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04/01/2025
04/01/2025

इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज कोलकाता ने "लव योर नेबर" प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस प्रोजेक्ट के तहत संस्थान अपने पड़ोस के वंचित और विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त लोगों को आउट पेशेंट क्लिनिक की निःशुल्क सेवा प्रदान करेगी। शुरुआत में योग्य चिकित्सक द्वारा सप्ताह में दो बार पचास रोगियों के लिए परामर्श, प्रशिक्षित नर्स द्वारा पूर्व-परामर्श मूल्यांकन, निःशुल्क जांच और निःशुल्क दवा प्रदान की जाएगी। यदि किसी रोगी को इन-पेशेंट न्यूरोलॉजिकल उपचार की आवश्यकता होती है, तो उसे आई-एनके द्वारा रियायती आधार पर प्रदान किया जाएगा और अन्य को ऐसे सरकारी अस्पताल में उपचार लेने की सलाह दी जाएगी जो मल्टीस्पेशलिटी उपचार प्रदान करता हो।




03/01/2025

नये वर्ष की शुरुआत और ठंड के मद्देनज़र मौसम सैर-सपाटा, घूमने-फिरने का होता है। पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ देखते ही बन रही है। ईको पार्क में आनंद ले रहे लोग।



01/01/2025

नए वर्ष के अवसर पर कोलकाता के पर्यटन स्थलों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। अलीपुर ज़ू और विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में पर्यटकों की भारी भीड़ ने सबका ध्यान खींचा। इस दौरान प्रशाशन भी मुस्तैद और चुस्त दिखाई दिए।

https://www.dainikvishwamitra.com/detail.php?id=6201फ्लाइट में लगेज नियमों में बदलाव, पहले से सख्त हुए नियमनई दिल्ली। नय...
26/12/2024

https://www.dainikvishwamitra.com/detail.php?id=6201
फ्लाइट में लगेज नियमों में बदलाव, पहले से सख्त हुए नियम

नई दिल्ली। नये साल के ठीक पहले विमान यात्रियों के लिए जरूरी खबर है। फ्लाइट में सफर करने के लिए एक नियम बदल गया है। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने हैंड बैग पॉलिसी में बदलाव किया है। नई हैंड बैग पॉलिसी के कारण एयरलाइन कंपनियां अपने यात्रियों पर भी सख्ती करेंगी। इन नये नियमों के मुताबिक, यात्री अब फ्लाइट के अंदर केवल एक ही हैंड बैग ले जा सकेंगे। ये नियम डोमेस्टिक और इंटरनेशनल दोनों ही फ्लाइट पर लागू होगा। फ्लाइट के प्रीमियम या इकोनॉनी क्लास में सफर करने वाले यात्री केवल 7 किलोग्राम वजनी एक ही कैबिन बैग ले जा पाएंगे। एयरलाइंस के नियमों के अनुसार, कैबिन बैग की ऊंचाई 55 सेमी, लंबाई 40 सेमी और चौड़ाई 20 सेमी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हालांकि बिजनेस क्लास के यात्रियों के लिए 10 किलोग्राम तक की सीमा होगी।
इस नई हैंड बैग पॉलिसी से उन यात्रियों को छूट मिलेगी, जिन्होंने अपनी टिकट 2 मई, 2024 से पहले बुक की थी। ऐसे यात्रियों को इकोनॉमी में 8 किलोग्राम, प्रीमियम इकोनॉमी में 10 किलोग्राम और बिजनेस क्लास में 12 किलोग्राम तक की लिमिट मिलेगी। हालांकि यह छूट 2 मई 2024 से पहले बुक टिकटों के लिए ही मान्य होगी। उसके बाद की तारीख की किसी भी बुकिंग पर नई हैंड बैग पॉलिसी के नियम ही लागू होंगे। अतिरिक्त वजन के लिए आपको भुगतान करना पड़ सकता है।

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25/12/2024

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https://www.dainikvishwamitra.com/detail.php?id=6198 ने मोहन भागवत के बयान पर किया हमला, कहा- तुष्टीकरण से प्रभावित हैं ...
23/12/2024

https://www.dainikvishwamitra.com/detail.php?id=6198

ने मोहन भागवत के बयान पर किया हमला, कहा- तुष्टीकरण से प्रभावित हैं भागवत, उन्हें हिंदू धर्म की समझ नहीं : रामभद्राचार्य

