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16/04/2024

इसे कहते हैं रिकॉर्ड....
😍😍😍😍😍

16/04/2024

16/04/2024

गेंद 35...रन 83...चौके 5 और छक्के 7...स्ट्राइक रेट 237.14। सैल्यूट है डीके बॉस। सनराइजर्स के खिलाफ 288 का विशाल लक्ष्य चेज करते हुए दिनेश कार्तिक ने अपना सब कुछ झोंक दिया। इस दौरान डीके ने IPL 2024 का सबसे लंबा 108 मीटर लंबा छक्का भी उड़ाया। डीके की बदौलत RCB 262/7 तक पहुंच गई। सिर्फ 25 रन से मैच हारी।

डीके की धुआंधार अर्धशतकीय पारी पर अपनी राय रखें। क्या आप उन्हें T-20 वर्ल्ड कप में देखना चाहते हैं?

16/04/2024
16/04/2024

आज मुझे धोनी बहुत प्यारे लग रहे हैं

एक छपरी को उसकी औकात याद दिला दी 😂😂

16/04/2024

आधी आँख बंद करके देखे














04/04/2024

हार्दिक पंड्या गली क्रिकेट के उस कप्तान जैसा है,
जो मैच मे पैसे लगाने के बाद फर्स्ट ओवर डालता है..❤️😅

04/04/2024

ऐसी प्यारी मालकिन हो तो लड़के,
277 रन भी बना देते है टी 20 मे..❤️😅

04/04/2024

शुभ्मन गिल के पिता ने कहा

04/04/2024

दुनिया का सबसे खुश इंसान":

04/04/2024

जो हालत आज हैदराबाद ने मुंबई का किया है
ऐसा केवल हार्दिक के कप्तानी में ही संभव है 😂

04/04/2024

😁😁

04/04/2024

यशस्वी जयसवाल एक युवा क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा से सभी का ध्यान आकर्षित किया है। लेकिन हाल ही में, उनकी कुछ तस्वीरें वायरल हुई हैं जिनमें वह एक फीमेल फैन के साथ नजर आ रहे हैं।

इन तस्वीरों को देखकर कई फैंस नाराज हैं। उनका कहना है कि यशस्वी को लड़कियों को छोड़कर क्रिकेट पर ध्यान देना चाहिए। एक फैन ने लिखा, "यशस्वी, तुम अभी बहुत छोटे हो और तुम्हें अपना करियर बनाने पर ध्यान देना चाहिए।" एक अन्य फैन ने लिखा, "यदि तुम इसी तरह से लड़कियों में दिलचस्पी लेते रहे तो तुम अपना करियर बर्बाद कर लोगे।"

हालांकि, कुछ फैंस यशस्वी का बचाव भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि यशस्वी की उम्र अभी केवल 20 साल है और इस उम्र में लड़कियों में दिलचस्पी होना स्वाभाविक है। एक फैन ने लिखा, "यशस्वी अभी बच्चा है और उसे थोड़ी मस्ती करने की छूट दी जानी चाहिए।" एक अन्य फैन ने लिखा, "यशस्वी का निजी जीवन उसका अपना है और हमें इसमें दखल नहीं देना चाहिए।"

04/04/2024

04/04/2024

आकाश चोपड़ा ने कहा," रोहित शर्मा की फैन आर्मी बहुत स्ट्रॉन्ग है l यह हार्दिक पांड्या को ट्रॉल करने हर जगह पहुंच रहे हैं l

04/04/2024

आकाश चोपड़ा ने कहा," मैं पिछले 10 साल से कमेंट्री कर रहा हूं l किसी घरेलू कप्तान की इतनी बेजती होते मैंने पहले नहीं देखा l

04/04/2024

आईपीएल 2024 की पॉइंट्स टेबल में हुआ बड़ा उलटफेयर टेलीग्राम पर देखें https://t.me/+ugyIAB-AuGIzZGZl

