Ahmad Rais Khan ARK

Ahmad Rais Khan ARK I have born to be true, not to be perfect. I’m just human, I have weakness, I make mistakes and I exp

Die In desert or your home, thats the the choice given to Palestinians :: Mark Ruffalo
31/05/2024

Die In desert or your home, thats the the choice given to Palestinians :: Mark Ruffalo

Eid mubarak ...
10/04/2024

Eid mubarak ...

26/02/2024

Hindu kis nabi ki aulad hain.

24/02/2024

फितरी त़ौर पे इंसान आज़ाद नहीं ग़ुलाम पैदा होता है , वह अपने "रब" का ग़ुलाम होता है , यही ग़ुलामी उसे अशरफ़ुल-मख़लूक़ बनाती है लेकिन जैसे ही वह इस ग़ुलामी से बग़ावत करता है...इब्लीस और उसके कारिंदों के ज़रिए उचक लिया जाता है..
दुनिया में अफ़राद और क़ौमों के उरूज-ओ-ज़वाल का सफर इसी ग़ुलामी और बग़ावत की डोर पर त़य होता है।

अमेरिका की तरफ से..गाजा नरसंहार के लिये 15 बिलियन डाँलरयुक्रेन युध्द के लिये 65 बिलियन डाँलरताईवान युध्द के लिये 15 बिलि...
21/02/2024

अमेरिका की तरफ से..
गाजा नरसंहार के लिये 15 बिलियन डाँलर
युक्रेन युध्द के लिये 65 बिलियन डाँलर
ताईवान युध्द के लिये 15 बिलियन डाँलर दिये जाऐंंगे..

इस रकम को मंजूरी देने के लिये ये न्यूज प्लांट की गई थी के रूस अमेरिका के सेटेलाईट पर हमला करने वाला है..
इस रकम को मंजूरी देने के लिये ये माहौल बनाया गया के अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है इस लिये 95 बिलियन डालर की मदद देना अनिवार्य है..

इतिहास मे पहली बार ऐसा हो रहा है के अमेरिकी जनता अमेरिका की तरफ से किसी युध्द मे पैसा दिये जाने का विरोध सडको पर आकर कर रही है..

इस के पहेले ये होता था के अमेरिका और PR एजेंसियों की तरफ से झूठा प्रोपोगेंडा कर अमेरिकी जनता को किसी ना किसी देश से डराया जाता था फिर सर्वे के फेक आकडे प्रचारीत कर अमेरिकी जनता के टँक्स के पैसे किसी ना किसी युध्द मे झौंक दिये जाते थे..

अमेरिका को सैकडो सालो से जेओनिस्ट लाँबी आँपरेट करती आयी है और अमेरिका के माध्यम से दरोगा बनकर जेओनिस्ट ने 72 देशो सरकारे गिराई है , गृहयुद्ध करवाया है , अनार्की फैला कर किसी ना किसी बहाने से ऊन देशो यूरोप अमेरिका की सेना या नाटो की सेना घुसेड कर विश्व के दर्जनो देशो का विध्वंस शांती स्थापित करने के बहाने किया है..
मगर अमेरिकी जनता इनोसेंट होने की वजह से अपनी सरकार को समर्थन देती रही थी..
"वार फारएवर"

20/02/2024

योमे हशर में तीन लोग जिनको दुनिया शहीद मानती है |

19/02/2024

19/02/2024

मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेहेवसल्लम जुमा के खुतबे की शूरूआत उस वक्त के मौजूदा हालात , दिफा , तबलिग के लिये मुबल्लिग जैसी बातो से करते थे शरपसंदो की पेहचान अंडरलाइन करते थे..

19/02/2024

W.Hओ के साथ समझौते के बाद जेओनिस्ट नरसंहारी भयानक ऊपचार करेंगे..
मोदी या योगी जैसे लोग ही इस समझौते पर साईन करने का साहस कर सकते है..
जबरन घर से ऊठा ऊठा कर इलाज करने ले जाऐंगे..
कुछ ज्यादा ही इलाज करेंगे..
वापस लाऐंगे के नही ?
पता नही..
शायद C0रोना काल से ज्यादा भयानक इलाज होंगा..
मात्र 97 लाख की कुल जनसंख्या वाले जेवीश लोगो की आस्था के लिये इसाई जगत के शासक वैश्विक संस्थाए सभी नरसंहार के लिये ऊतारू है..
ऐसा करने के बाद हि ऊनका मसीह लुसीफर दज्जाल आऐंगा और इस के बाद यीशू मसीह आऐंगे इस वजह से मुठ्ठीभर जेवीश के भरोसे लग कर इसाई शासक वैश्विक नरसंहार कर रहे है..

