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दी पीपल डेस्क :  #जमशेदपुर : आज डुमरिया प्रखण्ड के पलाशबनी पंचायत भवन में  #अखिल_भारतीय_ग्राहक_पंचायत का डुमरिया प्रखण्ड...
26/03/2023

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : आज डुमरिया प्रखण्ड के पलाशबनी पंचायत भवन में #अखिल_भारतीय_ग्राहक_पंचायत का डुमरिया प्रखण्ड स्तरीय बैठक सम्पन्न हुआ।

बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मेहताब सिंह कौरव ने अपने सम्बोधन में कहा कि, देशव्यापी चल रहे स्वतंत्र संगठन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत आज आप सबों की अनुग्रह से प्रखण्ड होते हुए पंचायतों तक पहुंच रहा है। हम सब भारत माता की सन्तान हैं। हमें अपने परिवार, व्यवसाय आदि को समय देते हुए थोड़ा समय माँ भारती को देना है चुंकि हमसब ग्राहक हैं, इसलिए हमें जागरूक होकर उनके लिए और साथ ही हम सब के लिए भी काम करना है।

वहीं इस बैठक में उपस्थित झारखण्ड प्रांत संगठन मंत्री शिवाजी क्रांति ने संगठन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि, दुनिया का हर कोई व्यक्ति ग्राहक होता है। देखा जाय तो एक व्यक्ति जन्म के पूर्व से मरणोपरांत ग्राहक रहता है। पुराने समय में जैसे ग्राहकों को देवता की संज्ञा दी जाती थी, आज उसका उलट है। हम प्रत्येक वस्तु मूल्य चुका कर खरीदते हैं, फिर भी हम धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं। हमें समाज के हर वर्ग में जाकर जागरूकता लानी है।

बैठक के पूर्व आगन्तुक अतिथियों का स्वागत पारम्परिक रीति रिवाज एवं जनजातीय नृत्य धोमसा मांदर के गाजे बाजे के साथ किया गया। विधिवत् बैठक प्रारम्भ होने के पूर्व भगवान बिरसा मुण्डा जी के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर एवं द्वीप प्रज्वलित किया गया।

बैठक में विषय प्रवेश हिमांशु मिश्र तथा संचालन विजय पातर ने किया।

आज के बैठक में जिलाध्यक्ष पप्पू सिंह जी के द्वारा जिला सह सचिव के पद पर किशन नायर को मनोनित किया गया। किशन नायर के द्वारा कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया गया। डुमरिया प्रखण्ड समिति का गठन भी किया गया। समिति के संयोजक सिंगराई हाँसदा, सह संयोजक श्रीमती सुमन हाँसदा, पर्यावरण प्रमुख दिनेश सोरेन, महिला जागरण प्रमुख भारती सोरेन एवं सह प्रमुख कापरा हाँसदा, रोजगार सृजन प्रमुख राजीव लोहार, प्रचार प्रसार प्रमुख शिवशंकर राणा, स्टूडेंट क्लब प्रमुख प्रधान मुर्मू एवं भीमसेन मुर्मू को बनाया गया। साथ ही तीन पंचायतों से पंचायत संयोजकों का भी घोषणा किया गया।आस्ता कोवाली से बबलु हाँसदा, काँटाशोल से अमित मार्डी और केन्दुवा से मोहन कर्मकार।

बैठक में विशेष रूप से उपस्थित डुमरिया प्रखण्ड प्रमुख श्रीमती गंगामनी हाँसदा ने अपने सम्बोधन में कहा कि, ये बहुत खुशी का विषय है कि, हमारे डुमरिया प्रखण्ड में हम ग्राहकों की आवाज बुलन्द करने के लिए अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। इससे जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जिसकी जानकारी हमसब को नहीं थी। बहुत अच्छी पहल है।

बैठक में कमिटी के पदाधिकारियों के अलावा मुसाबनी प्रखण्ड संयोजक रामदास बेसरा, अर्जुन हाँसदा, हिमांशु मिश्र, श्रीमती बेहुला नायक, पिथो मुर्मू, बसंती मुर्मू, किशोर गिरि, सम्बरन पात्र, रघुनाथ मार्डी, दारासिंह सरदार, राहुल बेसरा, रीना बास्के, आदि उपस्थित थे।

धन्यवाद ज्ञापन प्रखण्ड संयोजक सिंगराई हाँसदा ने किया।

दी पीपल डेस्क :  #जमशेदपुर : आज अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के उपलक्ष्य पर मुसाबनी के सुरदा क्राॅसिंग में  #अखिल_...
15/03/2023

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : आज अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के उपलक्ष्य पर मुसाबनी के सुरदा क्राॅसिंग में #अखिल_भारतीय_ग्राहक_पंचायत का मुसाबनी प्रखण्ड स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई।

इस बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के झारखण्ड प्रांत संगठन मंत्री शिवाजी क्रांति ने संगठन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दिया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि, दुनिया का हर कोई व्यक्ति ग्राहक होता है। देखा जाय तो एक व्यक्ति जन्म के पूर्व से मरणोपरांत ग्राहक रहता है। पुराने समय में जैसे ग्राहकों को देवता की संज्ञा दी जाती थी, आज उसका उलट है। हम प्रत्येक वस्तु मूल्य चुका कर खरीदते हैं, फिर भी हम धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं। हमें समाज के हर वर्ग में जाकर जागरूकता लानी है।

