22/07/2024
*टर टर मैं हु बरसाती मेंढक , पहचाना मुझे*
आम तौर पर बरसात के मौसम में ही ज्यादातर मेढ़क देखने और उनकी टर टर आवाज सुनने को मिलती है , खैर ऐसा उन्हें प्रकृति ने बनाया है यह हम सभी जानते हैं परंतु जिन्होंने अपनी प्रकृति बदल कर बरसाती मेढक की कर ली हो उनका क्या ?
आम तौर पर बरसाती मेढक शब्द आज के समय में एक कहावत सा बन गया है , लगभग सभी क्षेत्र में इस तरह के लोगो की भरमार है.... परंतु जहा सबसे ज्यादा ऐसे बरसाती मेढक देखने को मिलते हैं वह क्षेत्र राजनीति है.... चुनाव के मौसम में राजनीति के बरसाती मेढको की खूब टर टर आवाज सुनने को मिलती है और उन्हें देखा भी जा सकता है और मौसम खत्म होते ही वे फिर अपने अपने बिल में मानो घुस जाते हो....
*खैर जनता अब काफी जागरूक हो गई है वह अब यह जानने लगी है की कौन जमीन पर उतर कर काम करता है और कौन हवाई बाण छोड़ता है, परंतु ऐसे में यह राजनैतिक दलों की भी जिम्मेदारी है कि वे ऐसे बरसाती मेढ़को को चिन्हांकित कर बखूबी समझे*
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*✍️✍️बवाल पाण्डे ✍️✍️*