अपने डेब्यू मैच कि दोनों पारियों में सरफराज खान नेअर्धशतक कि शानदार पारी खेली है,,,बहुत बहुत मुबारकबाद भाई
18/02/2024

अपने डेब्यू मैच कि दोनों पारियों में सरफराज खान ने
अर्धशतक कि शानदार पारी खेली है,,,
बहुत बहुत मुबारकबाद भाई

18/02/2024

शादियों में हमास और हुती के बयानों की डिमांड अबू उबैदा और याहया सारी .
🇵🇸

18/02/2024

पूछा : कूव्वत क्या है?

जवाब आया : जब दिल टुकड़े टुकड़े हो चुका हो और फिर भी तू ह़क़ के लिए स़ाबित क़दमी से खड़ा हो।

सच को स्वीकार करे.. ये मच्छर लँब मे पैदा कर विश्वभर मे छोडे गए है..वजह मुर्ख आस्था है ? ये दस बिस लाईने काँपी पेस्ट कर स...
18/02/2024

सच को स्वीकार करे.. ये मच्छर लँब मे पैदा कर विश्वभर मे छोडे गए है..वजह मुर्ख आस्था है ? ये दस बिस लाईने काँपी पेस्ट कर सुरक्षित रख ले..घटनाए देख कर बिंदुओ को जोडते रहे..

विश्व की 800 करोड जनसंख्या मे से 750 करोड का सफाया करने के बाद जुईश संत/मसीह लुसीफर दज्जाल आऐंगा ऐसी जुईश आस्था और ऊसी के लिये बहाने बना बना कर भविष्य मे नरसंहार होते रहेंगे..

टाईमिंग ऐसी है के जुईश मसीह के आगमन के बाद ही यीशू मसीह का फिर से पृथ्वी पर आगमन होना है ऐसी इसाई जगत की आस्था है..

जुईश जेओनिस्ट इसाई जगत के शासको को (जनता को नही) ये विश्वास दिलाने मे सफल हो गए है के जुईश मसीह लुसीफर आने के बाद ही यीशू मसीह का पृथ्वी पर आना मुमकिन है..

और लुसीफर के आगमन के लिये विश्वभर की 750 जनसंख्या का करोड का सफाया (ग्रेट रिसेट) जरूरी है इस वजह से जुईश जेओनिस्ट सैकडो साल पहेले से इसाई जगत के ऊस समय के शासको से लेकर अब तक के शासको को विश्वभर के अघोषित नरसंहार करने के कार्यक्रम मे शामिल कर चुके है.. बहाने बना बना कर नरसंहार होते आए है..

बाद मे युनाइटेड नेशन की सभी समितियां , वर्ल्ड इकानामिक फोरम (WEF) , वर्ल्ड बँक , FATF , पर्यावरण संस्थाए सभी सभी विश्वस्तर की संस्थाए इस मे शामिल है और संस्थाओ , मिडिया के माध्यम से , सायंटिस्ट , एक्सपर्ट को खरीदकर भ्रम फैलाते हुवे दनदनाते हुवे नरसंहार का काम जारी है..

विश्व के हर एक देश मे अपनी पसंद का शासक सत्ता पर बिठाने की क्षमता जेओनिस्ट ताकतो के पास है..

इस वजह से विश्वभर के शासको को सत्ता पर बैठने की मजबूरी मे अपनी ही जनता का नरसंहार करना पड रहा है..

विश्व भर की विपक्षी पार्टियां भी इन्ही जेओनिस्टो के कंट्रोल मे है..

