करणी सेना परिवार इंदौर मध्य प्रदेश

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(1)

05/10/2023

*रिसोर्ट मे विवाह*
नई सामाजिक बीमारी,
कुछ समय पहले तक शहर के अंदर मैरिज हॉल मैं शादियाँ होने की परंपरा चली परंतु वह दौर भी अब समाप्ति की ओर है!
अब शहर से दूर महंगे रिसोर्ट में शादियाँ होने लगी हैं!
शादी के 2 दिन पूर्व से ही ये रिसोर्ट बुक करा लिया जाते हैं और शादी वाला परिवार वहां शिफ्ट हो जाता है।
आगंतुक और मेहमान सीधे वहीं आते हैं और वहीं से विदा हो जाते हैं।
जिसके पास चार पहिया वाहन है वही जा पाएगा,
दोपहिया वाहन वाले नहीं जा पाएंगे।
बुलाने वाला भी यही स्टेटस चाहता है।
और वह निमंत्रण भी उसी श्रेणी के अनुसार देता है।
दो तीन तरह की श्रेणियां आजकल रखी जाने लगी हैं,
किसको सिर्फ लेडीज संगीत में बुलाना है !
किसको सिर्फ रिसेप्शन में बुलाना है !
किसको कॉकटेल पार्टी में बुलाना है !
और किस वीआईपी परिवार को इन सभी कार्यक्रमों में बुलाना है!!
इस आमंत्रण में अपनापन की भावना खत्म हो चुकी है!
सिर्फ मतलब के व्यक्तियों को या परिवारों को आमंत्रित किया जाता है!!
महिला संगीत में पूरे परिवार को नाच गाना सिखाने के लिए महंगे कोरियोग्राफर 10-15 दिन ट्रेनिंग देते हैं!
मेहंदी लगाने के लिए आर्टिस्ट बुलाए जाने लगे हैं
मेहंदी में सभी को हरी ड्रेस पहनना अनिवार्य है जो नहीं पहनता है उसे हीन भावना से देखा जाता है लोअर केटेगरी का मानते हैं
फिर हल्दी की रस्म आती है
इसमें भी सभी को पीला कुर्ता पाजामा पहनना अति आवश्यक है इसमें भी वही समस्या है जो नहीं पहनता है उसकी इज्जत कम होती है ।
इसके बाद वर निकासी होती है
इसमें अक्सर देखा जाता है जो पंडित को दक्षिणा देने में 1 घंटे डिस्कशन करते हैं
वह बारात प्रोसेशन में 5 से 10 हजार नाच गाने पर उड़ा देते हैं ।
इसके बाद रिसेप्शन स्टार्ट होता है
स्टेज पर वरमाला होती है पहले लड़की और लड़के वाले मिलकर हंसी मजाक करके वरमाला करवाते थे,,,,,, आजकल स्टेज पर धुंए की धूनी छोड़ देते हैं
दूल्हा दुल्हन को अकेले छोड़ दिया जाता है
बाकी सब को दूर भगा दिया जाता है
और फिल्मी स्टाइल में स्लो मोशन में वह एक दूसरे को वरमाला पहनाते हैं
साथ ही नकली आतिशबाजी भी होती है ।
स्टेज के पास एक स्क्रीन लगा रहता है
उसमें प्रीवेडिंग सूट की वीडियो चलती रहती है
जिसमें यह बताया जाता है की शादी से पहले ही लड़की लड़के से मिल चुकी है और कितने अंग प्रदर्शन वाले कपड़े पहन कर
कहीं चट्टान पर
कहीं बगीचे में
कहीं कुएं पर
कहीं बावड़ी में
कहीं श्मशान में कहीं नकली फूलों के बीच अपने परिवार की इज्जत को नीलाम कर के आ गई है ।
प्रत्येक परिवार अलग-अलग कमरे में ठहरते हैं
जिसके कारण दूरदराज से आए बरसों बाद रिश्तेदारों से मिलने की उत्सुकता कहीं खत्म सी हो गई है!!
क्योंकि सब अमीर हो गए हैं पैसे वाले हो गए हैं!
मेल मिलाप और आपसी स्नेह खत्म हो चुका है!
रस्म अदायगी पर मोबाइलों से बुलाये जाने पर कमरों से बाहर निकलते हैं !
सब अपने को एक दूसरे से रईस समझते हैं!
और यही अमीरीयत का दंभ उनके व्यवहार से भी झलकता है !
कहने को तो रिश्तेदार की शादी में आए हुए होते हैं
परंतु अहंकार उनको यहां भी नहीं छोड़ता !
वे अपना अधिकांश समय करीबियों से मिलने के बजाय अपने अपने कमरो में ही गुजार देते हैं!!
हमारी संस्कृति को दूषित करने का बीड़ा ऐसे ही अति संपन्न वर्ग ने अपने कंधों पर उठाए रखा है
मेरा अपने मध्यमवर्गीय समाज बंधुओं से अनुरोध है
आपका पैसा है ,आपने कमाया है,
आपके घर खुशी का अवसर है खुशियां मनाएं,
पर किसी दूसरे की देखा देखी नहीं!
कर्ज लेकर अपने और परिवार के मान सम्मान को खत्म मत करिएगा!
जितनी आप में क्षमता है उसी के अनुसार खर्चा करिएगा
4 - 5 घंटे के रिसेप्शन में लोगों की जीवन भर की पूंजी लग जाती है !
दिखावे की इस सामाजिक बीमारी को अभिजात्य वर्ग तक ही सीमित रहने दीजिए!
*अपना दांपत्य जीवन सर उठा के, स्वाभिमान के साथ शुरू करिए और खुद को अपने परिवार और अपने समाज के लिए सार्थक बनाइए ! धन्यवाद 🙏🙏l*