आज के बैठक में मुसाबनी प्रखण्ड समिति का गठन भी किया गया। समिति के संयोजक रामदास बेसरा, सह संयोजक प्रशांत नामाता एवं रितिका चाशा, पर्यावरण प्रमुख रघुनाथ हेम्ब्रम, महिला जागरण प्रमुख माधुरी चौधरी एवं सह प्रमुख रीना मिश्र, रोजगार सृजन प्रमुख अर्जुन हाँसदा, प्रचार प्रसार प्रमुख सीताराम कन्डुलना, स्टूडेंट क्लब प्रमुख रामानंद यादव एवं संजय महतो, व्यवस्था प्रमुख धर्मेन्द्र कुमार को बनाया गया।

बैठक में विशेष रूप से उपस्थित मुसाबनी प्रखण्ड प्रमुख रामदेव हेम्ब्रम ने अपने सम्बोधन में कहा कि, ये बहुत खुशी का विषय है कि, हमारे मुसाबनी प्रखण्ड में हम ग्राहकों की आवाज बुलन्द करने के लिए अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। इससे जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जिसकी जानकारी हमसब को नहीं थी। बहुत अच्छी पहल है।

बैठक में कमिटी के सदस्यों के अलावा किशन नायर, पिथो टुडू, हिमांशु मिश्र प्रसाद टुडू, धनंजय दास, राजेश प्रसाद, रोबिन नारायण देव, धनंजय पातर, सुनाराम मार्डी, आकाश मार्डी आदि उपस्थित थे।

बैठक का संचालन विजय पातर ने किया।

दी पीपल डेस्क :  #जमशेदपुर : आज  #अखिल_भारतीय_ग्राहक_पंचायत जमशेदपुर के द्वारा बिस्टुपुर स्थित पी एम मॉल के फूड कोर्ट मे...
24/12/2022

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : आज #अखिल_भारतीय_ग्राहक_पंचायत जमशेदपुर के द्वारा बिस्टुपुर स्थित पी एम मॉल के फूड कोर्ट में निर्गत किये जाने वाले फूड कार्ड को लेकर सवाल उठाया है और साथ ही उपायुक्त कार्यालय पहुंच कर इसकी शिकायत कर उपायुक्त कार्यालय में एक ज्ञापन भी सौंपा गया है। इस ज्ञापन में फूड कोर्ट में खाने पीने की वस्तु पर मॉल अथॉरिटी द्वारा गड़बड़ी और ग्राहकों से ठगी करने का आरोप लगाया गया है। बताया गया है कि, फूट कोर्ट में कैश पेमेंट और आनलाइन पेमेंट दोनों माध्यम से फूड कार्ड बनाया जाता है। जिसके अंतर्गत कैश पेमेंट कर कार्ड बनाने वाले ग्राहकों का मॉल अथारिटी के द्वारा कार्ड रखकर बचा पैसा वापस कर दिया जाता है, परन्तु ऑनलाइन पेमेंट करने वाले ग्राहकों को कभी भी बचा हुआ पैसा मॉल अथॉरिटी के द्वारा वापस नहीं दिया जाता है और बनाने के एवज में ऑनलाइन पेमेंट करने वालो से कार्ड का 30 रुपया मेकिंग चार्ज भी काटा जाता है।

ज्ञापन में कहा गया है कि, ऑनलाइन पेमेंट कर फूड कार्ड बनाने वाले ग्राहकों का फूड कार्ड वापस करते समय मॉल अथॉरिटी के द्वारा ग्राहकों के बचे हुए पैसा ऑनलाइन या कैश ग्राहकों को क्यों नहीं वापस किया जाता है। ऐसी स्थिति में कभी-कभी कार्ड की समय अवधि रहते हुए यदि ऑनलाइन कार्ड खरीदने वाले ग्राहक दोबारा मॉल नहीं जाते हैं तो उनका कार्ड निरस्त कर दिया जाता है और पैसे वापस नहीं किए जाते हैं। इस तरह ये दो तरह का रवैया होने से ऑनलाइन ग्राहक फूड कार्ड के माध्यम से ठगी का शिकार हो जाते हैं। इसे लेकर पंचायत की ओर से इसकी जांच कर ग्राहकों को नुकसान से बचाने का आग्रह किया गया है।

दी पीपल डेस्क :  #जमशेदपुर : आज दिनांक  22/12/202 को  #अखिल_भारतीय_ग्राहक_पंचायत द्वारा ग्राहक जागरण पखवाड़ा के निमित्त घ...
22/12/2022

