The Urban Rishi

The Urban Rishi Digital creator.. A poet..A Seeker..

11/01/2025
08/12/2024

मैं घर और शहर बदलता रहा,
मेरा दुख मेरे साथ साथ चलता रहा,
मैंने सोचा बदलने से आसान होगा,
मैं मकान और सामान बदलता रहा
मेरा मैं मेरे साथ साथ चलता रहा,
मैं बाहर की चीजें बदलता रहा
मेरे अंदर का शोर मुझमे पलता रहा...

#भृगुऋषि

आओ...
08/12/2024

आओ...

18/07/2024

हाय रे लत!
आज घड़ी,
घर छोड़ आया हूं,
ऐसा लग रहा,
शरीर का कोई हिस्सा छोड़ आया हूँ,
तुम पूछती हो ना,
तुम मेरे लिए क्या हो,
कुछ ऐसा ही महसूस होता है,
जब तुम नही होती...
तो क्या अब मैं तुम्हे लत कहूँ... क्या कहूँ।..?

😍
#भृगुऋषि

08/07/2024

इस अर्थहीन, असिमित ब्रम्हांड में,
निरुद्देश्य जीवन को,
अगर कुछ दे सकते हो तो,
तो कुछ रचना, किसी के काम आना,
ऐसे जीना की तुम्हारा जीना ही तुम्हारा संदेश हो,
कुछ बनना तो उपयोगी बनना,
वृक्ष बनना है तो आम,बरगद,देवदार का बनना
खजूर का मत बनना..
इतने बड़े मत बन जाना कि फल तो फल,
तुम्हारी छाया को भी भाग्य ना हो उपयोगिता की।

#भृगुऋषि

06/06/2024

हम पहले खुद ही जाले बुनते हैं,
ऊपर-नीचे,
इधर-उधर, चारोतरफ..
फिर खुद को कोसते हैं,
हाय रे किस्मत,
कहाँ फंस गया मैं?
जबकी कोई किस्मत नही फांसती हमें,
हम खुद ही फंसना चुनते है,
चुन-चुन कर ही तो बनता है व्यक्तित्व,
और जीवन..

जीवन क्या है?
फैसलें..और चुनाव...

#भृगुऋषी

KalaManthan धन्यवाद💐
03/06/2024

KalaManthan धन्यवाद💐

27/05/2024

-
ये दूरी,
ये मिलना, बिछड़ना, समय,
कभी तय नही कर पाएंगे,
हमारे प्रेम को,
तुमसे जब भी मिलता हूँ,
ऐसा लगता हैं,
पहली बार मिल रहा हूँ,
तुम नित नवीन हो,
तुमसे मिलकर पता चला
कि संचित पुण्य क्या होता हैं,
तुम मेरा प्रारब्ध हो
तुम प्रेम हो…मैं प्रेम में हूँ।

#भृगुऋषि

शुक्रिया!कुछ दूर साथ चलने के लिए,बिछड़ना हर बार पीड़ा ही देजरूरी नही,कुछ खूबसूरत मोड़ हमेशा याद रह जाते है,तुम्हारा साथ ...
18/05/2024

शुक्रिया!
कुछ दूर साथ चलने के लिए,
बिछड़ना हर बार पीड़ा ही दे
जरूरी नही,
कुछ खूबसूरत मोड़ हमेशा याद रह जाते है,
तुम्हारा साथ खूबसूरत था,
तुम्हारे अभाव से ज्यादा तुम्हारा लगाव याद रहेगा मुझे...
शुक्रिया ....

#भृगुऋषि

15/05/2024

#अमलतास

तुमने अमलतास को देखा है कभी,
कभी रास्तों की थकान से हारकर,
ऊबकर,
घड़ी भर के लिए उसकी शरण ली है,
अगर हाँ,
तो याद रखना उस शीतलता को,
उसकी छांव और सुगंध को,
अगर कभी कही कुछ बनना पड़े,
तो अमलतास बनना,
बबूल नही..
कुछ देना किसी को तो कांटे मत देना,
याद रखना तुम अमलतास हो,
तुम्हारा जड़, तना, छाल, पत्ती, छांव,सुगंध
सबके लिए है,
बांटते रहना... तुम अमलतास बनना..

#भृगुऋषि

https://youtube.com/shorts/W0s08BLVcI0?feature=share
23/04/2024

https://youtube.com/shorts/W0s08BLVcI0?feature=share

परखना मत परखने में कोई अपना नही रहताकिसी भी आईने में देर तक चेहरा नही रहता,बड़े लोगो से मिलने में हमेशा फ़ासला रखनाजह....

22/04/2024

अब जाकर उसे मिला है कोई सच्चा दोस्त,
कल शाम उसके हाथों में किताब देखी गई।

- प्रतुल बिष्ट

12/04/2024

वो जो दुनिया बदलने वाले थे, नौकरी में अपना शहर नहीं बदल पा रहे हैं।

- शिवपाल सिंह ठाकुर

12/04/2024

सुख के लम्हे तक पहुँचते-पहुँचते हम उन सब लोगों से जुदा हो जाते हैं जिनके साथ हमने दुःख झेलकर सुख का स्वप्न देखा था।

- निर्मल वर्मा

11/04/2024

👳„ताऊ मास्टर से -" मेरा छोरा
पढाई मै कैसा सै ?"

😎मास्टर -"चौधरी यू समझ ले,......आर्यभट्ट ने जीरो की खोज इसके खातिर ही करी थी ।"
😅😆😆😂

11/04/2024

काम कोई छोटा या बड़ा नही होता ... बस सैलरी कम या ज्यादा होती है।
😆😆😆

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