Naye Pallav Manthan

Naye Pallav Manthan ‘नये पल्लव मंथन’ पत्रिका पूर्णतः रंग?

25/01/2025

अब व्हाट्सएप पर जुड़ सकते हैं --

25/01/2025
सभी साथियों को नववर्ष मंगलमय हो!
31/12/2024

सभी साथियों को नववर्ष मंगलमय हो!

साथियों, इसी अगस्त माह में प्रकाशन ने अपना 8 साल पूरा कर लिया। अगले माह हम नौवें वर्ष में प्रवेश कर जायेंगे। हमारी यह या...
01/08/2024

साथियों, इसी अगस्त माह में प्रकाशन ने अपना 8 साल पूरा कर लिया। अगले माह हम नौवें वर्ष में प्रवेश कर जायेंगे। हमारी यह यात्रा बिना आपके सहयोग के संभव नहीं थी। इस शानदार यात्रा पर आप सभी का आभार।
Naye Pallav Publication
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नये पल्लव 21
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रचनाएं आमंत्रित हैं ... भेजने से पहले कृपया पढ़ लें -
1. इस अंक के लिए आप कहानी, लघुकथा, व्यंग्य आलेख, संस्मरण, यात्रा वृतान्त, कविता, आदि भेज सकते हैं। सिर्फ मौलिक रचना ही भेजें।
2. पूर्व प्रकाशित कहानी एवं व्यंग्य आलेख पर भी विचार किया जाएगा, लेकिन हर हाल में मौलिक हो।
3. सबसे पहले यह लिखें -- प्रमाणित करता/करती हूं कि रचना मौलिक है। रचना की जगह शीर्षक लिखें। इसके बाद अपना नाम, पूरा पता, मोबाइल नंबर। रचना के साथ एक तस्वीर अवश्य संलग्न करें।
4. रचना कृतिदेव में टाइप कर वर्ड फाइल में दिए गए ई-मेल पर ही भेजें। रचना के साथ शीर्षक अवश्य दें।
5. रचना का प्रकाशन पूर्णतः निःशुल्क है।
6. पसंद किए जाने पर ही रचना प्रकाशित की जाएगी। जो रचना ‘नये पल्लव’ में प्रकाशित होगी, उसे प्रकाशन के वेबसाइट पर भी स्थान दिया जाएगा।
7. रचना स्वीकृत होने पर आपको ई-मेल पर ही जानकारी दी जाएगी। इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है। अतः इस संबंध में जानकारी के लिए फोन, ई-मेल या व्हाट्सएप ना करें।
8. रचना प्रकाशित होने पर आपको ‘नये पल्लव’ की प्रति नहीं भेजी जाएगी, बल्कि एक लिंक भेजा जाएगा, जहां से आप अपनी प्रति 200 रुपए में मंगा सकते हैं। सीधे सरल शब्दों में कहें तो आपको अपनी प्रति ऑनलाइन खरीदनी होगी।
9. आप 30 सितम्बर की रात तक अपनी रचना भेज सकते हैं। लेकिन ध्यान दें कि पेज भर जाने पर रचना ले पाना संभव नहीं होगा, जिसकी रचना पहले मिलती जाएगी, पेज पर स्थान पा सकेगी। अतः समय का इन्तजार ना कर पहले भेजें।
10. प्रकाशित रचना की प्रति अपने फेसबुक पर अवश्य लगाएं। साथ ही आप ‘नये पल्लव’ को इस पोस्ट में टैग करें, जिससे पता चल सके कि आपने अपनी प्रति मंगवाई है। इस आधार पर ही अगले अंक में रचनाकार को स्थान दिया जा सकता है।
ई-मेल : [email protected]
राजीव मणि
मोबाइल : 8825306628