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : आज दिनांक 22/12/202 को #अखिल_भारतीय_ग्राहक_पंचायत द्वारा ग्राहक जागरण पखवाड़ा के निमित्त घाटशिला कालचित्ति पंचायत के अन्तर्गत दीघा गाँव स्थित अरण्यक रिसोर्ट में ग्रमीणों के बीच एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में दीघा ग्राम के महिला और पुरुष सम्मलित हुए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रान्त के संगठन मंत्री शिवाजी क्रांति जी का ग्राहक जागरण विषय पर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम में सर्वप्रथम संचालनकर्ता प्रियंका झा जी ने मंचासीन अतिथियों का परिचय कराया । तत्पश्चात गोष्ठी में अतिथि के रूप में पधारे समाजसेवी एवं अरण्यक रिसोर्ट के संचालक श्री देवी प्रसाद मुखर्जी जी का स्वागत जिला अध्यक्ष श्री पप्पू सिंह जी द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया । तत्पश्चात उपस्थित ग्राहकों के बीच प्रान्त के कोषाध्यक्ष श्री चंद्रनाथ बेनर्जी जी ने ग्राहक जागरूकता की बात रखी। फिर प्रान्त विधि प्रमुख अधिवक्ता रविप्रकाश जी ने अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की पृष्ठभूमि के विषय मे विस्तार से बताया। आगे चर्चा करते हुए जिला अध्यक्ष श्री पप्पू सिंह जी व महिला जागरण विषय पर प्रियंका झा जी ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये ।तत्पश्चात सभी विषयों का समायोजन करते हुए प्रान्त संगठन मंत्री शिवाजी जी ने ग्राहकों के समक्ष अपनी बातों को रखा और उन्होंने कहा कि, जब तक ग्राहक अपने अधिकार के प्रति जागरूक नही होता तब तक अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का यह ग्राहक हित का कार्य सतत चलता रहेगा, अंत मे श्री देवी प्रसाद जी ने धन्यवाद ज्ञापन कर गोष्ठी का समापन किया। तत्पश्चात स्थानीय बच्चों को बिस्कुट, पेंसिल बांटा गया।

दी पीपल डेस्क :  #राँची : मंगलवार को  #अखिल_भारतीय_ग्राहक_पंचायत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मेहताब सिंह और राष्ट्रीय प्रचार ...
22/11/2022

दी पीपल डेस्क : #राँची : मंगलवार को #अखिल_भारतीय_ग्राहक_पंचायत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मेहताब सिंह और राष्ट्रीय प्रचार प्रसार प्रमुख अशोक त्रिवेदी का दो दिवसीय प्रवास निमित राँची आगमन हुआ। उनके राँची प्रवास का मुख्य उद्देश्य संगठन का विस्तारीकरण है।

राँची प्रवास में निवारणपुर स्थित संघ कार्यालय में जिला के पदाधिकारी व प्रान्त के पाधिकारियों के साथ बैठक हुईं। संगठन के विस्तारीकरण व सदस्यता अभियान को ओर गति देने की प्रमुख चर्चा हुई।

पदाधिकारियों ने कहा कि, ग्राहक हित में प्रत्येक जिला में ग्राहक मार्गदर्शन केंद्र खुले। ग्राहक के आवाज को ओर बुलंद करना, जागरूक करना व ग्राहक अपने आप को ठगा हुआ न महसूस करें, इस बाबत कार्य करना चाहिए क्योंकि ग्राहक ही हमारे देश को आगे बढ़ाने में मुख्य सहायक होता।

प्रवास के दूसरे दिन बुधवार को समाज के विभिन्न लोगो के साथ पदाधिकारियों की परिचयात्मक बैठकें होंगी जिसमे अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के कार्यों से भी सभी को अवगत कराया जाएगा।

इस बैठक में मुख्य रूप से प्रान्त के पालक अधिकारी आनंद तुलस्यान, प्रान्त अध्यक्ष पिंटू चकिया, प्रान्त कोषाध्यक्ष चंद्रनाथ बनर्जी, प्रान्त विधि प्रमुख अधिवक्ता रवि सिंह, राँची जिला के संयोजक कमलेश सिन्हा, बुधन पुर्ती आदि उपस्थित थे।

दी पीपल डेस्क :  #जमशेदपुर : अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के महिला आयाम के तहत " भ्रामक विज्ञापनों से बचाव " संबंधी विषय पर...
07/11/2022

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के महिला आयाम के तहत " भ्रामक विज्ञापनों से बचाव " संबंधी विषय पर विचार गोष्ठी ।

#अखिल_भारतीय_ग्राहक_पंचायत, पूर्वी सिंहभूम के महिला आयाम के तहत आज तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में "सौंदर्य प्रसाधनों के लुभावने और भ्रामक" विज्ञापन से सावधानी बरतने के विषय पर विचार विमर्श किया गया।

कार्यक्रम का आरंभ पूर्वी सिंहभूम जिला की प्रचार प्रकोष्ठ की सदस्या डोली परिहार द्वारा ग्राहक गीत और संगठन मंत्र गाकर किया गया। इसके पश्चात माँ भारती और स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।

इस विचार गोष्ठी में अतिथि वक्ता के तौर पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका डॉ अनीता शर्मा, अधिवक्ता ममता सिंह, संस्था की सदस्या सह कवयित्री सरिता सिंह, संगठन की सदस्या सह शिक्षिका प्रियंका झा उपस्थित थे ।

