कई सारी विशेषताएं हैं जैसे Call Blocking, Messaging इत्यादि.

By-Vipin99 tech

Truecaller किस देश का ऐप है? और इसका मालिक कौन है- ट्रूकॉलर का बाप

क्या Truecaller Chinese ऐप है?...

यह सबसे महत्वपूर्ण सवाल है जो आपको सबसे ज्यादा परेशान भी कर रहा होगा तो आइये इसकी भी असलियत जानते हैं.

जी नहीं! Truecaller Chinese यानि की चीनी ऐप नहीं है और यहाँ तक की Trucaller में निवेश करने वाली अधिकतर कंपनियां अमेरिका की हैं. शायद यह जानकर आपको अच्छा लगा होगा और ट्रूकॉलर से आपका डर थोड़ा कम हुआ होगा.

Truecaller किस देश का ऐप है?

पिछले उत्तर ने आपको जरा विचलित भी किया होगा, अब आप ये जानना चाहते होंगे कि जब Truecaller चीनी ऐप नहीं है तो वो भला किस देश का है? घबराईए मत इसका भी जवाब देता हूं आपको!

Truecaller की शुरुआत वर्ष 2009 में Sweden देश के Stockholm से हुई थी. इसे दो Engineering के विद्यार्थियों ने बनाया था, जिनका नाम था Alan Mamedi (एलन ममेदी) और Nami Zarringhalam (नामी जर्रिंगहलम).

शुरूआती दिनों में इसे सिर्फ “Microsoft Windows Mobile” और बंद हो चुके Mobile Operating System “Symbian” के लिए लॉन्च किया गया था. बाद में इसकी सफलता को देखकर इसे Android और IOS के लिए लॉन्च किया गया.

नीचे आपको एक तालिका (Table) दी जा रही है, जिससे आपको Truecaller (ट्रूकॉलर) के बारे में अधिक जानने में आसानी होगी.

Truecaller Mobile Application

Developer Company True Software Scandinavia AB

Co-Founders Alan Mamedi and Nami Zarringhalam

Launch का वर्ष 2009

Downloads 500 Millions+

Truecaller के बारे में जानकारी

Truecaller किस देश का ऐप है? और इसका मालिक कौन है- ट्रूकॉलर का बाप

Truecaller का मालिक कौन है?..

Truecaller ने अब बहुत ही विकास कर लिया है, जिसकी वजह से इसमें बहुत से बड़े-बड़े लोगों और कंपनियों ने निवेश किया है.

फिलहाल अभी यह कंपनी अपने दो Co-Founders Alan Mamedi और Nami Zarringhalam के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है. इन्हीं की वजह से अब यह कंपनी अपने नए-नए Features के कारण नई ऊंचाइयों को छू रहा है.

क्या Truecaller का उपयोग करना सही है?..

ये सवाल का जवाब आपको खुद से ही पूछना होगा क्योंकि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह ऐप आपका बहुत सारा Personal Data/Personal जानकारी आपके फ़ोन से निकालकर अपने पास अपने सर्वर (Server) में रख लेता है.

बहुत सारे Experts का ये कहना है कि बाद में आपके इन निजी जानकारियों को बड़ी-बड़ी कंपनी को बेच दिया जाता है और ये Truecaller के कमाने का एक जरिया है.

यहाँ आपको यह बताना काफी जरूरी है कि जब आप इस ऐप को डाउनलोड करते हैं तब यह बहुत सारी अनावश्यक Permissions भी आपसे ले लेता है जैसे- कैमरा, Microphone, Location, इत्यादि. इन Permissions के बाद यह बहुत ही आसानी से आपके निजी जानकारी को आपके फोन से ले सकता है.

By- Vipin99 Tech

Truecaller किस देश का ऐप है? और इसका मालिक कौन है- ट्रूकॉलर का बाप

यहाँ तक की जब आप इस ऐप को अपने फ़ोन में Install करते हैं तो ये आपके निजी Photos, Videos, Browser History, Location के साथ-साथ और आपकी और भी ढेर सारी Personal चीजों को देख सकता है.

अब आखिरी फैसला आपके ऊपर है कि आपको अपने निजी डाटा को किसी कंपनी को देना है या नहीं. अगर आपको इतना सारा Data दूसरी कंपनियों को देने में कोई हर्ज नहीं है तो इसे बेझिझक Use करें.

