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G morning Media
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28/03/2024

सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा विडियो, जिसमे लड़कियों के साथ बत्तमीजी करते हुए कुछ लोग दिखाई दे रहे हैं।

26/03/2024

"JNU" के चुनाव में छात्र अध्यक्ष धनंजय की भारी जीत

और जोड़ तोड़ की षड़यंत्रकारी "BJP" की राजनीति के छात्र विंग 'ABVP' की करारी शिकस्त के बाद..*
*युवा नेता धनंजय का जोरदार, झन्नाटेदार भाषण..जिसे सुनकर बीजेपी भक्तों के कान से तो जैसे खून बहने लगा।

एक बार फिर बीजेपी का शिक्षा को दलित बनाने की नीति और शिक्षा के अंध भगवाकरण को देश के शिक्षित युवाओं ने बहुमत से नकार दिया..

17/03/2024

कोलकाता में पानी में चल रही ट्रेन

14/03/2024

ई रिक्शा चालकों को प्रशिक्षण देना हुआ शुरू, अब लाइसेंस बिना प्रशिक्षण के नहीं बनेगा

निशुल्क मेडिकल कैंप में पहुंचे 108 मरीज, बच्चों से लेकर निसंतान दंपत्तियों तक का हुआ मुफ्त इलाज० वरिष्ठ डॉक्टरों ने मरीज...
11/03/2024

निशुल्क मेडिकल कैंप में पहुंचे 108 मरीज, बच्चों से लेकर निसंतान दंपत्तियों तक का हुआ मुफ्त इलाज

० वरिष्ठ डॉक्टरों ने मरीजों को जांचा, मौसमी बीमारी के पहुंचे अधिक मरीज

उरई जालौन। बच्चा पॉली क्लीनिक और न्यू पी० एल०-कमला मेमोरियल हॉस्पिटल ने अपने सौजन्य से
उरई के बच्चा पॉलीक्लिनिक पर निशुल्क मेडिकल कैंप का आयोजन किया। इसमें करीब 108 से ज्यादा मरीजों ने मुफ्त में इलाज कराया।
बताते चलें बच्चा पॉलीक्लिनिक पर 9 मार्च को निशुल्क मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। जहां पर डा० प्रवीन सचान एम.बी.बी.एस., एम.डी. (मानसिक रोग विशेषज्ञ) न्यूरो पहुंचे, उनके साथ थी स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने भी महिलाओं को देखा उनके साथ ही आयोजक डॉक्टर नफीस भी मौजूद रहे। कैंप में सुबह से ही भीड़ लगना शुरू हो गई करीब 108 से ज्यादा मरीजों ने निशुल्क इलाज कराया और यह इलाज गंभीर बीमारियों से लेकर बच्चों की बीमारियों तक किया गया। डॉ. नम्रता द्विवेदी नाक, कान, गला एवं मुख कैंसर रोग विशेषज्ञ एवं एंडोस्कोपिक सर्जन ने बीमारियों को पहुंचना और बचाव के उपाय बताए। प्राथमिक उपचार क्या होना चाहिए इस विषय पर भी जानकारी दी गई और बच्चों को देखा गया वहीं डॉक्टर डॉ. रश्मि अनुरागी ने निसंतान दंपतियों से लेकर स्त्रियों में मासिक धर्म अन्य परेशानियों को देखा, बीमारियों को देखा साथ में उन्हें उपचार बताकर इन बीमारी से बचने साथ में बीमारी होने पर क्या करना चाहिए इस विषय पर भी जानकारी दी जिसमें उपचार के तौर पर उन्होंने धूम्रपान पर पाबंदी और खाने पीने पर विशेष ध्यान रखने की बात कही।

निसंतान दंपत्ति को देखा गया

डॉ. रश्मि अनुरागी स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञी पूर्व चिकित्सक अपोलो क्रेडल हॉस्पिटल, दिल्ली पूर्व चिकित्सक पंडित मदन मोहन मालवीय हॉस्पिटल ने दिनभर मरीजों को देखा. जिसमें अधिकतर निसंतान दंपत्ति थे, जब डॉक्टर डॉक्टर रश्मि का नाम आता है तब निसंतान दंपतियों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखने को मिलती है क्योंकि जनपद जालौन में जिनके घर में जिनके पास कई साल से किलकारी नहीं गूंजी थी, उनके यहां किलकारी गुजवाने का काम डॉक्टर कर रही हैं। डॉक्टर ने बताया महिलाओं में कई प्रकार की बीमारी देखने को मिल रही. जो महिलाएं अनदेखा करती हैं कैंप में ऐसी कई मरीज पहुंचे जो पैसे के अभाव में नहीं आ पा रहे थे, निशुल्क कैंप में वह भी पहुंचे सभी का इलाज किया गया उपचार के तौर पर कई चीजों ने बताई गई।