वक्ता प्रियंका ठाकुर ने कहा कि, सभ्यता ने हमें नहीं बल्कि हम कृत्रिम सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग कर सौंदर्य की परिभाषा को प्रदूषित कर रहे हैं, जिस के हानिकारक प्रभाव कैंसर जैसे रोग के रूप में हमें मिल रहा है। इसलिए हम भारतीय अपनी मूल प्रकृति से जुड़े हुए रहें और घरेलू प्राकृतिक चीजों का उपयोग कर सौंदर्य को निखारें। विज्ञापन के जाल में आकर अपनी सेहत न बिगाड़ें।

अधिवक्ता ममता सिंह ने कंज्यूमर एक्ट की जानकारी देते हुए कहा कि, महिलाएं सिर्फ छूट पर ही ध्यान न दें। विज्ञापनों पर बहुत ही छोटे अक्षरों में लिखे शर्तों पर भी ध्यान दें। ऑनलाइन खरीद पर भी गुणवत्तापूर्ण सामग्री न होने पर ले सकती हैं कंज्यूमर एक्ट का सहारा ।

कवयित्री सरिता सिंह ने कहा कि, मौलिक आंतरिक गुणों को नजरंदाज करने से जाने अनजाने हम महिलायें एक होड़ में शामिल हो जाती है! हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि सौंदर्य प्रसाधन आपको निर्धारित नहीं कर सकता, आपका पहनावा, बातचीत, विचार, सोच की गंभीरता ही आपके व्यक्तित्व की पहचान बनती है।

शिक्षिका और साहित्यकार डॉ अनीता शर्मा ने कहा कि, महिलायें उपनिवेशवादी संस्कृति का शिकार हो रहे हैं और विज्ञापनों के जाल में फंसकर अपना आर्थिक नुकसान ही नहीं कर रही बल्कि अपने अपने आपसी रिश्तों पर भी बुरा असर डाल रही हैं। जरूरी है कि कामकाजी महिला हो या घरेलू महिला निर्णय लेने के पहले और खरीदारी के पहले जरूर गंभीरता से सोचे विचारें। खरीदारी की अंधी प्रतियोगिता में शामिल ना हों।

कवयित्री उपासना सिन्हा ने विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि, विज्ञापनों के भ्रमजाल से बाहर निकलें और समझ के साथ बाजार का सामना करें।

प्रीति झा और छात्रा सायका अली ने भी अपनी बात रखी। इस विचार गोष्ठी का संचालन और स्वागत भाषण प्रांत सचिव डॉ कल्याणी कबीर ने दिया।

प्रांतीय अध्यक्ष पिंटू चाकिया एवं प्रांत संगठन मंत्री शिवाजी क्रांति के मार्गदर्शन में संपन्न हुई। गोष्ठी में व्यवस्था में पूर्वी सिंहभूम जिला अध्यक्ष पप्पू सिंह, उपाध्यक्ष अजय,अंकेश भुईंया, अमन, गौरव, रामजी, संजय, अभिषेक, रणविजय, अधिवक्ता रवि प्रकाश इत्यादि की सक्रिय भूमिका रही।

इस विचार गोष्ठी में प्रीति झा, रजनी, गंगा, आकांक्षा, सायका और स्कूली छात्राओं ने भी अपनी बात रखी।

सुप्रसिद्ध कवयित्री उपासना सिन्हा जी के साथ सामूहिक राष्ट्रगान गाकर विचार गोष्ठी का समापन किया गया।

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत झारखंड के द्वारा गुड़ाबांधा प्रखंड में महिलाओं के बीच आजीविका का प...
20/10/2022

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत झारखंड के द्वारा गुड़ाबांधा प्रखंड में महिलाओं के बीच आजीविका का प्रशिक्षण।

#अखिल_भारतीय_ग्राहक_पंचायत, जिला पूर्वी सिंहभूम के तत्वावधान में आज दिनांक 20 अक्टूबर 2022 को गुड़ाबांधा प्रखण्ड स्थित काशियाबेड़ा गाँव में गुड़ाबांधा पंचायत की मुखिया श्रीमती सुमित्रा बास्के जी की अध्यक्षता एवं ग्राम प्रधान श्री रामदास हाँसदा जी के संयोजन में ग्रामीणों के साथ अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक की गई, जिसमें ग्राहक जागरूकता, महिला जागरण और विशेषकर रोजगार सृजन पर चर्चा हुई, प्रशिक्षक श्री किशन जी के द्वारा किसानों को जैविक खाद बनाने की विधि बताई गई। साथ ही इसके प्रयोग के तरीके भी समझाए गए।

इस बैठक में उपस्थित कुल 8 महिला समूहों के सदस्यों द्वारा आने वाले समय मे किये जाने वाले आजीविका सम्बन्धित गतिविधि जैसे कि साबुन, पत्तल, अगरबत्ती, मोमबत्ती , आचार, जैविक खाद आदि बनाने के लिए समूहों का चयन किया गया।

साथ ही आने वाले समय में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, झारखंड द्वारा इन समूहों का प्रशिक्षण कराया जाएगा। तत्पश्चात समूहों द्वारा स्वयं के लागत से व्यवसाय शुरू किया जाएगा।

