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दज्जाल निकलने के कितने दिनों बाद याजूज माजूज आएंगे? दोस्तों, कयामत के 10 बड़ी निशानियों में से एक बड़ी निशानी याजूज माजू...
27/10/2023

दज्जाल निकलने के कितने दिनों बाद याजूज माजूज आएंगे? दोस्तों, कयामत के 10 बड़ी निशानियों में से एक बड़ी निशानी याजूज माजूज का निकलना है। ये इंसानी नसल से होंगे लेकिन बड़े ही अजीब तरह के डरावने इंसान होंगे। बल्कि अगर कहा जाए कि यह इंसानों के शक्ल में जानवर होंगे तो कुछ गलत न होगा क्योंकि यह जिस वक्त अल्लाह के हुकुम से बाहर निकलेंगे तो चीटियों की तरह जमीन पर फैल जाएंगे। वह इतनी बड़ी तादाद में होंगे कि उनके रहते जमीन भी नजर न आएगी। बल्कि हर तरफ यही काले खूंखार जानवर ही याजूज माजूज दिखेंगे। यह अपने कदवा हाइट से ज्यादा लंबे नहीं होंगे, बल्कि आम इंसानों से बहुत ज्यादा छोटे होंगे या इतने खूंखार होंगे कि अपने सामने आने वाली हर चीज को खाते चले जाएंगे। यहां तक कि अगर इनका गुजर किसी नदी के पास से होगा तो यह उसका सारा पानी पी लेंगे। उनके सामने अगर कोई कच्चा पक्का घर आ जाएगा तो यह उसकी पूरी पूरी दीवारों को चट कर जाएंगे। सामने कोई पेड़ नजर आएगा तो उसे सेकंडों में खाकर खत्म कर देंगे। यहां तक कि सांप, बिच्छू, कुत्ते, बंदर हर चीज को खाते चले जाएंगे। साथ ही साथ यह आदमखोर भी होंगे कि अगर इनके हाथों कोई इंसान लग गया तो यह हजारों के झुंड में उस पर टूट पड़ेंगे और देखते ही देखते उसे पूरी तरह खाकर खत्म कर देंगे। दोस्तों अल्लाहताला ने हर उम्मत के लिए कोई न कोई आजमाइश की चीज पैदा की है। इस उम्मत के लिए आजमाइश की चीजों में दज्जाल और याजूज माजूज वगैरा शामिल हैं। हुजूर सल्लल्लाहो अलैहे सल्लम ने याजूज माजूज के बारे में बहुत तफसील के साथ हदीस में बयान फरमाया है कि वह एक ऐसा फितना होगा कि जो सारी उम्मत के लिए वबाल बनकर सामने आएगा याजूज माजूज का जिक्र दूसरे मजहबी किताबों में भी मिलता है कि दुनिया खत्म होने से पहले एक ऐसी खूंखार कौम लोगों के बीच निकलेगी कि जो सभी चीजों को तबाह व बर्बाद कर देगी। असल में याजूज माजूज हजरत नूह अलैहिस्सलाम के औलादों में से एक कौम है जिसे अल्लाह ताला ने कयामत तक के लिए लोगों के नजरों से छुपाकर उसे एक बहुत बड़ी दीवार के पीछे कैद कर दिया है। लेकिन जब कयामत से पहले इनके निकलने का वक्त करीब आ जाएगा तो यही या रोज रोज उस दीवार को तोड़कर बाहर निकलेंगे और फिर सारी दुनिया में फसाद करेंगे। कुरान में अल्लाह ताला ने 70वें पारे में याजूज माजूज का जिक्र हजरत जुल्करनैन के वाकिये में कुछ तफसील के साथ फरमाया है कि सारी दुनिया को फतह करने वाला नेक बादशाह हजरत जुल्करनैन जब सफर करते करते पूरब के तरफ बहुत दूर निकल गए तो अचानक उन्हें दो पहाड़ों के बीच खनडारा में एक बहुत ही बेबस कौम रहती नजर आई। उस कौम ने हजरत जुल्करनैन के अच्छे अखलाक देखते हुए उन्हें अपना बादशाह तस्लीम कर लिया। लेकिन जब हजरत जुल्करनैन उन्हें छोड़ कर जाने लगे तो उस कौम ने अपनी तकलीफें हजरत जुल्करनैन से बताई कि बादशाह सलामत आप जिस इलाके में रहते हैं तो इधर पहाड़ के उस तरफ याजूज माजूज के कौम रहती है वह सब अक्सर हम लोगों पर हमला करके हमारी सारी चीजों को लूट लेते हैं। हम उनसे बहुत ज्यादा तंग आ चुके हैं इसलिए आपसे इल्तिजा करते हैं कि आप हमारे लिए उनसे बचने का कोई रास्ता निकाल दें क्योंकि आपके पास एक बड़ी फौज है और आपसे हमें पूरी उम्मीद है। इसलिए आप इस पहाड़ के बीच कोई