नई दिल्ली। मंदिर-मस्जिद विवाद लगातार नया मोड़ लेता जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में इस मुद्दे को लेकर टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग इसी तरह के मुद्दे उठाकर हिंदुओं के नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं, जो स्वीकार्य नहीं है। इस पर रामभद्राचार्य ने संघ और भागवत पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

मोहन भागवत ने कहा था कि हर रोज़ नए विवाद उठाए जा रहे हैं, और यह चल नहीं सकता। इसके जवाब में रामभद्राचार्य ने कहा कि मोहन भागवत एक संगठन के संचालक हैं, न कि हिंदू धर्म के प्रवर्तक। उनका बयान तुष्टीकरण से प्रभावित है और राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हो सकता है। रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि मोहन भागवत हिंदू धर्म के बारे में ज्यादा नहीं जानते।

रामभद्राचार्य ने राम मंदिर को लेकर भी कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने कहा कि संघ का राम मंदिर निर्माण में कोई योगदान नहीं था। जब संघ अस्तित्व में नहीं था, तब भी हिंदू धर्म था। संघ की राम मंदिर आंदोलन में कोई भूमिका नहीं है, और इसका इतिहास भी यही बताता है। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष की शुरुआत 1984 से हुई थी, और इसमें संघ की कोई भागीदारी नहीं थी।

संभल में शुरू हुए मंदिर-मस्जिद विवाद पर रामभद्राचार्य ने कहा कि हमें अपने अतीत का सम्मान करना चाहिए, और सह-अस्तित्व का मतलब है कि हर कोई अपने धर्म का पालन करे। अगर हमारे मस्जिदों को तोड़ा गया है, तो हमें अपने मंदिर चाहिए।

मोहन भागवत ने भारत में एकता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा था कि राम मंदिर का निर्माण सभी हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। धर्म का गलत और अधूरा ज्ञान ही अधर्म की ओर ले जाता है, और धर्म के नाम पर हुए सभी अत्याचार इसी गलतफहमी के कारण हुए हैं।

इस पर रामभद्राचार्य ने कहा कि मोहन भागवत हिंदूओं के अनुशासनकर्ता नहीं हो सकते, यह कार्य आचार्य कर सकते हैं। उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण है, और संघ केवल राजनीति में अपना फायदा देखता है। रामभद्राचार्य ने मंदिर-मस्जिद मुद्दे पर कहा, "हम किसी को छेड़ेंगे नहीं, लेकिन यदि कोई हमें छेड़ेगा तो हम उसे छोड़ेगे भी नहीं। हमें केवल हमारा अधिकार चाहिए, दूसरों का अधिकार नहीं चाहिए।"

https://www.dainikvishwamitra.com/detail.php?id=6197बदलते बांग्लादेश में 'मुक्ति योद्धा' को जूतों की माला पहनायाढाका। बद...
23/12/2024

https://www.dainikvishwamitra.com/detail.php?id=6197
बदलते बांग्लादेश में 'मुक्ति योद्धा' को जूतों की माला पहनाया

ढाका। बदलते बांग्लादेश में सामाजिक स्थिति के साथ-साथ सांस्कृतिक वातावरण भी दिनोंदिन विषाक्त होता जा रहा है। शेख़ मुजीबुर रहमान के योगदान को लगभग नकारते हुए इतिहास बदलने की प्रक्रिया पहले से ही शुरू हो चुकी थी। अब, यूनुस के अंतरिम सरकार के तहत स्वयं स्वतंत्रता सेनानी को अत्यधिक अपमान सहना पड़ा है! कुमिल्ला में अब्दुल हाई कानू नामक इस स्वतंत्रता सेनानी को जूते की माला पहना कर पूरे गांव में घुमाया गया। वह वीडियो वायरल हो गया। हालांकि, इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद से यूनुस सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है।

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि अब्दुल है के गले में जूते की माला है। कुमिल्ला के चौदग्राम के लुदियारा गांव में, वह अपने घर के पास हाथ जोड़कर खड़े हुए हैं, सामने भारी भीड़ है। यह संकेत मिलता है कि वह वृद्ध स्वतंत्रता सेनानी उनके साथ बहस कर रहे हैं। लोग उनसे माफी मांगने को कह रहे हैं, कुछ लोग कह रहे हैं कि कुमिल्ला छोड़कर चले जाएं। इस पर, अब्दुल है हाथ जोड़कर विनती कर रहे हैं कि उन्हें इस तरह से न भगाया जाए। वह गांव छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहते। इसके बाद उत्तेजित जनता उनसे सवाल करती है, "हम इतने सालों से घर में क्यों रह पाए?" जूते की माला पहने हुए स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल हाई कानू को गांव में घुमाया जाता है।

https://www.dainikvishwamitra.com/detail.php?id=6196मणिशंकर ने ममता को बताया इंडिया गठबंधन का 'चेहरा', कांग्रेस हुई असहज...
23/12/2024

https://www.dainikvishwamitra.com/detail.php?id=6196
मणिशंकर ने ममता को बताया इंडिया गठबंधन का 'चेहरा', कांग्रेस हुई असहज

