02/08/2023
भगवान भोलेनाथ शिव लैंगे धरती पर अवतार
"बनेंगे कुशल शिक्षक "
देवो के देव, अनंत शक्तिशाली और तीनों लोको के विजेता बाबा भोलेनाथ की महिमा अपरम्पार है!अलौकिक एवं दिव्य गुणों से भरपूर भगवान भोलेनाथ जिनकी अमर शक्ति का मुकावला कोई नहीं कर सकता!जो इनके शरण में आया उनके सारे दुःखो का निवारण होना तय है!भोले बाबा कहां किस रूप में दर्शन देंगे यह कोई नहीं जानता!भगवान भोलेनाथ शिव जी का एक अदभुत अवतार होने की असीम संभावना है!जो एक कुशल शिक्षक की तरह होंगे!
महाकवि विधापति की तरह छात्रों को वे राष्ट्र की सुरक्षा, संरक्षा, धार्मिक ज्ञान, अनुशासन, देश भक्ति, सच्ची लगन, शान्ति तथा सभ्यक विकास से अवगत कराएंगे!उनका उद्देश्य पूरे विश्व का वातावरण धर्ममय करना होगा!भगवान भोलेनाथ शिव जन्म लेकर धरती पर शिक्षक के रूप में आएंगे!अब बाबा भोलेनाथ के भक्तो को एक कुशल शिक्षक के रूप में बाबा भोलेनाथ के अवतार का इंतजार है!
दुनियां में एक ऐसी बहुत बड़ी शक्ति भी है, जों हम सबको देख रही है!जिसे भगवान का नाम दिया गया है!यह एक हकीकत है कि वह भगवान महाकाल बाबा भोलेनाथ ही है!कण -कण में बाबा भोलेनाथ आप निवास करते है!हर भक्त के लिए आप और हर भक्त आपके लिए खास है!इस दुनियां में सच वहीं भगवान बाबा भोलेनाथ ही है, बाकी सब मिथ्या एवं झूठ है!हर चीज का अन्त है, लेकिन ईश्वर का नहीं!प्यार करना है,तो बाबा भोलेनाथ से करो जिससे श्रद्धा, विश्वास और पुण्य जाग उठे!ईश्वर और भक्ति में प्रेम का रिश्ता भी अनंत है!ईश्वरीय प्रेम इंसान को रंगीन और खुशबूदार बना देता है!प्रेम का मतलब श्रद्धा, भक्ति और विश्वास है!जिसे प्रेम का साक्षात्कार होता है, उसे मानो ईश्वर का साक्षात्कार होता है!बाबा भोलेनाथ शिव ही प्राकृतिक, सर्वश्व एवं सर्व व्यापी है!भगवान भोलेनाथ अनन्त शक्तिशाली, अविनाशी और शक्ति पति है!वे कुछ भी कर सकते है!
ब्राह्मंड में जितने भी ग्रह घूमती है, वह वास्तव में शिव के पिता है!शिवजी ब्राह्मंड में ही निवास करते है और वे वहीं से सृष्टि की रचना भी करते है!प्रलय भगवान शिव भोलेनाथ का ही रूप है!जिनसे कोई नहीं बच सकता!यहाँ तक की देवलोक भी नहीं!सभी को मुक्ति, जीवन मुक्ति देने वाला और पतित से पावन बनाने वाला तो बाबा भोलेनाथ शिव है!
इंसान जमीन के भीतर खिसकती प्लेटो को थाम नहीं सकता, वह समुद्र में चक्रवत तूफान को उठने से रोक नहीं सकता, वह समूची दुनियां को मथ रही जलवायु की तरंगों को बांध नहीं सकता, तो फिर ऐसी इंसानी दिमाग़ से यह उम्मीद लगाये रखना बेकार है कि वह एक दिन प्रकृति के मस्तक पर विजय पाकर हमें असमय होने वाले महाविनाश के तांडव से बचा लेगा!
प्रकृति के नियम उप नियम होते है और इंसानी दिमाग़ ने उन्हें समझने और जानने की काबिलियत हासिल कर ली है!पर ज़ब वह इनके इस्तेमाल की कोशिश करता है तो समझ लेता है कि प्रकृति को उसने अपने वश में कर लिया है!यह इंसानी दिमाग़ अपने फायदे के लिए प्रकृति का दोहन तो कर सकता है!पर ज़ब वह अपने क्रोधी स्वरूप में होती है तो शिवजी के त्रिनेत्र की भांति रौद्र रूप धारण कर लेती है!वह वास्तव में जगत के गुरु और तीनों लोकों के विजेता भगवान भोलेनाथ शिवजी ही है!