ऐसी दीवार बना दें कि जिसकी वजह से याजूज माजूज रोज रोज कभी भी हम पर हमला न कर सके। उस कौम ने कहा कि बादशाह सलामत हम इस काम के बदले में आपको कुछ पैसे वगैरा भी देने को तैयार हैं। लेकिन हजरत जुल्करनैन ने पैसे लेने से इनकार करते हुए कहा कि नहीं मेरे अल्लाह ने मुझे बहुत कुछ दिया है। वह मेरे लिए काफी है इसलिए मैं तुम्हारा यहां काम करने को तैयार हूं। लेकिन इस काम में तुम लोग मेरा पूरा साथ देना। वह सारी कौम तैयार हो गई और फिर हजरत जुल्करनैन के हुकुम पर लोहे की बड़ी बड़ी सिलवटें बनाई गई और उन्हें हजरत जुल्करनैन ने जमीन में बहुत गहरी नींव खोद कर अनदर से एक बहुत मजबूत दीवार बनाना शुरू की। हजरत जुल्करनैन ने उस लोहे के दीवार को इतना ऊंचा बना दिया कि वह दो पहाड़ों से जा लगी। इसी तरह लोहे के दो दीवारें बनाई गई और उन दोनों के बीच थोड़ी सी जगह खाली रखी गई। फिर हजरत जुल्करनैन ने कौम के लोगों को हुक्म दिया कि अगर अब तुम मेरे लिए दुनिया के सबसे मजबूत चीज। ऐसा न करके मैं उसे पिघलाकर लोहे के इन दीवारों के बीच डाल दूंगा ताकि याजूज माजूज कॉम अब कभी भी इस दीवार को तोड़कर बाहर न आ सकें। और फिर हजरत जुल्करनैन ने उस लौहे के दीवार में से ऐसा पिघलाकर भर दिया कि जिसकी वजह से वह दीवार इस कदर मजबूत हो गई कि फिर यह रोज रोज के लाखों की तादाद भी मिलकर उसे तोड़ न सकी। जब वह दीवार बनकर तैयार हो गई तो कौम के लोग हजरत जुल्करनैन के पास आकर उनका शुक्रिया अदा करने लगे तो हजरत जुल्करनैन ने फरमाया कि लोग यह दीवार सिर्फ वकत तौर पर तुम्हारी हिफाजत के लिए है। इसलिए जब भी मेरे अल्लाह का हुकुम आ जाएगा तो यह दीवार टूटकर फना हो जाएगी और याजूज माजूज लोगों के बीच निकलकर फसाद मचाएंगे। हमारे हुजूर सल्लल्लाहु सल्लम ने याजूज माजूज के इसी दीवार के बारे में बतलाते हुए फरमाया था कि या रोज रोज की कौम रोजाना इस मजबूत दीवार को आकर तोड़ती है, यहां तक कि वह सुबह से शाम तक इस दीवार को तोडते ही रहते हैं। लेकिन जब वह दीवार तोड़ते तोड़ते आखरी हद तक पहुंचते हैं तो उनका सरदार कहता है कि चलो अब वापस चलो, आगे की दीवार हम कल आकर तोड़ेंगे। लेकिन अगले दिन जब वह उस दीवार के पास वापस लौटते हैं तो अल्लाहताला उस दीवार को पहले से भी ज्यादा मजबूत कर देता है और फिर से वह याजूज माजूज के जमात रोज उस दीवार को शाम तक चाटते रहते हैं। आखिर जिस दिन या रोज रोज के निकलने का वक्त करीब आ जाएगा तो उस दिन वह दीवार को तोड़ते तोड़ते आखिरी हद तक पहुंचेंगे। तो शाम को उनका सरदार कहेगा कि चलो अब वापस चलो, इंशा अल्लाह, कल आकर हम इस दीवार को फिर से तोड़ेंगे। हुजूर सल्लल्लाहु सल्लम ने फरमाया कि जब उनका सरदार इंशा अल्लाह कह देगा तो उसकी बरकत से वह दीवार पूरी रात अपनी उसी हालत पर बाकी रहेगी, और फिर अगले दिन या रोज रोज आकर उस दीवार को पूरी तरह तोड़ देंगे, और लोगों के बीच निकलकर ऐसा फसाद मचाएंगे कि सारी जमीन कांप उठेगी और उनके रास्ते में जो भी चीज़ आएगी वह उसे खाते चले जाएंगे। अगर उनका गुजर नदियों के पास से होगा तो वह उसका सारा पानी पी लेंगे, इंसानों के बस्ती में आकर खून खराबा शुरू कर देंगे और वह ऐसे आदमखोर होंगे कि इंसानों को चीर फाड़ कर खा डालेंगे। आखिर जब याजूज माजूज को यकीन हो जाएगा कि हमने जमीन वालों पर बहुत कतल करके उन पर अपना कब्जा जमा लिया है तो उनका सरदार हुकुम देगा कि अब हम आसमान वालों को भी कत्ल करेंगे। और फिर सरदार के हुक्म पर याजूज माजूज की फौज आसमान की तरफ लोहे के तीर चलाना शुरू