आगे भी होते रहेंगे कैंप का आयोजन एफ जेड अहमद

डॉ. एफ. जेड. अहमद जनरल सर्जन पूर्व चिकित्सक हेलेट हॉस्पिटल, ने जानकारी देते हुए बताया इस कैंप का मुख्य उद्देश्य ही था कि जो लोग इस वजह से नहीं दिखा पाते की फीस ज्यादा ना हो कहीं डॉ ना मिले इसलिए इस कैंप का आयोजन किया गया था. क्योंकि बार-बार इसी बात की जानकारी हो रही थी कुछ लोग इस वजह से नहीं आ पा रहे हैं कि फीस ज्यादा ना हो इसलिए इस कैंप का आयोजन किया गया ताकि सभी निसंकोच होकर आ सके और आगे भी कैंप का आयोजन होता रहेगा. साथ ही आज करीब 108 से ज्यादा मरीजों को देखा गया और जिसमें पेट संबंधित मरीज को मेरे द्वारा देखा गया इसमें प्रमुख रूप से ऐसे मरीज थे जिनको बीपी संबंधित बीमारी थी कुछ लोग लंबे समय से खांसी आ रही थी, और भी कई पेट संबंधित गंभीर बीमारियों को आज देखा गया और दवाइयां दी गई जिसमें प्रमुख रूप से उपचार के तौर पर बताया गया कि खाने-पीने पर विशेष ध्यान रखें धूम्रपान बिल्कुल ना करें और पेट में किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या हो झाड़-फूंक से बचें और खुद डॉक्टर बनने से बचे कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

इनका हुआ इलाज -

नार्मल /सिजेरियन डिलीवरी
बच्चेदानी का ऑपरेशन
बच्चेदानी का बाहर आना महामारी की समस्त समस्यायें बांझपन निःसंतान दम्पति सम्पर्क करें
पित्ताशय की पथरी
गुर्दे की पथरी
अपेंडिक्स
हार्निया
हार्डोशील
पाइल्स /भगंदर

इन बीमारियों की दी गई सलाह -

मन की उदासी
नकारात्मक एवं आत्महत्या का विचार
मिर्गी के दोरें
माइग्रेन
सर दर्द
बदन दर्द
उलझन
घबराहट
बेचैनी
याददास्त में कमी
नींद सम्बंधी समस्याएँ
सेक्स सम्बंधी समस्याऐं

01/03/2024

जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी ने लगाया ARTO को फोन, ई रिक्शा चालकों को लेकर क्या कहा.....

27/02/2024

सपा के विनोद चतुर्वेदी कालपी विधायक का फूंका पुतला
Samajwadi Party

ब्रेकिंग*समाजवादी पार्टी के मनोज पाण्डेय ने समाजवादी पार्टी के सचेतक पद से  दिया इस्तीफा *समाजवादी पार्टी के 7 विधायक सं...
27/02/2024

ब्रेकिंग

*समाजवादी पार्टी के मनोज पाण्डेय ने समाजवादी पार्टी के सचेतक पद से दिया इस्तीफा *

समाजवादी पार्टी के 7 विधायक संपर्क में नहीं। अपने पार्टी नेतृत्व के संपर्क में नहीं आए 7 विधायक। सपा की बैठक में 8 विधायक मौजूद नहीं थे। पल्लवी पटेल भी पार्टी की मीटिंग में नही गई। सपा के ये 7 विधायक टूट सकते हैं जो संपर्क में नहीं।

राकेश पाण्डेय

अभय सिंह

राकेश प्रताप सिंह

मनोज पाण्डेय

विनोद चतुर्वेदी

महाराजी प्रजापति

पूजा पाल

एक्सपर्ट एडवाइज:मजबूत हड्डियों के लिए सुबह धूप में बैठें, दूध से बनी चीजें और हरी सब्जियां खाएं;एक घंटे फिजिकल एक्टिविटी...
25/02/2024