मुख्य अतिथि और वक्ता के नाते ग्राहक पंचायत के प्रांत संगठन मंत्री श्री शिवाजी क्रांति जी ने लोगों को ग्राहक पंचायत के क्रिया कलापों से अवगत कराया और कहा कि, कोरोना काल के बाद लोगों को अपनी आर्थिक स्थिति, बचत और घर के प्रतिव्यक्ति आय कैसे बढ़े, इस दिशा में गम्भीरता से चिंतन कर योजनाओं को आकार देने की आवश्यकता है। संस्था जन समुदाय से जुड़कर लोगों के सहयोग से ही अपने प्रयासों को सफल कर सकती है।

दी पीपल डेस्क :  #जमशेदपुर : आज नवमी है। इस दिन माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती हैं। ये सभी ...
04/10/2022

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : आज नवमी है। इस दिन माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्र के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। मान्यता है कि, इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। इस देवी के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बायीं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है। इनका वाहन सिंह है और यह कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। नवरात्र में यह अंतिम देवी हैं। हिमाचल के नंदापर्वत पर इनका प्रसिद्ध तीर्थ है। माना जाता है कि, इनकी पूजा करने से बाकी देवीयों कि उपासना भी स्वंय हो जाती है।

यह देवी सर्व सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी हैं। उपासक या भक्त पर इनकी कृपा से कठिन से कठिन कार्य भी आसानी से संभव हो जाते हैं। अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व आठ सिद्धियां होती हैं। इसलिए इस देवी की सच्चे मन से विधि विधान से उपासना-आराधना करने से यह सभी सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं।

कहते हैं भगवान शिव ने भी इस देवी की कृपा से यह तमाम सिद्धियां प्राप्त की थीं। इस देवी की कृपा से ही शिव जी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए।

इस देवी के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बायीं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है।

विधि-विधान से नौंवे दिन इस देवी की उपासना करने से सिद्धियां प्राप्त होती हैं। इनकी साधना करने से लौकिक और परलौकिक सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। मां के चरणों में शरणागत होकर हमें निरंतर नियमनिष्ठ रहकर उपासना करनी चाहिए। इस देवी का स्मरण, ध्यान, पूजन हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हैं और अमृत पद की ओर ले जाते हैं।

सिद्धिदात्री का मंत्र :-

सिद्धगन्धर्व-यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

गंधर्व + यक्ष + आद्य -> का अर्थ (स्वर्गलोकनिवासी उपदेवता गण, जिन में गंधर्व, यक्ष, इत्यादि आद्य हैं), और असुर (राक्षस) , अमर (देव) गण भी, इन सब से जिसकी सेवा होती है ।सिद्धगन्धर्व-यज्ञज्ञैरसुरैरमरैरपि यह पाठभेद भी दिखता है । यज्ञज्ञ = वह जो यज्ञों के विधान आदि जानता हो।

दी पीपल डेस्क :  #जमशेदपुर : आज नवरात्र का सातवाँ दिन है। इस दिन माँ कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। माँ कालरात्रि ...
02/10/2022

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : आज नवरात्र का सातवाँ दिन है। इस दिन माँ कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। माँ कालरात्रि हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं और शुभ फल प्रदान करती हैं। इसलिए माँ के एक नाम शुभकरी भी पड़ा। देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां कालरात्रि अभय वरदान के साथ ग्रह बाधाओं को दूर करती हैं। साथ ही आकस्मिक संकटों से भी मुक्ति मिलती है। मां कालरात्रि को काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मिृत्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी, रौद्री और धुमोरना देवी के नाम से जाना जाता है। मां की कृपा प्राप्त करने के लिए मां को गंगाजल, गंध, पुष्प, अक्षत, पंचामृत और अक्षत से मां की पूजा की जाती है। इसके अलावा मां दुर्गा के इस रूप को गुड़ का भोग लगाया जाता है।

देवी भागवत पुराण के अनुसार, देवी कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है और इनके श्वास से आग निकलती है। मां के बाल बड़े और बिखरे हुए हैं और गले में पड़ी माला बिजली की तरह चमकती रहती है। मां कालरात्रि को आसरिक शक्तियों का विनाश करने वाला बताया गया है। इसके साथ ही मां के तीन नेत्र ब्रह्मांड की तरह विशाल व गोल हैं। मां के चार हाथ हैं, जिनमें एक हाथ में खडग् अर्थात तलवार, दूसरे में लौह अस्त्र, तीसरे हाथ अभय मुद्रा में है और चौथा वरमुद्रा में है। माँ कालरात्रि का वाहन गर्दभ अर्थात गधा, जो समस्त जीव-जंतुओं में सबसे ज्यादा परिश्रमी और निर्भय है। मां इस वाहन पर संसार का विचरण करती हैं। देवी का यह स्वरूप तमाम ऋद्धि-सिद्धियों प्रदान करता है। मां अपने इस रूप में भक्तों को काल से बचाती हैं अर्थात जो भक्त मां के इस रूप की पूजा करता है, उसे अकाल मृत्यु नहीं होती है।

माँ कालरात्रि की साधना करते समय इस मंत्र का जप करना चाहिए। कालरात्रि देवी का सिद्ध मंत्र :-

"ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।"

ध्यान मंत्र यह है :-

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी। वामपादोल्ल सल्लोहलता कण्टक भूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