प्राकृतिक हलचलो और इंसान के विकास की इस सह अस्तित्व का गहरा रिश्ता है!बुद्धि का विकास किसी दुनियां में मुमकिन नहीं है!जहाँ पर्यावरण इस कदर शांत हो चुका है कि उसमें कुछ भी अप्रत्याशित नहीं होता हो, ऐसी शांत -सुरक्षित दुनियां में अक्ल की जरुरत ही नहीं होंगी!इसलिए वैज्ञानिक मानते है कि कुदरत की अनिश्चितताओं के एवज में दिमाग़ हमें एक उपहार की तरह मिला है!वैज्ञानिक सिर्फ संभावनाओं की ओर इशारा कर सकते है, कोई निश्चित तारीख नहीं बता सकते!
आज इंसान पर्यावरण के साथ एकदम खिलवाड़ कर रहा है!आज सभी देश बड़े-बड़े मिसाइल, अग्ने यास्त्र, परमाणु बम, विस्फोटक सामग्री, रेडिशन वैगरह बनाकर पशु -पंक्षियों के साथ धोखेबाजी कर रही है!लोग इतने असिष्णु और हिंसक आखिर क्यों होते जा रहें है? लोग क्यों भूल जाते है कि पशु -पंक्षी भी ईश्वर की ही देन है!
मै ज्योतिष पर आँख मूदकर विश्वास नहीं करता, पर कई बार ज्योतिष में छिपे सत्य वैज्ञानिक की हकीकत को भी मात कर देते है!भाग्य का लिखा सामने आ जाता है!जन्म के समय कुंडलियां यूं ही नहीं बनाई जाती, शादी -विवाह के समय यूं ही नहीं कुंडलियां मिलाई जाती!सभी के पीछे एक अच्छी व विश्वसनीय रहस्य छिपा है!दो जिन्दगियो को मिलाकर नई ज़िन्दगी बनाने के लिए वैज्ञानिकों के फार्मूलों के तर्क नहीं दिए जाते!उस समय ईश्वर द्वारा निर्मित ज्योतिष विधा के अच्छी ज्ञान का उपयोग किया जाता है!
मै प्रदीप कुमार नायक, स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार इस लेख को लिखने के लिए वर्षो से सोच रहा हूं कि लिखू या नहीं!इसके लिए आदि, अनन्त और महाकाल बाबा भोलेनाथ के सिद्धांत का अध्ययन किया!उनसे मिली प्रेरणा, दर्शन व आशीर्वाद ने मुझे इस लेख को लिखने के लिए प्रेरित किया!सच कहूं तो भोले बाबा शिवजी का मनोहर स्वरूप देखकर व उनकी मीठी आवाज़ सुनकर मेरा चित बड़ा प्रसन्न हुआ!
यह लेख कोई मन गंढत कहानी या बेबुनियाद आधारों पर टिका लेख नहीं है!यह सौ प्रतिशत सत्य है!विश्वास करते है तो सभी तथ्य को मानिये और विश्वास नहीं करते है तो इस लेख को छोड़ दीजिए!
आज देश बड़े -बड़े महामारियां झेल चुकी है!भयानक युद्ध,ग्लेसरियल, आतंकवादी हमले, भयानक आंधी तूफान, बड़े -बड़े भूकंप, सुनामी, बाढ़, बिजली गिरना, जल मग्न, विश्व युद्ध, क्रांतियां, महामारियां, चक्रवात,बवंडा, झंझावत, धसकन, चट्टान एवं भूमि खिसकना इत्यादि आती है तो अचानक और क्षति अकल्पनीय होता है!अगर इसके बाद भी यह तथ्य हमें किसी नई जानकारी की तरह लगता है तो इसका क्या कारण है ? अगर अनुभवों से सीख लेना इतना आसान होता तो भारत अब तक ईश्वरीय विपदाओं के मामले में सबसे समझदार देश बन गया होता और हमने खुद को इनसे बचने और बचाने का रहस्य सीख लिया होता!लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, तो इसकी वजह क्या हो सकती है?