बात ना मानने पर कुछ शासको की लाश मिलती है या आरोप लगा कर जेलो मे डाल कर ऊसी देश की अदालतो द्वारा सजा सुना दी जाती है..
C0.रोना महामारी , ँक्सीनेशन भी इसी नरसंहार का हिस्सा है अब प्रदूषण के नाम से भयानक काम होने वाले है..
विश्वभर के आसमानो मे विषैले रसायन छिडके जा रहे है.. हार्प टेक्नोलॉजी के जरीये दुनिया हिला हिला कर भूकंप करवाए जा रहे है, बारीश को ऐन मौके पर रोका जाता है तो कही बादल फाड कर बाढ से फसले , जमीन बस्तीया बहा दी जाती है..
इसे नैसर्गिक आपदा बतला कर विश्व समुदाय को ये समझाया जाऐंगा के पृथ्वी को संकट से बचाने के लिये पृथ्वी रहेने वालो का सफाया करना जरूरी है..
इस तरह के प्रचार से प्रभावित होकर लोग ये समझेंगे के हमारा नही दुसरे लोगो का सफाया होना है और हर कोई ऐसा ही समझेंंगा फिर अधिकृत तौर पर सभी का सफाया होना है..

विश्व 750 करोड जनता को खतरा 97 लाख जुईश जेओनिस्टो की मुर्ख आस्था की वजह से है..
और इन मुठ्ठीभर लोगो को रोकना ना मुमकिन है क्यो की विश्व की सभी सभी यंत्रणा जेओनिस्ट के कब्जे मे है..

कृपया इस सच्चाई को और प्रोजेक्टेड पिक्चर को याद रखे..

अफगानिस्तान मे ईरान के राजदूत ने कहा है के अफगानिस्तान के लडाके लडने के लिये तैयार है मुनासिब वक्त पर हम ऊन्हे भेजेंगे.....
13/02/2024

अफगानिस्तान मे ईरान के राजदूत ने कहा है के अफगानिस्तान के लडाके लडने के लिये तैयार है मुनासिब वक्त पर हम ऊन्हे भेजेंगे..

भेजेंगे का मतलब ये हो सकता है के गज़ा तक जाने के लिये रास्ता देंगे..

ईरान से इराक फिर सीरिया या लेबनान से इस्त्राईल मे एंट्री ?

ईरान समर्थक देशो से होकर इस्राईल..

नेअमतुल्लाह शाह वली की पेशनगोई के मुताबिक खुरासान से काले झंडो वाला लचकर निकलेगा और कोई भी ऊन्हे रोक नही पाऐंगा और वो बैतूलमक्दस फतह करेंगे ..
और बेतूलमक्दस से हुक्म होंगा के फला फला मुल्क के हाकिमो को जंजीरों मे जकड कर पेश किया जाए..

*आखरी पँरेग्राफ का ताल्लूक वतन ए अज़ीज़ से है*..

खुरासान - प्यारे नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दौर मे खुरासान उस इलाके को कहा जाता था ,जिस मे आज का आधा अफगानिस्तान है
कुछ इलाका ईरान का है
कुछ इलाका उन मुल्को का है जो रूस से अलग हुवे है जैसे बाँक्सर खबीब का मुल्क , रमजान कादिरोफ के मुल्क का इलाका इन दोनो के इमान की शिद्दत उन के इलाको मे जरूर होंगी..

हदीस मे भी खुरासान का इस बारे मे जिक्र है..

खुरासान के बगैर बैतूलमक्दस आजाद हो ही नही सकता..

बाकी सभी बाते युट्यबर्स की दुकान का माल है..

13/02/2024

नौबत यह आ गयी कि जायनिस्टों को अब जादू टोने और शैतानी अमल का सहारा बाकी है ......
लेकिन क्या आप इसे हल्के में ले रहे हैं ? या इसे कोई मामूली अंधविश्वास या शैतानी अमल समझते हैं
फिर आप दुनिया के सबसे खतरनाक क़दीम तरीन जादू की पुर असरार तारीख़ से अनजान हैं
कुछ तहक़ीक़ करने वाले इसकी शुरुआत #बेबीलोनिया सिविलाइजेशन से जोड़ते हैं , लेकिन इसके नुमायाँ सुबूत हज़रत मूसा अलै. के दौरे नवुब्बत या उससे पहले #मिस्र में मौजूद थे ,,
यह बात गैर मुमकिन नहीं है कि हज़रत मूसा अलै. की पैदाइश और फ़िरऔन के कत्ल की भविष्यवाणी करने वाले कबाला जादूगर थे , मशहूर ज़माना सामरी जादूगर भी कबाला के सिफली इल्म में माहिर था और मूसा अलै. के सामने लकड़ी का सांप बनाने वाले भी कबाला इल्म रखते थे ।
जब मूसा अलै. बनू इस्राइल को अपने साथ यरूशलेम से मिस्र ले गए तब बनू इस्राइल इस इल्म में अहले मिस्र से भी बहुत आगे निकल गए ,

