Humare pyare bapuji

Humare pyare bapuji गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

2 फरवरी - वसंत पंचमीमाघ मास के शुक्ल पक्ष की यह तिथि वसंत पंचमी कही जाती है। यह मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस है। इस दिन ...
01/02/2025

2 फरवरी - वसंत पंचमी
माघ मास के शुक्ल पक्ष की यह तिथि वसंत पंचमी कही जाती है। यह मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस है। इस दिन प्रातः मां सरस्वती का ध्यान करके बिस्तर का त्याग करें। सफेद फूलों से मां सरस्वती का पूजन करें और जिन्होंने मुझसे सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा ली है वे विद्यार्थी जिह्वा तालू में लगाकर सारस्वत्य मंत्र का जप करेंगे तो प्रतिभा संपन्न आसानी से हो जाएंगे।

22/01/2025

जीवन जीने की कला है की !



10 जनवरी - पुत्रदा एकादशी पौष मास के शुक्ल पक्ष की इस पुत्रदा एकादशी का व्रत पुत्रप्राप्ति की इच्छा से करनेवाला व्यक्ति ...
08/01/2025

10 जनवरी - पुत्रदा एकादशी
पौष मास के शुक्ल पक्ष की इस पुत्रदा एकादशी का व्रत पुत्रप्राप्ति की इच्छा से करनेवाला व्यक्ति सदगुण संपन्न पुत्र पाकर स्वर्ग का भी अधिकारी हो जाता है।

31/12/2024

अब ये नूतन वर्ष मना रहे हैं 🎉, हद हो गई 😲, हिंदुस्तान में भी यही हुआ 🇮🇳, तो हिंदुस्तान कहां जाकर पहुंचेगा? ❓

यह नूतन वर्ष है, जय राम जी की, अब ये नूतन वर्ष हुआ तो सत्यानाश हो जाएगा, इससे तो दिवाली और नूतन वर्ष, कोई शराब नहीं कोई बकरा नहीं आपना पाप ताप मिटा कर, नारायण का स्मरण करने वाली मैया दिवाली, नूतन वर्ष ,तुझे प्रणाम है ।नारायण हरि, नारायण हरि। खून बहाकर खुशियां खोजना, अरे प्रेम बहाकर परमात्मा को खोज ले, लाल ललिया, तेरा मंगल हो जाएगा बेटे।

*💁🏻‍♂️ये 🤔कैसा 🎊नया वर्ष हैं....❓*

🖥️👇🏻
https://youtu.be/ImNNzsGEpZg?si=2884ZcsTZTiPXfyI

🤔🎊🤔🎊❓🎊🤔🎊🤔

*बस 5 ग्राम का यह 🥣मिश्रण पेट में 😣भारीपन , 😖Acidity और 💔Heart Attack के भय से तुरंत छुटकारा दिलाएगा.....*

🖥️👇🏻
https://youtu.be/T033XYeQGe0?si=Aw0SxnryjTPcAwT6

🥣😣💔😖🥣😖💔😣🥣

_🖥️ 💁🏻‍♂️ये 🤔कैसा नूतन वर्ष.. ‼️_

*🎊 31 दिसंबर और 1 जनवरी :* 🎉नूतन वर्ष के नाम पर *🇮🇳भारतीय 🚩संस्कृति पर 🪓प्रहार....*

_🛕सनातनी हो तो ⚠️सावधान....‼️_

*🖥️ VDO* _साथ में हैं,_
_जरुर देखें/सुनें.._
Q

*🙏🏻🚩।।जय श्रीराम।।🚩🙏🏻*

30 दिसम्बर - सोमवती अमावस्या सूर्योदय से 31 दिसम्बर प्रातः 3 - 56 तकसोमवती अमावस्या सूर्य ग्रहण के बराबर पुण्यदायी कही ग...
29/12/2024

30 दिसम्बर - सोमवती अमावस्या सूर्योदय से 31 दिसम्बर प्रातः 3 - 56 तक
सोमवती अमावस्या सूर्य ग्रहण के बराबर पुण्यदायी कही गई है। इस दिन किया गया जप - ध्यान, दान, श्राद्ध व तीर्थ में किये गए स्नान का फल अक्षय होता है। इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता दूर होती है।

