05/12/2024
"जवानी में मेहनत करो, ताकि बुढ़ापे में कांबली ना बनना पड़े !"
कभी बचपन के साथी सचिन और कांबली को भारतीय क्रिकेट का भविष्य कहा गया कांबली का टैलेंट इतना गज़ब था कि उन्हें सचिन से भी बेहतर कहा जाता था। लेकिन समय ने दोनों की राहें अलग कर दीं।
हाल ही में एक समारोह में दीन-हीन से दिख रहे कांबली ने सचिन को अपने पास बैठने का आग्रह किया, उनको खुशी से देखते ही उनका हाथ पकड़ लिया। मगर सचिन ने मुस्कुराते हुए हाथ छुड़ाया और उनसे कुछ दूरी पर बैठे लोगों के साथ जा कर बैठ गए। हो सकता है वजह कुछ और रही हो। मगर ये घटना एक कड़वी सच्चाई बयान करती है—
लोग आपको नहीं आपके रुतबे और हैसियत को पूछते हैं।
सचिन ने 22 साल मेहनत करके खुद को दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेटिंग नाम बनाया, जबकि कांबली अपनी चकाचौंध भरी लाइफ स्टाइल, शौहरत, लड़कियों के नशे में खो गए। अब कोई उनको काम नहीं देता। वो बेहद लाचारी में जीवन बिता रहे हैं।
इसी लिए बड़े बुज़ुर्ग कहते हैं, जवानी में मेहनत करो, नाम कमाओ, पैसा कमाओ । स्किल्स पर काम करो और वक़्त की कद्र करो । ताकि तुम्हारा बुढापा सचिन की तरह गुज़रे .. कांबली की तरह नहीं