22/03/2024
शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय काफ्रेंस का आयोजन किया गया
इन्द्री अनेजा।। शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय मटक माजरी में रसायन विभाग द्वारा उच्चतर शिक्षा विभाग(पंचकूला) हरियाणा के सौजन्य से वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में शिक्षा की भूमिका विषय पर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेस का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व चीफ सेक्रेटरी (हरियाणा ) आईएएस अधिकारी धर्मवीर रहे। महाविद्यालय प्राचार्य ने पुष्पगुच्छ देकर सभी माननीय अतिथियों का अभिनंदन किया। दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। मुख्यातिथि श्री धरमवीर ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए बताया कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण एक महत्वपूर्ण विषय है जो तथ्यों पर आधारित होना चाहिए और इसको हम वास्तविक जीवन में अवलोकन करके ही महसूस कर सकते हैं । पूर्व प्रोफेसर (फिजिक्स) पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, ने अपने वक्तव्य में बताया कि एक अच्छा वैज्ञानिक होने के लिए एक मनुष्य में तीन गुणों का होना आवश्यक है जिज्ञासु, वक्ता और जिद्दी। इसके उपरांत डॉ बीके पुनिया, प्रोफेसर ,बिजनेस मैनेजमेंट जीजेयू साइंस एंड टेक्नोलोजी, हिसार , पूर्व वाइस चांसलर एमडी यूनिवर्सिटी रोहतक के द्वारा कीनोट एड्रेस प्रस्तुत किया गया। इनॉग्रल सेशन के अंत में सभी माननीय अथितियो के द्वारा शोध स्मारिका को प्रकाशित किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विकास अत्री द्वारा करनाल जिले के विभिन्न महाविद्यालय के प्राचार्यो डॉक्टर रेखा शर्मा, डॉक्टर चमन लाल, डॉक्टर सुशील कुमार को स्मृति पत्र दिया गया। तकनीकी सत्र की शुरुआत ड़ा.अनीता जून प्राचार्य दादूपुर रोडन करनाल के द्वारा की गई जिसमें उन्होंने तकनीकी सत्र के पहले रिसोर्स पर्सन पूर्व प्रोफेसर सुधीर कुमार डिपार्टमेंट ऑफ़ मॉलेक्युलर बायोलॉजी में टेक्नोलॉजी एंड बायोइनफॉर्मेटिक्स सीसीएस एचएयू, हिसार का परिचय दिया। प्रोफेसर सुधीर ने अपने वक्तव्य में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर विकास अत्री ने डॉ अनीता जून व तकनीकी सत्र प्रथम के रिसोर्स पर्सन डॉ सुधीर कुमार को समृद्धि पत्र देखकर सम्मानित किया। तकनीकी सत्र द्वितीय की शुरुआत पूर्व प्रोफेसर सुधीर कुमार डिपार्टमेंट ऑफ़ मॉलेक्युलर बायोलॉजी में टेक्नोलॉजी एंड बायोइनफॉर्मेटिक्स सीसीएस हिसार के द्वारा परिचय दिया गया जिसमें उन्होंने द्वितीय तकनीकी सत्र के रिसोर्स पर्सन डॉ जयंत सिंधु डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री सीसीएस, एचएयू, हिसार, का परिचय प्रस्तुत किया । डॉ जयंत सिंधु ने अपने वक्तव्य में बताया कि शिक्षा की भूमिका वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने में किस हद तक उपयोगी है इस पर चर्चा की। उन्होंने नरेंद्र दाभोलकर के द्वारा कहे गए शब्द जितना सबूत ,उतना यकीन के माध्यम से वैज्ञानिक दृष्टिकोण के महत्व को बताया। अपने भाषण में उन्होंने विभिन्न नेताओं के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर चर्चा की। इस सत्र के अंत में प्रश्न उत्तर सेशन भी रखा गया । अंत में प्रोफेसर सुमित द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। डॉ विकास अत्री द्वारा दूसरे टेक्निकल सेशन के रिसोर्स पर्सन एवम डॉ सुभाष शर्मा, प्राचार्य, राजकीय महिला महाविद्यालय करनाल, को स्मृति चिन्ह देखकर सम्मानित किया। तकनीकी सत्र तृतीय की अध्यक्षता डॉ प्रदीप कुमार, डिपार्टमेंट ऑफ़ कंप्यूटर साइंस और एप्लीकेशन, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र के द्वारा की गई। जिसमें उन्होंने इस तकनीकी सत्र के रिसोर्स पर्सन डॉ मनमीत रावत, असिस्टेंट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ़ मेडिसिन पेन स्टेट यूनिवर्सिटी पेंसिलवेनिया यूएसए का परिचय दिया। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि मानव जीवन के शारीरिक विकारों एवम मानसिक विकारों का निवारण विज्ञान से ही संभव है ना कि अंधविश्वास से। रिसोर्स पर्सन, डॉ महेंद्र बागी प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय घरौंडा, एवम डॉक्टर मीनू शर्मा, प्राचार्या, डी. ए. वी. कॉलेज,करनाल, को स्मृति पत्र देकर सम्मानित किया। तकनीकी सत्र चतुर्थ की अध्यक्षता प्रोफेसर नीना जग्गी चेयरपर्सन डिपार्टमेंट ऑफ़ फिजिक्स एनआईटी कुरुक्षेत्र के द्वारा की गई जिसमें उन्होंने तकनीकी सत्र चतुर्थ के रिसोर्स पर्सन डॉ बृजमोहन एसोसिएट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ़ साइंस, हार्बिन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, शेनजेन, चीन, का परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में संबंधित विषय पर विचार विमर्श किया। तकनीकी सत्र पंचम की शुरुआत डॉ नीना राघव डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र हरियाणा की अध्यक्षता में की गई जिसमें उन्होंने तकनीकी सत्र पंचम के रिसोर्स पर्सन डॉ विकास मैशी, एसोसिएट प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी इंटरनेशनल मेडिकल स्कूल आईएमएस यूनिवर्सिटी ऑफ़ इंटरनेशनल बिजनेस अलमट्टी कज़ाख़िस्तान का परिचय प्रस्तुत किया। उन्होने अपने वक्तव्य में कीटाणुक्षमन एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में माइक्रोबायोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस तकनीकी सत्र के अंत में विचार विमर्श सत्र रखा गया। तकनीकी सत्र षष्ठी में शोध पत्र वाचन के लिए आनलाइन माध्यम (गूगल मीट) एवम ऑफलाइन माध्यम से 9 वेन्यू निर्धारित किए गए जिनकी अध्यक्षता विभिन्न अध्यक्षों के द्वारा की गई। जिसमें प्रमुख रूप से डॉ अश्वनी विहान डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र, डी आर रेखा गाबा दव यूनिवर्सिटी, प्रोफेसर रमेश गंगास डिपार्टमेंट केमिस्ट्री कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र, डॉ देवेंद्र सिंह दयाल सिंह कॉलेज करनाल, डॉ नवीन गुप्ता एलपीयू जालंधर, डॉ दीपक वाधवा डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री सीपीएलयू डॉ अनिल कुमारी शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय मटक माजरी डॉक्टर सुरेंद्र सिंह शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय मटक माजरी डॉ रणवीर सिंह, शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय मटक माजरी, डॉ प्रवीण कुमार जांगड़ा, डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र और डीआर राजकमल डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र के द्वारा किया गया। समापन सत्र की शुरुआत मुख्य माननीय मुख्य अतिथि एवं अन्य सभा गानों के द्वारा की गई डॉक्टर दीपक शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया मुख्य अतिथि श्री सुनील जागलान नई दिल्ली के द्वारा समापन भाषण प्रस्तुत किया गया इसके पश्चात फेलिसिटेशन सेरिमनी रखी गई तत्पश्चात उपस्थित गणों से फीडबैक ली गई कार्यक्रम के अंत में डॉ सुरेश कुमार,संयोजक, के द्वारा अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। अंत में सभी प्रतिभागियों को उनके सर्टिफिकेट्स वितरित किए गए द्य कॉन्फ्रेंस में मंच संचालन डॉ दीपा शर्मा, डॉ रमेश कुमार एवं डॉ सुमित गोयल के द्वारा किया गया। यह एक सफल कॉन्फ्रेंस रही। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विकास शास्त्री ने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के लिए सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई दी।