
06/11/2024
आप चली गईं शारदा जी… जाना तो होता ही है सभी को एक न एक दिन... हम लाख दुआ कर लें, मन्नतें मांग लें, यज्ञ हवन कर लें या मंदिर में महामृत्युंजय का जाप करवा लें… पर हम जानते हैं कि ये सब मन समझाने वाली बाते हैं… अमर होकर तो कोई नही आता…
लेकिन आप शायद अमर होने के लिए ही इस दुनिया में आई थीं. आपका जिस्म भले चला गया हो, लेकिन आपकी रूह हमेशा यहीं रहेगी, अनगिनत लोगों की रूह में गीत-संगीत बनकर… युगों युगों तक…
आपने अपने गीतों के माध्यम से महापर्व छठ को न केवल भारत में बल्कि विश्व भर में पहचान दिलाई है। आपके संगीत ने छठ पूजा की सुंदरता और भक्ति को और भी खास बना दिया है।
अब जब-जब भी हम लोग अपनी किसी याद को कुरेदेंगे, चाहे वो खट्टी हो या मीठी, आपका कोई न कोई गीत शायद उसी स्वाद में रसा-पगा होकर हमारे पास चला आएगा... आपने सिर्फ भोजपुरी संगीत जगत को नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारतवर्ष को जो संगीत का रस दिया है, वो सदियों तक हमारी प्यास बुझाने वाला एक ऐसा अजस्र सोता है जो, हम बिहारवासी कह सकते हैं कि, सिर्फ हमारे ही पास है... क्योंकि Sharda Sinha जी हमारी थाती हैं ।
छठी मइया से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों स्थान दें 🙏