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01/01/2025
पूत सुपूत तो क्यों धन संचय,
पूत कुपूत तो क्यों धन संचय!
वाराणसी के प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल, जिन्होंने 400 से अधिक पुस्तकें लिखीं और 80 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के मालिक थे, का वृद्धाश्रम में निधन हो गया। दुखद है कि उनके अंतिम संस्कार में उनके बेटे और बेटी शामिल नहीं हुए; बाहरी लोगों ने उनका अंतिम संस्कार किया।
श्रीनाथ खंडेलवाल वाराणसी के समृद्ध परिवार से थे और लंका इलाके में उनकी करोड़ों की संपत्ति थी। उनके बेटे अपनी ससुराल में रहते हैं और बेटी सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। परिवार से कोई उनसे मिलने नहीं आता था, जिससे वे वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हुए।
उनकी साहित्यिक यात्रा में उन्होंने 18 पुराण, 21 उपपुराण और तंत्र पर आधारित लगभग 400 पुस्तकों की रचना की। उन्होंने पद्मश्री सम्मान लेने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि वे इसके योग्य नहीं हैं।
श्रीनाथ खंडेलवाल का जीवन इस बात का उदाहरण है कि सच्चा संतोष और सृजनशीलता जीवन को अर्थपूर्ण बनाते हैं, भले ही पारिवारिक संबंधों में कैसी भी परिस्थितियाँ हों।