30/06/2023
12/12/2022

मुगल बादशाह का दिल्ली में दरबार लगा था और हिंदुस्तान के दूर दूर के राजा महाराज दरबार में हाजिर थे ,
उसी दौरान मुगल बादशाह ने एक दम्भोक्ति की " है कोई हमसे बहादुर इस दुनिया में ?" सभा में सन्नाटा सा पसर गया , एक बार फिर वही दोहराया गया तीसरी बार फिर उसने ख़ुशी से चिल्ला करकहा " है कोई हमसे बहादुर जो हिंदुस्तान पर सल्तनत कायम कर सके ?सभा की खामोसी की तोड़ती एक बुलन्द शेर सी दहाड़ गूंजी तो सबका ध्यान उस शख्स की और गया ,वो जोधपुर के महाराजा राव रिड़मल थे ।


रिड़मल जी ने कहा , मुगलो में बहादुरी नही कुटिलता है , सबसे बहादुर तो राजपूत है दुनिया में ,, मुगलो ने राजपूतो को आपस में लड़वा कर हिंदुस्तान पर राज किया , कभी सिसोदिया राणा वंश को कछावा जयपुर से तो कभी राठोड़ो को दूसरे राजपूतो से ,, ।बादशाह का मुँह देखने लायक था , ऐसा लगा जेसे किसी ने चोरी करते रंगे हाथो पकड़ लिया हो ।बाते मत करो राव , उद्धाहरण दो वीरता का । रिड़मल ने कहा "क्या किसी कौम में देखा है किसी को सिर कटने के बाद भी लड़ते हुए ?" बादशाह बोला ये तो सुनी हुई बात है देखा तो नही , रिड़मल बोले इतिहास उठाकर देख लो कितने वीरो की कहानिया है सिर कटने के बाद भी लड़ने की ...बादशाह हंसा और दरबार में बेठे कवियों की और देखकर बोला इतिहास लिखने वाले तो मंगते होते है में भी 100 मुगलो के नाम लिखवा दूँ इसमें क्या ?