तांत्रिक क्रिया की साधना करने वाले के लिए नवरात्र का सातवां दिन विशेष महत्वपूर्ण है। तंत्र साधना करने वाले मध्य रात्रि में तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं। बताया जाता है कि इस दिन मां की आंखें खुलती हैं। पंडालों में जहां मूर्ति लगाकर माता की पूजा की जाती है, सप्तमी तिथि के दिन माता को नेत्र प्रदान किए जाते हैं। मां का नाम लेने मात्र से भूत, प्रेत, राक्षस, दानव समेत सभी पैशाचिक शक्तियां भाग जाती है। इस दिन पूजा करने से साधक का मन सहस्रार चक्र में स्थित होता है।

इस तरह किया था रक्तबीज का वध :-

रक्तबीज एक ऐसा दानव था जिसे यह वरदान था की जब जब उसके लहू की बूंद इस धरती पर गिरेगी तब तब हर बूंद से एक नया रक्तबीज जन्म ले लेगा जो बल, शरीर और रूप से मुख्य रक्तबीज के समान ही होगा। ऐसे में मां कालरात्रि ने रक्तबीज की गर्दन काटकर उसे खप्पर में रख लिया ताकि रक्त की बूंद नीचे ना गिरे और उसका सारा खून पी गयी, बिना एक बूंद नीचे गिरे। जो भी दानव रक्त से उनकी जिह्वा पर उत्पन्न होते गए उनको खाती गई। इस तरह मां काली ने रक्तबीज का अंत किया।

दी पीपल डेस्क :  #जमशेदपुर : आज नवरात्र का छठा दिन है। इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। महिषासुर का वध कर...
01/10/2022

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : आज नवरात्र का छठा दिन है। इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। महिषासुर का वध करने वाली देवी माँ कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी के नाम से भी पुकारते हैं। मान्यता है कि, माँ दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं। माँ कात्यायनी का स्वभाव बेहद उदार है और वह भक्त की मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

माँ का स्वरूप :-

माँ कात्यायनी की चार भुजाएं हैं। एक हाथ में माता के खड्ग तो दूसरे हाथ में कमल का पुष्प पकड़ी है। अन्य दो हाथों से माता वर मुद्रा और अभय मुद्रा में भक्तों को आशीर्वाद दे रही हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, माँ दुर्गा का यह स्वरूप अत्यंत दयालु और भक्तों की मन की सभी मुरादें पूरी करने वाली है।

माँ कात्यायनी की पूजा विधि :-

नवरात्रि के छठवें दिन स्नान-ध्यान के पश्चात् लाल रंग के कपड़े पहन कर माँ कात्यायनी की प्रतिमा या फोटो के सामने माता का ध्यान करें। इसके बाद कलश आदि पूजन करने के बाद माँ कात्यायनी की पीले रंग के फूलों से विशेष पूजा अर्चना करें। पूजा के पश्चात् "कंचनाभा वराभयं पद्मधरां मुकटोज्जवलां। स्मेरमुखीं शिवपत्नी कात्यायनी नमोस्तुते" माँ कात्यायनी की जप करने के बाद उन्हें गंगाजल, नारियल, कलश, चावल, रोली, चुन्नी, शहद आदि अर्पित करना चाहिए। माँ कात्यायनी को शहद अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं कि, माँ कात्यायनी को शहद अतिप्रिय है। इसके साथ ही पान में शहद मिलाकर माँ कात्यायनी को भेंट करना बेहद उत्तम माना गया है। कहते हैं कि ऐसा करने से माँ भक्त की सभी मुरादें पूरी करती हैं। माँ कात्यायनी को मालपुआ का भोग लगाना शुभ माना जाता है।

वंदना मंत्र:-

कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।

माँ कात्यायनी की पौराणिक कथा :-

माँ दुर्गा के इस स्वरूप की प्राचीन कथा इस प्रकार है कि, एक प्रसिद्ध महर्षि जिनका नाम कात्यायन था, उन्होंने भगवती जगदम्बा को पुत्री के रूप में पाने के लिए उनकी कठिन तपस्या की। कई हजार वर्ष कठिन तपस्या के पश्चात् महर्षि कात्यायन के यहाँ देवी जगदम्बा ने पुत्री रूप में जन्म लिया और कात्यायनी कहलायीं। ये बहुत ही गुणवंती थीं। इनका प्रमुख गुण खोज करना था। इसीलिए वैज्ञानिक युग में देवी कात्यायनी का सर्वाधिक महत्व है। माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। इस दिन साधक का मन आज्ञा चक्र में स्थित रहता है। योग साधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इस दिन जातक का मन आज्ञा चक्र में स्थित होने के कारण माँ कात्यायनी के सहज रूप से दर्शन प्राप्त होते हैं। साधक इस लोक में रहते हुए अलौकिक तेज से युक्त रहता है।

दी पीपल डेस्क :  #जमशेदपुर : आज नवरात्र का पांचवां दिन है। इस दिन माँ स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान शिव और ...
30/09/2022