11 दिसम्बर - श्रीमद्भगवदगीता जयंतीआज गीता जयंती के अवसर पर आप सभी लोग संकल्प लें कि 'हम ब्रह्मनिष्ठ महापुरुषों, सदगुरुओं...
10/12/2024

11 दिसम्बर - श्रीमद्भगवदगीता जयंती
आज गीता जयंती के अवसर पर आप सभी लोग संकल्प लें कि 'हम ब्रह्मनिष्ठ महापुरुषों, सदगुरुओं द्वारा सत्संग में गीता के श्लोकों की, की हुई व्याख्या सुनेंगे-पढेंगे एवं उनका प्रचार-प्रसार करेंगे। यथाशक्ति गीता के श्लोकों को अर्थसहित याद करेंगे। समाज में पुनः गीता के महत्त्व एवं ज्ञान का प्रचार करेंगे।'

पंचांग के अनुसार इस बार उत्पत्ति एकादशी का व्रत गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उ...
25/11/2024

पंचांग के अनुसार इस बार उत्पत्ति एकादशी का व्रत गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, गोवा, जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप में 26 नवम्बर मंगलवार को करना है और बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, प. बंगाल, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, केरल व पूर्वोत्तर राज्यों में २७ नवम्बर बुधवार को करना है।

15 नवम्बर - कार्तिकी पूर्णिमा - देव दिवाली कार्तिक की पूर्णिमा ज्ञान की ज्योत जगानेवाली पूर्णिमा है। आज के दिन भगवान शिव...
14/11/2024

15 नवम्बर - कार्तिकी पूर्णिमा - देव दिवाली
कार्तिक की पूर्णिमा ज्ञान की ज्योत जगानेवाली पूर्णिमा है। आज के दिन भगवान शिवजी ने त्रिपुरासुर का वध किया था और देवताओं को अपना राज्य वापस मिला था इसलिए देवों ने शिवजी के सम्मान में दीपोत्सव करके दिवाली मनाई थी। आज का दिन त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है।

10/11/2024
10 नवम्बर - अक्षय-आँवला नवमीआँवले का वृक्ष आदिवृक्ष (वृक्षों में प्रथम वृक्ष) और भगवान को अति प्रिय है। इस दिन किया हुआ ...
10/11/2024

10 नवम्बर - अक्षय-आँवला नवमी
आँवले का वृक्ष आदिवृक्ष (वृक्षों में प्रथम वृक्ष) और भगवान को अति प्रिय है। इस दिन किया हुआ स्नान, जप, दान, मौन, सदगुरु-सान्निध्य, सेवा बड़ा दिव्य अक्षय फल देते हैं इस कारण इसको 'अक्षय नवमी' भी कहते हैं। आँवला नवमी के दिन आँवले के वृक्ष का पूजन, सत्कार, उसकी प्रदक्षिणा और आँवले का सेवन बहुत हितकारी है। आँवले के वृक्ष का पूजन करते समय ' ॐ धात्र्यै नमः ।' मंत्र का जप सिद्धिदायक कहा गया है।

9 नवम्बर - गोपाष्टमीकार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान कृष्ण 'गोपाल' नाम से घोषित हो गये और गोपों के साथ ग...
08/11/2024

9 नवम्बर - गोपाष्टमी
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान कृष्ण 'गोपाल' नाम से घोषित हो गये और गोपों के साथ गायें चराने गये। तब से यह दिन गोपाष्टमी के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इस दिन गायों को तिलक करें, गोग्रास दें, उनकी परिक्रमा करें फिर अपने ललाट पर गोधूलि का तिलक करें और थोड़ी दूर तक गायों के साथ जायें। इससे अभीष्ट सिद्धि व सौभाग्य वृद्धि होती है तथा जो मुसीबत आनेवाली है, अनिष्ट होनेवाला है उससे रक्षा होती है।