कबाला जादू की तहक़ीक़ और इल्म पर किताबें लिखी गईं , जो कि बनू इस्राइल के नज़दीक मुक़द्दस क़िताबों का दर्जा रखती थीं , इसके माहिरीन ने वक़्तन फ वक़्तन कबाला की मदद से न जाने कितने मक़सद अचीव किये गए होंगे
मिडिएवल टाइम में जब मुसलमानों के ख़िलाफ़ क्रुसेड जंगों का आगाज़ हुआ तब 1153 में " नाइट टेम्पलर्स" नामक तारीख के खतरनाक क्रूसेड योद्धाओं के संगठन बना , इसका संस्थापक " ह्यूज डी पेन्स " और पहला ग्रांड मास्टर " बर्नाड डी ट्रेमले " जिसके नेतृत्व में सबसे पहली जंग एस्केलन क़िले (मिस्र) की घेराबंदी थी ........... नाइट टेम्पलर्स की दो विंग थीं एक जंगजू थे और दूसरे वह आलिम थे जो इनकी रुहानी जरूरतों को पूरा करते थे ,
इनका एक मक़सद कबाला जादू मुक़द्दस किताबों को वापस हासिल करना था जो कि यूनानी हमले में टेम्पल ऑफ सोलेमान के मलवे में दफ़न हो गयी थीं
क्रुसेडर्स के फिलिस्तीन फ़तेह के बाद नाइट टेम्पलर्स ने यरूशलेम के टेम्पल माउंट पर अपना हेडक्वार्टर बनाया और सम्भताः किताबों को हासिल कर लिया था .....

नाइट टेम्पलर्स योरोप में मक़बूल और आकूत दौलत और ताक़तवर जमा कर चुके थे कि योरोपीयन राजाओं को भी ख़तरा महसूस होने लगा था ।
इनका एक बैंकिंग सिस्टम था , रूहानी तहक़ीक़ की ज़मींदोज़ प्रयोगशालाएँ थीं , जंगजू , हसीश और राजाओं को वश में करने लिए हसीन तरीन माहिर औरतें थीं ।

फ्रांस किंग फिलिप lV मौके की तलाश में था और मौका पाते ही पॉप क्लीमेंट द्वारा 18 मार्च 1314 ई को नाइट टेम्पलर्स संगठन को शैतान की पूजा , विधर्मी घोषित करके भंग कर दिया और जिंदा जलाने के आदेश जारी कर दिए ।
लिहाज़ा ग्रांड मास्टर जैक्स डी मोले और जिओफ्रोई डी चर्नी दोनों को ज़िंदा जला दिया गया ।
डी मोले की आखरी इच्छा थी कि उसे जलाने के लिए जब बांधा जाए तब उसके दोनों हाथ खुले हो , और जब उसे जलाया गया तब उसने दोनों हाथ जोड़कर यह श्राप दिया कि किंग फिलिप और पॉप क्लीमेंट दोनों एक साल के अंदर मर जायेंगे , मैं जल्द ही इनसे अपने खुदा के सामने मिलूंगा , और ऐसा ही हुआ , दोनों की एक साल के अंदर मौत हो गयी ......