मुझे तो जिन्दा ऐसा राजपूत बताओ जो कहे की मेरा सिर काट दो में फिर भी लड़ूंगा । राव रिड़मल निरुत्तर हो गए और गहरे सोच में डूब गए । रात को सोचते सोचते अचानक उनको रोहणी ठिकाने के जागीदार का ख्याल आया । एक दिन अचानक रात को 11 बजे रोहणी ठिकाना (जो की जेतारण कस्बे जोधपुर रियासत) में दो घुड़सवार बुजुर्ग जागीदार के पोल पर पहुंचे और मिलने की इजाजत मांगी । ठाकुर साहब काफी वृद अवस्था में थेफिर भी उठ कर मेहमान की आवभक्त के लिए बाहर पोल पर आये ,, घुड़सवारों ने प्रणाम किया और वृद ठाकुरकी आँखों में चमक सी उभरी और मुस्कराते हुए बोले जोधपुर महाराज आपको मेने गोद में खिलाया है और अस्त्र शस्त्र की शिक्षा दी है इस तरह भेष बदलने पर भी में आपको आवाज से पहचान गया हूँ । हुकम आप अंदर पधारो ।। में आपकी रियासत का छोटा सा जागीरदार , आपने मुझे ही बुलवा लिया होता ।

राव रिड़मल ने उनको झुककर प्रणाम किया और बोले एक समस्या है , और बादशाह के दरबार की पूरी कहानी सुना दी, अब आप ही बताये की जीवित योद्धा का कैसे पता चले की ये लड़ाई में सिर कटने के बाद भी लड़ेगा ? रोहणी जागीदार बोले , बस इतनी सी बात "मेरे दोनों बच्चे सिर कटने के बाद भी लड़ेंगे और आप दोनों को ले जाओ दिल्ली दरबार में ये आपकी और रजपूती की लाज जरूर रखेंगे "राव रिड़मल को घोर आस्चर्य हुआ की एक पिता को कितना विस्वास है अपने बच्चो पर , मान गए राजपूती धर्म को ।

सुबह जल्दी दोनों बच्चे अपने अपने घोड़ो के साथ तैयार थे , उसी समय ठाकुर साहब ने कहा , महाराज थोडा रुकिए में एक बार इनकी माँ से भी कुछ चर्चा कर लूँ इस बारे में । राव रिड़मल ने सोचा आखिर पिता का ह्रदय है कैसे मानेगा अपने दोनों जवान बच्चो के सिर कटवाने को , एक बार रिड़मल जी ने सोचा की मुझे दोनों बच्चो को यही छोड़कर चले जाना चाहिए ।ठाकुर साहब ने ठकुरानी जी को कहा " आपके दोनों बच्चो को दिल्ली मुगल बादशाह के दरबार में भेज रहा हूँ सिर कटवाने को , दोनों में से कोनसा सिर कटने के बाद भी लड़ सकता है ? आप माँ हो आपको ज्यादा पता होगा , ठकुरानी जी ने कहा बड़ा लड़का तो क़िले और क़िले के बाहर तक भी लड़ लेगा पर छोटा केवल परकोटे में ही लड़ सकता है क्योंकि पैदा होते ही इसको मेरा दूध नही मिला था इसलिए ।। लड़ दोनों ही सकते है ,आप निश्चित् होकर भेज दो ।

दिल्ली के दरबार में आज कुछ विशेष भीड़ थी और हजारो लोग इस द्रश्य को देखने जमा थे ।बड़े लड़के को मैदान में लाया गया और मुगल बादशाह ने जल्लादो को आदेश दिया की इसकी गर्दन उड़ा दो ,तभी बीकानेर महाराजा बोले "ये क्या तमाशा है ? राजपूती इतनी भी सस्ती नही हुई है , लड़ाई का मोका दो और फिर देखो कौन बहादुर है ?बादशाह ने खुद के सबसे मजबूत और कुशल योद्धा बुलाये और कहा ये जो घुड़सवार मैदान में खड़ा है उसकासिर् काट दो, 20 घुड़सवारों को दल रोहणी ठाकुर के बड़े लड़के का सिर उतारने को लपका और देखते ही देखते उन 20 घुड़सवारों की लाशें मैदान में बिछ गयी ।