अगर आप अपने Personal Information को प्राइवेट रखना चाहते हैं तो इस ऐप को ना हीं Use करें.

Truecaller किस देश का ऐप है? और इसका मालिक कौन है- ट्रूकॉलर का बाप

आशा करता हूं आपको हमारे द्वारा दी गयी इस जानकारी से काफी मदद मिली होगी और अब आपको ये किसी से पूछने की जरूरत नहीं होगी कि Truecaller किस देश का ऐप है और Truecaller का मालिक कौन है?

FQA

Q.1 ट्रूकॉलर का मालिक कौन है?

Ans- Truecaller के मालिक Alan Mamedi और Nami Zarringhalam हैं. इनके सफल नेतृत्व की बदौलत ही आज यह कंपनी ऊँचाई के शिखर पर हैं और इसमे नए-नए फ़ीचर्स को जोड़कर पहले से अधिक सुविधाजनक बनाया जा रहा हैं.10 दिस॰ 2021

आप अपने विचार हमें नीचे Comment करके जरूर बताएं साथ ही Technology से सम्बंधित इसी तरह की जानकारियों के लिए Hindi Tarang पर आते रहें.

Q.2 सबसे अच्छा ट्रूकॉलर ऐप कौन सा है?

Ans- इसी कड़ी में अब भारत में कॉलर आईडी ऐप Truecaller को टक्कर देने के लिए देसी ऐप BharatCaller ने दस्तक दी है। इस ऐप के निर्माता का कहना है कि उनकी ऐप ट्रूकॉलर से कुछ मामलों में आगे हैं और यह ऐप भारतीयों को ट्रूकॉलर से बेहतर अनुभव देगी।27 अग॰ 2021

Q.3 क्या ट्रूकॉलर एप सेफ है?

Ans- दरअसल, स्वीडन की कंपनी ट्रूकॉलर ने कहा है कि वह डेटा सुरक्षा के सिद्धांतों का पालन करती है और भारत के साथ ही अन्य देशों में इसके बारे में नियमों का पूरी तरह समर्थन करती है. कंपनी मोबाइल फोन करने वाले व्यक्ति की पहचान बताने वाले ऐप का संचालन करती है.11 सित॰ 2022

Q.4 सबसे अच्छा ट्रूकॉलर ऐप कौन सा है?

Ans- इसी कड़ी में अब भारत में कॉलर आईडी ऐप Truecaller को टक्कर देने के लिए देसी ऐप BharatCaller ने दस्तक दी है। इस ऐप के निर्माता का कहना है कि उनकी ऐप ट्रूकॉलर से कुछ मामलों में आगे हैं और यह ऐप भारतीयों को ट्रूकॉलर से बेहतर अनुभव देगी।

Q.5 क्या ट्रूकॉलर एप सेफ है?

Ans- दरअसल, स्वीडन की कंपनी ट्रूकॉलर ने कहा है कि वह डेटा सुरक्षा के सिद्धांतों का पालन करती है और भारत के साथ ही अन्य देशों में इसके बारे में नियमों का पूरी तरह समर्थन करती है. कंपनी मोबाइल फोन करने वाले व्यक्ति की पहचान बताने वाले ऐप का संचालन करती है.11 सित॰ 2022

Q.6 Truecaller पता कैसे लगता है की कॉल आने वाली है?

Ans- अगर आपके स्मार्टफोन में TrueCaller ऐप इंस्टॉल है, तो आपने भी नोटिस किया होगा कि किसी कॉल के आने से पहले ही TrueCaller आपको 'incoming call by' का नोटिफिकेशन दिखाता है और कॉलर का नाम दिख जाता है। यह नोटिफिकेशन कॉल आने से करीब 3-4 सेकेंड पहले दिखता है और कुछ सेकेंड बाद कॉल कनेक्ट होने के साथ ही फोन बजने लगता है।

Q.7 Truecaller में नीले टिक का अर्थ क्या है?