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : आज नवरात्र का पांचवां दिन है। इस दिन माँ स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय का एक अन्य नाम स्कन्द है। पौराणिक कथा के अनुसार तारकासुर का नामक राक्षस था। जिसकी मृत्यु केवल शिव पुत्र से ही संभव थी। तब माँ पार्वती ने अपने पुत्र भगवान स्कन्द (कार्तिकेय का दूसरा नाम) को युद्ध के लिए प्रशिक्षित करने हेतु स्कन्द माता का रूप लिया और उन्होंने भगवान स्कन्द को युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया था। स्कंदमाता से युद्ध प्रशिक्षिण लेने के पश्चात् भगवान स्कन्द ने तारकासुर का वध किया।

दुर्गा जी के इस पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता कहा जाता है। भगवान स्कन्द बाल रूप में माता स्कन्द की गोद में विराजित हैं। माता के इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में अवस्थित होता है। स्कंद मातृ स्वरूपिणी देवी की चार भुजाएं हैं, ये दाहिनी ऊपरी भुजा में भगवान स्कंद को गोद में पकड़े हैं और दाहिनी निचली भुजा जो ऊपर को उठी है, उसमें कमल पुष्प पकड़ा हुआ है। माँ का वर्ण पूर्णत: शुभ्र है और कमल के पुष्प पर विराजित रहती हैं। इन्हें विद्यावाहिनी दुर्गा देवी भी कहा जाता है।

शास्त्रों में स्कंद को कुमार कार्तिकेय भी कहा गया है। एक बार इन्द्र ने कार्तिकेय का उपहास उड़ाना शुरू किया और बताया कि, आप भगवान शिव और माता पार्वती की संतान नहीं हैं। इससे कुमार कार्तिकेय बहुत दुःखी हुए। माता ने कार्तिकेय का दु:ख समझ लिया और सिंह पर सवार होकर प्रकट हो गई। माँ ने अपनी गोद में कार्तिकेय को उठाकर दुलार किया।

माता स्कंदमाता की पूजा विधि:-

इस दिन स्नानादि कर सभी कार्यों से निवृत्त हो जाए। फिर माँ का स्मरण करें। इसके बाद स्कंदमाता को अक्षत्, धूप, गंध, पुष्प अर्पित करें। फिर पान, सुपारी, कमलगट्टा, बताशा, लौंग का जोड़ा, किसमिस, कपूर, गूगल, इलायची आदि भी चढ़ाया जाता है। माँ की आरती करें। माना जाता है कि अगर स्कंदमाता की पूजा की जाए तो भगवान कार्तिकेय भी प्रसन्न हो जाते हैं।

संतान सुख और निरोगी होने की कामना:-

माँ स्कंदमाता की साधना से न सिर्फ संतान सुख बल्कि रोग मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे में संतान सुख की इच्छा के साथ जो व्यक्ति माँ स्कंदमाता की आराधना करना चाहता हैं उन्हें नवरात्रि की पांचवी तिथि को लाल वस्त्र में सुहाग चिन्ह सिंदूर, लाल चूड़ी, महावर, लाल बिन्दी तथा सेब और लाल फूल एवं चावल बांधकर माँ की गोद भरनी चाहिए।

नवरात्रि में पांचवें दिन इस मंत्र जाप करना चाहिए:-

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कंद माता यशस्विनी॥

दी पीपल डेस्क :  #जमशेदपुर : आज नवरात्र का चौथे दिन है। इस दिन माँ कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है। अपनी मंद हंसी से...
29/09/2022

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : आज नवरात्र का चौथे दिन है। इस दिन माँ कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है। अपनी मंद हंसी से ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कुष्मांडा के नाम से जाना जाता है। संस्कृत भाषा में कुष्मांडा कुम्हड़े को कहा जाता है और कुम्हड़े की बलि इन्हें बहुत प्रिय है।

माँ कुष्मांडा की आठ भुजाएं होने के कारण इन्हें अष्टभुजा वाली भी कहा जाता है। इनके सात हाथों में कमण्डल, धनुष, बाण, कमल, अमृत से भरा कलश, चक्र तथा गदा नजर आता है तो आठवें हाथ में सिद्धियों और निधियों से युक्त जप की माला है। माता का वाहन सिंह है।

*माँ कुष्मांडा की पूजा का महत्व*

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माँ कुष्मांडा की पूजा करने से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। माँ कुष्मांडा की विधि विधान से पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि, माँ कुष्मांडा संसार को अनेक कष्टों और संकटों से मुक्ति दिलाती हैं। इस दिन लाल रंग के फूलों से पूजा करने की परंपरा है, क्योंकि माँ कुष्मांडा को लाल रंग के फूल अधिक प्रिय बताए गए हैं। माँ कुष्मांडा की पूजा विधि पूर्वक करने के बाद दुर्गा चालीसा और माँ दुर्गा की आरती जरूर करनी चाहिए।

*माँ कुष्मांडा की पूजा विधि*

नवरात्रि के चौथे दिन सुबह स्नान करने के बाद मां कुष्मांडा स्वरूप की विधिवत करने से विशेष फल मिलता है। पूजा में माँ को लाल रंग के फूल, गुड़हल या गुलाब का फूल भी प्रयोग में ला सकते हैं, इसके बाद सिंदूर, धूप, गंध, अक्षत् आदि अर्पित करें. सफेद कुम्हड़े की बलि माता को अर्पित करें। कुम्हड़ा भेंट करने के बाद माँ को दही और हलवा का भोग लगाएं और प्रसाद में वितरित करें।