एक्सपर्ट एडवाइज:

मजबूत हड्डियों के लिए सुबह धूप में बैठें, दूध से बनी चीजें और हरी सब्जियां खाएं;
एक घंटे फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें

उरई। बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। जो आगे चलकर आर्थराइटिस की समस्या बनती है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मधु सूदन कहते हैं, आमतौर पर 30-35 साल तक हड्डियों की डेंसिटी बढ़ती है। इस समय जो लोग हेल्दी डाइट लेते हैं, उनकी बोन्स मजबूत बनी रहती हैं। अगर आप अपनी हड्डियों की सेहत पर ध्यान नहीं दे पा रहे तो कुछ खास टिप्स अपनाकर इसे स्ट्रॉन्ग बना सकते हैं।

हडि्डयों को मजबूत ये बातें ध्यान रखें

डाइट में मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट को शामिल करें, इनसे कैल्शियम की कमी पूरी होती है।
दही, लस्सी, पनीर और हरी सब्जियों का अधिक इस्तेमाल करें। सर्दियों के दिनों में दही को हटा सकते हैं।
सर्दियों में भी फिजिकल एक्टिविटी बंद न करें। दोपहर में घर की छत या बालकनी में कम से कम एक घंटे की वॉक जरूर करें।
बाहर नहीं जा पा रहे हैं तो सीढ़ियों का इस्तेमाल करके भी अपनी बोन हेल्थ पर ध्यान दे सकते हैं।
हड्डियों को मजबूत बनाने में कैल्शियम के अलावा विटामिन-डी का भी बड़ा रोल है।
हफ्ते में कम से कम 2 से 3 बार 15 मिनट के लिए अलसुबह धूप में बैठें।
सूरज की रोशनी विटामिन-डी का एक बहुत अच्छा सोर्स है।

सर्दी में बढ़ती है आर्थराइटिस की समस्या
डॉ. मधु सूदन कहते हैं, आजकल गठिया रोग से बहुत लोग परेशान हैं। गठिया दो तरह का होता है। पहला ऑस्टियो आर्थराइटिस और दूसरा रुमेटॉयड आर्थराइटिस। ऑस्टियो आर्थराइटिस बढ़ती उम्र वालों को अधिक होता है जबकि रुमेटॉयड आर्थराइटिस कम उम्र में भी हो जाता है, यह अनुवांशिक होता है। करीब 20 फीसदी यंगस्टर्स भी इससे परेशान हैं। घंटों एक ही स्थिति में बैठकर काम करना, बढ़ती धूम्रपान की आदत और तनाव इसके मुख्य कारण हैं।

डॉ. मधु सूदन बताते हैं कि बढ़ती उम्र में सर्दियों में होने वाला यह रोग जोड़ों के घिसने व कमजोर होने के कारण होता है। मगर अब यह किसी भी उम्र और मौसम में हो सकता है। हडि्डयों के जोड़ों में यूरिक एसिड जमा होने से जोड़ों में संक्रमण हो जाता है।

ये लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं
जोड़ों में अकड़न व सूजन, तेज दर्द, जोड़ों से तेज आवाज आना, उंगलियों या दूसरे हिस्से का मुड़ने लगना जैसे लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं। बीमारी की शुरुआत में जोड़ों में अकड़न के साथ दर्द होना शुरू होता है। कुछ समय बाद जोड़ों में तेज दर्द होने लगता है और सूजन आने लगती है।

आर्थराइटिस के दर्द को ऐसे करें काबू
सबसे पहले शरीर के वजन को कंट्रोल करना जरूरी है। रोजाना वर्कआउट, रेग्युलर ट्रीटमेंट और फिजियोथैरेपी से आर्थराइटिस को कंट्रोल किया जा सकता है। गंभीर रोगियों को घुटने में इंजेक्शन देकर दर्द काबू किया जा सकता है।

कैसे कम करें दर्द
वजन कम करें। रोजाना एक्सरसाइज करें। सूर्योदय से पहले उठकर सैर करें और सुबह की धूप में जरूर बैठें। अधिक देर एक स्थिति में न बैठें। गुनगुना पानी और पौष्टिक आहार लें। फिर भी दर्द कंट्रोल नहीं होता है तो यूरिक एसिड की जांच कराएं और डॉक्टर से सलाह लें।

