भपटियाही

भपटियाही Digital Village

01/01/2025

नया साल की, नए सिरे से शुरुआत करो ,
रखकर बुलंद हौसला, एक इतिहास रचो।।

🌄 गाँव की सुबह 🌄गाँव की सुबह का सुकून और ताज़गी शहरों में कहाँ!पंछियों की मीठी चहचहाहट, हल्की ठंडी हवा, और खेतों की सौंध...
26/12/2024

🌄 गाँव की सुबह 🌄

गाँव की सुबह का सुकून और ताज़गी शहरों में कहाँ!
पंछियों की मीठी चहचहाहट, हल्की ठंडी हवा, और खेतों की सौंधी खुशबू।
यहाँ हर सुबह एक नई उमंग और नई ऊर्जा लेकर आती है। 🏡✨

गाँव की सुबह में जो अपनापन और सुकून है,
वो किसी और जगह नहीं। ❤️

आपका दिन भी इतना ही सुकूनभरा हो। 🌾

13/12/2024
04/12/2024
अगर हम थोड़े सरल और संवेदनशील हैं तो कभी कभी अपनी गहन सोच ही दिल को बहुत बेचैन कर जाती है।बात तो बेहद साधारण ही है कि जब...
28/11/2024

अगर हम थोड़े सरल और संवेदनशील हैं तो कभी कभी अपनी गहन सोच ही दिल को बहुत बेचैन कर जाती है।

बात तो बेहद साधारण ही है कि जब कभी हम अपने फोन से कुछ संगृहीत तस्वीरों को डिलीट कर रहे होते हैं तो हमारा फोन भी हमसे पूछता है कि...

Are You Sure?

ये कितनी आश्चर्यजनक बात कि एक मशीन भी अपने अंदर संगृहीत किए गए फ़ोटो के रिश्तों को मिटाने के लिए कन्फर्मेशन ले रही है और इस मशीन को ईजाद करने वाला और इसे चलाने वाला इंसान इतना लापरवाह हो गया है।

रिश्तों को तोड़ने या संबंधों से मुँह फेरने से पहले हमारा दिल एक बार भी नहीं पूछता कि...

Are You Sure ?

खैर विषय तो सोचने का ही है की आज कल हर इन्सान अपने मतलब के लिए रोज नए रिश्ते बनाता और पुराने रिश्तों को भूलता जाता है। उन रास्तों को मिटाने से पहले हमें भी लगना चाहिए कि एक बार खुद से पूछ लें...

Are You Sure ?

क्या सचमुच जिंदगी में उन पुराने रिश्तों की कोई अहमियत नहीं होती?

क्या बिना मतलब के रिश्ते वास्तव में अर्थहीन हो चुके हैं??

शायद इंसान के हाथों द्वारा बनाई हुई एक छोटी सी मशीन जज्बातों में हमसे आगे निकल गई है। काश हम भी पुराने, निस्वार्थ रिश्तों को मिटाने (डिलीट करने) से पहले खुद से एक बार पूछ लेते कि...

Are You Sure ?

😢😢😢

 #नून_रोटी हमारे समय में सांझ की बेला में भूख लगने पर मैगी नही बनती थी न ही मोमो बर्गर बाजार से आते थे।हमें तो जब भूख लग...
22/11/2024

#नून_रोटी
हमारे समय में सांझ की बेला में भूख लगने पर मैगी नही बनती थी न ही मोमो बर्गर बाजार से आते थे।हमें तो जब भूख लगती थी तब हमारी माँ यूं नून सरसों तेल चुपड कर रोटी गोल करके पकड़ा देती थी और हम लोग घूम घूम कर काट कर खाते रहते थे।रोटी सुबह की बनी सूखी रहती थी बस उसका स्वाद माँ बदल दिया करती थी। रोटी में कभी ताजा मक्खन चुपड़ जाता था, कभी देशी घी लग जाती थी, कभी चीनी रोटी मिल जाती थी तो कभी घी गुड़ रोटी मिल जाती थी।कभी मकई के दानों का भूजा (पॉपकॉर्न) चटपटे नमक संग मिल जाता था।ताजा कुटाया चिवड़ा गुड़ एक कटोरी में पकड़ा देती थी।बरसात होने से कच्ची फर्श नम हो जाती थी उस पर चना, मटर के दाने बिखेर देती थी जो नम भूमि के संपर्क में आकर नर्म हो जाते थे। उनको लोहे की छलनी में रखकर ऊपर से चूल्हे में से जलती उपले की अंगार रखवा लेते थे। थोड़ी देर छलनी हिला कर दाने अच्छी तरह से भून लेते थे। राख छलनी से नीचे गिर जाती थी और बाकी बचे आग के टुकड़े को इधर उधर करके लहसुन मिर्च की पीसी चटनी संग चबाते थे।अहा! आनन्द आ जाता था। जब तक भोजन बनकर नही तैयार होता था तब तक हर दिन शाम की हमारी भूख यू ही मिटाई जाती थी।अब तो मोमो बर्गर और मैगी ने हर जगह अपने पैर पसार लिए हैं। अब की पीढ़ी के हमारे बच्चे इन देशी चीजों के बारे क्या जाने?लेकिन फिर भी घर में कुछ यूं देशी चटपटी चीज़े बनाया करे और बच्चों को टेस्ट करवाए क्या पता उन्हे भी पसन्द आए और वो मैदे की बनी मैगी खाना कम कर दे।