कोलकाता/नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का 'चेहरा' मानते हैं! एक साक्षात्कार में कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस को गठबंधन की नेतृत्व से हटने के लिए तैयार रहना चाहिए। जो लोग या जो लोग नेतृत्व संभालना चाहते हैं, उन्हें फिलहाल नेतृत्व का जिम्मा दे देना चाहिए। इस गठबंधन का मुख बनने की योग्यता कई लोगों में है, जिनमें एक प्रमुख नाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का है। स्वाभाविक रूप से, उनके इस बयान से कांग्रेस में असहजता का माहौल बन गया है।

पिछले दिनों, कई मुद्दों पर इंडिया गठबंधन के भीतर मतभेद सामने आए हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में अदानी मुद्दे पर कांग्रेस और तृणमूल के बीच विवाद ने कई अटकलें लगाई हैं। विश्लेषकों के एक समूह का मानना है कि कांग्रेस 'अघोषित' रूप से गठबंधन की कप्तान बनने का ख्वाब देख रही है। हालांकि, सोनिया-राहुल गांधी का ' रवैया तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी जैसी अन्य साझीदार पार्टियों के लिए समस्या बन गया है। ममता बनर्जी ने कई बार स्पष्ट शब्दों में कहा है कि कांग्रेस को साझीदारों की बात सुननी चाहिए और गठबंधन के मुद्दों पर सभी के साथ बातचीत कर रणनीति तय करनी चाहिए। हाल ही में, तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी कहा कि कांग्रेस को अन्य साझीदारों की बात सुननी चाहिए और इंडिया गठबंधन की नेतृत्व में ममता बनर्जी सबसे सक्षम हैं।

पूर्व पेट्रोलियम मंत्री के बयान को इस संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक राष्ट्रीय समाचार चैनल से बातचीत में मणिशंकर अय्यर ने कहा, "मुझे लगता है कि कांग्रेस को तैयार रहना चाहिए। वे इंडिया गठबंधन का मुख नहीं बन सकते। क्योंकि अन्य साझीदारों में भी नेतृत्व देने की क्षमता है। इस गठबंधन की नेता बनने की योग्यता ममता बनर्जी में है। अन्य पार्टियों में भी योग्यता है। इसलिए कोई भी इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर सकता है।"

मणिशंकर ने यह भी याद दिलाया कि इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस की अहमियत कम नहीं है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस को गठबंधन की नेतृत्व से हटने के लिए तैयार रहना चाहिए। जो लोग या जो लोग नेतृत्व संभालना चाहते हैं, उन्हें फिलहाल नेतृत्व का जिम्मा दे देना चाहिए। इस गठबंधन का मुख बनने की योग्यता कई लोगों में है, जिनमें ममता बनर्जी प्रमुख हैं।" राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि इंडिया गठबंधन का मुख बनने के लिए ममता बनर्जी पर विश्वास जताया जा रहा है।

यह उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा को कई सीटें गंवानी पड़ीं। 18 से घटकर भाजपा के पास केवल 12 सीटें रह गईं। ममता के मॉडल के सामने मोदी-शाह टिक नहीं सके। केवल यही नहीं, हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनावों में भी भाजपा कोई प्रभाव छोड़ने में सफल नहीं हो पाई। 6 सीटों पर तृणमूल ने जीत हासिल की। मादरिहाट जैसे क्षेत्र में भी भाजपा हार गई। वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। 102 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद कांग्रेस केवल 16 सीटों पर ही जीत पाई। इस कारण से यह साफ है कि कांग्रेस भाजपा से मुकाबला करने में विफल रही है। यही कारण है कि कई साझीदार ममता जैसे अनुभवी नेता को आगे लाने की ओर इशारा कर रहे हैं। लालू प्रसाद यादव, शरद पवार जैसे बड़े नेता भी तृणमूल प्रमुख ममता के पक्ष में झुक रहे हैं।

21/12/2024

23rd India International Mega Trade Fair

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