16/07/2024

नये पल्लव 20 (कहानी विशेषांक)
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कहानी आमंत्रित है ... भेजने से पहले कृपया पढ़ लें :
1. इस अंक में कुछ बदलाव किया गया है। यह अंक कहानी विशेषांक होगा। अतः रचनाकार मौलिक कहानी भेज सकते हैं।
2. पूर्व प्रकाशित कहानी पर भी विचार किया जाएगा, लेकिन हर हाल में कहानी मौलिक ही हो।
3. सबसे पहले यह लिखें -- प्रमाणित करता/करती हूं कि कहानी मौलिक है। इसके बाद अपना नाम, पूरा पता, मोबाइल नंबर। रचना के साथ एक तस्वीर अवश्य संलग्न करें।
4. कहानी कृतिदेव में टाइप कर वर्ड फाइल में दिए गए ई-मेल पर ही भेजें। कहानी के साथ शीर्षक अवश्य दें।
5. कहानी प्रकाशित करने के लिए कोई सहयोग राशि नहीं देना है। यह पूर्णतः निःशुल्क है।
6. पसंद किए जाने पर ही कहानी प्रकाशित की जाएगी। जो कहानी ‘नये पल्लव’ में प्रकाशित होगी, उसे प्रकाशन के वेबसाइट पर भी स्थान दिया जाएगा।
7. कहानी स्वीकृत होने पर आपको ई-मेल पर ही जानकारी दी जाएगी। इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है। अतः इस संबंध में जानकारी के लिए फोन, ई-मेल या व्हाट्सएप ना करें।
8. कहानी प्रकाशित होने पर आपको ‘नये पल्लव’ की प्रति नहीं भेजी जाएगी, बल्कि एक लिंक भेजा जाएगा, जहां से आप अपनी प्रति मंगा सकते हैं। सीधे सरल शब्दों में कहें तो आपको अपनी प्रति ऑनलाइन खरीदनी होगी।
9. कहानी के अलावा और कुछ ना भेजें।
10. आप 25 जुलाई की रात तक कहानी भेज सकते हैं। इसके बाद आपकी रचना ले पाना संभव नहीं होगा।
11. प्रकाशित कहानी की प्रति अपने फेसबुक पर अवश्य लगाएं। साथ ही आप 'नये पल्लव' को इस पोस्ट में टैग करें, जिससे पता चल सके कि आपने अपनी प्रति मंगवाई है। इस आधार पर ही अगले अंक में रचनाकार को स्थान दिया जा सकता है।
ई-मेल : [email protected]

The Best Book for Gardeners (With Colour Pictures) 🤩===================📌  नए गार्डेनर के अलावा वैसे लोग जो गार्डेनिंग शु...
15/06/2024

The Best Book for Gardeners (With Colour Pictures) 🤩
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📌 नए गार्डेनर के अलावा वैसे लोग जो गार्डेनिंग शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए यह किताब ‘कैसे करें घर पर बागवानी’ काफी ज्यादा उपयोगी है। साथ ही पुराने गार्डेनर को भी इससे काफी कुछ जानने को मिलेगा। हमारा प्रयास है कि एक ही किताब में सभी के लिए सारी चीजें दे दी जाए। चाहे पौधों के सेलेक्शन की बात हो, या फिर जानकारी की, हमने वैज्ञानिक ढंग से सारे पहलुओं को देखा व इस किताब में रखा है। पौधों की जानकारी के साथ-साथ पौधों के रंगीन चित्र भी दिए गए हैं। विश्वास है कि आप इस किताब को खरीदकर निराश नहीं होंगे।
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Book 📕 : Kaise Karen Ghar Par Bagwani
Writer : Kumari Saroj Bala ‘Ruby’ and Rajiv Mani
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Now Order 📕
Hard Copy 👉🏻 https://store.pothi.com/book/kumari-saroj-bala-%E2%80%98ruby%E2%80%99-and-rajiv-mani-kaise-karen-ghar-par-bagwani/?fbclid=IwZXh0bgNhZW0CMTAAAR1A78z-9EwRp3mHaWuR_-X1v7g7Psj-OZMIN8ykaeN00ajuR5GjjzXR_sM_aem_ZmFrZWR1bW15MTZieXRlcw

E-book 👉🏻 https://books.google.co.in/books?id=qQ4OEQAAQBAJ&newbks=0&printsec=frontcover&pg=PA1&dq=Kaise%20Karen%20Ghar%20Par%20Bagwani&hl=hi&source=newbks_fb&redir_esc=y&fbclid=IwZXh0bgNhZW0CMTAAAR0aOKMiQvwUHcdosq6_5b2IpNvPo7BIBcaoSGe69fyi3pdCdqorR5R77K0_aem_ZmFrZWR1bW15MTZieXRlcw =onepage&q=Kaise%20Karen%20Ghar%20Par%20Bagwani&f=false

Coming soon...कैसे करें घर पर बागवानीबागवानी की संपूर्ण जानकारीरंगीन चित्रों के साथलेखक : कुमारी सरोज बाला ‘रूबी’ / राजी...
22/04/2024