7 नवम्बर - छठ पूजा महापर्वकार्तिक मास में षष्ठी तिथि को मनाया जानेवाला यह पर्व मुख्यतः बिहार और उत्तर प्रदेश में विशेष र...
06/11/2024

7 नवम्बर - छठ पूजा महापर्व
कार्तिक मास में षष्ठी तिथि को मनाया जानेवाला यह पर्व मुख्यतः बिहार और उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से मनाया जाता है। यह व्रत सब मनोरथों को पूर्ण करनेवाला व्रत है। छठ पूजा पर खास तौर पर सूर्य देवता और षष्ठी माता की नदी के किनारे पूजा की जाती है। यह व्रत स्त्रियां संतान प्राप्ति के लिए तथा अपने संतानों की रक्षा के लिए करती है।

5 नवम्बर - मंगलवारी चतुर्थीयदि आपको किसी कार्य में बाधा आ रही हो तो किसी शुभ समय (सोमवती अमावस्या, मंगलवारी चतुर्थी, बुध...
04/11/2024

5 नवम्बर - मंगलवारी चतुर्थी
यदि आपको किसी कार्य में बाधा आ रही हो तो किसी शुभ समय (सोमवती अमावस्या, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी, रविवारी सप्तमी आदि) में पीपल के पत्ते पर चंदन से 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।' मंत्र 3 बार लिख के उसे अपने पूजा - स्थल में रखकर पूजन करें इससे बाधाएँ समाप्त होगी।
ऋषि प्रसाद - अंक 314

03/11/2024

भाईदूज विशेष :

वस्तु का महत्व इतना नही होता जितना भाव का महत्व होता है..!

मनुष्य के मन मे अद्भुत शक्ति है ..!

बहन भाई का मधुर संबंध समाज समझ कर संयमी जीवन जीए..!

इस पर्व के निमित्त अपने चित्त को विकारों से बचाना..!

31/10/2024

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

तुम्हारे जीवन में हो नित्य दिवाली
- पूज्य संत श्री आशारामजी बापू

(दीपावली पर्व : 31 अक्टूबर - 1 नवंबर)
पाँच पर्वों का झुमका

विश्व के जो भी मजहब, पंथ हैं, उनमें सबसे ज्यादा और सुखदायी पर्व हैं तो हिन्दुस्तान में, हिन्दू संस्कृति में हैं । उन सुखद और आनंददायी पर्वों में पर्वों का झुमका है तो दिवाली है । धनतेरस, नरक चतुर्दशी (काली चौदस), दिवाली, नूतन वर्ष, भाईदूज - यह पर्वों का पुंज है । इसमें जीव नित्य दिवाली मना सके ऐसा संकेत है ।

दीपावली के दिन पटाखे फोड़ना, दीये जलाना यह उस अखंड ब्रह्म की ओेर संकेत है । दीये अनेक जगमगाते हैं, हजारों-लाखों नहीं करोड़ों-करोड़ों दीये जगमगाते हैं किंतु सभी दीयों में प्रकाश वही-का-वही । किस्म-किस्म के पटाखे फूटते हैं लेकिन गंधक सभीमें एक । मिठाइयों के स्वाद अनेक परंतु सबमें मिठास तत्त्व एक-का-एक । ऐसे ही चित्त अनेक, वृत्तियाँ अनेक, राग-द्वेष अनेक, भय, हर्ष, शोक अनेक लेकिन चैतन्य सत्ता एक-की-एक । यह दीपावली अनेक रंगों में, अनेक दीपों में, अनेक मिठाइयों में, अनेक पटाखों में, अनेक सुखाकार, दुःखाकार, लोभाकार, मोहाकार चित्त-वृत्तियों में, अनेक अवस्थाओं में ज्ञान देवता एक का संदेश देती है ।

