Music Craze with Gunja Srivastava

Music Craze with Gunja Srivastava Hello guys, Like the page for listening old songs, motivational videos and family vlogs.

01/12/2024

In this vlog, I sit down and have a heart-to-heart with my amazing subscribers. We discuss everything from life updates to plans for future content. Join the conversation and get to know me better as we connect on a personal level. Watch now and feel like a part of the community! Watch now! fans अरशिता

Good night my family. Vlog live h mere YouTube channel par
01/07/2024

Good night my family. Vlog live h mere YouTube channel par

05/05/2024

Vlogger Neha आयी मेरे घर lunch के लिए । special dish for my special friend ❤️🥗🍚🍱🍧🫕🥘 vlog # views # friendship

आप सभी को हनुमान जन्मोत्सव की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
23/04/2024

आप सभी को हनुमान जन्मोत्सव की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

15/04/2024

As an influencer (आख़िर क्यों मुझे ये बोलना पड़ा # respect

30/03/2024

कैसे हुआ कुछ समझ में नहीं आ रहा है?

जब मिलती हैं सहेलियां ।उफ्फ! कितना हंसती हैं,गालों में दर्द होने लगता है,क्योंकि आदत नहीं रही ना,बेवजह खिलखिलाने की।जब म...
11/02/2024

जब मिलती हैं सहेलियां ।
उफ्फ! कितना हंसती हैं,
गालों में दर्द होने लगता है,
क्योंकि आदत नहीं रही ना,
बेवजह खिलखिलाने की।

जब मिलती हैं सहेलियां,
कितनी जोर जोर से बोलती हैं।
शोर सा मच जाता है,
क्योंकि आदत नहीं रही ना ,
बात करने की।

जब मिलती हैं सहेलियां,
बस एक दूजे के चेहरे और,
सेहत की ही बात करती हैं।
क्योंकि आदत नहीं ना ,
खुद को आइने में निहारने की।

जब मिलती हैं सहेलियां,
कितनी हल्की हो जाती हैं,
उड़ेल कर अपनी दुविधाएं एक दूजे पर,
पूरे अधिकार और विश्वास से।
क्योंकी अब वक्त नही है ना
किसी के पास उनकी परेशानी जानने का।

जब मिलती हैं सहेलियां,
कितनी रौनक अा जाती है चेहरे पर।
हल्की फुल्की सी , उड़ती उड़ती, गुनगुनाती,
वापस आती हैं अपने अपने घर।
देखकर उन्हें लोग जल भुन जाते हैं।
कहते हैं "ओफ्फो!आखिर क्यों मिलती हैं
ये सहेलियां?"
क्यों मिलती हैं ये सहेलियां।
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷

24/01/2024

#तेल वाली जली हुई कढ़ाई को कैसे साफ करें??

इतना आसान कहाँ था गृहिणी होना😊चलती कलम छोड़ झाडू घसीटनादूध की मलाई खाना छोड़मक्खन के लिये बचत करनादुपट्टे से उम्र के सम्ब...
12/01/2024

इतना आसान कहाँ था गृहिणी होना😊
चलती कलम छोड़ झाडू घसीटना

दूध की मलाई खाना छोड़
मक्खन के लिये बचत करना

दुपट्टे से उम्र के सम्बंध जोड़ना
कभी साड़ी में घसीटना

कभी चुनरी खीसकने से संभालना
किताबें छोड़
गृहस्थी पढ़ना

एक एक फुल्का गोल सेंकना

सहेलियाँ छोड़
दीवारों से बात करना

चुप रहना
मस्तियाँ भुला
बड़ी होने का ढोंग करना

झुमकियों से कानों का बोझ मरना
घूंघट में खुद को गुनहगार समझना

पीला रंग उड़ा कर*
तुम्हारी पसंद पहनना

हाथ की घड़ी उतार
खनकती चूडियाँ पहनना
पायलों का पैरों में चुभना

कपड़ों के साथ सपने निचौड़
धूप में सुखाना
रोज सुबह जल्दी उठना
अपनी फिक्र छोड़
सबकी सुनना

मैथ के सवाल करते करते
अचानक दूध के हिसाब करना
इतना आसान कहाँ था गृहिणी होना

नया साल और नई सोच के साथ सभी प्रियजनों को  नए  साल की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।  🙏🙏🙏               ✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨            ...
03/01/2024

