02/09/2024
"अंधेरे का सच"**
रात के अंधेरे में, रोहन एक सुनसान सड़क पर चल रहा था। अचानक, उसे पीछे से किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। उसने मुड़कर देखा, लेकिन कोई नहीं था। डरते-डरते वह आगे बढ़ा, तभी एक छाया उसके सामने आई। छाया ने पूछा, "क्यों भाग रहे हो?" रोहन कांपते हुए बोला, "मैंने कुछ गलत नहीं किया।" छाया मुस्कुराई और बोली, "मैं तेरा अतीत हूँ, जिसने तुझे सिखाया कि डर से भागने की बजाय उसका सामना करना चाहिए।" रोहन ने साहस जुटाया और छाया से नजरें मिलाईं। छाया गायब हो गई, और रोहन ने महसूस किया कि असली डर हमारे भीतर ही होता है।