ऋषभ पंत ने कहा ," मैंने इतनी मेहनत आईपीएल के लिए नहीं की है l

04/04/2024

"जॉनी लीवर मेरी खोज है। जॉनी लीवर जब सड़कों पर पैन बेचता था तब एक दिन मेरे मैनेजर ने उसे देखा। और वो उसे मेरे पास ले आया। मैं उन दिनों स्टेज शोज़ किया करती थी। जॉनी को भी हमने स्टेज पर परफॉर्म करने का मौका दिया। मैं ही जॉनी को पहला ब्रेक दिया था। अपनी फिल्म में।" ये बातें स्वर्गीय तबस्सुम गोविल जी ने एक इंटरव्यू में बताई थी। और जिस फिल्म से उन्होंने जॉनी को ब्रेक दिया था वो थी साल 1985 में आई 'तुम पर हम कुर्बान।' हालांकि ये जॉनी की पहली रिलीज़्‍ड फिल्म नहीं है। इस फिल्म में तबस्सुम जी ने एक्टिंग तो की ही थी। और उन्होंने खुद ही इस फिल्म को डायरेक्ट भी किया था। इस फिल्म में तबस्सुम जी के बेटे होशांग गोविल जी हीरो थे। तबस्सुम कहती हैं कि आमिर खान की गुलाम फिल्म के मशहूर गीत 'आती क्या खंडाला' के कोरियोग्राफर लॉलीपोप प्रधान भी उनकी ही डिस्कवरी हैं। और सिंगर सुनिधि चौहान भी आज इंडस्ट्री में उनकी वजह से ही हैं।

सुनिधि चौहान का किस्सा साझा करते हुए उस इंटरव्यू में तबस्सुम जी ने कहा था,''मैं दिल्ली में एक शो कर रही थी। वहां सुनिधि ने मुझसे स्टेज पर गाने की परमिशन मांगी। मैंने उस वक्त उसे मना कर दिया और कहा कि मेरे मैनेजर से जाकर मिलो। लेकिन वो फिर भी कहती रही। जब मैं वॉशरूम गई तो सुनिधि वहां भी मेरे पीछे-पीछे आ गई। सुनिधि ने कहा कि मेरा गाना सुनिए। और तुरंत गाना शुरू कर दिया। मुझे बड़ा मज़ा आया उसका गाना सुनकर। और उस दिन मैंने सुनिधि को स्टेज पर गाने का मौका दे दिया। उसने बहुत बढ़िया गाया भी। मैंने सुनिधि के पापा को अपने घर का एड्रेस देकर कहा कि इसे मुंबई लाईए और फिल्मों में गवाइए। कुछ दिन बाद वो मेरे घर आए भी। उस दिन बाबुल सुप्रियो भी मेरे घर आया था। मैंने सुनिधि के पिता से बताया कि अगर ये मेरे स्टेज शोज़ पर गाती रही तो इसका करियर नहीं बन पाएगा। मैंने उनसे कल्याणजी के ऑफिस जाने को कहा। और कहा कि उनसे बताना मैंने आपको भेजा है। फिर जो हुआ वो इतिहास है।''

आज तबस्सुम जी हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनकी यादें और फिल्म इंडस्ट्री को उन्होंने जो दिया है वो हमेशा रहेगा। तबस्सुम जी को किस्सा टीवी का नमन। शत शत नमन।

04/04/2024

तस्वीर में गोल घेरे में जो शख्सियत है वो हैं दुलाल गुहा। अधिकतर लोगों ने इनका नाम नहीं सुना होगा। कुछ होंगे जिन्होंने कहीं पर इनका नाम सुना या पढ़ा होगा। एक वक्त के बहुत बड़े डायरेक्टर थे दुलाल गुहा। आज दुलाल गुहा जी का जन्मदिवस है। 02 अप्रैल 1929 को दुलाल गुहा का जन्म बरीसल में हुआ था। पिता एक पुलिस अफसर थे। लेकिन कम उम्र में ही डायबिटीज़ का शिकार हो गए। और फिर एक दिन गैंगरीन ने उनकी जान ले ली। इनकी मां अपने बच्चों संग अपने मायके आ गई। ननिहाल में ही दुलाल गुहा की पढ़ाई हुई। स्कूली दिनों से ही पेटिंग में इनकी दिलचस्पी होने लगी। ये अच्छी चित्रकारी करते थे। 1947 में जब देश का विभाजन हुआ तो इनका परिवार बरीसल से कलकत्ता आ गया। कलकत्ता में दुलाल गुहा ने जो सबसे पहला काम किया था वो था फिल्मों के पोस्टर्स पेंट करना।

