गरम मुद्दा

गरम मुद्दा ना राइट, ना लेफ्ट, सिर्फ सच्च!!
सच्चाई से समझौता नहीं!!

08/10/2023

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14/08/2023

क्या ये सही है?? क्या मोदी जी सही कह रहे हैं??

21/07/2023

सिर्फ सत्ता के लिए एकता 😂😂😂🤣🤣😂😂😂

 #सनातन धर्म में मूर्ति टूटना अशुभ माना जाता है। तो क्या ये उल्टी गिनती शुरू तो नहीं हो गया??डीएम कुमार पुरुषोत्तम ने बत...
29/05/2023

#सनातन धर्म में मूर्ति टूटना अशुभ माना जाता है। तो क्या ये उल्टी गिनती शुरू तो नहीं हो गया??
डीएम कुमार पुरुषोत्तम ने बताया, 'श्री महाकाल लोक कॉरिडोर में 160 मूर्तियां हैं, जिनमें से छह मूर्तियां गिरकर टूट गईं. ये टूटी मूर्तियां वहां स्थापित किए गए सात सप्त ऋषियों में से हैं और करीब 10 फीट ऊंची थी।

आपको पता है भारत से दो लोग रूस में बहुत पॉपुलर थे। एक था नेहरू और दूसरा राजकपूर। राज कपूर का फेमस होना इसलिए था कि वो भी...
28/05/2023

आपको पता है भारत से दो लोग रूस में बहुत पॉपुलर थे। एक था नेहरू और दूसरा राजकपूर। राज कपूर का फेमस होना इसलिए था कि वो भी नेहरू की तरह ही एक घोर वामपन्थी था। आपने अक्सर देखा होगा कि रूस में राजकपूर की फिल्में और गाने बड़े फेमस हुए हैं। लेकिन उसका कारण राज कपूर का कोई कालजयी फ़िल्म बना डालना नही था बल्कि वो इकोसिस्टम था जिसका वो हिस्सा था। रूस जो "हाफ ग्लास वाटर" थ्योरी को दुनिया मे फैला उनकी संस्कृति खत्म करने में लगा था उसमें राज कपूर भारत मे उसका सबसे बड़ा एजेंट था।

हाफ ग्लास थ्योरी वही थी जिसे आज "फ्री सेक्स" कहा जाता है। अर्थात महिला को इतना चरित्रहीन कर दो कि वो यहां वहां हमबिस्तर होती रहे और उसे इसमे कुछ गलत न लग ये आधुनिकता लगे। यही काम रूस अमेरिका से लेकर भारत हर जगह कर रहा था।

दुनिया को गलतफहमी है कि अमेरिका कोल्ड वॉर जीता लेकिन हकीकत ये है कि रूस का तो कुछ क्षेत्रफल गया लेकिन रूस ने अमेरिका का सारा कल्चर ही वामपन्थी बना दिया। उसकी हॉलीवुड में वो गंदगी भरी गयी कि पूरा अमेरिकी समाज आज परिवारमुक्त हो गया है। यही काम राज कपूर जैसे बॉलीवुड के माध्यम से कर रहे थे। आज भी हो रहा है।

सोचिये न कि कितना गन्ध राज कपूर के अंदर था कि अपनी माँ के साथ नहाते हुए वो उसके यौनांग निहारता था और उन्हें इमेजिन कर कर ऑब्सेस्ड होता था। यही चीज तो फिर उसने फिल्मों के माध्यम से दिखाया जहां मेरा नाम जोकर(शायद यही फ़िल्म) में छोटा ऋषि कपूर, सिमी अग्रवाल को नहाते हुए देखता है। जीनत अमान से लेकर मंदाकिनी जैसों को न्यूड कराया जाता है। बहुत सी अन्य फिल्मों में भी इस तरह के नग्न चित्रण किसी भक्ति से लेकर मातृत्व के नाम पर डाल दिये गए।