कर देंगे और अल्लाह ताला उन तीरों में खून लगा कर उन्हें जमीन की तरफ वापस भेजेगा तो याजूज माजूज उसे देखकर बहुत खुश होंगे कि हमारे तीरों से आसमान वाले भी मरने लगे हैं या जूझ माजूद के शक्लों के बारे में जो रिवायतों में आता है वह यह है कि उनकी शक्लें ढाल के तरह बिल्कुल चपटी होंगी। उनके दांत व नाखून जानवरों की तरह बिल्कुल नुकीले होंगे। उनका कद बहुत छोटा होगा। यहां तक कि उनमें सबसे लंबा इंसान सिर्फ तीन बालिश्त के बराबर होगा। वह ऐसे भूखे होंगे कि सांप, बिच्छू, घोड़े, बंदर यहां तक कि दीवारों तक को खा जाएंगे। दुनिया के कोई भी कौम उनसे मुकाबला नहीं कर पाएगी, क्योंकि वह अपनी तादाद में बहुत ज्यादा होंगे। अल्लाह ताला ने कुरान में याजूज माजूज की तादाद बतलाते हुए फरमाया है कि याजूज माजूज हर ऊंची जगह से नीचे को लुढ़कते आएंगे। और इस कौम की एक खास बात यह है कि जब तक इनकी औरतें एक हज़ार बच्चे नहीं पैदा कर देती तब तक उनकी मौत ही नहीं होती। दोस्तों, अब सवाल है कि आखिर याजूज माजूज कब निकलेंगे? तो हदीस के मुताबिक याजूज माजूज के निकलने का जो वक्त बयान किया जाता है वह यह है कि दज्जाल निकलने के कुछ ही सालों बाद हजरत ईसा अलैहिस्सलाम आकर दज्जाल को कत्ल करेंगे और फिर सारे ईसाई मुसलमान होकर हजरत ईसा अलैहिस्सलाम को ही अपना बादशाह तस्लीम कर लेंगे। और हर तरफ खुशहाली ही खुशहाली होगी। लेकिन तभी अचानक एक दिन अल्लाह के हुकुम सेजूज माजूज जमीन से निकलना शुरू हो जाएंगे। और जब हजरत ईसा अलैहिस्सलाम को खबर होगा कि याजूज माजूज की कौम निकल आई है तो वह लोगों को हुक्म देंगे कि सभी लोग अपने अपने घरों में कैद हो जाओ। कोई भी बाहर न निकले। रिवायतों में आता है कि उस वक्त याजूज माजूज की वजह से खाने पीने की ऐसी तंगी फैलेगी कि हुजूर सल्लल्लाहु सल्लम ने फरमाया कि उस वक्त तुम्हें बैल का एक सर भी 100 दीनार से ज्यादा महबूब होगा। मतलब अगर कोई बैल का एक सर लाखों रुपये में आकर बेंचे और तुम्हारे पास इतने पैसे हो तो तुम लाखों रुपये देकर बैल का सर खरीद लोगे और अपने खाने पीने का इंतजाम करोगे। तो दोस्तों इन रिवायतों से मालूम होता है कि याजूज माजूज हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की ही मौजूदगी में निकलेंगे और ज़मीन पर बेहद फसाद मचाएंगे। जब काफी अरसा गुजर जायेगा तो लोग हजरत ईसा अलैहिस्सलाम से आकर दरखास्त करेंगे कि आप अल्लाहताला से दुआ करें कि अल्लाह हमे याजूज माजूज की इस फितना से नजात दे दे तो हजरत ईसा अलैहिस्सलाम अल्लाह ताला के बारगाह में हाथ उठाकर दुआ फरमाएंगे कि अल्लाह हम जमीन वालों को याजूज माजूज के फितना से नजात अता फरमा दे तो हजरत ईसा अलैहिस्सलाम की दुआ पर अल्लाह ताला याजूज माजूज के पूरी कौम पर एक ऐसी बीमारी भेजेंगे कि उनकी गर्दनें सड़ने लगेंगी कि जिसकी वजह से कुछ ही दिनों में उन सभी की मौत हो जाएगी और जमीन में हर तरफ याजूज माजूज की लाशें ही लाशें नजर आएंगी। उनकी बदबू इस कदर फैलेगी कि लोगों का जीना हराम हो जाएगा। तो हजरत ईसा अलैहिस्सलाम फिर से अल्लाह से दुआ करेंगे कि अल्लाह इन याजूज माजूज के लाशों की सफाई का कोई इंतजाम फरमा दे तो अल्लाह ताला आसमानों से कुछ ऐसे परिन्दों को भेजेगा कि जो याजूज माजूज के लाशों को उठाकर दूर समंदरों में ले जाकर फेंक देंगे और फिर से हजरत ईसा अलैहिस्सलाम के हुक्मरानी में खुशहाली के दिन वापस आ जाएंगे। लेकिन उसके कुछ ही दिनों बाद अचानक एक दिन हजरत ईसा अलैहिस्सलाम की भी वफात हो जाएगी। उनकी वफात के कुछ सालों बाद अल्लाह के तरफ से एक ठंडी हवा चलेगी कि जिसकी वजह से तमाम मुसलमानों पर मौत तारी हो जाएगी और फिर सारी दुनिया में एक बार फिर से कुफ्र का बोलबाला होगा। लेकिन अभी इन हालात को ज्यादा दिन नहीं गुजरेंगे कि एक दिन अचानक अल्लाह के हुकुम से सूरज मगरिब की तरफ से निकल आएगा कि जिसके बाद तौबा का दरवाजा भी बंद हो जाएगा। और फिर कुछ बड़े आलिमों के कौम के मुताबिक उसके 120 साल के बाद कयामत आ जायेगी। अल्लाहताला हम सभी के इन फितना से हिफाजत फरमाए और मौत के वक्त तक कलमा पढ़ने के तौफीक अता फरमा दे। प्यारे दोस्तो, उस पर अमल करके आप अपनी जिंदगी बदल सकते हैं। प्यारे दोस्तो, उम्मीद करता हूं कि आज की यह वीडियो आपको बहुत पसंद आई होगी। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक करके चैनल को जरूर सब्सक्राइब कर लें और जाते जाते एक प्यारा सा कमेंट करके जरूर बताना कि आखिर आपको यह वीडियो कैसी लगी। अस्सलामुअलैकुम।

26/10/2023
अस्सलामुअलैकुम प्यारे दोस्तो आपने बहुत सारे वाकयात सुने होंगे लेकिन जो वाकिया हम आपको बताने वाले है। इज़रायल का दावा है ...
24/10/2023

अस्सलामुअलैकुम प्यारे दोस्तो आपने बहुत सारे वाकयात सुने होंगे लेकिन जो वाकिया हम आपको बताने वाले है। इज़रायल का दावा है कि वो 2024 तक मस्जिदे अक़्सा को शहीद कर देंगे और हमें पूरा यकीन है कि आपने यह वाकिया इससे पहले कभी नहीं सुना होगा। इसीलिए आपसे गुजारिश है कि अगर आप सच्चे आशिक रसूल है और उम्मते मुहम्मदी होने पर फक्र करते है तो इस वीडियो को एक लाइक करके इस वीडियो को आखिर तक जरूर देखें।
वही दज्जाल के निकलने के कौन कौन सी निशानियां दो हज़ार 24 तक पूरी हो जाएंगी? दोस्तों कयामत के तीन बड़ी निशानियों में से एक इमाम महदी अलैहिस्सलाम का आना है और फिर उसके बाद दज्जाल का निकलना है। मुसलमानों के दो बड़े फिरके शिया व सुन्नी दोनों इमाम महदी अलैहिस्सलाम का इन्तजार कर रहे हैं। बस सिर्फ फर्क इतना है कि शियों के मुताबिक इमाम महदी अलैहिस्सलाम पैदा हो चुके हैं मगर इन्हें एक गार के अंदर दुनिया के नजरों से छुपा दिया गया है जो कि 1200 साल से इस गार में मौजूद हैं और बहुत जल्द ही वह ज़ाहिर होंगे। जबकि सुन्नी मुसलमानों के दावे के मुताबिक इमाम महदी अलैहिस्सलाम मदीना शरीफ में पैदा होकर जवान होंगे। उनका नाम मोहम्मद होगा। वालिद का नाम अब्दुल्लाह होगा और वालिदा का नाम आमिना होगा। इमाम महदी अलैहिस्सलाम का ज़िक्र कुरान में तो नहीं मिलता लेकिन हदीस की किताबों में इमाम महदी अलैहिस्सलाम का ज़िक्र बहुत ज्यादा मिलता है। हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम। ने फरमाया कि कयामत उस वक्त तक कायम नहीं हो सकती जब तक मेरे अहले बैत में से एक शख्स की हुकूमत पूरी दुनिया पर न कायम हो जाए। इमाम महदी अलैहिस्सलाम 40 साल के उमर में सफेद कपड़े पहने लोगों के सामने पहली बार ज़ाहिर होंगे और आपके पास निशानी के तौर पर हुजूर सल्लल्लाहु सल्लम का कुरता मुबारक और तलवार होगी। हदीस के मुताबिक इमाम महदी अलैहिस्सलाम उस वक्त ज़ाहिर होंगे जब मक्का में मुसलमानों के बीच एक बहुत बड़ा झगड़ा होने वाला होगा। उसकी तफसील कुछ इस तरह है कि हज के दिनों एक सऊदी बादशाह अचानक कत्ल हो जाएगा जिसको लेकर झगड़ा इतना ज्यादा बढ़ेगा कि मुसलमान आपस में ही लड़ने लगेंगे और मक्का के बाहर एक जगह पर