फिल्मों के पोस्टर रंगते-रंगते इन्हें फिल्मों व अभिनय में दिलचस्पी होने लगी। ये बंगाली नाटकों में अभिनय भी करने लगे। अभिसार नामक एक नाटक के लिए तो दुलाल गुहा को बेस्ट एक्टर अवॉर्ड भी दिया गया था। और यहीं से इनकी ज़िंदगी ने एक नया मोड़ लेना शुरू कर दिया। वो मोड़ जो इन्हें फिल्म इंडस्ट्री में ले आया। दरअसल, उस नाट्य शो में बिमल रॉय चीफ गेस्ट थे। उन्होंने ही दुलाल गुहा को भी बेस्ट एक्टर अवॉर्ड दिया था। शो खत्म होने के बाद दुलाल गुहा बिमल रॉय से मिले और उनका असिस्टेंट बनने की ख्वाहिश ज़ाहिर की। उस समय बिमल रॉय के पास कई असिस्टेंट्स थे। जैसे असित सेन, नबेंदू घोष और ऋषिकेश मुखर्जी। इसलिए उन्होंने दुलाल गुहा से कहा कि तुम सत्येन बोस से मिलो। बिमल रॉय की सलाह पर दुलाल गुहा ने सत्येन बोस से संपर्क किया। सत्येन बोस ने इन्हें बॉम्बे बुला लिया। शुरुआथ में ये बॉम्बे में सत्येन बोस के घर पर ही रहे थे।

सत्येन बोस ने दुलाल गुरा को अपनी फिल्म बंदिश(1955) में अपना असिस्टेंट बना लिया। फिल्म की शुरुआत के वक्त दुलाल गुहा सत्येन बोस के चौथे असिस्टेंट के तौर पर जुड़े थे। लेकिन अपने काम से इन्होंने सत्येन बोस को इतना प्रभावित किया कि फिल्म खत्म होने तक ये सत्येन बोस के मुख्य असिस्टेंट बन चुके थे। यूट्यूब पर आप जब बंदिश फिल्म प्ले करेंगे तो उसके क्रेडिट्स में आपको असिस्टेंट डायरेक्टर्स की लिस्ट में दुलाल गुहा का नाम सबसे ऊपर दिखाई देगा। यहां एक घटना का ज़िक्र भी आपसे किए देता हूं। जब बंदिश फिल्म का प्रीमियर हुआ था तब अशोक कुमार के कज़िन अरुण कुमार मुखर्जी जो कि एक म्यूज़िक डायरेक्टर और सिंगर थे उनकी हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी। वो बंदिश का प्रीमियर खत्म होने के बाद घर लौट रहे थे जब कार में ही उनका निधन हो गया। अरुण कुमार मुखर्जी ने परीणिता(1953) और समाज(1954) नामक फिल्मों का म्यूज़िक भी कंपोज़ किया था। और दिलीप कुमार की डेब्यू फिल्म ज्वार भाटा में तो वो एक्टिंग भी कर चुके थे।

बंदिश के बाद सत्येन बोस 'एक गांव की कहानी' फिल्म शुरू करने वाले थे। उन्होंने फिल्म के लिए एक्टर्स भी फाइनल कर दिए थे। लेकिन चूंकि बंदिश को बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में भारत की तरफ से भेजा गया तो सत्येन बोस को वहां जाना पड़ा। जबकी उस वक्त तक एक्टर्स की डेट्स ली जा चुकी थी। साउंड स्टूडियो भी बुक हो चुका था। टैक्निशियन्स को भी शेड्यूल दे दिया गया था। ऐसे में फिल्म की शूटिंग शुरू ना करने का मतलब था भारी घाटा। तब सत्येन बोस ने दुलाल गुहा को वो फिल्म डायरेक्ट करने का मौका दिया। और इस तरह 'एक गांव की कहानी' दुलाल गुहा द्वारा निर्देशित पहली फिल्म बनी। बस, इसके बाद फिर दुलाल गुहा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। करीब 45 बरस के अपने करियर में दुलाल गुरा ने चांद और सूरज, इज़्जत, ज्योति, धरती कहे पुकार के, मेरे हमसफर, दुश्मन, दोस्त, प्रतिज्ञा, दो अनजाने, खान दोस्त, दिल का हीरा, धुआं, दो दिशाएं, मेरा करम मेरा धरम और सागर संगम जैसी फिल्में बनाई।

दुलाल गुहा जी के बारे में बताने को बहुत कुछ है। वो सब बातें फिर कभी। दुलाल गुहा जी को ससम्मान याद करते हुए किस्सा टीवी उन्हें नमन करता है। जय हिंद।