दिवाली का आध्यात्मिकीकरण

ये ऐहिक दिवालियाँ ऐहिक हर्ष देती हैं लेकिन ऐहिक दिवाली का निमित्त साधकर आध्यात्मिक दिवाली मनाने का जो लोग उद्देश्य बनाते हैं, वे धनभागी हैं । जैसे दिवाली में चार काम करते हैं - साफ-सफाई करते हैं, नयी चीज लाते हैं, दीये जलाते हैं, मिठाई खाते-खिलाते हैं । घर साफ-सूफ करते हैं, ऐसे अपना साफ इरादा कर दो कि हमको इसी जन्म में परमात्म-सुख, परमात्म-ज्ञान, परमात्म-आनंद, परमात्म-माधुर्य पाना है ।

दूसरा काम नयी चीज लाना । जैसे घरों में चाँदी, कपड़े या बर्तन आदि खरीदे जाते हैं, ऐसे ही अपने चित्त में उस परमात्मा को पाने के लिए कोई दिव्य, पवित्र, आत्मसाक्षात्कार में सीधा साथ दे ऐसा जप, ध्यान, शास्त्र-पठन आदि का व्रत-नियम ले लेना चाहिए । जैसे गांधीजी ने अपने जीवन में व्रत रख दिया था, हफ्ते में एक दिन न बोलने का व्रत, ब्रह्मचर्य का व्रत, सत्य का व्रत, प्रार्थना का व्रत... ऐसे ही कोई व्रत आप अपने जीवन में, अपने चित्त में रख दें जिस व्रत से सर्वदुःखनाशक और परम सुख, शाश्वत सुख प्राप्त हो, अपने लक्ष्य की तरफ दृढ़ता से चल सकें और अपना ईश्वरीय अंश विकसित कर सकें ।

तीसरा काम है आप दीये जलाते हैं । बाह्य दीयों के साथ आप ज्ञान का दीया जलाओ । हृदय में है तो आत्मा है और सर्वत्र है तो परमात्मा है । जैसे घड़े में है तो घटाकाश है, सर्वत्र है तो महाकाश है । वह परमात्मा दूर नहीं, दुर्लभ नहीं, परे नहीं, पराया नहीं, सबका अपना-आपा है । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय । उस वासुदेव के नजरिये से, ज्ञान के नजरिये से अपने ज्ञानस्वरूप में जगो । व्यर्थ का खर्च न करो, व्यर्थ का बोलो नहीं, व्यर्थ का सोओ नहीं, ज्यादा जगो नहीं, युक्ताहारविहारस्य... ज्ञान का दीप जलाओ ।

चौथी बात मिठाई खाना और खिलाना है । आप प्रसन्न रहिये । सुबह गहरा श्वास लेकर सवा मिनट रोकिये और ‘मैं आनंदस्वरूप ईश्वर का हूँ और ईश्वर मेरे हैं ।’ - यह चिंतन करके दुःख, अशांति और नकारात्मक विचारों को फूँक मार के बाहर फेंक दो । ऐसा दस बार करो, आप मीठे रहेंगे, अंतरात्मदेव के ध्यान की, वैदिक चिंतन की मिठाई खायेंगे और आपके सम्पर्क में आनेवाले भी मधुर हो जायेंगे, उन्हें भी प्रेमाभक्ति का रस मिलेगा ।

सुख-सम्पदा-आरोग्य बढ़ाने हेतु

(1) दीपावली के दिन नारियल व खीर की कटोरी लेकर घर में घूमें । घर के बाहर नारियल फोड़ें और खीर ऐसी जगह पर रखें कि कोई जीव-जंतु या गाय खाये तो अच्छा है, नहीं तो और कोई प्राणी खाये । इससे घर में धन-धान्य की बरकत में लाभ होता है ।

(2) घर के बाहर हल्दी और चावल के मिश्रण या केवल हल्दी से स्वस्तिक अथवा ॐकार बना दें । यह घर को बाधाओं से सुरक्षित रखने में मदद करता है । द्वार पर अशोक और नीम के पत्तों का तोरण (बंदनवार) बाँध दें । उससे पसार होनेवाले की रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ेगी ।