बहुत ज्यादा लड़ाई झगड़ा हो रहा होगा तो उसी वक्त कुछ नेक मुसलमान हजरत मेहंदी अलैहिस सलाम को काबा के पास एक सुतून से टेक लगाये दुआएं मांगता देखेंगे। उन्हें देखते ही मुसलमान पहचान लेंगे कि यह वही इमाम महदी अलैहिस्सलाम हैं जिनका जिक्र हदीस के किताबों में मिलता है और फिर सभी उनके हाथों पर बयान करके मुसलमानों के बीच होने वाले जंग को रफा दफा करेंगे। और फिर इमाम महदी अलैहिस्सलाम मुसलमानों के लशकर को साथ लेकर यहूदियों व ईसाइयों से जंग लड़ेंगे। दोस्तों आज हजरत मेहंदी अलैहिस्सलाम के आने के तकरीबन सभी निशानियां पूरी हो चुकी हैं। अगर आप आज से सिर्फ 10 साल पीछे जाएं और वक्त का जायजा लें तो इमाम महदी अलैहिस्सलाम के आने के जितनी भी निशानियां इन 10 सालों में पूरी हुई हैं उससे पहले कभी भी इतनी निशानियां पूरी होती नजर नहीं आई। हुज़ूर सल्लल्लाहो सल्लम ने उन्हें निशानियों का बतलाते हुए फरमाया था कि जब तुम देखना कि अरब के बंजर जमीन पर हरी भरी खेती उगने लगे तो तुम कयामत का इंतजार करना। और दोस्तों आज हम देख सकते हैं कि अरब के बंजर जमीन पर हरी भरी होने लगी है। यहां तक कि कुछ खबरों के मुताबिक अरब के जमीनों पर इतना गन्ना पैदा होता है कि उसे एक्सपोर्ट करके दूसरे मुल्कों में भेजा जाता है। इसी तरह हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहे सल्लम ने फरमाया था कि जब तुम देखना कि मक्का के ऊंची ऊंची इमारतें, मशहूर पहाड़ जबले अबू कबीर से भी ऊपर जाने लगें तो तुम कयामत का इंतजार करना। और दोस्तों आज हम देख सकते हैं कि मक्का के अक्सर इमारतें पहाड़ों से ऊपर जा रही हैं। यहां तक कि मक्का टावर तो उन पहाड़ों से भी कई गुना ज्यादा ऊपर है। इसी तरह हुजूर सल्लम ने फरमाया था कि जब तुम देखना कि अरब के पहाड़ों को चीरकर उनके अंदर से रास्ता बना दिया गया है तो फिर तुम कयामत का इंतजार करना। और दोस्तों यह निशानी भी आज हम पूरी होते देख रहे हैं क्योंकि आज सऊदी अरब में आम रास्ते तो कम बल्कि अक्सर रास्ते पहाड़ों के अंदर से बनाए गए हैं। इसी तरह हुजूर सल्लल्लाहो अलैहे सल्लम ने फरमाया था कि जब तुम देखना कि अरब के देशों के बंजर जमीनें भी खजाना उगलने लगें तो तुम कयामत का इंतजार करना। और दोस्तों आज हम देख सकते हैं कि इस वक्त दुनिया का सबसे कीमती खजाना पेट्रोल व गैस सिर्फ अरब देशों से निकल रहा है। पेट्रोल आज एक ऐसी जरूरत है जिसके बगैर दुनिया के कोई भी मशीन व गाड़ी चल ही नहीं सकती। दोस्तों आप अंदाजा लगाएं कि कयामत व इमाम महदी अलैहिस्सलाम के जाहिर होने के कितनी ही निशानियां पूरी हो चुकी हैं। यहां तक कि एक मशहूर आलिम पीर जुल्फकार अहमद साहब ने एक बार काबा के पास कसम खाते हुए कहा कि इमाम महदी अलैहिस्सलाम का जोर दो हज़ार 25 से पहले ही हो जाएगा। इसी तरह हिन्दुस्तान के बहुत मशहूर आलिम मौलाना सज्जाद। नोमानी साहब के अक्सर इस तरह के बयान मौजूद हैं कि वह कहा करते हैं कि लोग दो हज़ार 23 के बाद अब वह वक्त दूर नहीं कि इमाम महदी अलैहिस्सलाम आज आ जाएं या कल। दोस्तों फिलिस्तीन के शहर यरूशलम का कयामत के हालात से बहुत खास ताल्लुक है क्योंकि यह एक ऐसा शहर है कि जो मुसलमान, क्रिश्चन व यहूदियों के लिए बहुत अहमियत रखता है क्योंकि ईसाई कहता है कि इसी जगह पर हमारे पैगम्बर हजरत ईसा अलैहिस्सलाम की पैदाइश हुई थी इसीलिए हम इस जगह को छोड़ने के लिए तैयार नहीं। यहूदियों का कहना कि इसी जगह पर हमारा काबा हैकल सुलेमानी दो हज़ार साल पहले बना हुआ था। इसलिए हम मस्जिदे अक्सा पर गिराकर यहां फिर से अपना हाईक्लास सुलेमानी बनवाएंगे और मुसलमानों के लिए यह जगह मक्का मदीना के बाद सबसे मुकद्दस जगह है क्योंकि