![खरसावां गोलीकांड के आदिवासी शहीदों को नमन। जलियांवाला बाग जैसी बर्बरता से भी विभत्स नरसंहार का उदाहरण यदि कहीं मिलता है,...](https://img4.medioq.com/461/393/614043524613930.jpg)
01/01/2025
खरसावां गोलीकांड के आदिवासी शहीदों को नमन। जलियांवाला बाग जैसी बर्बरता से भी विभत्स नरसंहार का उदाहरण यदि कहीं मिलता है, तो वह 1 जनवरी 1948 को खरसावां में हुआ था। कोल्हान क्षेत्र में आदिवासियों ने अपने अधिकारों और पहचान के लिए संघर्ष किया, लेकिन सत्ता ने निर्दयता की सारी सीमाएं लांघते हुए 40 हजार निर्दोष आदिवासियों पर गोलियां बरसाईं। यह केवल एक नरसंहार नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के आत्मसम्मान और उनकी सांस्कृतिक अस्मिता पर हमला था। इस हृदयविदारक घटना को इतिहास के पन्नों में उचित स्थान न मिलने के बावजूद, आदिवासी समाज की स्मृतियों और उनके गीतों में यह हमेशा जीवंत रहेगा। आइए, इस शहादत दिवस पर आदिवासी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करें और उनके न्याय और अधिकार की इस लड़ाई को याद रखें।
#खरसांवा_हत्याकांड