नया साल और नई सोच के साथ सभी प्रियजनों को नए साल की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 🙏🙏🙏 ✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨ मैं अब किसी को अपने जीवन से जाने से नहीं रोकती। जो जाना चाहता है उसे कोई भी दलील दे कर रुक जाने को मजबूर भी नहीं करती।
एक वक्त था जब किसी अज़ीज़ के चले जाने के अहसास भर से ही दिल दहक जाता था। रोते, चीखते-चिल्लाते और उनके सामने गिड़गिड़ाने से भी पीछे नहीं हटती थी।
ऐसा लगता था की उनके जाने के बाद जीवन में कुछ और बचेगा ही नहीं, लेकिन धीरे-धीरे वक्त बीतने के साथ कई ठोकरें खाने के बाद ये समझ आने लगा की हमारे जीवन में आने और जाने वाले लोग हमारे जीवन का मात्र एक हिस्सा भर है पूरा जीवन नहीं।
अब मैं जाने वालों को वास्ता देकर रोकती नहीं, बल्कि उन्हें रास्ता देकर उनकी मुश्किल आसान बना देती हूं।
बहुत से लोग समझ रहे होंगे कि मैं समझदार हो गई हूं, लेकिन मुझसे पूछे तो मैं कहूँगी की मैं अब थोड़ी चालाक और कठोर हो गई हूं।
जीवन में आए कई उतार-चढ़ाव ने कब मेरी मासूमियत छीन ली उसका एहसास ही नहीं हुआ।

कितनी चालाकी से वक्त मासूमियत छीन कर समझदारी का झोला थमा देता है हमें।

उन पर आकर ठहर जाती है ये आँखें,बस कुछ यही तक सीमित है मेरा संसार।❤️❤️
26/12/2023

उन पर आकर ठहर जाती है ये आँखें,
बस कुछ यही तक सीमित है मेरा संसार।❤️❤️

15/12/2023

हमारी दोस्ती हमेशा याद आएगी, कभी चेहरे पर हंसी कभी आंसू  लाएगी। भुलना भी चाहोगे तो कैसे भुलाओगे, हमारी कोई तो बात होगी ज...
14/12/2023

हमारी दोस्ती हमेशा याद आएगी,
कभी चेहरे पर हंसी कभी आंसू लाएगी।
भुलना भी चाहोगे तो कैसे भुलाओगे,
हमारी कोई तो बात होगी जो
आपको हमेशा याद आएगी।❤️❤️❤️ friends forever ❤️❤️❤️

हो सकता है... मैं कभी प्रेम ना जता पाऊं तुमसे..लेकिन कभीतुम्हे देर हो रही हो ऑफिस के लिएऔर मैं आलू का पराठा लिए तुम्हे ख...
14/12/2023

हो सकता है... मैं कभी प्रेम ना जता पाऊं तुमसे..
लेकिन कभी
तुम्हे देर हो रही हो ऑफिस के लिए
और मैं आलू का पराठा लिए तुम्हे खिलाने को भागूँ तुम्हारे पीछे पीछे तो..
समझ जाना तुम..

तुम्हारी फाइल्स, वॉलेट, रुमाल.. गाड़ी की चाभियां
जब मिल जाये तुम्हे एक जगह व्यवस्थित तो
समझ जाना तुम...

जब तुम्हारी छोटी सी नाराजगी पर नम हो जाये मेरी आँखें
तो उन आंसुओ को देखकर
समझ जाना तुम...

तुम्हारा मनपसन्द खाना जो मुझे बनाते नही आता था..
कभी मेज़ पर सजा हुआ देखो तो
समझ जाना तुम...

तुम घर से दूर हो और मैं हर थोड़ी देर में..
किसी अजीबोगरीब बहाने से करती रहूँ तुम्हे कॉल तो
समझ जाना तुम...

कोई बुजुर्ग जब हमें दे "जोड़ी बनी रहे" का आशीष
उस वक़्त मेरी मुस्कुराहट को देखकर
समझ जाना तुम...

तुम हो उदास ..परेशानपरिस्थिति ना हो हमारे अनुकूल
तब मैं बिना कुछ कहे रख दूँ तुम्हारे हाथ पर अपना हाथ तो समझ जाना तुम...

कहीं बाहर जाना हो हमे
और मैं पहनूं तुम्हारे दिलाये हुए पसन्दीदा झुमके तो
समझ जाना तुम....

तुम्हे देखते हुए कभी लिखूं कोई ग़ज़ल ..
तो उसमें अपने ज़िक्र को पढ़कर
समझ जाना तुम...

यूं ही कभी हो जाये हमारी अनबन
और मैं गुस्से में कह दूँ कि नही करती तुमसे प्यार..
तो मेरे कांपते होंठो को देखकर
समझ जाना तुम....

हो सकता है मैं कभी प्रेम ना जता पाऊं तुम्हे...❤️❤️

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