यह मुसलमानों का पहला के बदा था। लेकिन हदीस के मुताबिक कयामत से पहले इस जगह से फिलिस्तीनियों को बेदखल करके मस्जिदे अक्सा को शहीद कर दिया जाएगा और उसके बाद यहूदी लोग अपना हाय करें। सुलेमानी बनवाएंगे कि जिसकी वजह से मुसलमान और दूसरे कौमों के बीच तीसरी जंगे अजीम की शुरुवात हो जायेगी कि जिसके कयादत इमाम महदी अलैहिस्सलाम करेंगे। उस जंग के बारे में हुजूर सनावदा सल्लम ने फरमाया था कि वह जंग ऐसी होगी कि जिसमें इतने ज्यादा लोग कतल होंगे कि अगर एक बाप के 100 लड़के भी होंगे तो उसमें से 99 कत्ल कर दिये जाएंगे और सिर्फ एक ही बचेगा। उस वक्त के बारे में हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम। ने फरमाया था कि जब तुम देखना कि ईरान के इलाके खुरासान से एक बड़ी जमात काले झंडे लेकर निकले तो तुम उसमें जरूर शामिल हो जाना अगरचे तुम्हें घुटनों के बल ही क्यों न घिसटकर जाना पड़े क्योंकि इसी लशकर में इमाम महदी अलैहिस्सलाम होंगे और वह एक ऐसा ताकतवर लशकर होगा कि जिसे दुश्मन की फौज बिना रोक पाएगी और वह इलाकों को फतह करते करते अपना झंडा जाकर एलिया मतलब फिलिस्तीन के शहर येरूशलम में नसब करेंगे और फिर यहूदियों के साथ एक खास जंग की शुरुआत होगी। यह जंग अभी चल ही रही होगी कि अचानक दुनिया में खबर फैलेगी कि दज्जाल निकल आया है और फिर दज्जाल सारी दुनिया में फसाद मचाएगा व इमाम महदी अलैहिस्सलाम के लशकर से जंग करेगा और मुसलमानों को हराता हुआ इतना पीछे कर देगा कि इमाम महदी अलैहिस्सलाम अपने लशकर के साथ सिमट कर दिमाग के के जामा मस्जिद में आ जाएंगे। दज्जाल का लशकर वहां पर पहुंचकर उस मस्जिद को चारों तरफ से घेर लेगा। सुबह का वक्त होगा। इमाम महदी अलैहिस्सलाम मुसलमानों को फजर की नमाज पढ़ाने जा रहे होंगे कि तभी अचानक आसमान की तरफ से एक बहुत तेज आवाज गूंजेगी जिसे सुनकर सभी मुसलमान घबरा कर बाहर निकलेंगे तो देखेंगे कि हजरत ईसा अलैहिस्सलाम दो फरिश्तों के कंधों पर हाथ रखकर विमर्श कर के जामा मस्जिद के एक मीनार पर उतर रहे होंगे और पिर हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम मीनारे से उतरकर मस्जिद के अंदर तशरीफ लाएंगे। तो इमाम महदी अलैहिस्सलाम हजरत ईसा अलैहिस्सलाम से कहेंगे कि आप मुसलमानों को फजर की नमाज पढ़ाएं तो हजरत ईसा अलैहिस्सलाम नमाज पढ़ाने से इनकार कर देंगे। तो फिर इमाम महदी अलैहिस्सलाम आगे बढ़ कर सभी मुसलमानों को फजर की नमाज पढ़ाएंगे और फिर फजर की नमाज के बाद हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम के निगरानी में मुसलमानों का लष्कर तैयार किया जाएगा और फिर मस्जिद से बाहर निकलकर दज्जाल के लश्कर के साथ एक जंग होगी। हजरत ईसा अलैहिस्सलाम के कयादत में मुसलमान सभी जंगे जीतते चले जाएंगे। यहां तक कि हजरत ईसा अलैहिस्सलाम दज्जाल की तलाश में उसे इजरायल तक ढूंढ़ते जाएंगे और फिर हजरत ईसा अलैहिस्सलाम दज्जाल को इजरायल के एक मशहूर जगह मक्का में युद्ध पर पकड़ लेंगे। लेकिन उस वक्त अचानक यहूदियों का लशकर जमा होकर मुसलमानों से जंग शुरू कर देगा। लेकिन हजरत ईसा अलैहिस्सलाम इसी बीच हुज़ूर सल्लल्लाहो सल्लम के तलवार से दज्जाल को कत्ल कर देंगे और फिर सारी जमीन पर हजरत ईसा अलैहिस्सलाम की हुकूमत कायम हो जायेगी। हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम जमीन पर 40 साल तक हुकूमत करेंगे

इजरत अलो (रअ) का फैसलामदीना में 6 महीने में ही बच्चा पैदा हुआ ! फिर क्या हुआ ? मदिना में हुआ क़ुरान शरीफ का करिश्मा पूरी...
