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05/11/2024
शारदा सिन्हा का निधन: छठ पर्व की आवाज खामोश
लोक गायिकी की मशहूर स्वर साधिका और छठ गीतों की जननी, पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा का निधन पूरे बिहार और देश के संगीत प्रेमियों के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी मधुर आवाज ने न केवल छठ पर्व को जीवंतता दी, बल्कि शादी-विवाह और पारंपरिक उत्सवों को भी संगीतमय बना दिया। उनकी विदाई ने संगीत की एक बड़ी विरासत को स्थिर कर दिया है।
शारदा सिन्हा का छठ पर्व से विशेष जुड़ाव था। उनके गाए गीत 'पटना के घाट पर', 'कांचे ही बांस के बहंगिया', और 'पहिले पहिल हम कइनी छठ' सुनकर हर बिहारवासी छठ के अनुष्ठान की यादों में डूब जाता था। उनकी सुरीली आवाज ने बिहारी संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई।
शारदा सिन्हा के निधन से संगीत जगत में एक गहरा सन्नाटा पसर गया है। उनकी आत्मा को श्रद्धांजलि देते हुए लोग छठी मईया से प्रार्थना कर रहे हैं कि उन्हें स्वर्ग में स्थान मिले। बिहार के मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य लोगों ने भी उनके निधन पर शोक प्रकट किया है।
उनका जाना हर उस घर की यादों में एक कमी छोड़ देगा जहाँ उनकी आवाज छठ पूजा के गीतों में गूंजती रही है।
पटना न्यूज न्यूज़ की रिपोर्ट