22/03/2024
महिला सशक्तिकरण ; श्रीगंगानगर की पहली ड्रोन दीदी : ततारसर की सरोज गोदारा को मिला 10 लाख के 'नमो ड्रोन', खेतों में करेंगी यूरिया और पेस्टीसाइड्स का स्प्रे
पदमपुर
श्रीगंगानगर जिले से पहली ड्रोन दीदी सरोज गोदारा बनी है। वो इस अभियान से जुड़कर काफी खुश है। शुक्रवार को पदमपुर में किसान खाद भंडार पर आयोजित किसान संगोष्ठी व ड्रोन हस्तांतरण कार्यक्रम में इंडियन पोटाश लिमिटेड कंपनी की तरफ से मुख्य अतिथि कृषि निदेशक संयुक्त विस्तार सतीश शर्मा व असिस्टेंट निदेशक कविता स्वामी , व्यापार मंडल संरक्षक शंकर गर्ग ने संयुक्त रूप से ततारसर की ड्रोन दीदी सरोज को नमो ड्रोन की चाबी सौंपी गई। ड्रोन का बाजार मूल्य लगभग 10 लाख रुपये है। योजना के अंर्तगत जिले की दो महिलाओं का इस योजना में चयन हुआ था जिसमे ततारसर की सरोज गोदारा व दौलत पूरा की मुकेश कुमारी का चयन हुआ था। राजस्थान में कुल 20 महिलाओं का इस योजना मे चयन हुआ है।
महिला सशक्तिकरण, कृषि उत्पादकता व दक्षता में होगी बढ़ोतरी - सतीश शर्मा
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार सतीश शर्मा ने बताया कि ड्रोन दीदी स्कीम के कई फायदे होंगे। यह स्कीम महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाएगी। इससे कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और दक्षता में बढ़ोतरी होने के आसार हैं। यह स्कीम खेती में लगने वाली लागत में कमी ला सकती है। इससे रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। कृषि विभाग की असिस्टेंट डायरैक्टर कविता स्वामी ने कहा कि ड्रोन दीदी सरोज महिला सशक्तिकरण का सबसे अच्छा उदाहरण है। अब फसलों में नैनो खाद और पेस्टीसाइड के छिड़काव के लिए फसल के बीच नही जाना पड़ेगा। जिससे फसल का नुकसान नही होगा। वहीं ह्यूमन बॉडी पर पेस्टीसाइड के दुष्परिणामों से बचाव होगा । साथ ही औसतन दवा छिड़काव के लिए तीन लोगों को जरूरत होती है पर ड्रोन से केवल एक व्यक्ति यह काम सटीकता से कर सकता है।
काम सीखने हुई दिक्कत, पायलट जैसी आ रही है फिलिंग
ड्रोन दीदी सरोज गोदारा आर्ट्स ग्रेजुएट है। उन्होंने बताया कि ड्रोन से सीखने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बिलासपुर में जो कक्षाएं लगती थी वहां मुझे प्रशिक्षण दिया गया। वहां अंग्रेजी कक्षा के चलते थोड़ी दिक्कतें होती थी। मैंने हिम्मत नहीं हारी और धीरे-धीरे इसे सीखने की कोशिश करती रही। अब मैं पूरी तरह पारंगत हो चुकी हूं तो पायलट जैसी फिलिंग आ रही है।
10 लीटर की क्षमता, 20 मिनट में 1 एकड़ में होगा स्प्रे
ड्रोन प्रदाता इंडियन पोटाश लिमिटेड के अधिकारी शशी कांत शर्मा व उपेन्द्र चौधरी ने बताया कि ड्रोन की मदद से वे खेतों में यूरिया और पेस्टीसाइड्स का स्प्रे करेंगी। इसके प्रयोग से फसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी साथ ही समय की भी बचत होगी। उन्होंने बताया कि ड्रोन के स्टोरेज टैंक की क्षमता 10 लीटर है, और इससे एक बार में साढ़े 9 लीटर तक पेस्टिसाइड्स का छिड़काव कर सकता है। इतनी दवा 1 एकड़ खेत के लिए पर्याप्त होती है और एक बार चार्ज करने के बाद लगातार 20 मिनट तक इससे स्प्रे हो पाएगा। किसान एप से इसकी बुकिंग हो सकेगी। ड्रोन के साथ 4 अतिरिक्त बैटरियां भी दी गयी है।
ये रहे मौजूद - मोके पर कृषि विभाग असिस्टेंट डायरैक्टर सुशील शर्मा, व्यापार मंडल संरक्षक शंकर लाल गर्ग, व्यापार मंडल अध्यक्ष विजय कालड़ा, पेस्टीसाइड यूनियन अध्यक्ष तिलक मिगलानी, दीपक न्योल, देव राज नागपाल, हरि चंद जैन, प्रेम नारंग, अजय गर्ग, राजेश बलाना, ज्योति धींगड़ा, अंशील अंगी, मीनल बलाना, अवि नागपाल, मनीष जिंदल, तुषार बलाना, रवि जिंदल, मोहित नागपाल, अनोखी उम्मीद राजीविका चूनावढ़ क्लस्टर मैनेजर ऋतु बाला, कॉर्डिनेटर सुनीता, फरसेवाला सरपंच बलराम सिहाग, जीकेएस के सुखविंदर सिंह भट्टी, बिलावल सिंह, अंग्रेज सिंह, करणवीर सिंह, कुलवंत सिंह, कृषि पर्यवेक्षक अनिल , मोहन लाल वर्मा, सहायक कृषि अधिकारी इंद्राज वर्मा सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
ये है ड्रोन दीदी योजना
महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से और सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा नमो ड्रोन दीदी योजना शुरू की गई है। यह योजना भारत सरकार का एक इनोवेटिव प्रयास है। इस योजना के अंतर्गत सरकार महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण, ड्रोन के रखरखाव से जुड़ा प्रशिक्षण दे रही है। सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। साथ ही किसान की कृषि लागत में कमी करके उपज में बढ़ोतरी करना भी योजना के मूल उद्देश्यों में शामिल है।
स्कीम के अंतर्गत 10 से 15 गांवों के क्लस्टर में एक महिला को ड्रोन सखी के रूप में चुना गया और ड्रोन सखी के रूप में चयनित महिला को 15 दिनों की ट्रेनिंग भी जा रही है।