Ans- Truecaller में Blue Tick इस बात का सबूत होता है कि जो व्यक्ति Call कर रहा ह वो कोई Scammer नहीं है और वा Call कोई Spam Call नहीं है।11 सित॰ 2022

अपने Android स्मार्टफ़ोन का अधिकतम लाभ उठाने के लिए आपको 10 सेटिंग्स बदलनी चाहिए https://ift.tt/AV14WnR अपने Android स्म...
03/11/2022

अपने Android स्मार्टफ़ोन का अधिकतम लाभ उठाने के लिए आपको 10 सेटिंग्स बदलनी चाहिए https://ift.tt/AV14WnR अपने Android स्मार्टफ़ोन का अधिकतम लाभ उठाने के लिए आपको 10 सेटिंग्स बदलनी चाहिए

10 settings you should change to get the most out of your Android smartphone

Vipin99tech

आधुनिक एंड्रॉइड स्मार्टफोन कई विशेषताओं, सेटिंग्स और विकल्पों के साथ आते हैं जो उपयोगकर्ताओं को उनकी आवश्यकता या आवश्यकता के अनुसार स्मार्टफोन का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करते हैं। हालाँकि, अधिकांश आधुनिक स्मार्टफ़ोन एक डिफ़ॉल्ट सेटिंग के साथ आते हैं जो आपकी आवश्यकताओं के लिए सर्वोत्तम हो भी सकता है और नहीं भी। हालाँकि, कुछ सेटिंग्स और विकल्प हैं जिन्हें आपको अपने फ़ोन से अधिकतम प्रदर्शन, बैटरी जीवन और उपयोग में आसानी प्राप्त करने के लिए अपने Android स्मार्टफ़ोन पर तुरंत बदलना चाहिए। पढ़ते रहिये:

​Enable Dark mode to improve ease of use and battery life

​उपयोग में आसानी और बैटरी जीवन को बेहतर बनाने के लिए डार्क मोड सक्षम करें हर आधुनिक स्मार्टफोन एक सिस्टम-वाइड डार्क मोड के साथ आता है। अगर आपके स्मार्टफोन में AMOLED पैनल है तो डार्क मोड को इनेबल करने से बैटरी लाइफ बेहतर होगी। साथ ही, डार्क मोड को सक्षम करने से कम रोशनी की स्थिति में उपयोग में आसानी होती है।

​​2. Disable auto screen brightness or adaptive brightness option

​ऑटो स्क्रीन चमक या अनुकूली चमक विकल्प अक्षम करें ऑटो-ब्राइटनेस फीचर के बारे में सबसे बड़ा मिथक यह है कि यह बैटरी लाइफ को अधिकतम करने में मदद करता है। हालांकि, इस फीचर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि तेज रोशनी में सबसे ज्यादा चमकदार स्क्रीन की पेशकश की जा सके। सीधे शब्दों में कहें, डिस्प्ले जितना तेज होगा, उतनी ही अधिक बैटरी की खपत होगी। इसलिए, बैटरी लाइफ को बेहतर बनाने के लिए डिस्प्ले के आधार पर स्मार्टफोन की ब्राइटनेस को लगभग 50% पर सेट करना आदर्श है।

3. Enable Battery optimisation

बैटरी अनुकूलन सक्षम करें लगभग हर स्मार्टफोन या तो बैटरी ऑप्टिमाइजेशन या एडेप्टिव बैटरी फीचर देता है। यह सुविधा मूल रूप से उपयोग की निगरानी करती है और बैटरी को स्वचालित रूप से अनुकूलित करती है। यह स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ को अच्छे मार्जिन से बेहतर बनाने में मदद करता है। यह लंबे समय तक बैटरी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।

​4. Delete the apps you don’t use

यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है कि आपके एंड्रॉइड स्मार्टफोन पर इंस्टॉल होने वाला लगभग हर ऐप रैम, स्टोरेज और बैटरी सहित कुछ संसाधनों की खपत करता है। साथ ही, इनमें से ज्यादातर ऐप समय पर नोटिफिकेशन दिखाने या तेजी से लोड होने के लिए बैकग्राउंड में भी चलते हैं। जिन ऐप्स का आप उपयोग नहीं करते हैं उन्हें अनइंस्टॉल करने से सिस्टम से लोड कम हो जाएगा और यह अंततः स्मार्टफोन के समग्र प्रदर्शन में सुधार करेगा।