25/02/2024

उरई शहर के हाथी पार्क में मोहित नाम का लाइनमैन बिजली विभाग की केवल जलाकर कई महीने से भेजता चल रहा है इसका वीडियो मोहल्ले के लोगों ने बना लिया। जेई इसरार का कहना है ये कोई अपराध नहीं है।

23/02/2024

भाजपा में जाने के बाद विजय चौधरी के प्रतिनिधि ने क्या कहा।

एक रुपये की पर्ची, चिकित्सक लिख रहे बाहर से दवा- गरीबों की उम्मीद पर भारी है निशुल्क इलाज का दावा- सरकारी पर्चे से इतर छ...
17/02/2024

एक रुपये की पर्ची, चिकित्सक लिख रहे बाहर से दवा

- गरीबों की उम्मीद पर भारी है निशुल्क इलाज का दावा
- सरकारी पर्चे से इतर छोटी पर्ची पर बाहर से लिखी जाती है दवा

कसीम खान

उरई। सरकारी चिकित्सालयों में फ्री इलाज का दावा जिला अस्पताल में तार-तार हो गया है। एक रुपये की पर्ची पर जहां अस्पताल की दो तीन दवा लिखी जाती है, वहीं चिकित्सक एक हजार से बारह सौ रुपये तक की दवा अलग से पर्ची पर लिख देते हैं। जो गरीबों की उम्मीद पर भारी है। मरीजों के तीमारदार कहते हैं कि चिकित्सक जो दवा लिखे हैं उसे खरीदना मजबूरी है। जिला महिला अस्पताल के एक मरीज को तो चिकित्सक ने बाहर की दवा लिखी ही, उसे अल्ट्रासाउंड को भी बाहर से करने को कहा। यानी निशुल्क इलाज का सरकारी दावा केवल कागजों में दम तोड़ रहा है।जिला अस्पताल की सरकारी व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं । जिन मरीजों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा किया जा रहा है। हकीकत में यह सेवा सिर्फ खानापूर्ति तक ही सीमित है। डॉक्टर मरीज को एक रूपये के पर्चे पर एक रूपये से लेकर 2000 तक की दवाई बाहर की लिख रहे हैं। जब टीम ने पड़ताल की हकीकत सामने आई।

____________

सिहरी माधौगढ़ निवासी लोकेंद्र सिंह दवा लेने दुकान पर पहुंचे। यहां उन्हें एक हजार से बारह सौ चार रुपये की दवा बाहर से लेनी पड़ी। बताते हैं कि वह दिनभर मेहनत करके चार पांच सौ रुपये कमा पाते है। कहते हैं कि चिकित्सक ने जो दवा लिखी है, उसे लेना जरूरी है।

__________

लीलावती ने बताया कि कभी परेशानी हुई चिकित्सक ने उसे छोटी पर्ची पर तीन सौ रुपये की दवा बाहर से लिख दी। अस्पताल में जांच की व्यवस्था नहीं है। कहती हैं कि अब तक हजारों रुपये खर्च हो चुके हैं।

_______

जब इस मामले को लेकर सीएमओ डॉक्टर एनडी शर्मा से बात की गई। उन्होंने बताया कि जो दवाई बाहर से लिखी जा रही है। उसकी जांच होगी। उसके बाद कारवाई होगी।

एक रुपये की पर्ची, चिकित्सक लिख रहे बाहर से दवा- गरीबों की उम्मीद पर भारी है निशुल्क इलाज का दावा- सरकारी पर्चे से इतर छ...
17/02/2024

एक रुपये की पर्ची, चिकित्सक लिख रहे बाहर से दवा

- गरीबों की उम्मीद पर भारी है निशुल्क इलाज का दावा
- सरकारी पर्चे से इतर छोटी पर्ची पर बाहर से लिखी जाती है दवा