यही वो दौर था जहां पर्दे पर ये सब हो रहा था और पीठ पीछे उसी तरह की अश्लील पार्टियां चल रही थी जिन्हें आज Rave Party कहते हैं जहां नशा और सेक्स खुलकर परोसा जाता है। आप अक्सर सुनते होंगे कि बॉलीवुड में तो पत्नी एक्सचेंज का रिवाज भी है.. तो ये कल्चर एकाएक नही बना।
बॉलीवुड के शुरुआत जहां कोई लड़की भांड नही बनना चाहती थी वहां सबसे पहले वेश्याओं से काम शुरू किया गया। फिर इस इंडस्ट्री को पॉपुलर और अट्रैक्टिव बना आम घर की लड़कियों को यहां जाने को प्रेरित कराया गया। फिर धीरे धीरे ऑडिशन के नाम पर इनका कास्टिंग काउच हुआ।(गूगल में आपको तस्वीरे मिल जाएंगी जहां उस दौर में लड़की को अंतवस्त्र में खड़ा किया है फ़िगर चेक करने को)।
धीरे धीरे फिर वही हुआ जो आज आपको टिकटोक से दिखता है। जैसे टिकटोक पर लड़कियां समझ गयी कि पुट्ठे दिखाने फॉलोवर बढाने का शॉर्टकट है वैसे ही तब बॉलीवुड एक शोहरत और पैसा बनाने का शॉर्टकट बन गया था, फिर क्या हो गया जो पर्दे के पीछे समझौते करने थे?

लड़की सोचती थी कि पर्दे पर तो एक सुंदर हीरोइन दिख रही हूँ। हर कोई मेरे दीवाने हैं। लड़कियां मुझ जैसा बनना चाहती हैं। पुरुष मुझसे शादी करने के सपने देखता है। जहां जाती हूँ भीड़ ठहर जाती है मेरे दीदार को। ये सब की चाहत ने घर घर मे सपने पनपा दिए कि मैं भी तो सुंदर हूँ.. मैं भी हीरोइन बनूंगी।
तो कर लेंगे पर्दे के पीछे के समझौते।

शुरुआत में सारे अय्याशी-अश्लीलता के काम पर्दे के पीछे इसलिए थे क्योंकि पर्दे पर अश्लीलता देखने को अधिकतर समाज तैयार नही था लेकिन धीरे धीरे भाँडो ने एक एक पत्थर चला समाज की गहराई नापनी शुरू की। नतीजा ये हुआ कि "साला मैं तो साहब बन गया" पर जिस समाज मे बवाल हो गया था कि साला कैसे बोल दिया गाने में, वो धीरे धीरे कर भाग DK बोस तक बना दिया गया।
ऐसे ही जहां रोमांस के नाम पर पेड़ के इर्द गिर्द घुमा जाता था। किसिंग के नाम पर दो फूल मिलते थे। वहां राज कपूर से शुरू हुआ... आज इस कदर बन चुका है कि खुलकर न्यूडिटी चलती है। धक्के वाले शॉट्स तक दिखाए जाते हैं सेक्स सीन के नाम पर वो भी पूरे साउंड इफेक्ट(moaning) के साथ।
और क्या कहा जाता है कि क्रिएटिविटी है। ये सीन डालना जरूरी था। जैसे पुरानी फिल्में बिना इन सीन के तो अधूरी ही रह जाती थी.. लोग कहानी समझ ही नही पाते थे।

इसलिए आज जो बॉलीवुड की हकीकत है जहां सेक्स, ड्रग्स, वैश्यावृत्ति सब चलती है.. वो सब इस राज कपूर की देन है। लोग कहते भी हैं कि ये इतना श्याना था कि इसने इन सब चीजों से अपने घर की महिलाएं दूर रखी.. इसके परिवार में पहले तो किसी की शादी फिल्मी हीरोइन से नही होती थी लेकिन हो गयी तो ये उससे भी फ़िल्म छुड़वा देता था... लेकिन दूसरों की लड़कियों का इसने जो शोषण किया था उसी की हाय इसे ऐसी लगी कि फिर इसकी पोतियां आज तैमूर पैदा कर रही हैं। इमैजिन जिस खानदान में नाम पृथ्वीराज के नाम पर पड़ते थे, उस खानदान से आज तैमूर और जहांगीर जैसे निकल रहे हैं। ये इसको लगा श्राप ही है।

आज इसका पूरा खानदान कमजोर हो चुका है। एक समय जिनका सिक्का बॉलीवुड में चलता था, आज वहां कपूर खानदान के नाम पर गिने चुने बचे हैं जिनमे से बड़ा एक्टर या डायरेक्टर है ही कौन?? बस रणबीर कपूर जैसे तैसे चल रहा है जिसका भी करियर सलमान खान ने खराब कर दिया था कटरीना के चक्कर मे।
आज बॉलीवुड में D गैंग की चलती है जो तेजी से इसका इस्लामीकरण कर रहा है। राज कपूर ने इसका वामीकरण किया था। नतीजा आज इसके अंदर सिर्फ ये दो प्रजाति के लोग हैं और अगर यहां काम करना है तो इनके शर्तो पर करना होगा। एक आपसे शरीर बिक़वायेगा तो दूसरा आपसे या अल्ला, या खुदा बिक़वायेगा।
इसीलिए कथित राष्ट्रवादी भी भले ही कितना भारत भारत करते रहें लेकिन इन मामलों में उनका स्टैंड बाकी के भाँडो जैसा ही होता है।

