26/01/2022
नागौर भास्कर
🙏गोगेलाव विशेषांक🙏
गोगेलाव गांव का करणी माता मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र है। विक्रम संवत 1444 में बने इस मंदिर में प्रतिष्ठापित मूर्ति भूमि से प्रकट हुई बताई जा रही है। करीब 574 साल पुराने इस मंदिर में मंत्रत मानने और आस्था प्रकट करने के लिए स्थानीय लोगों के अलावा प्रदेश के बाहर दिल्ली मुंबई या दक्षिण में जाकर बसे लोग भी जब भी यहां आते हैं तो इस मंदिर में अवश्य दर्शन करके जाते हैं। इसके अलावा देशनोक करणी माता के मंदिर दर्शनों के लिए पैदल या वाहनों जाने वाले दर्शनार्थी भी इस मंदिर में भोक देकर ही आगे बढ़ते हैं। मंदिर की स्थापना हालांकि 574 साल पहले हुई, लेकिन व गांव के लोगों ने इस मंदिर का रखरखाव किया है। इसी कारण यह आज आधुनिक स्वरूप में निखर कर सामने आता है। चैत्र व शारदीय नवरात्र के दौरान यहां मेला भरता है। करणी नवयुवक मंडल की ओर से नवरात्र के दौरान श्रद्धालुओं की आवभगत की जाती है। पुरातत्व के जानकार और इसी गांव के निवासी श्याम सुंदर उपाध्याय ने बताया कि मूर्ति प्रकट होने के बाद पहले पहल यहां एक कुटिया स्थापित थी। स्थानीय लोग मूर्ति की पूजा करते थे। इस बीच मत्रत पूरी होने पर पेठ चंपालाल बोधरा ने श्री करणी माता मंदिर बनवाया बाद में गांव के लोगों ने इसे और भव्य स्वरूप प्रदान किया।
संकलनकर्ता मो. सरदार गौरी, गोगेलाव