कसीम खान

उरई। सरकारी चिकित्सालयों में फ्री इलाज का दावा जिला अस्पताल में तार-तार हो गया है। एक रुपये की पर्ची पर जहां अस्पताल की दो तीन दवा लिखी जाती है, वहीं चिकित्सक एक हजार से बारह सौ रुपये तक की दवा अलग से पर्ची पर लिख देते हैं। जो गरीबों की उम्मीद पर भारी है। मरीजों के तीमारदार कहते हैं कि चिकित्सक जो दवा लिखे हैं उसे खरीदना मजबूरी है। जिला महिला अस्पताल के एक मरीज को तो चिकित्सक ने बाहर की दवा लिखी ही, उसे अल्ट्रासाउंड को भी बाहर से करने को कहा। यानी निशुल्क इलाज का सरकारी दावा केवल कागजों में दम तोड़ रहा है।जिला अस्पताल की सरकारी व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं । जिन मरीजों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा किया जा रहा है। हकीकत में यह सेवा सिर्फ खानापूर्ति तक ही सीमित है। डॉक्टर मरीज को एक रूपये के पर्चे पर एक रूपये से लेकर 2000 तक की दवाई बाहर की लिख रहे हैं। जब टीम ने पड़ताल की हकीकत सामने आई।

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सिहरी माधौगढ़ निवासी लोकेंद्र सिंह दवा लेने दुकान पर पहुंचे। यहां उन्हें एक हजार से बारह सौ चार रुपये की दवा बाहर से लेनी पड़ी। बताते हैं कि वह दिनभर मेहनत करके चार पांच सौ रुपये कमा पाते है। कहते हैं कि चिकित्सक ने जो दवा लिखी है, उसे लेना जरूरी है।

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जालौन की लीलावती ने बताया कि कभी परेशानी हुई चिकित्सक ने उसे छोटी पर्ची पर तीन सौ रुपये की दवा बाहर से लिख दी। अस्पताल में जांच की व्यवस्था नहीं है। कहती हैं कि अब तक हजारों रुपये खर्च हो चुके हैं।

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जब इस मामले को लेकर सीएमओ डॉक्टर एनडी शर्मा से बात की गई। उन्होंने बताया कि जो दवाई बाहर से लिखी जा रही है। उसकी जांच होगी। उसके बाद कारवाई होगी।

17/02/2024

पीसीएस परीक्षा में 30वीं रैंक पाकर एसडीएम - बने मोहम्मद नासिर पहली ने अपनी सफलता की क्या कहानी बताई

ालौन #उरईन्यूज #नगर
#जीमॉर्निंग

14/02/2024

#जीमॉर्निंग

12/02/2024

#जीमॉर्निंग

11/02/2024

Khuddam-e-Khwaja Huzoor Gharib Nawaz r.a. Ki Janeeb Se Bharat Ke Musalmano Se Appeal.

10/02/2024

#जीमॉर्निंग

10/02/2024

जल महल सांपो का मकड़जाल



#जीमॉर्निंग

05/02/2024

उरई सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा

फिजिकल ही नहीं मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है फिजियोथेरेपी, एक्सपर्ट बता। जीशान बता रहे हैं कैसेउरई। “फिजियोथेरेपी” इ...
05/02/2024

फिजिकल ही नहीं मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है फिजियोथेरेपी, एक्सपर्ट बता। जीशान बता रहे हैं कैसे

उरई। “फिजियोथेरेपी” इस शब्द का जिकर आप सभी ने कभी ना कभी जरुर सुना होगा। यह एक प्रकार की तकनीक है जिसमें किसी प्रकार के चोट, बीमारी या डिसेबिलिटी के बाद बॉडी मूवमेंट और फंक्शन को वापस से रिस्टोर किया जाता है। इस प्रक्रिया को करने के लिए एक सर्टिफाइड फिजियोथेरेपिस्ट की आवश्यकता होती है, हर कोई फिजियोथैरेपी नहीं दे सकता। हालांकि, फिजियोथैरेपी के फायदे केवल शरीर तक ही सीमित नहीं हैं, यह आपके मेंटल हेल्थ को भी इंप्रूव करने में मदद करती है।
बहुत से लोगों को फिजियोथेरेपी के उचित प्रभाव और फायदों की की जानकारी नहीं होती, पर इसपर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए ट्रेनर जीशन से बात की गई। उन्होंने ने बताया कि किस प्रकार फिजियोथैरेपी आपके मेंटल हेल्थ को फायदे प्रदान कर सकती है, तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।