माँ कुष्मांड को प्रसन्न करने का मंत्र:-
ॐ देवी कूष्माण्डायै नम:॥

बीज मंत्र:-
कूष्मांडा ऐं ह्री देव्यै नम:

प्रार्थना:-
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

स्तुति:-
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

*माँ कुष्मांडा की कथा*

पौराणिक कथा के अनुसार माँ कुष्मांडा का अर्थ होता है कुम्हड़ा। माँ दुर्गा असुरों के अत्याचार से संसार को मुक्त करने के लिए कुष्मांडा का अवतार लिया था। मान्यता है कि, देवी कुष्मांडा ने पूरे ब्रह्माण्ड की रचना की थी। पूजा के दौरान कुम्हड़े की बलि देने की भी परंपरा है। इसके पीछे मान्यता है ऐसा करने से माँ प्रसन्न होती हैं और पूजा सफल होती है।

वहीं माँ की पूजा के बाद महादेव और परमपिता ब्रह्मा जी की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद माँ लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा करें।

दी पीपल डेस्क :  #जमशेदपुर : आज नवरात्र का तीसरा दिन है। इस दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। माँ चंद्रघंटा न...
28/09/2022

दी पीपल डेस्क : #जमशेदपुर : आज नवरात्र का तीसरा दिन है। इस दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। माँ चंद्रघंटा ने पृथ्वी पर धर्म की रक्षा और असुरों का संहार करने के लिए अवतार लिया था। माँ दुर्गा के इस रूप की विशेष मान्यता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माँ चंद्रघंटा को परम शांतिदायक और कल्याणकारी माना गया है। माँ चंद्रघंटा के मस्तिष्क पर घंटे के आकार का आधा चंद्र है। इसीलिए इन्हें माँ चंद्रघंटा कहा जाता है। माँ चंद्रघंटा का रूप रंग स्वर्ण के समान है। माँ चंद्रघंटा देवी के दस हाथ हैं। इनके हाथों में शस्त्र-अस्त्र विभूषित हैं और माँ चंद्रघंटा की सवारी सिंह है।

*माँ चंद्रघंटा की पूजा का महत्व*

मान्यता है कि जो भी व्यक्ति नवरात्रि में मां चंद्रघंटा की पूजा विधि पूर्वक करता है उसे अलौकिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। वहीं मां चंद्रघंटा की पूजा और उपासना से साहस और निडरता में वृद्धि होती है। हर प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है. मां चंद्रघंटा की पूजा करने सौम्यता और विनम्रता में भी वृद्धि होती है। विधि पूर्वक पूजा करने से मां अपने भक्तों को आर्शीवाद प्रदान करती हैं। मां चंद्रघंटा की पूजा करने से रोग से भी मुक्ति मिलती है।

*माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि*

पूजा आरंभ करने से पूर्व माँ चंद्रघंटा को केसर और केवड़ा जल से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें सुनहरे रंग के वस्त्र पहनाएं। इसके बाद माँ को कमल और पीले गुलाब की माला चढ़ाएं। इसके उपरांत मिष्ठान, पंचामृत और मिश्री का भोग लगाएं।

*माँ चंद्रघंटा का मंत्र*

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।

*माँ चंद्रघंटा की कथा*

पौराणिक कथा के अनुसार जब दैत्यों का आतंक बढ़ने लगा तो माँ दुर्गा ने माँ चंद्रघंटा का अवतार लिया। असुरों का स्वामी महिषासुर था, जिसका देवताओं से भंयकर युद्ध चल रहा था। महिषासुर देव राज इंद्र का सिंहासन प्राप्त करना चाहता था। उसकी प्रबल इच्छा स्वर्गलोक पर राज करने की थी। उसकी इस इच्छा को जानकार सभी देवता परेशान हो गए और इस समस्या से निकलने का उपाय जानने के लिए भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के सामने उपस्थित हुए। देवताओं की बात को गंभीरता से सुनने के बाद तीनों को ही क्रोध आया। क्रोध के कारण तीनों के मुख से जो ऊर्जा उत्पन्न हुई। उससे एक देवी अवतरित हुईं। जिन्हें भगवान शंकर ने अपना त्रिशूल और भगवान विष्णु ने चक्र प्रदान किया। इसी प्रकार अन्य देवी देवताओं ने भी माता के हाथों में अपने अस्त्र सौंप दिए। देवराज इंद्र ने देवी को एक घंटा दिया। सूर्य ने अपना तेज और तलवार दी, सवारी के लिए सिंह प्रदान किया। इसके बाद माँ चंद्रघंटा महिषासुर के पास पहुंची। माँ का ये रूप देखकर महिषासुर को ये आभास हो गया कि, उसका काल आ गया है। महिषासुर ने माँ पर हमला बोल दिया। इसके बाद देवताओं और असुरों में भंयकर युद्ध छिड़ गया। माँ चंद्रघंटा ने महिषासुर का संहार किया। इस प्रकार माँ ने देवताओं की रक्षा की।

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