Coming soon...
कैसे करें घर पर बागवानी
बागवानी की संपूर्ण जानकारी
रंगीन चित्रों के साथ
लेखक : कुमारी सरोज बाला ‘रूबी’ / राजीव मणि


Naye Pallav Publication

प्रतियोगिता के जमाने में ना तो कभी संख्या का महत्व होता है, ना ही चापलूसी का, आखिरकार आपकी योग्यता ही काम आती है। ...और ...
06/05/2023

प्रतियोगिता के जमाने में ना तो कभी संख्या का महत्व होता है, ना ही चापलूसी का, आखिरकार आपकी योग्यता ही काम आती है। ...और यह बिना बेहतर लक्ष्य, ईमानदार प्रयास, समय की पाबंदी और अनुशासन के संभव नहीं।
‘नये पल्लव’ प्रकाशन द्वारा संचालित ‘घरौंदा क्लब’ के एक सदस्य की किताब इसका प्रमाण है। अपने संपादकीय में इस बच्ची ने क्या लिखा है, आपके सामने है।
प्रकाशन शुरू करने से काफी पहले से ही, जब मैं बतौर पत्रकार एक राष्ट्रीय अखबार में था, झुग्गी झोपड़ी के लोगों के लिए अपने खर्च पर काम कर रहा था। मेरा कोई एनजीओ नहीं, ट्रस्ट नहीं और ना ही कभी कहीं से पांच पैसा भी इसके लिए मिला। पूरा का पूरा अपने पॉकेट से खर्च कर...। इसके बावजूद कभी उसका प्रदर्शन नहीं किया, ना तो शोसल मीडिया पर, ना अखबारों में खबर छपवाकर। आज अच्छा लग रहा है ... निःस्वार्थ भाव से किया गया काम अच्छे परिणाम देता ही है।

यूं तो नये पल्लव प्रकाशन काफी पहले से ही बच्चों के लिए काम करता रहा है, लेकिन ढाई साल पहले जब "घरौंदा क्लब" की नींव रखी ...
02/05/2023

यूं तो नये पल्लव प्रकाशन काफी पहले से ही बच्चों के लिए काम करता रहा है, लेकिन ढाई साल पहले जब "घरौंदा क्लब" की नींव रखी गई और व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया तो यह पता नहीं था कि आज हम इस मुकाम पर होंगे। पिछले ढाई साल में इस ग्रुप से कई बच्चे जुड़े और कई कारणों से बाहर होते गए। हां, जो क्लब के नियम बनाए गए, उसमें किसी तरह का समझौता नहीं किया गया।
ज्ञात हो कि घरौंदा क्लब का संचालन प्रकाशन की ओर से क्लास 6 से 12 तक के बच्चों के लिए निशुल्क किया जाता है।
किताब का यह कवर हमारे क्लब के ही एक ऐसी बच्ची का है, जो 12वीं की छात्रा है। मलिन बस्ती से आती है और कलकत्ता में रहती है। नाम है काजल साह।
हालांकि समयाभाव और आर्थिक तंगी के कारण जो होना चाहिए था, नहीं कर पा रहा हूं। बेहतर के लिए प्रयासरत हूं।

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  • ‘नये पल्लव मंथन’ पत्रिका पूर्णतः रंगीन 32 पेज की होगी। इसमें 25 पेज साहित्य के लिए रखा गया है। इसमें हिन्दी साहित्य की सभी विधाओं की रचनाएं पूर्णतः निःशुल्क प्रकाशित की जाएँगी। पेज संख्या घटाई-बढ़ाई जा सकती है।

  • पत्रिका का प्रकाशन प्रत्येक माह के 1 एवं 16 तारीख को किया जाएगा। इन्हीं तिथियों को इसकी ई-काॅपी सभी सहभागी लेखकों को ई-मेल से भेज दी जाएगी। यह हमारे फेसबुक पेज, Amazon Kindle एवं Magzter पर भी आॅनलाइन ई-पत्रिका के रूप में उपलब्ध होगी।

  • पत्रिका के लिए रचनाएँ सिर्फ ई-मेल के माध्यम से कृतिदेव या यूनिकोड में वर्ड फाइल में स्वीकार की जाएँगी।

  • प्रत्येक रचनाकार रचना के साथ अपनी रंगीन तस्वीर संलग्न कर ‘‘मैं घोषित करता हूँ कि यह रचना मौलिक है।’’ अवश्य लिखें। साथ ही रचनाकार का नाम, पिनकोड सहित पूरा पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल का होना जरूरी है।