Kala Sahitya Sangam

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रोहतक (हरियाणा) के नाटक प्रेमी मित्रो के लिए सूचना !16 जून 2024 को "ठेके पर मुशायरा" का मंचन आपके शहर में होगा !
10/06/2024

रोहतक (हरियाणा) के नाटक प्रेमी मित्रो के लिए सूचना !
16 जून 2024 को "ठेके पर मुशायरा" का मंचन आपके शहर में होगा !

The SoulTalk Literary Award 2024 !Aditi Maheshwari-Goyal साहिबा, Sanjeev Paliwal साहब के हाथों प्राप्त करने का सुख! क्या...
29/05/2024

The SoulTalk Literary Award 2024 !
Aditi Maheshwari-Goyal साहिबा, Sanjeev Paliwal साहब के हाथों प्राप्त करने का सुख! क्या कहूँ अभिभूत हूँ !
प्रिय Ashish Dwivedi तुम्हारे लिए ढेर सारी मुहब्बतें और दुआएं !

वो जिन कामों से हमको लोग नाकारा समझते थे
उन्हीं की आज मिलती है मुबारकबाद ज़िंदाबाद
Irshad Khan Sikandar

10/02/2022

तरही- 1
"हार मानी नहीं कभी हमने"
ग़ज़ल

बन्द की उनकी बोलती हमने
जान दे दी ख़ुशी-ख़ुशी हमने

इश्क़ को जन्मदिन के तोहफ़े में
पेश कर दी है ज़िन्दगी हमने

आपका हुक्म था सो माना गया
"हार मानी नहीं कभी हमने"

एक दिन अपने दिल की सुन ली थी
फिर किसी की नहीं सुनी हमने

देखिए काग़ज़ी बदन का अज़्म
जान पत्थर में डाल दी हमने

अपनी आवाज़ पर कहा लब्बैक
आख़िरश बात मान ली हमने

अपनी आँखों से उम्रभर ढोई
तेरे ख़्वाबों की पालकी हमने

राम के नाम पर तो चुप ही रहो
हाय क्यों ब्याही जानकी हमने
Irshad Khan Sikandar

09/02/2022

Tarah. 1
"हार मानी नहीं कभी हमने"

इमरान बदायूनी की ग़ज़ल।

जब कोई फ़िल्म देख ली हमने
इश्क़ पर ख़ूब बात की हमने

जिसका भी जी करे, उतर जाए
ट्रेन की चेन खींच दी हमने

उसको खोने का जूँ ख़याल आया
डर के फ़ौरन दुआ पढ़ी हमने

जैसे मरघट में कोई काटे रात
इस तरह जी है ज़िन्दगी हमने

वक़्त ने पूछा,बोलो क्या लोगे
उसकी इक शाम मांग ली हमने

दर-हक़ीक़त हमें ख़बर ही नहीं
उम्र भर किसकी चाह की हमने

उंगलियों में भी दिल धड़कने लगा
जब कभी उसको मेल की हमने

जिसको खोया, उसे भुला भी दिया
इस तरह पाई है ख़ुशी हमने

घर से दफ़्तर,वहां से वापस घर
बस यही ज़िन्दगी चुनी हमने

फूल चूमे लबों के होते हुए
दस्त ए साक़ी से चाय पी हमने

08/02/2022

तरही-1
"हार मानी नहीं कभी हमने"
Khan की ग़ज़ल

पायी ख़ुद में यही कमी हमने
प्यार में धर्म की सुनी हमने

चुभते रहते थे सबकी नज़रों में
फिर भी काटी है ज़िन्दगी हमने

इश्क़ का एक पल मिला इक दिन
उसमें जी ली कई सदी हमने

उनकी तक़रीर हो चुकी पूरी
बात फिर अपनी भी रखी हमने

उनके हाथों में थी भरी पिस्तौल
और मरने की ठान ली हमने

मोजिज़े की उमीद पाले हुए
''हार मानी नहीं कभी हमने''
परवीन ख़ान

07/02/2022

तरही-1
"हार मानी नहीं कभी हमने''

Ankit Aab की ग़ज़ल
की यूँ दुनिया की पैरवी हमने
ख़ुद को ही कर लिया बरी हमने

टिक न पाई कोई नज़र हम पर
तेज़ इतनी की रौशनी हमने

आइनों पर बहुत भरोसा था
अपनी सूरत बिगाड़ ली हमने

जितनी दीदार को मुनासिब थी
उतनी खिड़की खुली रखी हमने

नित नये ज़ख़्म इसके शाहिद हैं
'हार मानी नहीं कभी हमने'

सिन्फ़ चुनना थी पुरअसर कोई
आख़िरश ख़ामुशी चुनी हमने
Ankit Aab

02/12/2021

ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन, अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान तथा शिवना प्रकाशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथा-कविता सम्मान घोषित
तेजेंद्र शर्मा, रणेंद्र, उमेश पंत, लक्ष्मी शर्मा, इरशाद ख़ान सिकंदर तथा मोतीलाल आलमचंद्र को सम्मान

अंतर्राष्ट्रीय शिवना कविता सम्मान' महत्त्वपूर्ण शायर इरशाद ख़ान सिकंदर को राजपाल एण्ड संस से प्रकाशित उनके ग़ज़ल संग्रह 'आँसुओं का तर्जुमा' के लिए प्रदान किया जाएगा
राजपाल एण्ड संज़ की ओर से इरशाद खान सिकंदर को हर्दिक बधाई

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