पृथ्वी का लम्बाई और चौडाई नापी जा सकती है!क्योंकि यह मनुष्य के वश में है!लेकिन हिमालय पर्वत और आसमान की लम्बाई और चौडाई आज तक किसी ने नहीं नापी है!जहाँ तक हिमालय पर्वत, समुद्र और आसमान है, वहाँ तक की लम्बाई और चौडाई नापना मनुष्य के वश की बात नहीं है!यही वजह है कि हर काम मनुष्य नहीं कर सकता!बहुत सी ऐसा काम है जों सिर्फ ईश्वर के हाथों में ही है!भावर्थ रामायण और श्री मद,भागवत गीता दोनों ग्रंथों में कुछ ऐसी बातों का रहस्य अभी भी रहस्यमय बनी हुई है,जों मनुष्य नहीं कर सकता!
इस पृथ्वी तथा धार्मिक स्थानों पर कुछ ऐसी शक्तियां है,जो मनुष्य के दिलो दिमाग़ में हर हमेशा विश्वास दिलाता है!जिससे जग जाहिर होता है कि इस दुनियां में भगवान है!जिसे लोग देख नहीं सकते!लेकिन भोलेबाबा के कुछ भक्त आज भी भोलेनाथ को देखने का दावा करते है!
नेपाल स्थित बरहा क्षेत्र शिव मंदिर के परिसर में जो पत्थर है उसे आज तक कोई भी व्यक्ति नहीं उठा सका है!ईश्वर की इच्छा के बिना कोई भी व्यक्ति उसे हाथ तक नहीं लगा सकता है!इस दुनियां में ईश्वर का कुछ रहस्यमय अधूरा काम है,जो वह स्वयं आकर करेंगे!मृत्यु ध्रुव सत्य है!इसलिए मनुष्य का आना -जाना लगा रहेगा!प्रभु की इच्छा कौन जाने कब आएंगे,यह कोई नहीं जानता!
अमरनाथ धाम में जो शिवलिंग है,वह साक्षात भगवान भोलेनाथ की अदभुत शिवलिंग है!हिमालय से जो इन्द्र धनुष निकलती है,वह शिव भगवान के चरण को स्पर्श करता है!जैसे ही भगवान शिव के चरण को सूर्य स्पर्श करता है,उसी से प्रकाश निकलती है!वहीं प्रकाश है जो इन्द्र धनुष में सूर्य दिखाई देता है और वहीं से पूरे विश्व में सूर्य उदय का रोशनी दिखाई देता है और वहीं सूर्य कन्या कुमारी में अस्त होता है!यही पृथ्वी का रहस्य है!दुनियां जानती है कि पूरे विश्व तथा सृष्टि को भगवान भोलेनाथ चलाते है!यही एक सत्य है!युग का परिवर्तन होना अनिवार्य है और मनुष्य का कभी अन्त नहीं होता है और उसी धर्म चक्र में दुनियां चलती रहती है और चलती रहेगी!
इस लेख का उद्देश्य किसी को मानसिक आघात नहीं पहुँचाना है!मेरा उद्देश्य बाबा भोलेनाथ की प्रेरणा, भविष्यवाणियों तथा तथ्यों को जोड़कर परोसना है, वहीं मैंने किया है!आपको अच्छा लगता है तो आप बधाई के पात्र है और अगर आपको झूठा लगता है तो आपसे क्षमा ही मांग सकता हूँ!
जब -ज़ब धर्म का ह्रास होता है और अधर्म बढ़ जाता है,तब -तब भगवान भोलेनाथ अवतार लेकर प्रकट हो जाते है!भक्तजनों की भावों की रक्षा, अन्याय -अत्याचार करने वाले दुष्टों का विनाश करने के लिए और धर्म की भली भांति स्थापना, पुनरुथान करने के लिए युग -युग में भगवान भोलेनाथ अवतार लेते है!आप यकीन कीजिए बाबा भोलेनाथ जल्द ही एक कुशल शिक्षक के रूप में अवतार लेंगे!
इन सारी बातों को बार -बार पढ़ा जाय,सुना जाय,विचार किया जाय और प्रचारित किया जाय!भोले बाबा से प्रार्थना है कि वे हमें सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें!
✍️ प्रदीप कुमार नायक
स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार - स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं, समाचार पत्र एवं चैनलों में अपनी योगदान दे रहें है!
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