​5.Keep your home screen clutter-free

एक साफ होम स्क्रीन का प्रदर्शन या बैटरी जीवन पर कोई सीधा लाभ नहीं होता है। यहां विचार आपके घर को व्यवस्थित या साफ रखने के समान है। इसी तरह, होम स्क्रीन को अव्यवस्था मुक्त और जरूरत के अनुसार व्यवस्थित रखने से यह सुनिश्चित होगा कि आपको जरूरत पड़ने पर सभी ऐप या चीजें मिल जाएंगी।

6. Enable automatic backup

आप नहीं जानते कि फोन में कब कुछ गलत हो जाए। स्वचालित बैकअप को सक्षम करने से यह सुनिश्चित हो जाएगा कि आपके पास अपने सभी महत्वपूर्ण डेटा जैसे फ़ोटो, वीडियो, संपर्क, संदेश आदि सुरक्षित हैं और इसे आप कभी भी प्राप्त कर सकते हैं। केवल ध्यान रखने वाली बात यह है कि Android उपकरणों पर डिफ़ॉल्ट बैकअप सुविधा सब कुछ बैकअप नहीं करती है। उदाहरण के लिए, आपको मैन्युअल रूप से व्हाट्सएप के लिए एक बैकअप विकल्प को सक्षम करना होगा। साथ ही, यदि आपके पास Google फ़ोटो नहीं है, तो आपको फ़ोटो और वीडियो का मैन्युअल रूप से बैकअप भी लेना होगा।

​7. Make changes to the Quick Settings panel

अपने स्मार्टफोन को खोने से बुरा कुछ नहीं है। इस मामले में, आपके पास एकमात्र मित्र Google का फाइंड माई डिवाइस फीचर है। इस सुविधा को सक्षम करने से आप अपने स्मार्टफोन को ट्रैक कर सकते हैं, उसका पता लगा सकते हैं, उसे मिटा सकते हैं और यहां तक ​​कि उसका पूरा बैकअप भी ले सकते हैं। ध्यान दें कि, यदि आप सैमसंग स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, तो कंपनी की अपनी फाइंड माई मोबाइल सेवा है और यह अन्य सुविधाएँ भी प्रदान करती है जैसे कि आपके स्मार्टफोन को अस्थायी रूप से लॉक करना, हालिया कॉल लॉग्स को पुनः प्राप्त करना और बहुत कुछ। सैमसंग स्मार्टफोन के मामले में आप android.com/find या findmymobile.samsung.com पर जाकर अपने एंड्रॉइड स्मार्टफोन को ट्रैक कर सकते हैं।

8. Make changes to the Quick Settings panel

एंड्रॉइड का क्विक सेटिंग पैनल किसी विशेष सुविधा को जल्दी से सक्षम या अक्षम करने के लिए वास्तव में काम आता है। उदाहरण के लिए, यदि आप ब्लूटूथ को सक्षम करना चाहते हैं, तो आपको केवल सूचना पैनल से दो बार नीचे की ओर स्वाइप करना होगा और ब्लूटूथ आइकन पर टैप करना होगा। एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं को आवश्यकताओं के अनुसार त्वरित सेटिंग्स विकल्पों को जोड़ने और पुनर्व्यवस्थित करने की अनुमति देता है।

​9. Enable Digital Wellbeing

डिजिटल वेलबीइंग उपयोगकर्ताओं को ऐप के उपयोग पर नज़र रखने की अनुमति देता है। इसे सक्षम करने से आप ऐप के उपयोग और दैनिक आधार पर प्रत्येक ऐप पर कितना समय व्यतीत करते हैं, इसका ट्रैक रख सकेंगे। डिजिटल वेलबीइंग फीचर में बेडटाइम मोड जैसी विशेषताएं भी शामिल हैं जो आपको सोने के लिए याद दिलाने के लिए एक निर्धारित समय पर स्क्रीन को स्वचालित रूप से ब्लैक एंड व्हाइट बना देती हैं।

​Link your Android smartphone to Windows via Your Phone app

नवीनतम एंड्रॉइड स्मार्टफोन आपके फोन समर्थन के साथ आते हैं जो उपयोगकर्ताओं को अपने फोन को विंडोज 10 और विंडोज 11 उपकरणों से जोड़ने की अनुमति देता है। स्मार्टफोन को विंडोज डिवाइस से लिंक करने से यूजर्स लैपटॉप और पीसी पर नोटिफिकेशन, कॉल और स्मार्टफोन की गैलरी तक पहुंच सकते हैं।

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