
12/05/2025
झारखंड की संताली, नागपुरी, मुंडारी, कुरुख, हो कोरठा जैसी भाषाओं की फिल्मों को आज भी सरकारी समर्थन नहीं मिलता, जबकि हिंदी समानांतर सिनेमा को NFDC जैसी संस्थाओं से मदद मिलती है।
*हमारे सिनेमा को भी मंच चाहिए, हमारी ज़ुबानों को भी पहचान।*
झारखंड में फिल्म नीति तो बनी, लेकिन नहीं मिल रहा कलाकारों को लाभ, किस बात की अबुआ सरकार, कलाकारों में नाराजगी रांची .....