04/04/2024

साल था 1976. एक लड़के को हिंदुस्तान का सबसे खूबसूरत मर्द चुना गया। यानि मिस्टर इंडिया। लड़के नाम था दीपक पराशर। देखते ही देखते लड़का मॉडलिंग जगत का बड़ा नाम बन गया। हज़ारों मॉडलिंग शोज़ किए। कई प्रिंट विज्ञापनों में काम किया। धीरूभाई अंबानी ने खुद अपने ब्रांड ओनली विमल के विज्ञापन के लिए इस लड़के को साइन किया। नाम हुआ तो फिल्म इंडस्ट्री ने भी इनके लिए दरवाज़े खोल दिए। पहली फिल्म रही इंसाफ का तराज़ू। उसके बाद कई फिल्में आई। जैसे आप तो ऐसे ना थे, प्यार की मंज़िल, अरमान, निकाह, शराबी वगैरह। फिल्मों में नाम होने लगा तो जलने वाले भी पैदा होने लगे। इनके बारे में अफवाह उड़ाई गई कि ये समलैंगिक हैं। जबकी ये कहते हैं कि वो सब सिवाय कोरे झूठ के और कुछ नहीं था। कुछ दिन पहले ही अपने एक इंटरव्यू में दीपक पराशर ने कहा कि उन्होंने शादी की। उनकी एक बेटी है। वो कभी समलैंगिक नहीं थे।

उसी इंटरव्यू में दीपक पराशर ने ये भी बताया कि साल 1986 में दुबई में एक नाव की सवारी के दौरान जब हादसा हुआ तो वो इनके पर बहुत बुरा असर डाल गया। उस हादसे में दो लोगों की मौत भी हो गई थी। इस हादसे के एक महीने बाद ही दीपक पराशर की पत्नी ने उनकी बेटी को जन्म दिया था। पर चूंकि उस हादसे के बाद इन्हें फिल्में मिलनी लगभग बंद हो गई तो इनका करियर डगमगाने लगा। बकौल दीपक पराशर, उनकी पत्नी ने इस बुरे वक्त में उनका साथ छोड़ दिया। उसने साफ कहा कि मैंने आपसे शादी सिर्फ आपके स्टारडम की वजह से की थी। अब जब आपके पास वही नहीं रहा तो मैं आपके साथ नहीं रह सकूंगी। फिर एक दिन इनकी बेटी को साथ लेकर इनकी पत्नी इन्हें छोड़कर चली गई। दीपक पराशर तब से अपनी बेटी से नहीं मिले।

आज दीपक पराशर का जन्मदिन है। 02 अप्रैल 1952 को दीपक पराशर का जन्म हुआ था। दीपक पराशर कहते हैं कि वो आज भी अपनी बेटी की जानकारी निकालने की कोशिश करते रहते हैं। लेकिन वो नहीं जानते कि उसकी मां उसे लेकर कहां चली गई। वो कहां रहती है। और किस हाल में हैं। इनकी बेटी का जन्म 26 दिसंबर को हुआ था। ये हर साल इस तारीख को बेटी के नाम का केक लाते हैं और उसे बच्चों में बांटते हैं। दीपक पराशर जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के साथ-साथ किस्सा टीवी ईश्वर से प्रार्थना करता है कि जल्द से जल्द ये अपनी बेटी से भी मिल जाएं।

04/04/2024

तीन महान हस्ती एक ही फ्रेम में। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर, कत्थक क्वीन सितारा देवी और शास्त्रीय संगीत में उस्तादों के उस्ताद, उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली ख़ान साहब। आज उस्ताद ग़ुलाम अली ख़ान साहब का जन्मदिवस है। 2 अप्रैल 1902 को उस्ताद जी का जन्म कसूर में हुआ था। ये इलाका अब पाकिस्तान में है। इनका नाम से तो मैं काफी पहले से वाक़िफ़ हूं। मगर जब यूट्यूब पर इन्हें पहली दफा सुना तो मालूम हुआ कि कितनी शानदार गायकी मैं अब तक मिस कर रहा था। कभी आप भी सुनिए इनकी कुछ ठुमरियां। आनंद आ जाएगा। बस शर्त ये है कि आप किसी जल्दबाज़ी में ना हों। माइंड भी एकदम फ्री हो। तब सुनिए। और महसूस कीजिए। आप अक्सर सुना करेंगे फिर गारंटी है। मैं फिलहाल इससे अधिक कुछ लिख नहीं सकूंगा उस्ताद जी के बारे में। क्योंकि उस्ताद जी के बारे में मुझे अभी बहुत पढ़ना है। इन्हें बहुत जानना है। और शास्त्रीय संगीत को भी समझना है। उस्ताद जी को नमन। शत शत नमन।

