19/05/2023
पप्पू यादव चिल्ला-चिल्ला कर दूसरों के ऊपर आरोप लगाते हैं, उपदेश देते हैं, सजा की मांग करते हैं, दूसरे को अपराधी बताते हैं। अब देखिए उन पर कितने अपराधों का आरोप है, और कई केश भी हो रखें। इस पर उनके कभी मुँह नहीं खुलते हैं। क्यों????
#पप्पू_यादव_महात्मा_की_समाज_सेवा_की_सुची_👇
कत्ल की काली सूचि___
01.स्वर्गीय अजीत सरकार mla, पूर्णिया
02." रमाकांत सिंह नप चैयरमैन, कटिहार
03." कॉमरेड अफाकूर रहमान cpm नेता,पूर्णिया
04." स्वर्गीय हरेंद्र शर्मा (अजीत दा का गार्ड )
05. " किशोर सिंह , भट्ठा बाजार, पूर्णिया
06." रंगू सिंह , गुलाब बाग़, पूर्णिया
07. " शेरू सिंह विष्णुपुर ड्यौढी, धमदाहा
08. " परमानंद चौधरी , बनमनखी
09. " कलानन्द झा , नवटोल, मधेपुरा
10. " अभय सिंह , नवटोल, मधेपुरा
11. " मुनमुन सिंह, भटोतर, बड़हरा कोठी
12. " संजय सिंह , भटोतर,बड़हरा कोठी
14. " अशोक सिंह , कुआंरी, पूर्णिया
15. " विनोद सिंह , धमदाहा, पूर्णिया
16. " राम सिंह ,बनमनखी , पूर्णिया
17. " गोपाल सिंह , सरसी,पूर्णिया
18. " कुंदन सिंह , मुरली-चंदवा, उदा किशुनगंज
परीक्षा के दौरान कटिहार में मार दिया।
19. mlc अशोक अग्रवाल, कटिहार के पेट्रोल पंप का कर्मचारी (सिर्फ इसलिए मारा की पेट्रोल का पैसा माँग दिया)
20." भगवान यादव जोगबनी, अररिया (अपने ही साथी को इसलिए मरवा दिया कि उसका प्रभाव बढ़ रहा था)
यह काली सूचि अभी अधूरी है__
समाज के कुछ नौसिखिए फेसबुकिए नौजवान एक बगुला भगत नौटंकीबाज नेता को उसके काले करतूतों और खून से रंगे स्याह इतिहास को भूलकर महिमा मंडन में रात -दिन एक किए हुए हैं ऐसे नासमझों के लिए आज यह ब्लैक लिस्ट जारी करना मैंने मुनासिब समझा, जिन्हें दर्जनों माँओं की उजड़ी कोख, बहनों की सूनी मांगों, अपनी इज्जत -अस्मत , लाज -शर्म, जिल्लत -अपमान से कोई वास्ता नहीं, जो सब उठाकर बेशर्मी से पी गया है।
वे 90 दशक के उन खौफनाक दिनों को भूल गए, जब कोशी-पूर्णिया प्रमंडल में इसके बेलगाम गुंडागर्दी के कारण माँ -बहनो की इज्जत- अस्मत, घर, खेत-खलिहान और फ़सलें लूटी गईं। बसों -ट्रेनों से निर्दोषों को खींच कर जाति पूछकर पीटा गया । पंडों -पुरोहितों के थूक से टीके मिटाए गए, जनेऊ काटे गए?? मधेपुरा sp भवेश ठाकुर के गाड़ी चढ़ाकर दोनों पैर तोड़े गए, pp विदुर झा जी का सपरिवार सार्वजनिक तौर घोर अपमान किया गया।
औरतों को नंगी कर सामूहिक प्रदर्शन किया गया।
यूँ तो इस कथित मसीहा के अन्याय भोगने वाले सभी जाति -धर्म के लोग थे, पर इनके कत्ल और अपमान के ज्यादातर शिकार सवर्ण थे। जो आज बेहयाई से इसके सभी काले कारनामों को भूल गए हैं?
किसी ने सच ही कहा____
क्या मिलिए ऐसे लोगों से जिसकी फितरत छुपी रहे ,
नकली चेहरा सामने आए असली सूरत छिपी रहे ।
दान की चर्चा घर -घर पहुँचे, लूट की दौलत छिपी रहें।-----बताईये क्या यह सब सच है? इसकी पडताल होनी चाहिए।
साभार
ुद्दा