डेढ़ महीना गांव में ठहर जाओ,तो गाँववाले बतियाएंगे "लगता है इसका नौकरी चला गया हैसुबह दौड़ने निकल जाओ तो फुसफुसाएंगे  “लग...
14/11/2024

डेढ़ महीना गांव में ठहर जाओ,तो गाँववाले बतियाएंगे "लगता है इसका नौकरी चला गया है
सुबह दौड़ने निकल जाओ तो फुसफुसाएंगे “लग रहा इसको शुगर हो गया है ...."
कम उम्र में ठीक ठाक कमाना शुरू कर दिये तो आधा गाँव मान लेगा कि बाहर में दू नंबरी काम करता है।
जल्दी शादी कर लिये तो “बाहर कुछ इंटरकास्ट चक्कर चल रहा होगा इसलिये बाप जल्दी कर दिये "।
शादी में देर हुईं तो_" ओकरे घरवा में बरम बा!....लइका मांगलिक है कवनो गरहदोष है, औकात से ढेर मांग रहे है "।
बिना दहेज़ का कर लिये तो “ लड़की प्रेगनेंट थी पहले से, इज़्ज़त बचाने के चक्कर में अरेंज में कन्वर्ट कर दिये लोग"।
खेत के तरफ झाँकने नही जाते तो “अबहिन बाप का पैसा है तनी"।
खेत गये तो “ देखे ना,अब चर्बी उतरने लगा है "।
मोटे होकर गांव आये तो कोई खलिहर ओपिनियन रखेगा “ बीयर पीता होगा "।
दुबले होकर आये तो “ लगता है गांजा चिलम पीता है टीबी हो गया "।
बाल बढ़ा के जाओ तो, लगता है, ई कोनो ड्रामा कंपनी में नचनिया का काम करता है....।
कुल मिलाकर गाँव में बहुत मनोरंजन है.....

इसलिये वहाँ से निकले लड़के की चमड़ी इतनी मोटी हो जाती है कि आप बाहर खडे होकर गरियाइये वो या तो कान में इयरफोन ठूंस कर सो जायेगा या फिर उठकर आपको लतिया देगा लेकिन डिप्रेशन में न जायेगा.......।
इस पर ज़ब गाँव से निकला लड़का बहुत उदास दिखे तो समझना कोई बड़ी त्रासदी है......

#सच्चाई ゚viralシ ゚

True facts
21/09/2024

True facts

😂   घुरनी की दुनिया में आपका स्वागत है 😂जैसे जैसे आप मुंग / खेड़ही के खेतों में घुमिऐगा आपको छोटा छोटा खरबुजा नजर आ ही ज...
23/05/2024

😂 घुरनी की दुनिया में आपका स्वागत है 😂
जैसे जैसे आप मुंग / खेड़ही के खेतों में घुमिऐगा आपको छोटा छोटा खरबुजा नजर आ ही जाएगा।
मिथिला में मुंग को खेड़ही के नाम से पुकारा जाता है

भाइ-बहिनक अथाह स्नेह आ समर्पणक प्रतीक पवित्र पाबैन भरदुतियाक अवसर पर मिथिला सहित समस्त भापटियाही वासी केँ ढेररास शुभकामन...
15/11/2023

भाइ-बहिनक अथाह स्नेह आ समर्पणक प्रतीक पवित्र पाबैन भरदुतियाक अवसर पर मिथिला सहित समस्त भापटियाही वासी केँ ढेररास शुभकामना।💐

माँ जानकीक असीम कृपा सदैव सबपर रहय, यैह कामना अछि।🙏

#भरदुतिया #भाई_दूज #भापटियाही

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