01/01/2025
मेर समाज 3 गौत्रंतार वंश मे बांटे गए इस के प्रत्येक वंश (जिसे शाखा के रूप में भी जाना जाता है) को विभिन्न छोटे-बड़े कुलों को भी वितरित किया जाता है, जो विभिन्न गांवों में फैले इनमें से कुछ कुलों ने खुद गांव के नाम के आधार पर गांव की पहचान शुरू की। इन 4 वंशजों में से चार अपनी अधिक जनसंख्या, जमीनदार और ऐतिहासिक महत्व के कारण मेहर समाज के लिए महत्व रखते हैं। ये चार वंशज केशवाला, सिसौदिया, ओडेदरा (सुमरा), और राजशाखा (खूंटी) हैं, जिनके पूर्वज पोरबंदर क्षेत्र के गांवों (जिसे बरडा क्षेत्र कहा जाता है) में बड़ी संख्या में रहते थे।
अन्य दस वंशज परमार, वाघेला, चुडासमा, चौहान, भट्टी, वडा, जाडेजा, सोलंकी, चावड़ा और वाढेर हैं। राणावव, कुतियाना क्षेत्र (घेड क्षेत्र सहित) के निम्न क्षेत्रों में बहुतायत में रहने वाले
राजपूत मेर वंश
केशवाला (सूर्यवंशी)
उप शाखाएं: एंट्रोलिया, अरडा, रातड़िया, बुडा, भेटानिया, बगोदरा।
सिसौदिया (सूर्यवंशी)
उप शाखाएं: मोढवाडिया, गोढनिया, खिस्तरिया, राणावाया, कुचड़िया, हडलिया, पस्तरिया।
राजशाखा (सूर्यवंशी)
उप शाखाएं: खूंटी, करावदरा, गोरनिया, सुंडावदरा, बोखीरिया, सेलोट, सेलार, जेठवा, मोडेदरा, सुरिया, परिया।
ओडेदरा (जिसे सुमरा भी कहा जाता है) (अग्निवंशी)
उप शाखाएं: विसाना (अन्य जी, मोखरा, लाला आदि। 5 उप शाखाएं अब ओडेद्रा ही लिख रही हैं। )
परमार (अग्निवंशी)
उप शाखाएं: महियारिया, बल्लेजा, मंडेरा, पाटा, गोरसेरा, चंदेला
जडेजा (यदुवंशी)
उप शाखाएं: कदचा, तरखला, रतिया, कडेगिया।
वाला (सूर्यवंशी)
उप शाखाएं: मुलियासिया, आगठ, बापोदरा, अमर।
चौहान (अग्निवंशी)
उप शाखाएं: गर्रेजा।
वाढेर (सूर्यवंशी)
उप शाखाएं: सिन्धल, दासा, सुत्रेजा, शर्मा।
चावड़ा (चन्द्रवंशी)
उप शाखाएं: कोडेड
चूडासमा (यदुवंशी)
उप शाखाएं: बाघ
सोलंकी (अग्निवंशी)
उप शाखाएं: टिम्बा, दिवानिया, सिडा, भोगेसरा,
वडार (चन्द्रवंशी)
भट्टी (यदुवंशी)
उप शाखाएं: प्रेतवाधित।
पढियार (अग्निवंशी)
उप शाखाएं : थपलिया
@टॉप फ़ैन Maher Kana Hiral Kuchhdiya Go for the best with Raju Bhagirth Khistariya તુ મને સમજ હુ તને સમજુ " Mahi Odedra