अगर मना करोगे तो आप वहां काम ही नही कर पाओगे और हो सकता है आपका सुशांत भी बना दिया जाए और फिर ये लोग आपको कहें कि आप मानसिक रूप से बच्चे थे.. वहां की पॉलिटिक्स नही झेल पाए।

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ुद्दा

आज ही पता चला कांग्रेस की छटपटाहट का कारण - नरेंद्र मोदी ने इलाहाबाद संग्रहालय में रखा हुआ “सेंगोल” निकाल कर लोकसभा में ...
28/05/2023

आज ही पता चला कांग्रेस की छटपटाहट का कारण -

नरेंद्र मोदी ने इलाहाबाद संग्रहालय में रखा हुआ “सेंगोल” निकाल कर लोकसभा में स्थापित करने का निर्णय किया है।

यह “सेंगोल” सनातन संस्कृति का चिन्ह है जो 800 वर्ष तक राज करने वाले “चोला राजवंश” की निशानी है और जो राज चलाने के लिए मार्गदर्शन करता था राजवंश के राजाओं का।

नेहरू ने इसे स्वीकार तो कर लिया परंतु क्योंकि यह सनातन की निशानी था, इसे लोकसभा में स्थापित न करके संग्रहालय में रखवा दिया और किसी को इसके बारे में जानकारी ही नहीं हुई।

पंडित नेहरू ने न्यायप्रिय शासन संचालन के लिए अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में सैंगोल ग्रहण किया था, उसके बाद प्रधानमंत्री बने। इस परंपरा को क्यों भुला दिया गया? यह नेहरू और कांग्रेस के लिए फिर से एक बड़ा प्रश्न बनकर सामने आ गया है।

इससे भी बड़ी दुख की बात है कि सैंगोल के शीर्ष पर भोले बाबा के अनन्य भक्त नंदी की मूरत बनी हुई है। जब मोदी जी सैंगोल स्वीकार कर शासन पीठ के समक्ष इसे स्थापित करेंगे, तो एक बार फिर भारत की तथाकथित धर्मनिरपेक्षता पर प्रश्न खड़ा हो जाएगा। लेकिन इस प्रश्न के लिए भी कौन उत्तरदाई है, पंडित नेहरू.

#सेंगोल का अर्थ कर्तव्यपरायणता होता है। यह एक #राजदंड है। शिवभक्त महाशक्ति चोल राजा अपने 500 वर्ष के लंबे शासनकाल में सत्ता हस्तांतरित करते थे।
यह पवित्र राजदंड वैदिक #पुजारियों द्वारा पहले गंगाजल से पवित्र किया जाता है। फिर क्रमशः शासक को सौंपते हैं। उत्तरापथ में राजमुकुट से सत्ता हस्तांतरित होती है।

1947 में राजगोपालाचारी के अनुरोध पर कि भारतीय संस्कृति में सत्ता हस्तांतरण एक प्रक्रिया से होती है, नेहरू जी तैयार हो गये।

चेन्नई के सोनारों ने एक पवित्र सेंगोल बनाया। जिसे पहले लाकर माउंटबेटन को दिया गया। फिर पुजारियों ने मंत्रोच्चार से इसे गंगाजल से पवित्र किया और नेहरू को सौंप दिया।

यह कार्य तमिलनाडु के शैव मठ थिवरुदुथुराई के महायाजकों ने संपन्न कराया गया था।

तमिलनाडु की कलाकार पद्मा सुब्रमण्यम ने जब प्रधानमंत्री को यह अवगत कराया तो उस सेंगोल की बहुत खोज हुई।
प्रयागराज के संग्रहालय में यह सेंगोल मिला। जो लिखा गया था वह कहने योग्य नहीं है। इसे संग्रहालय में नेहरू की छड़ी कहके रखा गया था।

सेंगोल पर गोल पृथ्वी बनी है। उस पर भगवान शिव के वाहन नंदी हैं। यह सनातन धर्म के राज्यधर्म का एक प्रतीक अब नई संसद में लोकसभा अध्यक्ष की पीठ के पास होगा।
प्रधानमंत्री ने अपनी सांस्कृतिक परंपरा में यह अमूल्य योगदान किया है।

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ुद्दा

राजदंड सेंगोल!! हर किसी को जो सवाल पूछना चाहिए वह है, 1947 से इसे क्यों छुपाया गया?बाद में परंपरा का पालन क्यों नहीं किय...
28/05/2023

राजदंड सेंगोल!!

