
02/08/2025
बिजली सूरज से भी ज्यादा गर्म होती है? सच जानकर चौंक जाएंगे!
जब भी आसमान में बिजली चमकती है,हम डर जाते हैं और ये स्वाभाविक भी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह चमकती हुई बिजली हमारे सूरज की सतह से भी ज़्यादा गर्म होती है? ये कोई मज़ाक नहीं बल्कि वैज्ञानिक रूप से सिद्ध तथ्य है।
सूरज की सतह कितनी गर्म होती है?
हमारा सूर्य जो 15 करोड़ किलोमीटर दूर होते हुए भी पृथ्वी को तपिश और रोशनी देता है उसकी सतह को फोटोस्फीयर कहा जाता है। इसका तापमान है लगभग 5500°C यानी कि इतनी गर्मी कि कोई भी धातु तुरंत भाप बन जाए। सूरज का केंद्र इससे कहीं ज्यादा गर्म है करीब 1.5 करोड़°C,लेकिन यहां हम तुलना उसकी सतह से कर रहे हैं क्योंकि वह हमें सीधे दिखती है।
बिजली कितनी गर्म होती है?
बिजली यानी Lightning Bolt वो तेज़ रौशनी और गरज जो कुछ ही सेकेंड्स में आकाश को चीर देती है उसका तापमान है करीब 30000°C तक। यह सूरज की सतह से लगभग 5 गुना ज्यादा गर्म होती है!
ये कैसे संभव है?
यह सवाल हर किसी के मन में उठता है कि इतना छोटा सा बिजली का झटका सूरज जैसे विशाल तारे से भी गर्म कैसे हो सकता है? आइए आसान भाषा में समझते हैं:
* बिजली असल में क्या है?
यह तेज़ इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह है जो बादलों और पृथ्वी के बीच होता है। जब वायुमंडल में इलेक्ट्रिक चार्ज बहुत ज़्यादा हो जाता है, तो यह अचानक डिस्चार्ज हो जाता है और वही होता है बिजली गिरना।
* तेज़ी से टकराते कण
इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉन इतनी तेज़ी से टकराते हैं कि वो आस-पास की हवा को अत्यधिक गर्म कर देते हैं। यह गर्मी कुछ माइक्रोसेकंड के लिए होती है, लेकिन उसका तापमान जबरदस्त होता है।
* गर्ज की वजह भी यही है
इतनी गर्म हवा अचानक फैलती है और वही सोनिक बूम यानी गर्ज (Thunder) की आवाज़ बन जाती है।
मजेदार बात यह है कि
* बिजली के तापमान को हम छू नहीं सकते,लेकिन उसकी चमक को देख सकते हैं।
* और जबकि सूरज का तापमान स्थिर रहता है बिजली का तापमान क्षणिक लेकिन बहुत तीव्र होता है।
क्या इसका कोई प्रभाव पृथ्वी पर भी पड़ता है?
बिलकुल। बिजली गिरने से:
* जंगलों में आग लग सकती है,
* इंसान या पशु को जान का खतरा हो सकता है,
* लेकिन साथ ही यह प्रकृति का हिस्सा है जो वातावरण को संतुलित करने में भी मदद करती है।
बिजली न केवल डराने वाली है बल्कि प्राकृतिक ऊर्जा का अद्भुत उदाहरण भी है।
जिस शक्ति को हम कुछ सेकेंड्स के लिए आकाश में देखते हैं,वह सूरज जैसे तारे से भी ज्यादा उष्ण हो सकती है यही है प्रकृति की जटिलता और उसकी अद्भुत शक्ति।