The Ainak

The Ainak TheAinak.com एक आईना है जो हमें अपने समाज की सच?

बहादुर शाह ज़फ़र की यौम-ए-वफ़ात पर....बहादुर शाह ज़फ़र की ये तस्वीर देखता हूँ, तो मुझे एक खूबसूरत शख्सियत नज़र आती है जिसने ग़र...
21/12/2024

बहादुर शाह ज़फ़र की यौम-ए-वफ़ात पर....

बहादुर शाह ज़फ़र की ये तस्वीर देखता हूँ, तो मुझे एक खूबसूरत शख्सियत नज़र आती है जिसने ग़रीब किसान भूमिहार जनता की मांग पर 1857 की क्रांति का नेता बनने का फ़ैसला किया जबकि कई राजे महाराजे तब तक अंग्रेजों की गोद मे जा बैठे थे।

मैं देखता हूँ कुछ नफ़रत में अंधे हो चुके लोग, बहादुर शाह और उनके बेटों की तस्वीर में उनकी "बदसूरती" का मज़ाक़ उड़ाते हैं, ज़ाहिर है नफ़रत ने उनकी आंखों की रौशनी छीन ली है तो वो कहां देख पाएंगे इन कुम्हलाये चेहरों के पीछे वतन के लिए मर मिटने की खूबसूरती को,
लेकिन ये याद रखने की बात है कि अंग्रेजो का साथ देने के सुरक्षित मार्ग के खुले होने के बावजूद बहादुर शाह ने गरीब और कमजोर जनता का साथ दिया ....
बहादुर शाह ज़फर से जो उनकी जनता ने मांगा वो बहादुर शाह ने दे दिया ... यानी बहादुर शाह को नेता बनाकर उनके नाम पर क्रांति युद्ध चलाया गया और इसका परिणाम ये हुआ कि क्रांति को दबा देने के बाद बहादुर शाह को युद्ध का समर्थन करने के जुर्म मे उनका राज पाट छीन कर उन्हें आजीवन देश निकाला दे दिया गया ...... अगर बहादुर शाह क्रांति के युद्ध का समर्थन न करते और ग्वालियर के सिंधिया की तरह क्रांतिकारियो पर अंग्रेजो के साथ मिल कर गोलियां चलवाई होती तो शायद आज बहादुर शाह के वंशज भी राजा महाराजा कहलाते और राजनीति मे ऊंची पहुंच वाले होते ... पर जनता का साथ देने का बहादुर शाह को ये सिला मिला कि उनके वंशज आज कोलकाता मे चाय बेचकर पेट पाल रहे हैं....

बूढ़े बहादुर शाह को तो अंग्रेजों ने नही मारा लेकिन उनके तमाम शहज़ादों को चुन चुनकर अंग्रेजों ने मार डाला था, शहज़ादों को गिरफ्तार करके अंग्रज़ों ने गन्दे कपड़े पहनाये, वो तस्वीरें जिनका आज नफ़रत के बन्दे मज़ाक उड़ाते हैं, वो भी उसी वक्त खींची गई थीं.. ज़ालिम अंग्रेज़ो ने बहादुर शाह ज़फ़र के दो शहज़ादों के सर काटकर बहादुर शाह के आगे नाश्ते के वक्त पेश किए थे .... तब इसी 'कुरूप' बूढ़े ने कहा था कि "हिंदुस्तान के बेटों के सर मुल्क के लिए क़ुर्बान होकर इसी शान से लाये जाते हैं"
बहादुर शाह ज़फर की इतनी अज़ीम कुरबानी को आज यूं हलके मे लिया जाता देखकर तकलीफ होती है..
ये बहादुर शाह ज़फ़र की आख़री तस्वीर है, ज़फ़र की आख़री तमन्ना थी कि मौत के बाद उनको हिंदुस्तान की मिट्टी में दफ़्न किया जाए... लेकिन अंग्रेजों ने उनकी इस मांग को भी पूरा न किया और ज़फ़र तड़प कर कहते रह गए....
"कितना है बदनसीब 'ज़फ़र' दफ़्न के लिये
दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू ए यार में"

आज सोचता हूँ कि अच्छा हुआ कि ज़फ़र का जब 7 नवम्बर 1862 को रंगून में इंतकाल हुआ तो उन्हें वहीं दफ़्न कर दिया गया था... अगर ज़फ़र का कहा मानकर अंग्रेज उन्हें दिल्ली में दफ़्न कर देते तो आज की फ़ज़ा देखकर बहादुर शाह ज़फ़र को बहुत तक़लीफ़ होती, शायद अपने शहज़ादों के शहीद होने की तकलीफ़ से भी ज़्यादा तक़लीफ़ उन्हें आज अपने और अपने ख़ानदान की शहादत का मज़ाक उड़ते देखकर होती।

Credits : Shahnawaz ansari

https://youtu.be/mm-tg4WpFOA
30/10/2024

https://youtu.be/mm-tg4WpFOA

Join us for the classic tale of The Rabbit and the Tortoise in this colorful, illustrated story that’s perfect for young minds! 🐢🐇 Watch as the speedy Rabb...