हर किसी को जो सवाल पूछना चाहिए वह है, 1947 से इसे क्यों छुपाया गया?
बाद में परंपरा का पालन क्यों नहीं किया जाता है?
इसे गायब किसने किया?
क्या यह विशेष पंथों को खुश करने के लिए है?
ऐसी और कितनी बातें छिपी हैं? और क्यों?

सेंगोल को एक पवित्र हिंदू समारोह में नेहरू को सौंप दिया गया था। सेंगोल पर खुदा तमिल में यह कविता है: यह हमारा आदेश है कि भगवान (शिव) के अनुयायी, राजा, स्वर्ग में शासन करेंगे। इस प्रकार, 15 अगस्त 1947 को सत्ता एक हिंदू 'राजा' को स्थानांतरित कर दी गई, जिसे एक जैसा शासन करने का आदेश दिया गया था। तमिल में कविता अब सनातन सभ्यता में वापस आ रही है। यह सनातन सभ्यता की पुनर्स्थापना नहीं तो और क्या है ? अब आप समझ गए होंगे कि सभी 19 पार्टियां उद्घाटन समारोह का बहिष्कार क्यों कर रही हैं।

ब्रिटिश शासन द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित करने के प्रतीक स्वरूप प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिए गए ऐतिहासिक सेंगोल को नये संसद भवन में स्थापित किया जाएगा। यह राजदंड (सेंगोल)अभी इलाहाबाद के एक संग्रहालय में रखा हुआ है।

1947 में मूल सेंगोल बनाने में शामिल रहे दो लोगों, 96 वर्षीय वुम्मिदी एथिराजुलु और 88 वर्षीय वुम्मिदी सुधाकर के नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने की उम्मीद है।

तमिल विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एस. राजावेलु ने कहा कि राजाओं के राज्याभिषेक का नेतृत्व करने और सत्ता के हस्तांतरण को पवित्र करने के लिए समयाचार्यों (आध्यात्मिक गुरुओं) के लिए यह एक पारंपरिक चोल प्रथा थी, जिसे शासक को मान्यता देने के तौर पर देखा जाता था।

उन्होंने कहा, ''तमिल राजाओं के पास यह सेंगोल (राजदंड के लिए तमिल शब्द) था, जो न्याय और सुशासन का प्रतीक है। दो महाकाव्यों – सिलपथिकारम और मणिमेकलई – में सेंगोल के महत्व का उल्लेख किया गया है।''

राजावेलु ने कहा कि संगम काल से ही 'राजदंड' का उपयोग खासा प्रसिद्ध रहा है। उन्होंने कहा कि तमिल काव्य 'तिरुक्कुरल' में सेंगोल को लेकर एक पूरा अध्याय है।

राजावेलु ने पीटीआई-भाषा को बताया कि प्राचीन शैव मठ थिरुववदुथुराई आदिनम मठ के प्रमुख ने नेहरू को 1947 में सेंगोल भेंट किया था।

प्रमुख शैव मठों से जुड़े पी.टी. चोकलिंगम ने कहा, ''यह हमारे राजाजी (सी राजगोपालाचारी, भारत के अंतिम गवर्नर जनरल) थे जिन्होंने नेहरू को आश्वस्त किया कि इस तरह के समारोह की आवश्यकता है क्योंकि भारत की अपनी परंपराएं हैं और संप्रभु सत्ता के हस्तांतरण की अगुवाई एक आध्यात्मिक गुरु द्वारा की जानी चाहिए।''

14 अगस्त, 1947 को सत्ता के हस्तांतरण के समय, तीन लोगों को विशेष रूप से तमिलनाडु से लाया गया था – अधीनम के उप मुख्य पुजारी, नादस्वरम वादक राजरथिनम पिल्लई और ओथुवर (गायक) – जो सेंगोल लेकर आए थे और कार्यवाही का संचालन किया था।

तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के 2021-22 नीति नोट के अनुसार: ''सिंहासन के समय, पारंपरिक गुरु या राजा के उपदेशक नए शासक को औपचारिक राजदंड सौंप देंगे।''