आम नाइट टेम्पलर्स को सादा जिंदगी गुजारने के वादे के साथ माफी दे दी गयी ,, सारी सम्पत्ति जब्त करली गयी ...... लेकिन अगले बीस साल के अंदर वह रहिसस्य मय तौर पर तरक़्क़ी कर गए ।
वह बज़ाहिर कोई संगठन नहीं हैं , लेकिन कई इंटरनेशनल तहक़ीक़दान का यह दावा महफूज़ है कि काबाला जादूगर जो कि मिडिएवल नाइट टेम्पलर्स थे , अब IMF और संगठित रूप से फ्रीमेशनरी के तौर पर मौजूद हैं ।
इलूमेनिटी , IMF , फ्रीमेशनरी के वज़ूद और शैतानी अज़्म को भले बेश्तर लोग एक इल्यूजन या डिस्प्यूट मानते हों ।
लेकिन काबाला जादू और नाइट टेम्पलर्स की पुख़्ता और तर्क सम्मत हिस्ट्री मौजूद है ,

सेहुनी मोस्ट वान्टेड " यहिया सिनवर" के खिलाफ शैतानी अमल काबाला जादू करते हुए एक रील वाईरल हुई , ... जिससे यह रूहानी और शैतानी हिस्ट्री एक्सप्लोर करने का मौका मिला , जिसकी बाक़ायदा तारीख है और जो मौजूदा सिविलाइजेशन के पैरलल आज भी चल रही है ।

लेकिन अय्यूबी रह. की क़यादत में जब मुसलमानों ने फिलिस्तीन फ़तेह किया तब तारीख़ ने काबाला जादू के माहिरीन की लाशों को चील कौओं को खाते देखा है ,,
1189 में सलाहउद्दीन रह. ने ग्रांड मास्टर " जेरार्ड डी राइटफोर्ड " का सर काट कर यह पैग़ाम दे दिया कि अल्लाह के सिपाह इन जादुगरों के शैतानी असरात से पाक हैं| तसनीम नाजिम गाजी|

10/02/2024

ज़्यादा कुछ नही | bsss

10/02/2024

जब क़ौमें ज़वाल-पज़ीर होती हैं तो उनमें नजूमी , भिखारी , मुनाफ़िक़ , ढोंगी , चुग़लख़ोर , दिरहम वा दीनार के बदले फ़त्वा और फ़िक़ः बेचने वाले , झूठी रवायतें गढ़ने वाले , चापलूस शायर , भोंडी आवाज़ वाले गायक , ग़ूंडे मवाली , ख़ुशामदी , मौक़ापरस्त सियासतदान , त़ंज़ और छींटाकशी करने वाले और अफवाहें फैलाने वाले मुसाफ़िरों की बहुतायत हो जाती है।

और जब रियासतें तबाह होती हैं तो हर तरफ दहशत फैलती है , लोग गिरोहों में पनाह ढूंढने लगते हैं , अफवाहें फैलती हैं , चमत्कार ज़ाहिर होने लगते हैं , बिना मक़स़द की बहसें होने लगती हैं , दोस्त दुश्मन और दुश्मन दोस्त में बदल जाता है , बात़िल की आवाज़ बहुत बुलंद हो जाती है , ह़क़ की आवाज़ दब जाती है , मशकूक चेहरे ज़्यादा नज़र आते हैं और मिलनसार चेहरे सतह़ से ग़ाएब हो जाते हैं , हौस़ला बढ़ाने वाले नायाब हो जाते हैं , उम्मीदें दम तोड़ने लगती हैं , अक़लमंद लोग बेगाने हो जाते हैं , लोगों की निजी पहचान ख़त्म हो जाती है , जबकि जमात गिरोह और फ़िरक़े उनकी पहचान बन जाते हैं।

(तारीख़ के बाबा आदम "इब्न-ख़ुल्दून" के मुक़दमा से मा'ख़ूज़)

सवाल ; इनमें से कोई एक चीज़ बताइए जो आज हमारे बीच मौजूद नहीं , आपकी अक़्ल का इम्तेह़ान है?? ~अबु फारिस अल-अंसारी~

10/02/2024

दुनिया के बड़े लोकतांत्रिक देशों में पाकिस्तान इकलौता मुल्क बाक़ी है जहां अभी भी अमेरिका और ब्रिटेन ही सत्ता के ग़ुलाम त़य करते हैं , वरना अमेरिका में अब इतना भी दम नहीं रहा कि वह बंग्लादेश बर्मा और मलेशिया वग़ैरह जैसे छोटे देशों में मनमाफ़िक़ सत्ता त़य कर ले...
विश्वगुरु तो 2019 में ही चीन के हाथों में चला गया था..अमेरिका की दाल यहां आख़िरी बार 2014 में गली थी..आगे कोई उम्मीद भी नहीं! ~अबू फारिस अल-अंसारी~

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