Like to Support Rajsamand.. राजसमंद एक ऐसा जिला हे, जहा भगवान
द्दारिकाधीश, श्रीनाथ जी, चारभुजानाथ ओर परसराम,
का ऐतिहासिक मंदिर हे, ओर यह वही श्रेत्र हे
जहा पांडवो ने माता कुंती के साथ वनवास का वक्त
यही व्यतीत किया था आज भी फरारा गांव मे
जहा माता कुंती द्दारा स्थापित शिवलिगं हे
जो पांचो पाडंव आराधना करते थे, आपको पता हे
दोस्तो महाभारत मे गटोरगच्छ का नाम
सुना होगा उसका जन्म इसी श्रैत्र मे हुआ
था, उन
की माता का नाम (हडुंबी) जो अपने इसी इलाके मे
रहती थी, भाइयो यह वही श्रेत्र हे जहा महाराणा कुंभा ने
कुंभलगढ बनवाया जो आज देश विदेश मे अपने राजसमंद
का नाम रोशन कर रहा हे, यह वही श्रैत्र हे जिनका नाम
रामायण मे सुना होगा मेवाड के अमरनाथ भगवान परसुराम महादेव का मंदिर राजसमंद की धरती पर बना हुआ हे , ओर भाइयो आपने यह स्थान आपने बहुत कम
सुना होगा उसका नाम हे जलदेवी माता (सांसेरा)
जहा महाराणा प्रताप ने बादशाह अकबर की मुछ काट
दी थी यह वही राजसमंद हे, भाइयो 1857
की क्रांती को रकमगढ का छापर व वंहा बना हुआ रुकमण
बाई का महल ओर कोठारिया का ऐतिहासि गढ को देखकर दिल दहल जाता हे ओर क्या बताउ दोस्तो राणा प्रताप की रण भुमी हल्दीघाटी का नाम सुनते ही दिल कांप
जाता हे ऐसी वीरो की भुमी को सो बार नमन करता हु,
भइयो राजसमंद के आमेट के पास कमेरी गांव जहा पन्नाधाय रहती थी उसने अपने सपुत्र चंदन को बलीदान कर दिया, ओर उदयसिह को बचा लिया सुना हे, भाइयो अपने राजसमंद पर मुझे गर्व हे (जय जय राजसमंद) राजसमंद वही श्रेत्र हे जो देश के दुश्मनो से लोहा लिया था,।
1857 की क्रांती मे भी राजसमंद पिछे नही हे,गवालियर से अग्रेंजो की फोज ने तात्या टोपे का पिछा किया था ओर
तात्या टोपे राजसमंद के कोठारिया गाव के साहसी ठाकुरो ने उनको शरण दी उसके बाद अग्रेंजो को खदेडने के लिए यही से सेना बनाई ,ओर (रकमगढ के छापर) मे महासंग्राम हुआ लहु से धरती लाल हो गई
हजारो लोगो ने अग्रेंजो की फोज का सामना करते करते
देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए,। ओर दोस्तो यह वही श्रेत्र हे।
हल्दीघाटी मे दिल्ली के बादशाह अकबर ओर वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप के बिच युध हुआ , यह
वही राजसमंद की धरती हे जो मुगंलो को दिल्ली जाने पर
मजबुर किया ।