Vinod prasad jaguri

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अस्त्युत्तरस्यां दिशिदेवतात्मा हिमालयोनामनगाधिराजःपूर्वापरौ तोयनिधि विगाह्य स्थितः पृथिव्याइवमानदंड:
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19/01/2025
05/12/2024

#महिला_संगीत ार्यक्रम #विवाह #कन्यादान #मांगलिक_गीत #ग्राम_पनियाला #टिहरी_गढ़वाल

30/11/2024

Information about Form W-8 IMY, Certificate of Foreign Intermediary, Foreign Flow-Through Entity, or Certain U.S. Branches for United States Tax Withholding and Reporting, including recent updates, related forms, and instructions on how to file. Form W-8 IMY may serve to establish foreign status for...

 #हरिप्रबोधनी_एकादशी  #देवोंठानी_एकादशी  #तुलसी_विवाह भगवान श्रीकृष्ण ने कहा : हे अर्जुन ! मैं तुम्हें मुक्ति देनेवाली क...
12/11/2024

#हरिप्रबोधनी_एकादशी #देवोंठानी_एकादशी #तुलसी_विवाह

भगवान श्रीकृष्ण ने कहा : हे अर्जुन ! मैं तुम्हें मुक्ति देनेवाली कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की ‘प्रबोधिनी एकादशी’ के सम्बन्ध में नारद और ब्रह्माजी के बीच हुए वार्तालाप को सुनाता हूँ । एक बार नारादजी ने ब्रह्माजी से पूछा : ‘हे पिता ! ‘प्रबोधिनी एकादशी’ के व्रत का क्या फल होता है, आप कृपा करके मुझे यह सब विस्तारपूर्वक बतायें ।’

ब्रह्माजी बोले : हे पुत्र ! जिस वस्तु का त्रिलोक में मिलना दुष्कर है, वह वस्तु भी कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की ‘प्रबोधिनी एकादशी’ के व्रत से मिल जाती है । इस व्रत के प्रभाव से पूर्व जन्म के किये हुए अनेक बुरे कर्म क्षणभर में नष्ट हो जाते है । हे पुत्र ! जो मनुष्य श्रद्धापूर्वक इस दिन थोड़ा भी पुण्य करते हैं, उनका वह पुण्य पर्वत के समान अटल हो जाता है । उनके पितृ विष्णुलोक में जाते हैं । ब्रह्महत्या आदि महान पाप भी ‘प्रबोधिनी एकादशी’ के दिन रात्रि को जागरण करने से नष्ट हो जाते हैं ।

हे नारद ! मनुष्य को भगवान की प्रसन्नता के लिए कार्तिक मास की इस एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए । जो मनुष्य इस एकादशी व्रत को करता है, वह धनवान, योगी, तपस्वी तथा इन्द्रियों को जीतनेवाला होता है, क्योंकि एकादशी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है ।

इस एकादशी के दिन जो मनुष्य भगवान की प्राप्ति के लिए दान, तप, होम, यज्ञ (भगवान्नामजप भी परम यज्ञ है। ‘यज्ञानां जपयज्ञोऽस्मि’ । यज्ञों में जपयज्ञ मेरा ही स्वरुप है।’ – श्रीमद्भगवदगीता ) आदि करते हैं, उन्हें अक्षय पुण्य मिलता है ।

इसलिए हे नारद ! तुमको भी विधिपूर्वक विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए । इस एकादशी के दिन मनुष्य को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए और पूजा करनी चाहिए । रात्रि को भगवान के समीप गीत, नृत्य, कथा-कीर्तन करते हुए रात्रि व्यतीत करनी चाहिए ।

‘प्रबोधिनी एकादशी’ के दिन पुष्प, अगर, धूप आदि से भगवान की आराधना करनी चाहिए, भगवान को अर्ध्य देना चाहिए । इसका फल तीर्थ और दान आदि से करोड़ गुना अधिक होता है ।

जो गुलाब के पुष्प से, बकुल और अशोक के फूलों से, सफेद और लाल कनेर के फूलों से, दूर्वादल से, शमीपत्र से, चम्पकपुष्प से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, वे आवागमन के चक्र से छूट जाते हैं । इस प्रकार रात्रि में भगवान की पूजा करके प्रात:काल स्नान के पश्चात् भगवान की प्रार्थना करते हुए गुरु की पूजा करनी चाहिए और सदाचारी व पवित्र ब्राह्मणों को दक्षिणा देकर अपने व्रत को छोड़ना चाहिए ।