इस परंपरा का पालन करते हुए, जब ओथुवमूर्तियों ने कोलारू पाथिगम-थेवारम से 11वें छंद की अंतिम पंक्ति का गायन पूरा किया, तो थिरुववदुथुरै अदीनम थंबीरन स्वामीगल ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को सोने की परत चढ़ा चांदी का राजदंड सौंप दिया।

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ुद्दा

इस सर्वे के अनुसार बिहार की जनता कह रही है कि 2025 में भाजपा का मुख्यमंत्री होगा। (1) भाजपा को 65% वोट मिले हैं।(2) जदयू...
26/05/2023

इस सर्वे के अनुसार बिहार की जनता कह रही है कि 2025 में भाजपा का मुख्यमंत्री होगा।
(1) भाजपा को 65% वोट मिले हैं।
(2) जदयू को 16% वोट मिले हैं।
(3) राजद को 9% वोट मिले हैं।
(4) जन सुराज को 4% वोट मिले हैं।
(5) कांग्रेस को 2% वोट मिले हैं।
(6) अन्य को 1% वोट मिले हैं।

इन्हें तो पहचानते ही होंगे?? ये हैं ललन सिंह, 2010 के पहले और 2017 से लेकर 2022 तक राजद और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद याद...
25/05/2023

इन्हें तो पहचानते ही होंगे?? ये हैं ललन सिंह, 2010 के पहले और 2017 से लेकर 2022 तक राजद और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जंगलराज एवं भ्रष्टाचार का मसीहा और प्रतीक बताते नहीं थकते थे। लेकिन कुछ दिनों पहले ये लालू जी की शान में क़सीदे पढ़ रहे थे। कह रहे थे सामाजिक न्याय की लड़ाई के सूत्रधार के प्रतीक हैं। आज की राजनीति में इस तरह के लोग भरे पड़े हैं। अपने फायदे के लिए कुछ भी कह सकते हैं और कर भी सकते हैं। आज इनके वीडियो को राजद के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किया गया। जबकि आज से कुछ साल पीछे चले जाइये तो राबड़ी देवी ने यही ललन सिंह के लिए किन-किन शब्दों का प्रयोग की थीं और ललन सिंह ने भी क्या-क्या आरोप लगाया था। आज नैतिकता की बात करना मूर्खतापूर्ण है। हर राजनीतिक दल में ऐसे लोग भरे पड़े हैं। यही कारण है कि देश और राज्य रसातल में जा रहा है। आज विकास करना तो दूर की बात है कोई विकास की बात भी नहीं कर रहा है। सभी सत्ता में रहने और बचाने के लिए हथकंडे अपना रहा है। जिन मुद्दों से जनता का कोई लेना-देना नहीं है उन मुद्दों को विपक्ष उठा रहा है और सत्ता दल को भी यही चाहिए। जनता के लिए कौन है?? कोई नहीं...!!
ुद्दा

कहीं ये इनलोगों की साजिश तो नहीं है??दुनिया पर अटैक करने वाली है एक और 'घातक' महामारी! तैयार रहें; WHO ने दी चेतावनी!!अभ...
24/05/2023

कहीं ये इनलोगों की साजिश तो नहीं है??

दुनिया पर अटैक करने वाली है एक और 'घातक' महामारी! तैयार रहें; WHO ने दी चेतावनी!!

अभी कोरोना की मार का डर गया नहीं कि दुनिया पर एक और घातक महामारी का खतरा मंडरा रहा है। यह महामारी कोरोना से भी घातक बताई जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने चेतावनी जारी की है।

घेब्रेयसस मंगलवार को 76वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में शामिल हुए। वहां एक रिपोर्ट पेश करते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, "ऐसा लगता है कि दुनिया भर में कोविड का प्रकोप खत्म हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। एक अन्य प्रकार की महामारी की संभावना बनी हुई है। जिससे मरीजों और मौतों की संख्या में काफी इजाफा होगा। इसके अलावा कोविड से भी ज्यादा घातक वायरस के फैलने की भी आशंका है।"

घेब्रेयसस ने कहा कि इस बात से दुनिया को यह आत्मसंतुष्ट होने की जरूरत नहीं है कि कोविड महामारी खत्म हो गई है। उन्होंने आम लोगों को भी अपनी देखभाल करने और सावधान रहने का संदेश दिया।

उन्होंने कहा, "अब कोविड की चिंता मत कीजिए। कोविड महामारी चिंता का एकमात्र कारण नहीं है। हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। अगली महामारी बहुत जल्द दस्तक देने वाली है। तब हम सभी को सामूहिक रूप से उस महामारी से लड़ने के लिए तैयार रहना होगा।"

लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी का विवादित बयान!! बंगाल के मुर्शिदाबाद में अधीर रंजन चौधरी मीडिया से बात कर...
24/05/2023

लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी का विवादित बयान!!

