Kunda, Pratapgarh

Kunda, Pratapgarh K***a is located at 25.72°N 81.52°E bank of holy rever GANGA MAIYA. K***a in Pratapgarh district,

Partabgarh, is a city and nagar panchayat of Uttar Pradesh, India. It is the administrative headquarters of Pratapgarh district, part of the Allahabad Division . Allahabad division is an administrative unit of Indian state of Uttar Pradesh.
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The original Allahabad division consisted of all the districts of t

he lower Doab, viz.:-

Etawah district
Farrukhabad district
Kanpur district
Fatehpur district
Allahabad district

Reorganisation of Allahabad district....

In 2000, when the UP state was reorganised by forming Uttaranchal out of its northern areas, Allahabad division and the district was majorly reorganised too. The Etawah, Farrukhabad and Kanpur district districts of the Allahabad division were made into a separate Kanpur division. Parts of the western areas of Allahabad district were carved out to create a tiny new district named Kaushambi. At the sametime, Pratapgarh district, that falls in Awadh, was included in the Allahabad division. The new Allahabad division consists of the following districts:

Allahabad District
Kaushambi District
Fatehpur District
Pratapgarh District......................................................................................................................
People from k***a Pratapgarh:>>>>
Raja Bajarang Bahadur Singh, the founder vice chancellor of Pant Nagar University and later the first Government of Himachal Pradesh state of India. Pandit Munishwar Datt Upadhyay (Born on August 3, 1898 - died June, 1983), Statesman, a leader in the Indian independence movement, educationist and the First Member of Parliament from Pratapgarh. Dinesh Singh (born 30 November 1925; died 30 November 1995), deputy minister in the Ministry of External Affairs and Member of Parliament

Nazish Pratapgarhi (1924–1981), a renowned Urdu poet, his primary collection of ghazals titled Naya Saaz Naya Andaz. In 1983, he received the "Ghalib Award" in recognition of his contribution to Urdu Literature. Dr. Harivansh Rai Bachchan (born 27 November 1907; died 18 January 2003), National Poet and professor of Allahabad University, best known for his early work Madhushala; father of Bollywood film actor Amitabh Bachchan. Raghuraj Pratap Singh (born 1969), better known as Raja Bhaiya, politician, independent member of legislative assembly and MLA of Pratapgarh district Uttar Pradesh

Jagadguru Kripalu Maharaj (born 1922), Hindu Spiritual leader and Saint from Mangarh, Pratapgarh

Anupam Shyam Ojha (born 20 September 1957), film and television actor who usually plays villainous roles on international film sets in India. Rajkumari Ratna Singh (born 29 April 1959), politician from Congress Party, Member of Parliament and Ex-MP of Pratapgarh. Pramod Tiwari (born 19 January 1956), senior leader of Nationalist Congress Party

Ashok Kumar Singh (born 19 July 1961), well known Economist, International Business Consultant

Er.Deepesh Mani Tripathi (born 20 september1990),computer science engineer and social worker .

26/03/2024

“दूरियाँ दिल की मिटें, हर कहीं अनुराग हो।
न द्वेष हो, न राग हो,ऐसा यहाँ पर फाग हो।।

#हैप्पीहोली #होलीहै

13/03/2024
प्रथम दर्शन, प्रभु रामलला गर्भ गृह में विराजमान 🚩🚩🙏
19/01/2024

प्रथम दर्शन, प्रभु रामलला गर्भ गृह में विराजमान 🚩🚩🙏

06/01/2024

बाबा हैदेश्वरनाथ धाम 🚩🙏
ऐसा है हमारा कुण्डा

🙏🚩  #जयश्रीराम
06/01/2024

🙏🚩 #जयश्रीराम

🚩🙏
25/06/2023

🚩🙏

23/04/2023

खुश खबर..
14 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन होगा.
जानकर जिनको खुशी हुई तो.!💪🏿
जय श्री राम🚩🙏

स्वयंसिद्ध मंगलदायी मुहूर्त, पावन तिथि अक्षय तृतीया की अनंत शुभकामनाएँ। ईश्वर से प्रार्थना है कि यह पर्व सबके लिए सिद्धि...
22/04/2023

स्वयंसिद्ध मंगलदायी मुहूर्त, पावन तिथि अक्षय तृतीया की अनंत शुभकामनाएँ। ईश्वर से प्रार्थना है कि यह पर्व सबके लिए सिद्धि व संपन्नता ले कर आए तथा सबकी समस्त सदिच्छायें शीघ्र पूरी हों। मनुष्यता के क्रम में राम हो जाने से पहले के ईश्वर-रूप, ब्राह्मतेज व क्षात्रतेज की समग्रता के प्रतीक भगवान परशुराम जयंती की ढेरों शुभकामनाएँ। ❤️🙏🏻
अग्रतः चतुरो वेदाः पृष्ठतः सशरं धनुः ।
इदं ब्राह्मं इदं क्षात्रं शापादपि शरादपि ।।

18/01/2023
18/01/2023
24/12/2022

राम-कथा पारिवारिक-मूल्यों की एक अद्भुत पाठशाला है। ऐसे समय में जब पूरा विश्व भारत की सांस्कृतिक विशिष्टता का आधार ...

