07/08/2022
*बरेलवियों के सबसे बड़े आलिम मरहूम मौलाना अहमद रजा खां बरेलवी साहब ने भी अपनी किताबों में ताजियादारी का भरपूर रद्द किया है। बरेलवी अवाम ज़रा गौर व फिक्र करें।*
बिस्मिल्लाहहिर्ररहमाननिर्ररहीम
*❌ रद्दे ताजिया ❌*
👉 हज़रत मौलाना अहमद रज़ा खां
साहब बरेलवी का फ़तवा !
1. अलम , ताजिया , अबरीक , मेहंदी , जैसे तरीके जारी करना बिदअत हैं , बिदअत से इस्लाम की शान नहीं बढती , ताजिया को हाजत पूरी करने वाला मानना जहालत हैं , उसकी मन्नत मानना बेवकूफी और ना करने पर नुकसान होगा ऐसा समझना वहम हैं , मुसलमानों को ऐसी हरकत से बचना चाहिये !
{हवाला : रिसाला मुहर्रम व ताजियादारी , पेज 59}
2. ताजिया आता देख मुहं मोड़ ले , उसकी तरफ देखना भी नहीं चाहिये !
{हवाला : इर्फाने शरियत , पहला भाग पेज 15}
3. ताजिये पर चढ़ा हुआ खाना न खाये , अगर नियाज़ देकर चढ़ाये या चढ़ाकर नियाज़ दे तो भी उस खाने को ना खाए उससे परहेज करे !
{हवाला : पत्रिका ताजियादारी ,पेज 11}
मसला > किसी ने पूछा हज़रत क्या फरमाते हैं इन के बारे में ?
1. कुछ लोग मुहर्रम के दिनों में न तो दिन भर रोटी पकाते हैं और न झाड़ू देते हैं , कहते हैं दफ़न के बाद रोटी पकाई जाएगी !
2. मुहर्रम के दस दिन तक कपड़े नहीं उतारते !
3. माहे मुहर्रम में शादी नहीं करते !
जवाब > तीनों बातें सोग की हैं और सोग हराम हैं !
{हवाला : अहकामे शरियत ,पहला भाग, पेज 171}
👉 हज़रत मौलाना मुहम्मद इरफ़ान रिज्वी साहिब बरेलवी का फ़तवा !
ताजिया बनाना और उस पर फूल हार चढ़ाना वगैरह सब नाजायज और हराम हैं !
{हवाला :इर्फाने हिदायत , पेज 9}
👉 हज़रत मौलाना अमजद अली रिज्वी साहिब बरेलवी का फ़तवा
अलम और ताजिया बनाने और पीक बनने और मुहर्रम में बच्चों को फ़क़ीर बनाना बद्दी पहनाना और मर्सिये की मज्लिस करना और ताजियों पर नियाज़ दिलाने वगैरह खुराफ़ात हैं उसकी मन्नत सख्त जहालत हैं ऐसी मन्नत अगर मानी हो तो पूरी ना करे !
{ हवाला : बहारे शरियत , हिस्सा 9, पेज 35 , मन्नत का बयान }
👉 ताजियादारी आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा बरेलवी की नज़र में
ये ममनूअ हैं , शरीयत में इसकी कुछ असल नहीं और जो कुछ बिदअत इसके साथ की जाती हैं सख्त नाजायज हैं , ताजियादारी में ढोल बजाना हराम हैं !
{हवाला : फतावा रिजविया , पेज 189, जिल्द 1, बहवाला खुताबते मुहर्रम }
ताजिया की ताजीम बिदअत हैं !
{हवाला : फतावा रिजविया , पेज 258, जिल्द 2, बहवाला खुताबते मुहर्रम }
ताजिया बनाना नाजायज हैं !
{हवाला : फतावा रिजविया , पेज 186, जिल्द 6 , बहवाला खुताबते मुहर्रम }
Note > अब इतने हवालों को माने वो सच्चा हुसैनी या जो इन फतवों को लात मार कर अपनी मन मर्जी करे वो हुसैनी ?
फैसला आप खुद कर लीजिए !!!