23/10/2023

इजरत अलो (रअ) का फैसला
मदीना में 6 महीने में ही बच्चा पैदा हुआ ! फिर क्या हुआ ?
मदिना में हुआ क़ुरान शरीफ का करिश्मा पूरी दुनियां ने देखा
अर हर मुसलमान जरूर देखें
अस्सलामुअलैकुम प्यारे दोस्तो आपने बहुत सारे वाकयात सुने होंगे लेकिन जो वाकिया हम आपको बताने वाले है। यह गैर मारूफ वाकिया है यानी इतना मशहूर नहीं है और हमें पूरा यकीन है कि आपने यह वाकिया इससे पहले कभी नहीं सुना होगा। इसीलिए आपसे गुजारिश है कि अगर आप सच्चे आशिक रसूल है और उम्मते मुहम्मदी होने पर फक्र करते है तो इस वीडियो को एक लाइक करके इस वीडियो को आखिर तक जरूर देखें। हजरत उस्मान गनी रजियल्लाहु ताल अन्हु हो का दौर खिलाफत है और अपने कमरे में बैठे हुए है। एक बन्दा आपके कमरे में आता है और आकर कहता है अमीरुल मोमिनीन हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अन्हु हो। एक बहुत बड़ा हादसा हो गया है। हजरत उस्मान रज़ियल्लाहु ताला अन्हु ने पूछा क्या हादसा हो गया है? तो वह शख्स कहने लगा अमीरुल मोमिनीन मैंने शादी की थी एक औरत से। आज उस शादी को छह महीने मुकम्मल हो गए हैं और मेरी बीवी ने एक बच्चे को जन्म दे दिया है। अब मेरी आपसे यह दरखास्त है कि मेरी शादी को अभी तो छह महीने हुए थे तो यह बच्चा कैसे पैदा हो सकता है?
इस वाकिये से पहले आम लोगों के अंदर यह बात पाई जाती थी कि छह महीने में बच्चा पैदा नहीं हो सकता। इसीलिए वह आदमी भी परेशान हो गया और अपने बच्चे को देखा भी नहीं और सीधा अमीरुल मोमिनीन के पास आ गया। हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अनु ने लोगों को जमा किया और मशवरा किया। यह बच्चा हलाल का है या हराम का है और इससे पहले ऐसा वाकिया कभी भी पेश नहीं आया कि किसी औरत ने छह महीने के बाद किसी बच्चे को जन्म दिया हो। यह पहला वाकिया था और अरब के अंदर आमतौर पर छह महीने के बच्चे को हराम का बच्चा समझा जाता था तो मशवरे में मौजूद तमाम लोगों ने यह कहा कि छह महीने का बच्चा अरब के अंदर कभी पैदा नहीं हुआ, लिहाजा यह हलाल का नहीं हो सकता बल्कि हराम का ही है। जब हजरत उस्मान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने तमाम लोगों से मशविरा कर लिया और हिसाब किताब वालों ने सबने यही कहा कि अरब की तारीख में छह महीने के बच्चे को हराम समझा जाता है। तो हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अनु ने हुकुम दिया कि औरत को संगसार कर दिया जाए। हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अनु ने हुकुम दे दिया कि औरत को एक खुले मैदान के अंदर जमीन में गाड़ कर रजब का अमल शुरू कर दिया जाए। जैसे ही आपने यह हुकुम दिया और यह फैसला फरमाया तो यह खबर आसपास के इलाकों में फैल गई। चलते चलते यह खबर हजरत अली रदियल्लाहो ताला अनु के कानों में भी जा पहुँची। अब हजरत अली रदियल्लाहो ताला अनु हो उस मैदान के बजाय जहां उस औरत को संगसार किया जाना था, वहां पर न जाते हुए सीधा हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अनु के पास जा पहुंचे और सलाम करने
के बाद अमीरुल मोमिनीन से पूछा, उस्मान, क्या आपने यह हुकुम दिया है कि उस औरत को रजब किया जाए जिसने छह महीने का बच्चा पैदा किया? तो हजरत उस्मान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने फरमाया हां मैंने यह हुकुम दिया है क्योंकि उसने हराम का बच्चा जना है और छह महीने में बच्चा पैदा नहीं हो सकता, और मैंने यह फैसला तमाम लोगों के मशवरे से किया है और सबने यही मशवरा किया है। के छह महीने का बच्चा हलाल का नहीं हो सकता। हजरत अली रजियल्लाहु ताला अनु ने रिशाद फरमाया। अमीरुल मोमिनीन! आपने यह गलत फैसला किया है। फिर हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अनु ने फरमाया अली! मैंने हिसाब किताब लगाया है कि छह महीने का बच्चा हलाल का नहीं हो सकता। तो हजरत अली रदियल्लाहो ताला अनु ने फरमाया उस्मान, छह महीने का बच्चा तो कुरान से साबित है। हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अन्हु हो यह सुनकर परेशान हो गए कि कुरआन से कैसे साबित है। फिर हजरत अली रदियल्लाहो ताला अनु ने फरमाया कि कुरान पढ़ो। देखो हमल और दूध पिलाने की मुद्दत कितनी है। 30 माह। हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अनु ने कहा, अच्छा, यह तो ढाई साल बनते हैं। इसमें से छह महीने का बच्चा कैसे निकलेगा?