04/04/2024

वी.शांताराम जब 'जलती निशानी' नामक अपनी फिल्म बना रहे थे तो उसमें एक किरदार ऐसा था जिसे निभा रहा एक्टर अपने डायलॉग सही से नहीं बोल पा रहा था। उस एक्टर का नाम था पहलवान। वी.शांताराम वो फिल्म हिंदी और मराठी, दोनों भाषाओं में बना रहे थे। समस्या जब खत्म ही नहीं हुई तो वी.शांताराम ने अपने असिस्टेंट एक असिस्टेंट से कहा कि तुम फटाफट मेकअप लो और ये रोल निभाओ। वी.शांताराम के उस असिस्टेंट का नाम था गजानन जागीरदार। जी हां, गजानन जागीरदार। भारतीय सिनेमा की एक बेहद प्रतिभाशाली शख्सियत। ये फिल्में डायरेक्ट करते थे। उनमें अभिनय करते थे। उनकी पटकथाएं लिखते थे। और तो और गीत भी लिख दिया करते थे। ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं ये 1962 में आई मीना कुमारी की फिल्म 'मैं चुप रहूंगी' के एक दृश्य की है।

आज गजानन जागीरदार जी का जन्मदिवस है। 2 अप्रैल 1907 को अमरावती में गजानन जी का जन्म हुआ था। किशोरावस्था में ही ये थिएटर की दुनिया में आ गए थे। और नाटकों के सिलसिले में देश के विभिन्न शहरों में भ्रमण करने का मौका इन्हें मिला। पढ़ाई-लिखाई में भी कम नहीं थे। मास्टर्स करने के बाद एक स्कूल में ये सरकारी टीचर हो गए थे। मराठी, हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी पर इनकी बहुत बढ़िया पकड़ थी। टीचर की अपनी नौकरी के साथ साथ ये नाटकों में भी काम करते रहे। मगर जब इनकी मुलाकात महान वी.शांताराम जी से हुई तो नौकरी छोड़ ये उनके असिस्टेंट बन गए। वी.शांताराम के साथ ही गजानन जागीरदार जी ने फिल्म मेकिंग के प्रोसेस को बारीकी से सीखा। और आगे चलकर खुद भी एक नामी डायरेक्टर बने। हिंदी और मराठी भाषा की कई नामी फिल्मों में इन्होने अभिनय किया। किस्सा टीवी गजानन जागीरदार जी को नमन करता है।

04/04/2024

ब्रह्मचारी फिल्म की शूटिंग के दौरान मुमताज़ और शम्मी कपूर के बीच नज़दीकियां बढ़ी थी। दोनों ने इस फिल्म के गीत,'आजकल तेरे मेर प्यार के चर्चे' पर डांस किया था। बड़ा शानदार गाना है। ये वो वक्त था जब पत्नी गीता बाली के निधन के बाद शम्मी कपूर अकेले हो चुके थे। दोनों बच्चों को वो खुद ही पाल रहे थे। ब्रह्मचारी की शूटिंग के वक्त दोनों एक-दूजे को पसंद करने लगे।

एक इंटरव्यू में शम्मी कपूर ने कहा था,"उस वक्त मैं जीवन में एकदम अकेला था। मुमताज़ बहुत खूबसूरत थी। बहुत थोड़े से वक्त के लिए ही सही, लेकिन हम दोनों ने कुछ ख्वाब ज़रूर देखे थे। जो पूरे नहीं हो सके। कोई बात नहीं। मैं आज खुश हूं।" इसी बारे में बात करते हुए मुमताज़ ने बताया था,"मैं सिर्फ 17 साल की थी तब। और वो मुझसे 18 साल बड़े थे। मैं उतनी जल्दी शादी नहीं कर सकती थी। मुझे कुछ बनना था।"

मुमताज़ ने ये भी कहा था कि जब फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को पता चला कि मैंने शम्मी कपूर का प्रपोज़ल ठुकरा दिया है तो कोई भरोसा नहीं कर पाया। शम्मी कपूर उस वक्त फिल्म इंडस्ट्री की बहुत बड़ी हस्ती थे। ऐसे में उनका प्रपोज़ल किसी लड़की द्वारा ठुकराए जाने की बात लोगों को हजम नहीं हुई। बकौल मुमताज़,"शुरू में लोगों ने इस बात पर भी भरोसा नहीं किया था कि मैं और शम्मी कपूर रिलेशन में हैं।"

04/04/2024

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