21/10/2022

जय श्री राधे राधे 🙏🚩

16/10/2022

क्या खुब लिखा है किसी ने ... "बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!" न मेरा 'एक' होगा, न तेरा 'लाख' होगा, ... ! न 'तारिफ' तेरी होगी, न 'मजाक' मेरा होगा ... !! गुरुर न कर "शाह-ए-शरीर" का, ... ! मेरा भी 'खाक' होगा, तेरा भी 'खाक' होगा ... !! जिन्दगी भर 'ब्रांडेड-ब्रांडेड' करने वालों ... ! याद रखना 'कफ़न' का कोई ब्रांड नहीं होता ... !! कोई रो कर 'दिल बहलाता' है ... ! और कोई हँस कर 'दर्द' छुपाता है ... !! क्या करामात है 'कुदरत' की, ... ! 'ज़िंदा इंसान' पानी में डूब जाता है और 'मुर्दा' तैर के दिखाता है ... !! 'मौत' को देखा तो नहीं, पर शायद 'वो' बहुत "खूबसूरत" होगी, ... ! "कम्बख़त" जो भी 'उस' से मिलता है, "जीना छोड़ देता है" ... !! 'ग़ज़ब' की 'एकता' देखी "लोगों की ज़माने में" ... ! 'ज़िन्दों' को "गिराने में" और 'मुर्दों' को "उठाने में" ... !! 'ज़िन्दगी' में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" होगी, ... ! ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी । मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" "आख़री होगी" ... !!

14/10/2022
09/10/2022
08/10/2022
27/09/2022
23/09/2022
01/09/2022

मैं 22 साल का था जब पापा ने माँ को दूसरी औरत के लिए छोड़ दिया था - उसके बाद, वह सिर्फ माँ थी, मेरे दो छोटे भाई और मैं।माँ ने गुजारा करने के लिए एक घरेलू सहायिका के रूप में काम करना शुरू कर दिया।
मैं उसका समर्थन करने के लिए अजीबोगरीब काम करता था।लेकिन एक साल बाद, मेरी शादी हो गई-बाद में, हमारी आर्थिक जरूरतें बढ़ गईं।मेरे छोटे भाई सिर्फ 5 और 6 साल के थे, इसलिए 24 साल की उम्र में मैं इलाहाबाद से मुंबई के लिए निकला,यह 1980 का दशक था!

मैंने 500 रुपये के वेतन पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम किया। लेकिन 6 महीने के अंदर ही मां बीमार पड़ गईं।मुझे जल्दी से इलाहाबाद वापस जाना पड़ा।अगले 12 सालों तक मैंने इलाहाबाद में टैक्सी ड्राइवर के तौर पर काम किया।
कुसुम जी, मेरी पत्नी, और मेरे कभी बच्चे नहीं थे, इसलिए हमने अपने भाई-बहनों को अपना बना लिया। मैंने उन्हें अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेज दिया, ट्यूशन में डाल दिया।अगर हमारे पास केवल 2 रोटियां होतीं, तो कुसुम जी कहतीं, 'बच्चो में बाट दो सारा' - हम खाली पेट सोते थे, लेकिन यह सुनिश्चित करते थे कि उन्हें अच्छी तरह से खिलाया जाए।

1995 में, मेरे भाई ने मुझसे कहा, 'मैं कॉलेज जाना चाहता हूँ,लेकिन मेरे पास पैसे नहीं थे। तो, मैं फिर से बॉम्बे लौट आया-दिन में गाड़ी चलाता था और रात में फुटपाथ पे सो जाता था!मैंने अपना सारा पैसा घर वापस भेज दिया, मैंने उनके कॉलेज का भुगतान करने के लिए 1 लाख का कर्ज भी लिया।