बंगाल के मुर्शिदाबाद में अधीर रंजन चौधरी मीडिया से बात कर रहे थे। तभी पत्रकारों ने उनसे 2000 रुपये के नोट को लेकर सवाल पूछा। इस पर उन्होंने कहा कि वो मोदी नहीं हैं, वो पगला मोदी हैं। लोग उनको 'पागल मोदी' कहते हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा :- आप मेरी बातों को लिखकर रख लीजिए नीतीश कुमार का भी वही हाल होगा जो चंद्रबाबू नायडू का हुआ था. ुद्...
23/05/2023

प्रशांत किशोर ने कहा :- आप मेरी बातों को लिखकर रख लीजिए नीतीश कुमार का भी वही हाल होगा जो चंद्रबाबू नायडू का हुआ था.
ुद्दा

पप्पू यादव चिल्ला-चिल्ला कर दूसरों के ऊपर आरोप लगाते हैं, उपदेश देते हैं, सजा की मांग करते हैं, दूसरे को अपराधी बताते है...
19/05/2023

पप्पू यादव चिल्ला-चिल्ला कर दूसरों के ऊपर आरोप लगाते हैं, उपदेश देते हैं, सजा की मांग करते हैं, दूसरे को अपराधी बताते हैं। अब देखिए उन पर कितने अपराधों का आरोप है, और कई केश भी हो रखें। इस पर उनके कभी मुँह नहीं खुलते हैं। क्यों????
#पप्पू_यादव_महात्मा_की_समाज_सेवा_की_सुची_👇
कत्ल की काली सूचि___
01.स्वर्गीय अजीत सरकार mla, पूर्णिया
02." रमाकांत सिंह नप चैयरमैन, कटिहार
03." कॉमरेड अफाकूर रहमान cpm नेता,पूर्णिया
04." स्वर्गीय हरेंद्र शर्मा (अजीत दा का गार्ड )
05. " किशोर सिंह , भट्ठा बाजार, पूर्णिया
06." रंगू सिंह , गुलाब बाग़, पूर्णिया
07. " शेरू सिंह विष्णुपुर ड्यौढी, धमदाहा
08. " परमानंद चौधरी , बनमनखी
09. " कलानन्द झा , नवटोल, मधेपुरा
10. " अभय सिंह , नवटोल, मधेपुरा
11. " मुनमुन सिंह, भटोतर, बड़हरा कोठी
12. " संजय सिंह , भटोतर,बड़हरा कोठी
14. " अशोक सिंह , कुआंरी, पूर्णिया
15. " विनोद सिंह , धमदाहा, पूर्णिया
16. " राम सिंह ,बनमनखी , पूर्णिया
17. " गोपाल सिंह , सरसी,पूर्णिया
18. " कुंदन सिंह , मुरली-चंदवा, उदा किशुनगंज
परीक्षा के दौरान कटिहार में मार दिया।
19. mlc अशोक अग्रवाल, कटिहार के पेट्रोल पंप का कर्मचारी (सिर्फ इसलिए मारा की पेट्रोल का पैसा माँग दिया)
20." भगवान यादव जोगबनी, अररिया (अपने ही साथी को इसलिए मरवा दिया कि उसका प्रभाव बढ़ रहा था)

यह काली सूचि अभी अधूरी है__
समाज के कुछ नौसिखिए फेसबुकिए नौजवान एक बगुला भगत नौटंकीबाज नेता को उसके काले करतूतों और खून से रंगे स्याह इतिहास को भूलकर महिमा मंडन में रात -दिन एक किए हुए हैं ऐसे नासमझों के लिए आज यह ब्लैक लिस्ट जारी करना मैंने मुनासिब समझा, जिन्हें दर्जनों माँओं की उजड़ी कोख, बहनों की सूनी मांगों, अपनी इज्जत -अस्मत , लाज -शर्म, जिल्लत -अपमान से कोई वास्ता नहीं, जो सब उठाकर बेशर्मी से पी गया है।