एक्सपर्ट से जानें मस्तिष्क पर फिजियोथेरेपी के फायदे
फिजियोथेरेपी अक्सर शारीरिक सुधार और पुनर्वास से जुड़ी होती हैं, इसके लाभ सिर्फ शरीर तक ही सीमित नहीं हैं यह मस्तिष्क के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। फिजियोथैरेपी विशेष रूप से मस्तिष्क को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वास्थ्य देखभाल के लिए यह समग्र दृष्टिकोण शारीरिक और संज्ञानात्मक कल्याण के बीच संतुलन बनाए रखता है।

मस्तिष्क के कार्य क्षमता को बढ़ावा देता है
फिजियोथेरेपी में अनुरूप व्यायाम, तकनीक और हस्तक्षेप शामिल हैं जो समग्र स्वास्थ्य और कार्यक्षमता को बढ़ावा देते हैं। जब व्यक्ति इन अभ्यासों में संलग्न होते हैं, तो उनका मस्तिष्क विभिन्न तरीकों से उत्तेजित होता है। सबसे पहले, प्रक्रिया कंसंट्रेशन और कोऑर्डिनेशन की मांग करती है, जो स्मृति और समस्या-समाधान जैसे संज्ञानात्मक स्किल्स को बढ़ावा देती है।

इसके अलावा, मस्तिष्क शारीरिक चुनौतियों को अपनाता है, तंत्रिका प्लास्टिसिटी को ट्रिगर करता है। वहीं यह मस्तिष्क की नए कनेक्शन को बनाने की क्षमता को बढ़ाता है। यह न्यूरोप्लास्टिसीटी संज्ञानात्मक विकास और चोटों के बाद रिकवरी की आधारशिला है।

मस्तिष्क में लगे चोट की रिकवरी में मदद करती है फिजियोथेरेपी

न्यूरोलॉजिकल स्थितियों या मस्तिष्क की चोट में, फिजियोथेरेपी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। यह मस्तिष्क को पुनः प्रशिक्षित करने में सहायता करती है, जिससे मरीज को खोए हुए मोटर स्किल्स, स्पीच और कॉग्निटिव फंक्शंस को वापस पाने में मदद मिलती है। शरीर और मस्तिष्क दोनों पर ध्यान केंद्रित कर, फिजियोथेरेपी व्यक्ति को स्वस्थ और पूर्ण, अधिक स्वतंत्र जीवन जीने में मदद करती है।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें कस्टमाइज़ करें
फिजियोथेरेपी स्वास्थ्य के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण है, जो न केवल शरीर को मजबूत बनाता है बल्कि मस्तिष्क की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है। यह तालमेल समग्र स्वास्थ्य और पुनर्प्राप्ति की खोज में शारीरिक और संज्ञानात्मक कल्याण को एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित करता है।

1. दर्द से राहत प्रदान कर
क्रॉनिक पेन यानी कि लंबे समय से चला आ रहा शारीरिक दर्द मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हुए दिमागी बीमारी का कारण बन सकता है। डिप्रेशन और एंजायटी जैसी स्थितियां शारीरिक दर्द की स्थिति में अधिक और तेजी से ट्रिगर हो सकती हैं। ऐसे में फिजियोथेरेपी आपके क्रॉनिक पेन को काम करता है और आपको बेहतर महसूस करने में मदद करता है। इस प्रकार इसका शारीरिक प्रभाव आपके मस्तिष्क संबंधी परेशानियों को धीरे-धीरे कम कर देता है और आपकी स्थिति को शारीरिक तथा मानसिक दोनों ही रूप से बेहतर बनाता है।

2. एक्टिव रहने में मदद करे
फिजियोथेरेपी एक एक्टिव एक्सरसाइज बेस्ड थेरेपी है, जिसमें व्यक्ति थेरेपी पूरा करने के बाद अधिक एक्टिव और एनर्जेटिक हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति को पैर या हाथ में चोट है और वह लंबे समय से स्थाई रह रहे हैं, ऐसे में फिजियोथेरेपी उन्हें एक्टिव होने में मदद करती है। जिससे कि वे शारीरिक गतिविधियों में भाग ले पाते हैं, जो की मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। शारीरिक गतिविधियां डिप्रैशन, एंजायटी जैसी मानसिक स्थितियों से उभरने में व्यक्ति की मदद करती है। इसके अलावा शारीरिक गतिविधियां सेल्फ सेटिस्फेक्शन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।

शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने से नींद की गुणवत्ता बढ़ जाती है साथ ही तनाव से राहत मिलता है। इतना ही नहीं स्टैमिना और ऊर्जा शक्ति में भी सुधार होता है और मूड बेहतर होता है। वहीं शारीरिक रूप से एक्टिव रहने से वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है। यह सभी स्थितियां मेंटल हेल्थ को इंप्रूव करने में आपकी मदद कर सकती हैं।

3. फिजियोथेरेपी से मिलती है पाजिटिविटी
फिजियोथेरेपी मरीज को बेहतर होने और रिकवरी का होप देती है। यदि कोई व्यक्ति शारीरिक चोट का शिकार हो चुका है और उन्हें शारीरिक गतिविधियों को करने में कठिनाई होती है तो ऐसे में फिजियोथेरेपी उन्हें धीरे-धीरे एक्टिव होने में मदद करती है। वे अपनी बॉडी को मूव कर पाते हैं इससे मस्तिष्क को एक पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। जो आपको हार न मानने की हिम्मत देती है।

अक्सर मरीज बेड पर पड़े पड़े शारीरिक परेशानी के साथ-साथ मानसिक रूप से भी बीमार होने लगते हैं। ऐसे में फिजियोथेरेपी भावनात्मक और मानसिक दोनों रूप से आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकती है

05/02/2024

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और संकेत
गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में कैंसरपूर्व परिवर्तन शायद ही कभी लक्षण पैदा करते हैं। यह जानने का एकमात्र तरीका है कि क्या असामान्य कोशिकाएं हैं जो कैंसर में विकसित हो सकती हैं, सर्वाइकल स्क्रीनिंग टेस्ट कराना है। यदि प्रारंभिक कोशिका परिवर्तन गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर में विकसित होते हैं, तो सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:

मासिक धर्म के बीच योनि से रक्तस्राव

मासिक धर्म में रक्तस्राव जो सामान्य से अधिक लंबा या भारी हो

संभोग के दौरान दर्द

संभोग के बाद रक्तस्राव

पेडू में दर्द

आपके योनि स्राव में परिवर्तन जैसे अधिक स्राव या इसमें तेज़ या असामान्य रंग या गंध हो सकती है

04/02/2024

04/02/2024

04/02/2024

#जीमॉर्निंग

31/01/2024

क्या लोकसभा चुनाव आने से पहले जालौन में भी हो होगा खेला

दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सब लगाए थे टिकट के लिए दौड़ लेकिन इस नेता ने कर दिया कमाल

27/01/2024

फिटनेस उरई से संपर्क करने के लिए धन्यवाद। हम आपसे जल्द ही संपर्क करेंगे। 🙏🏋️

फिटनेस उरई ट्रेनर मुहम्मद जिशान सर ।
ट्रेनिंग पैराडाइज ।
फिटनेस, जिम्नास्टिक्स, बॉडी मसाज, योगा।🏋️🤸‍♀️....

22/01/2024

अल्ट्रासाउंड कैसे काम करता है?
अल्ट्रासाउंड के दौरान, एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता ट्रांसड्यूसर या जांच नामक एक उपकरण को आपके शरीर के एक क्षेत्र पर या शरीर के उद्घाटन के अंदर से गुजारता है। प्रदाता आपकी त्वचा पर जेल की एक पतली परत लगाता है ताकि अल्ट्रासाउंड तरंगें जेल के माध्यम से ट्रांसड्यूसर से आपके शरीर में संचारित हो सकें।

जांच विद्युत धारा को उच्च-आवृत्ति ध्वनि तरंगों में परिवर्तित करती है और तरंगों को आपके शरीर के ऊतकों में भेजती है। आप ध्वनि तरंगें नहीं सुन सकते.

ध्वनि तरंगें आपके शरीर के अंदर की संरचनाओं से टकराकर जांच में वापस आ जाती हैं, जो तरंगों को विद्युत संकेतों में परिवर्तित कर देती हैं। फिर एक कंप्यूटर विद्युत संकेतों के पैटर्न को वास्तविक समय की छवियों या वीडियो में परिवर्तित करता है, जो पास की कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित होते हैं।

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