Rohit Soni

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अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनायें। नहिं बिसरत सखि छैल बिहारी । जित देखूँ तित वोही वोही दिखत, हाय ! ये कैसी मोहिनी डारी...
22/04/2023

अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनायें।

नहिं बिसरत सखि छैल बिहारी ।
जित देखूँ तित वोही वोही दिखत,
हाय ! ये कैसी मोहिनी डारी।

बजत चरन छूम छननन नूपुर,
ताहू पर मुसकावति भारी।

अब 'कृपालु' मम लगत न पलकें,
देखि अनूपम रूप बिहारी ॥

#जगद्गुरु_श्री_कृपालु_जी_महाराज।

समस्त चराचर जगत को श्री हनुमान जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।।।दोहा।।श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार।बर...
06/04/2023

समस्त चराचर जगत को श्री हनुमान जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।

।।दोहा।।

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार।
बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानि के , सुमिरौ पवन कुमार ।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार ।।

।।चौपाई।।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिंहु लोक उजागर ।
रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा ।।2।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी।
कंचन बरन बिराज सुबेसा, कान्हन कुण्डल कुंचित केसा ।।4।।

हाथ ब्रज औ ध्वजा विराजे कान्धे मूंज जनेऊ साजे।
शंकर सुवन केसरी नन्दन तेज प्रताप महा जग बन्दन ।।6।।

विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया रामलखन सीता मन बसिया ।।8।।

सूक्ष्म रूप धरि सियंहि दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा।
भीम रूप धरि असुर संहारे रामचन्द्र के काज सवारे ।।10।।

लाये सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लाये।
रघुपति कीन्हि बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत सम भाई ।।12।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावें अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावें ।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा ।।14।।

जम कुबेर दिगपाल कहाँ ते कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा ।।16।।

तुम्हरो मन्त्र विभीषन माना लंकेश्वर भये सब जग जाना।
जुग सहस्र जोजन पर भानु लील्यो ताहि मधुर फल जानु ।।18।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख मांहि जलधि लाँघ गये अचरज नाहिं।
दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।।20।।

राम दुवारे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे।
सब सुख लहे तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहें को डरना ।।22।।

आपन तेज सम्हारो आपे तीनों लोक हाँक ते काँपे।
भूत पिशाच निकट नहीं आवें महाबीर जब नाम सुनावें ।।24।।

नासे रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा ।
संकट ते हनुमान छुड़ावें मन क्रम बचन ध्यान जो लावें ।।26।।

सब पर राम तपस्वी राजा तिनके काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावे सोई अमित जीवन फल पावे ।।28।।

चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा।
साधु संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे ।।30।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता।
राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा ।।32।।

तुम्हरे भजन राम को पावें जनम जनम के दुख बिसरावें।
अन

06/03/2023
26/01/2023

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राष्ट्रीय-अस्मिता,राष्ट्रीय-गौरव और राष्ट्रीय-स्वाभिमान के प्रतीक-पर्व के रूप में 74वें गणतंत्र दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएँ।
आज एक गणतांत्रिक राष्ट्र के अनुशासित एवं कर्तव्यनिष्ठ नागरिक के रूप में हम सभी पुनः ये शपथ लें कि हम राष्ट्र के संविधान द्वारा अपेक्षित अपने सभी संवैधानिक-दायित्वों का निर्वहन सत्यनिष्ठा एवं विद्वेष रहित भाव से करेंगे और औरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे।

!!जयहिंद!!जयभारत!!
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