वे 90 दशक के उन खौफनाक दिनों को भूल गए, जब कोशी-पूर्णिया प्रमंडल में इसके बेलगाम गुंडागर्दी के कारण माँ -बहनो की इज्जत- अस्मत, घर, खेत-खलिहान और फ़सलें लूटी गईं। बसों -ट्रेनों से निर्दोषों को खींच कर जाति पूछकर पीटा गया । पंडों -पुरोहितों के थूक से टीके मिटाए गए, जनेऊ काटे गए?? मधेपुरा sp भवेश ठाकुर के गाड़ी चढ़ाकर दोनों पैर तोड़े गए, pp विदुर झा जी का सपरिवार सार्वजनिक तौर घोर अपमान किया गया।

औरतों को नंगी कर सामूहिक प्रदर्शन किया गया।
यूँ तो इस कथित मसीहा के अन्याय भोगने वाले सभी जाति -धर्म के लोग थे, पर इनके कत्ल और अपमान के ज्यादातर शिकार सवर्ण थे। जो आज बेहयाई से इसके सभी काले कारनामों को भूल गए हैं?

किसी ने सच ही कहा____
क्या मिलिए ऐसे लोगों से जिसकी फितरत छुपी रहे ,
नकली चेहरा सामने आए असली सूरत छिपी रहे ।
दान की चर्चा घर -घर पहुँचे, लूट की दौलत छिपी रहें।-----बताईये क्या यह सब सच है? इसकी पडताल होनी चाहिए।

साभार

ुद्दा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना हुआ चकनाचूर। वैसे तो नीतीश कुमार ने हमेशा कहा है कि मैं प्रधानमंत्री का उम्मीदव...
19/05/2023

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना हुआ चकनाचूर। वैसे तो नीतीश कुमार ने हमेशा कहा है कि मैं प्रधानमंत्री का उम्मीदवार नहीं हूँ और ना ही ऐसी कोई इच्छा है। लेकिन जदयू के बड़े नेताओं के द्वारा ये लगातार ये कहा जा रहा है कि इस बार लाल किला पर बिहार का बेटा तिरंगा फहराएगा। और हर कार्यक्रम में जदयू के लोगों के द्वारा ये नारा लगाया जाता है कि देश का प्रधानमंत्री कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो। और ये सभी लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार की भी इच्छा है और महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद भी चाहती है कि जितनी जल्दी हो नीतीश कुमार बिहार से केन्द्र की राजनीति में जाएं ताकि तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो। लेकिन कर्नाटक चुनाव के परिणाम आने के बाद नीतीश कुमार का सपना टूटता दिखाई दे रहा है। क्योंकि कुछ दिनों पहले जिन दो बड़ी क्षेत्रीय दलों के सुप्रीमो से मिलकर आये थे तो जदयू को ये विश्वास होने लगा था कि इस बार प्रधानमंत्री नीतीश कुमार बन ही जायेंगे। ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने भरोसा भी दिया था, लेकिन साथ देने का भरोसा दिया था ना कि प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए! अब वही ममता बनर्जी और अखिलेश यादव कह रहे हैं कि कांग्रेस को समर्थन देंगे और कांग्रेस हमें भी समर्थन देगा। इस से तो यही प्रतीत हो रहा है कि नीतीश कुमार का सपना चकनाचूर हो गया है।

ुद्दा

सिद्धारमैया होंगे कर्नाटक के नए सीएम, डीके शिवकुमार बनेंगे डिप्टी सीएम; 20 मई को शपथ ग्रहण समारोह
18/05/2023

सिद्धारमैया होंगे कर्नाटक के नए सीएम, डीके शिवकुमार बनेंगे डिप्टी सीएम; 20 मई को शपथ ग्रहण समारोह

नीतीश कुमार के हालिया दो बयानों से क्या समझते हैं? क्या नीतीश कुमार अपनी छवि खुद धूमिल कर रहे हैं? एक गंभीर व्यक्तित्व व...
17/05/2023

नीतीश कुमार के हालिया दो बयानों से क्या समझते हैं? क्या नीतीश कुमार अपनी छवि खुद धूमिल कर रहे हैं? एक गंभीर व्यक्तित्व वाला इंसान अचानक से हास्यास्पद बयान क्यों दे रहा है??
पहला बयान:- बिहारशरीफ (नालन्दा में स्थित) का नामकरण मैंने ही किया था।
दूसरा बयान:- इस देश में सबसे पहले नीतीश नाम मेरा ही रखा गया था।
अब इससे ये नहीं लगता है कि इनको सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए?? अब ये प्रधानमंत्री नहीं बल्कि मुख्यमंत्री भी रहने लायक नहीं रह गए हैं?? इन्हें तेजस्वी यादव को सत्ता सौंप देनी चाहिए।
ुद्दा