7 साल तक मैं शहर में अकेला रहा।मुझे अकेलापन महसूस होता, लेकिन कुसुम जी मुझे लिखतीं, यह समय की बात है- एक बार जब हमारे बच्चे बस गए, तो हम फिर से मिल जाएंगे। समय बीत गया - मेरे भाइयों ने स्नातक किया, अच्छी नौकरी प्राप्त की, शादी की और अपने परिवार के साथ बाहर चले गए।
इसके तुरंत बाद, कुसुम जी बीमार पड़ गईं,उसे मधुमेह था।इसलिए मैं इलाहाबाद लौट आया।कुछ साल बाद, माँ की मृत्यु हो गई।

पहली बार, मैं अपने भाइयों के पास गया और पूछा, थोड़े पैसे चाहिए-भाभी बहुत बीमार है। लेकिन उन दोनों ने मेरे चेहरे पर दरवाजा बंद कर दिया और कहा,हमारे पास और कुछ नहीं है!
मैं बिखर गया था-भगवान से भरोसा उठ गया मेरा।मैंने अपना पूरा जीवन उनकी देखभाल में लगा दिया।मैंने कुसुम जी के साथ रहकर घर का त्याग किया और उनके लिए एक बेघर व्यक्ति का जीवन जिया।
फिर भी जिंदगी आगे बढ़ी- अपनी पत्नी की देखभाल के साथ-साथ मैंने सफाईकर्मी का काम भी किया।लेकिन 2015 के बाद कुसुम जी बिस्तर पर पड़ी थीं।उसकी दवाएं बहुत महंगी थीं- 6 लाख का कर्जा लेना पड़ा मुझे। लेकिन मेरे भाई मुझसे मिलने नहीं आए, एक बार नहीं।

2019 में अपनी मृत्युशैया पर कुसुम जी ने मुझसे कहा, माफ कर दो उनको।
घर पर रहने का मन नहीं कर रहा-इसलिए, मैं फिर से बॉम्बे के लिए रवाना हो गया।अब 2 साल हो गए हैं- मैं अपनी टैक्सी दिन में 15 घंटे चलाता हूं और शाम को मैं किराए के अपार्टमेंट में रहता हूं।मैं हर महीने 15,000 रुपये कमाता हूं- मैं इसका अधिकांश हिस्सा अपने कर्ज और बाकी किराए पर चुकाने के लिए उपयोग करता हूं।
मुझे हर मिनट कुसुम जी की याद आती है-कभी-कभी, जब कोई नहीं देख रहा होता है, तो मैं हल्का महसूस करने के लिए रोता हूं।

उमर बस बीत ही रही है... अब, मैं अपने दिन गिन रहा हूं- मैं अपनी कुसुम जी के साथ फिर से जुड़ना चाहता हूं।

❤🌹🥰

-Humans of bombay

27/08/2022

मां अन्नपूर्णा रसोई काशी विश्वनाथ गेट न. 1 के पास
👏👏

19/08/2022

🎉

18/07/2022
15/07/2022
 #प्रेम का स्मारक ताजमहल नहीं यह है..चित्र में दिखाई गई महिला की फोटो को ज़ूम करके देखेंगे तो उनके गले में पहना हुआ एक बड़...
03/05/2022

#प्रेम का स्मारक ताजमहल नहीं यह है..
चित्र में दिखाई गई महिला की फोटो को ज़ूम करके देखेंगे तो उनके गले में पहना हुआ एक बड़ा डायमंड दिखाई देगा ..... यह 254 कैरेट का #जुबली डायमंड है जो आकार और वजन में विश्व विख्यात "कोह-ए-नूर" हीरे से दोगुना है ...

ये महिला मेहरबाई टाटा हैं जो जमशेदजी टाटा की बहू और उनके बड़े बेटे सर दोराबजी टाटा की पत्नी थीं ...

सन 1924 में प्रथम विश्वयुद्ध के कारण जब मंदी का माहौल था और #टाटा कंपनी के पास कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं थे... तब मेहरबाई ने अपना यह बेशकीमती जुबली डायमंड *इम्पीरियल बैंक में 1 करोड़ रुपयों में गिरवी* रख दिया था ताकि कर्मचारियों को लगातार वेतन मिलता रहे और कंपनी चलती रहे ...

इनकी ब्लड #कैंसर से असमय मृत्यु होने के बाद सर दोराबजी टाटा ने भारत के कैंसर रोगियों के बेहतर इलाज के लिये यह हीरा बेचकर ही टाटा मेमोरियल कैंसर रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की थी ...

प्रेम के लिये बनाया गया यह स्मारक #मानवता के लिये एक उपहार है .... विडम्बना देखिये हम प्रेम स्मारक के रुप मे ताजमहल को महिमामंडित करते रहते हैं ,और जो हमें जीवन प्रदान करता है, उसके इतिहास के बारे में जानते तक नहीं ....!
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