हजरत अली ने फरमाया अब दूसरी आयत पढ़ो। अल्लाह फरमाता है कि दो साल दूध पिलाने के 30 महीनों में से दो साल निकाल लें। जब आप 24 महीने निकाल लेंगे तो पीछे छह महीने बचेंगे। हजरत उसमान रदियल्लाहो ताला अनु हो फरमाने लगे। अली बात तो तुमने ठीक कही है। हजरत अली रदियल्लाहो ताला अनु ने फरमाया कयामत तक अगर किसी औरत का छह माह का बच्चा बिस्तर पर पैदा हुआ तो उसे हलाल का तसव्वुर किया जाएगा। हराम ने ही। क्योंकि यह कुरान की आयत के मुताबिक है और सारी दुनिया झूठी हो सकती है लेकिन कुरान पाक की बात कभी भी झूठी नहीं हो सकती। हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अनु हों फरमाने लगे अली तुमने तो मेरी इस्लाह कर दी। हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अनु ने फौरन सिपाहियों को दौड़ाया। अल्लाह न करे उस औरत को संगसार कर दिया। तो कयामत के दिन मैं उस्मान का क्या बनेगा? और हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अनु हो। रोने लगे और आपकी चीख निकल गई और अपने आप से फरमाने लगे। उस्मान, कल कयामत के दिन अल्लाह को तू क्या जवाब देगा? और अपने सिपाहियों से फरमाया कि जल्दी जाइए, उस औरत को बचाइए। हजरत अली रदियल्लाहो ताला अनु भी वहां से निकले और वह सिपाही भी निकले। अल्लाह का करम ऐसा हुआ कि उस औरत को जमीन में गाड़ दिया गया था और उसका सिर्फ चेहरा बाहर था और उसकी बहन उससे आखिरी मुलाकात के लिए आई हुई है और जारो कतार रो रही है और उससे बातें कर रही है। सिपाही भी पहुंच गए। हजरत अली रदियल्लाहो ताला अनु भी पहुंच गए। उस वक्त वहां पहुंचते ही हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अनु ने रज्जब को रोकने का हुकुम दे दिया। उस वक्त उसने यानी उस जमीन में गड़ी हुई औरत ने अपनी रोती हुई बहन से एक बात कही, मेरी बहन, मत रो और न गम कर। और कहने लगी, उस्मान रजियल्लाहु ताला अनु हूं के हुकुम से मुझे रक़म तो किया जा रहा है, लेकिन मैं अल्लाह की कसम खाकर कहती हूं जिन्नाह तो बड़ी दूर की बात है। खुदा की कसम मुझे किसी गैर महरम ने छुआ तक नहीं है। उस औरत को उसी वक्त जमीन से बाहर निकाला गया और हजरत उस्मान रदियल्लाहो ताला अन्हु ने उस औरत को अपने पास बुलाया और उसके बेटे को पेश किया गया। रिवायत के अंदर यह अल्फाज मौजूद है कि जिस तरह परिन्दों के दो अंडे अगर मिला दिए जाएं तो पता ही नहीं चलता की कौन सा अंडा किसका है। दोनों में क्या फर्क है। इसी तरह उस बच्चे की शक्ल और सूरत बिल्कुल उसके वालिद के ऊपर थी और वालिद ने उसको अभी तक देखा नहीं था। वालिद ने जब देखा और कहा अल्लाह की कसम, यह तो मेरा ही बेटा है। तो यह एक बात मालूम हो गई कि छह महीने में जो बच्चा पैदा हो। तो उसे हलाल का समझा जाएगा क्योंकि कुरान शरीफ में यह फैसला मौजूद है। प्यारे दोस्तो उम्मीद करते है आपको आज का यह वाकिया यह वीडियो पसंद आया होगा और इस वीडियो को आप लाइक जरुर करे और ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों में शेयर करे। अगर अभी तक आपने हमारे चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है तो चैनल को सब्सक्राइब करके बेल आइकन को ज़रूर दबा दें। हम मिलते है फिर एक नई वीडियो के साथ तब तक के लिए अस्सलामुअलैकुम। अल्लाह हाफिज।

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