26/10/2024
ईमानदारी और भरोसे की अमर मिसालज़ंजान, ईरान के एक छोटे से शहर का एक साधारण साइकिल रिपेयर करने वाला व्यक्ति, हज हसन, आज पू...
12/10/2024

ईमानदारी और भरोसे की अमर मिसाल

ज़ंजान, ईरान के एक छोटे से शहर का एक साधारण साइकिल रिपेयर करने वाला व्यक्ति, हज हसन, आज पूरी दुनिया में ईमानदारी और भरोसे की मिसाल बन चुका है। ज़ंजान के मुख्य बाज़ार में, एक चौराहे पर लगी एक साइकिल और आदमी की मूर्ति इस कहानी को अमर करती है।

कुछ दशक पहले, एक व्यक्ति ने अपनी साइकिल हज हसन के पास मरम्मत के लिए छोड़ी, लेकिन वह कभी उसे लेने वापस नहीं आया। दिन गुज़रते गए, फिर साल बीत गए, लेकिन हज हसन ने कभी उस साइकिल को नहीं बेचा या किसी और को नहीं दिया। बल्कि हर रोज़ वह साइकिल को बाहर निकाल कर रख देते, इस उम्मीद में कि उसका मालिक लौटेगा, और शाम को उसे वापस अंदर रखते। यह सिलसिला पूरे 45 साल तक चलता रहा।

यह एक साधारण घटना नहीं थी, बल्कि इस्लामी समुदाय के अंदर जमी हुई गहरी ईमानदारी और भरोसे की भावना का प्रतीक थी। मुस्लिम समुदाय की यह विशेषता है कि उनके व्यवहार में सच्चाई और अमानतदारी बसी होती है। हज हसन ने इस्लाम के उन्हीं सिद्धांतों का पालन किया, जो विश्वास और ईमानदारी को सर्वोपरि मानते हैं। यह कहानी सिर्फ ज़ंजान नहीं, बल्कि पूरे मुस्लिम समाज के उस अद्वितीय विश्वास की गवाही देती है, जिसे आज भी दुनिया में आदर्श माना जाता है।

हज हसन का 2017 में निधन हो गया, लेकिन उनकी ईमानदारी की यह अनूठी कहानी आज भी ज़िंदा है। ज़ंजान के निवासियों ने उनकी याद को एक मूर्ति के रूप में संजोया, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ यह जान सकें कि ईमानदारी का क्या मतलब है। आज, दूर-दूर से लोग इस मूर्ति को देखने आते हैं और हज हसन की कहानी से प्रेरणा लेकर जाते हैं।

इस कहानी ने साबित किया कि सच्चाई और अमानतदारी किसी एक व्यक्ति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरी समुदाय की गहरी जड़ें इन्हीं उसूलों पर टिकी हैं।

03/05/2024

BREAKING NEWS!

📢📢 Official update...

पार्टी ने बिहार लोकसभा चुनाव में अपने Candidates ki घोषणा की
बिहार AIMIM पार्टी के स्टेट प्रेसिडेंट जनाब अख्तरुल ईमान ने आधिकारिक तौर से बयान जारी किया।

Md Anjarul Hasan साहब की सीट से और Waqar Siddiqui साहब की सीट से पार्टी के चुनाओ चिन्ह से इलेक्शन कैंडिडेट होंगे।

AIMIM State General Secretary Janab sahab AIMIM Bihar State Youth President Janab








अब नेता फिर इलेक्शन में मुसलमान को भाई बना कर वोट ठगने जायेंगे
24/04/2024

अब नेता फिर इलेक्शन में मुसलमान को भाई बना कर वोट ठगने जायेंगे

मुजफ्फरपुर के लिए किसी ने कुछ नहीं किया,जब मौका देखा पार्टी बदल लिया
24/04/2024

मुजफ्फरपुर के लिए किसी ने कुछ नहीं किया,
जब मौका देखा पार्टी बदल लिया

नेता किसी का सगे नही, सिर्फ अपना फायदा देखते
24/04/2024

नेता किसी का सगे नही, सिर्फ अपना फायदा देखते

16/02/2023

Data science सीखें।
आने वाले समय में data science के जानकारों को अच्छी नौकरी मिलेगी।
ज्यादा जानकारी के लिए youtube channel से जुड़े https://youtu.be/ezFGi2Xia-I

Training and placement program
24/12/2022

Training and placement program

Opportunity for any branch B.tech graduates (2020 or later passout)Three months probationary joining(Work from home) in ...
15/12/2022

Opportunity for any branch B.tech graduates (2020 or later passout)

Three months probationary joining(Work from home) in a Information Technology Startup with full on job training on ServiceNow technology (including interview preparation, real job work experience and LinkedIn profile review)
Monthly salary during probation period INR 15000 per month
After three months probationary period, candidates will be referred for better paying job opportunities in Multinational Companies. (Guaranteed Job assistance)

This Program starts on 31st Dec 2022

WhatsApp/call +91 621 355 4103 for more details.

Address

Maripur
Muzaffarpur
842001

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when The Ainak posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Videos

Share

TheAinak.com अपने समाज का आईना

TheAinak.com एक आईना है जो हमें अपने समाज की सच्ची पहचान दिखाता रहेगा। समाज कल्याण और नई दिशा की ओर ढृढ़तापूर्वक अग्रसर रहेगा।आइए हम सब मिलकर एक साथ संकल्प ले कि हम इस नए आइने की झलक से एक सुनहरे भविष्य का निर्माण करेंगे।

अगर आप भी कुछ सामाजिक झलकियां या फिर अपनी व्यक्तिगत राय इस आइने पर दिखाना चाहते हैं तो हमें इस ईमेल पर लिखें [email protected]

Welcome to the reflections of TheAinak.com portal. We are an Independent News, Information and Entertainment portal, aiming to mirror the true reflections of our society. Let us all come together and pledge that we will utilize the reflections of this Mirror (theAinak) to build for ourselves a bright future, full of Hope. If you are interested in posting some reflections of your own on TheAinak.com, then please do write us at : [email protected]