जो मनुष्य चातुर्मास्य व्रत में किसी वस्तु को त्याग देते हैं, उन्हें इस दिन से पुनः ग्रहण करनी चाहिए । जो मनुष्य ‘प्रबोधिनी एकादशी’ के दिन विधिपूर्वक व्रत करते हैं, उन्हें अनन्त सुख मिलता है और अंत में स्वर्ग को जाते हैं ।

#तुलसी_विवाह ❤️❤️
तुलसी विवाह के समय अपने घर के आंगन में लगे तुलसी के पौधे और शालिग्राम के लिए चौक सजाया जाता है। फिर इसमें रंगोली बनाने के साथ चौकी स्थापित की जाती है।

इसके साथ ही चौक के चारों कोनों पर केला के पत्ते लगाए जाते हैं या फिर गन्ने से मंडप बनाएं। इसके बाद तुलसी के पौधे और दाएं तरफ चौकी में अष्टदल कमल बनाकर शालिग्राम को स्थापित करें। फिर एक कलश स्थापित करेँ। कलश में जल, थोड़ा सा गंगाजल डालकर आम के पांच पत्तों रखकर नारियल को लाल रंग के कपड़े और कलावा से बांधकर कलश के ऊपर रख दें। इसके बाद शालिग्राम और तुलसी के पौधे में गंगाजल छिड़क दें।

अब तुलसी माता को लाल चुनरी, साड़ी, लहंगा, चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, सोलह श्रृंगार चढ़ाएं। इसके साथ ही शालिग्राम को भी वस्त्र और आभूषण पहनाएं। फिर शालिग्राम को दूध और चंदन मिलाकर तिलक और माता को कुमकुम या सिंदूर का तिलक लगाएं। इसके बाद फूल,माला, अक्षत आदि चढ़ाएं इसके बाद खीर, पूड़ी का भोग लगाएं। फिर शालिग्राम की चौकी को उठाकर तुलसी माता के चारों ओर सात परिक्रमा लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि परिक्रमा घर का कोई पुरुष ही लगाएं। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर आरती कर लें और फिर विवाह संपन्न होने की घोषणा कर दें। फिर सभी को प्रसाद बांट दें। तुलसी विवाह के दौरान मंगल गीत जरूर गाएं।

🚩🚩 #शारदीय_नवरात्रि_की_हार्दिक_शुभकामनाएं 🚩🚩ब्रह्माणी कमलेंदु सौम्या: वदना माहेश्वरी लीलया।। कौमारी रिपुदर्प नाशन करी चक...
03/10/2024

🚩🚩 #शारदीय_नवरात्रि_की_हार्दिक_शुभकामनाएं 🚩🚩ब्रह्माणी कमलेंदु सौम्या: वदना माहेश्वरी लीलया।। कौमारी रिपुदर्प नाशन करी चक्रा युद्धा वैष्णवी।। वाराही घनघोर घर मुखा चैन्द्री च वज्रा युधा।। चामुंडा गणनाथ रूद्र सहिता रक्षन्तु माम् मातर:।।

18/09/2024

#फिल्म_यात्रिक_सन_1952 में प्रदर्शित हुई हरिद्वार से केदारनाथ यात्रा इस फिल्म में दिखाया गया की उस समय की यात्रा कितनी कठिन थी और 1952कैसे था हरिद्वार और केदारनाथ

 ्री_कृष्णा🚩 🚩🚩🚩🚩
26/08/2024

्री_कृष्णा
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18/08/2024

परम शैव मृत्यंजय हीरेमठ जी

🚩🚩🚩 ृसिंह 🚩🚩🚩🚩
16/08/2024

🚩🚩🚩 ृसिंह 🚩🚩🚩🚩

     #स्वतंत्रता_दिवस  #15अगस्त
14/08/2024

#स्वतंत्रता_दिवस #15अगस्त

13/08/2024

जोगथ जोगथ तुम सुना दो तीन गांव जोगथ जोगथ जाना जी ।।।
तल्ला जोगथ मल्ला जोगथ
तख विचला जोगथ ।।।
आचार्य श्री भूपति प्रसाद जगुड़ी
जोगथ जोगथ तुम सुना दो तीन गांव जोगथ जोगथ जाना जी तल्लाजोगथ मल्लाजोगथ बिचलाजोगथ आ०श्रीभूपतिप्रसाद जगुड़ी डॉ०श्री सुनील जगुडी श्री सुभाष चन्द्र नौटियाल श्री जयशंकर प्रसाद जगुड़ी सूरज थपलियाल
गौरव जगुड़ी आयुष नौटियाल अनुज जगुड़ी
Jogath malla uttarkashi uttrakhand

ॐ नमः शिवाय
11/08/2024

ॐ नमः शिवाय

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