(3) आज के दिन सप्तधान्य उबटन (पिसे हुए गेहूँ, चावल, जौ, तिल, चना, मूँग और उड़द से बना मिश्रण) से स्नान करने पर पुण्य, प्रसन्नता और आरोग्यता की प्राप्ति होती है । दिवाली के दिन अथवा किसी भी पर्व के दिन गोमूत्र से रगड़कर स्नान करना पापनाशक स्नान होता है ।

(4) इन दिनों में चौमुखी दीये जलाकर चौराहे पर चारों तरफ रख दिये जायें तो वह भी शुभ माना जाता है ।

(5) दीपावली की रात को घर में लक्ष्मीजी के निवास के लिए भावना करें और लक्ष्मीजी के मंत्र का भी जप कर सकते हैं । मंत्र : ॐ नमो भाग्यलक्ष्म्यै च विद्महे । अष्टलक्ष्म्यै च धीमहि । तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ।

(6) घर में विसंवादिता मिटाने के लिए गौ-चंदन अगरबत्ती पर देशी गाय का घी डाल के जलायें, घर के लोग मिलकर ‘हरि ॐ’ का गुंजन करें । दीवाल पर या कहीं भी अपने नेत्रों की सीध में इष्टदेवता या सद्गुरु के नेत्र हों, उन्हें एकटक देखें और आसन बिछाकर ऐसी ध्वनि (ॐकार का गुंजन) करें । और दिनों में नहीं कर सकें तो दिवाली के पाँच दिन तो अवश्य करें, इससे घर में सुख-सम्पदा का वास होगा । परंतु यह है शरीर का घर, तुम्हारा घर तो ऐसा है कि महाराज ! सारी सुख-सम्पदाएँ वहीं से सबको बँटती रहती हैं और कभी खूटती नहीं । उस अपने आत्म-घर में आने का भी इरादा करो ।

(ऋषि प्रसाद : नवम्बर 2012)

29 अक्टूबर - धनतेरसधनतेरस के दिन भगवान श्रीविष्णु अमृत का घड़ा लेकर धन्वंतरिजी के रूप में प्रकट हुए थे। उस अमृत के घड़े ...
28/10/2024

29 अक्टूबर - धनतेरस
धनतेरस के दिन भगवान श्रीविष्णु अमृत का घड़ा लेकर धन्वंतरिजी के रूप में प्रकट हुए थे। उस अमृत के घड़े को देखते-देखते उनके हर्ष के आंसुओं की एक बूंद उस घड़े में गिरी और उससे तुलसी प्रकट हुई थी। इसलिए जो आज के दिन तुलसी व लक्ष्मीजी की पूजा व आदर करता है वह धन-धान्य तथा आरोग्य पाकर सुखी रहता है।

28 अक्टूबर - श्री माँ महँगीबाजी निर्वाण दिवस माँ महँगीबाजी का जीवन श्रद्धा, गुरुभक्ति का ऐसा आदर्श उदाहरण है जिससे लाखों...
27/10/2024

28 अक्टूबर - श्री माँ महँगीबाजी निर्वाण दिवस
माँ महँगीबाजी का जीवन श्रद्धा, गुरुभक्ति का ऐसा आदर्श उदाहरण है जिससे लाखों-करोड़ों लोगों ने प्रेरणा पायी है, पा रहे हैं। अहमदाबाद आश्रम में स्थित माँ महँगीबाजी का समाधि स्थल आज ईश्वरप्राप्ति के पथिकों के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है।

मैं सिर्फ यहां जोधपुर में ही नहीं आपके दिल में भी बैठा हूं। मैं सब देख रहा हूँ.. कौन कहाँ क्या कर रहा है सबके कर्मों का ...
23/10/2024

मैं सिर्फ यहां जोधपुर में ही नहीं आपके दिल में भी बैठा हूं। मैं सब देख रहा हूँ.. कौन कहाँ क्या कर रहा है सबके कर्मों का हिसाब अब होगा.. आज नही तो कल पापियों का अंत होगा... तुम्हारे बापूजी निष्कलंक है.... और चमक कर बाहर आयेंगे चिंता क्यो करते हो..

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