Mizaaj Poetry

Mizaaj Poetry Only Hindi Urdu Poetry Video, Photos...
No Religious and Political Videos...
Litrature...
(3)

अज्ञात ✍️
09/12/2024

अज्ञात ✍️

हसन मंटो ✍️
09/12/2024

हसन मंटो ✍️

गौतम बुद्ध ✍️
09/12/2024

गौतम बुद्ध ✍️

अनघ शर्मा ✍️
09/12/2024

अनघ शर्मा ✍️

प्लूटो ✍️
09/12/2024

प्लूटो ✍️

थॉमस पेन ✍️
09/12/2024

थॉमस पेन ✍️

शेक्सपियर ✍️
09/12/2024

शेक्सपियर ✍️

हरिशंकर परसाई ✍️
09/12/2024

हरिशंकर परसाई ✍️

प्रेमचंद ✍️
09/12/2024

प्रेमचंद ✍️

मोहसिन नक़वी ✍️
07/12/2024

मोहसिन नक़वी ✍️

मजाज़ लखनवी ✍️
07/12/2024

मजाज़ लखनवी ✍️

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता,क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले.!!    ~ कैफ भोपाली ✍️
07/12/2024

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता,
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले.!!
~ कैफ भोपाली ✍️

कैफ भोपाली ✍️
07/12/2024

कैफ भोपाली ✍️

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता,क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले.!!    ~कैफ भोपाली ✍️
07/12/2024

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता,
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले.!!
~कैफ भोपाली ✍️

06/12/2024

कुछ तुम्हारी निगाह काफ़िर थी,
कुछ मुझे भी ख़राब होना था.!!
~असरारुल हक़ मज़ाज़ 🍁

06/12/2024

वो अजीब शख़्स था भीड़ में जो नज़र में ऐसे उतर गया,
जिसे देख कर मेरे होंट पर मेरा अपना शेर ठहर गया.!!

कई शेर उस की निगाह से मेरे रुख़ पे आ के ग़ज़ल बने,
वो निराला तर्ज़-ए-पयाम था जो सुख़न की हद से गुज़र गया.!!

वो हर एक लफ्ज़ में चाँद था वो हर एक हर्फ़ में नूर था,
वो चमकते मिसरों का अक्स था जो ग़ज़ल में ख़ुद ही सँवर गया.!!

जो लिखूँ तो नोक-ए-क़लम पे वो जो पढ़ूँ तो नोक-ए-ज़बाँ पे वो,
मेरा ज़ौक़ भी मेरा शौक़ भी मेरे साथ साथ निखर गया.!!

हो तड़प तो दिल में ग़ज़ल बने हो मिलन तो गीत हूँ प्यार के,
हाँ अजीब शख़्स था 'इंदिरा' जो सिखा के ऐसे हुनर गया.!!

~ इन्दिरा वर्मा ✍️

Address

Shahmina Road
Lucknow

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Mizaaj Poetry posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Mizaaj Poetry:

Share