कांग्रेस चुनाव तो जीत जाती है लेकिन उसकी सबसे बड़ी परेशानी का सबब ये है कि कुर्सी पर बैठेगा कौन?? कर्नाटक में इसके पहले व...
17/05/2023

कांग्रेस चुनाव तो जीत जाती है लेकिन उसकी सबसे बड़ी परेशानी का सबब ये है कि कुर्सी पर बैठेगा कौन?? कर्नाटक में इसके पहले वाले चुनाव में भी यही हुआ था, मध्यप्रदेश चुनाव के बाद यही हुआ था, राजस्थान चुनाव के बाद से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लड़ाई शुरू हुई है वो आज तक जारी है। इसका नतीजा ये हुआ की कर्नाटक में सरकार चली गई, मध्यप्रदेश में सरकार चली गई और राजस्थान में कई बार जाते-जाते बची। इस बार फिर वही होने जा रहा है। कांग्रेस आलाकमान सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने जा रहा है। इस बार फिर डी के शिवकुमार मुँह देखते रह जाएंगे। जबकि दोनों बार चुनाव में कांग्रेस की जीत शिवकुमार के कुशल प्रबंधन के कारण ही हुई थी। अब देखना है कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार कितने दिनों तक चलेगी। और बाद में सभी कांग्रेसी बीजेपी को दोष देंगे।

✍️ ुद्दा

अभी पूरे देश में सबसे ज्यादा चर्चित व्यक्ति है तो वो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हैं। हर जगह इन्हीं की चर्चा हो रही है। गूगल...
17/05/2023

अभी पूरे देश में सबसे ज्यादा चर्चित व्यक्ति है तो वो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हैं। हर जगह इन्हीं की चर्चा हो रही है। गूगल पर ज्यादा सर्च किये जाने वाले कथावाचक हैं। बिहार में तो इनकी चर्चा चरम पर है। इनके द्वारा और इनके समर्थकों द्वारा बहुत सारे दावे किए जाते रहे हैं। तो इनके विरोध में भी बहुत सारे तथ्य और दावे किए जा रहे हैं। कुछ लोगों ने बताया कि कथा का कोई चार्ज नहीं लेते हैं। आइए आज आपलोगों से एक व्यक्ति के द्वारा बताई गई सच्चाई आपलोगों से साझा करता हूँ।

एक व्यक्ति नाम न छापने के शर्त पर बताया कि इनका कार्यक्रम लेने के लिए इनके कुछ करीबी व्यक्तियों से संपर्क किया। तो सभी खर्च लगभग 2 से 2.50 करोड़ का बताया गया। सारी बातें तय हो गई। संकल्प के नाम पर कहें या बुकिंग कहें, 11 लाख मांगा गया। 11 लाख का चेक दे दिया गया। बाद में किसी कारण कथा नहीं हो पाई और कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। इसी बीच इनसे (जिनकी ये आपबीती है) गाड़ी मांगी गई (इनके पास एक महंगी गाड़ी है) और एक जगह फार्म हाउस है उसकी चावी मांगी गई। इसलिए कि ताकि उधर जाएं तो ठहर सकें। और गाड़ी के बारे में भी बोला गया था कि लौटा दिया जाएगा। लेकिन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के ही टीम एक व्यक्ति जो इनके जान पहचान का था,उसने बताया कि कुछ मत दीजिएगा। क्योंकि यदि एक बार दरबार चला गया तो वापस नहीं मिलेगा। और उसका सबूत ये है कि कार्यक्रम रद्द होने के बाद अभी तक 11 लाख का चेक लौटाया नहीं गया है। अब विश्वास करे तो किस पर करे??

उस व्यक्ति के बताए गए आधार पर!!

ुद्दा

17/05/2023

परसों महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में कुछ लोगों द्वारा चादर चढ़ाने की कोशिश की गई। ये वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आई और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने जाँच के आदेश दिया और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले की जाँच SIT करेगी।

15/05/2023

हैदराबाद के भाजपा नेता टी राजा ने कर्नाटक चुनाव का रिजल्ट आने के बाद वोटरों को दुत्कारा!!
ुद्दा

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