दूसरा दस्ता आगे बढ़ा और उसका भी वही हाल हुआ , मुगलो में घबराहट और झुरझरि फेल गयी , बादशाह के 500 सबसे ख़ास योद्धाओ की लाशें मैदान में पड़ी थी और उस वीर राजपूत योद्धा के तलवार की खरोंच भी नही आई ।।ये देख कर मुगल सेनापति ने कहा " 500 मुगल बीबियाँ विधवा कर दी आपकी इस परीक्षा ने अब और मतकीजिये हजुर , इस काफ़िर को गोली मरवाईए हजुर ,, तलवार से ये नही मरेगा , कुटिलता और मक्कारी से भरे मुगलो ने उस वीर के सिर में गोलिया मार दी । सिर के परखचे उड़ चुके थे पर धड़ ने तलवार की मजबूती कम नही करी और मुगलो का कत्लेआम खतरनाक रूप से चलते रहा ।

बादशाह ने छोटे भाई को अपने पास निहथे बेठा रखा था ये सोच कर की यदि ये बड़ा यदि बहादुर निकला तो इस छोटे को कोई जागीर दे कर अपनी सेना में भर्ती कर लूंगा लेकिन जब छोटे ने ये अंन्याय देखा तो उसने झपटकर बादशाह की तलवार निकाल ली । उसी समय बादशाह के अंगरक्षकों ने उनकी गर्दन काट दी फिर भी धड़ तलवार चलाता गया और अंगरक्षकों समेत मुगलो का काल बन गए । बादशाह भाग कर कमरे में छुप गयाऔर बाहर मैदान में बड़े भाई और अंदर परकोटे में छोटे भाई का पराक्रम देखते ही बनता था । हजारो की संख्या में मुगल हताहत हो चुके थे और आगे का कुछ पता नही था ।

बादशाह ने चिल्ला कर कहा अरे कोई रोको इनको ।। एक मौलवी आगे आया और बोला इन पर शराब छिड़क दो ।। राजपूत का इष्ट कमजोर करना हो तो शराब का उपयोग करो । दोनों भाइयो पर शराब छिड़की गयी ऐसा करते ही दोनों के शरीर ठन्डे पड़ गए । मौलवी ने बादशाह को कहा "" हजुर ये लड़ने वाला इनका शरीर नही बल्कि इनका इष्ट देव है । और ये राजपूत शराब से दूर रहते है और अपने धर्म और इष्ट को मजबूत रखतेहै ।यदि मुगलो को हिन्दुस्तान पर शासन करना है तो इनका इष्ट और धर्म भृष्ट करो और इनमे दारु शराब कीलत लगाओ ।। यदि मुगलो में ये कमियां हटा दे तो मुगल भी मजबूत बन जाएंगे । उसके बाद से ही राजपूतो में मुगलो ने शराब का प्रचलन चलाया और धीरे धीरे राजपूत शराब में डूबते गए और अपने इष्ट देव को नाराज करते गए ।
जय हो वीरों की....

22/08/2021

"बॉलीवुड" खानों ने इतनी मेहनत करके "पठानों"
की जांबाज वाली इमेज बनाई थी
"तालिबान" ने 7 दिन में ही नंगा कर दिया

https://youtu.be/DCuxubLzlY0
01/10/2020

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05/09/2020

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27/08/2020

एक होस्टल कैंटीन वाले के रोज़-रोज़
नाश्ते में खिचड़ी दे देने से परेशान
80 छात्रों ने होस्टल वार्डन से
शिकायत करी, और
बदल-बदल के नाश्ता देने को कहा.

100 में से सिर्फ 20 छात्र ऐसे थे,
जिनको खिचड़ी बहुत पसंद थी,
और वो छात्र चाहते थे, कि
खिचड़ी तो रोज़ ही बने.
बाकी के 80 छात्र
परिवर्तन चाहते थे.

*वार्डन ने वोट करके*
*नाश्ता तय करने को कहा.*

उन 20 छात्रों ने, जिनको ...
खिचड़ी बहुत पसंद थी,
खिचड़ी के लिए वोट किया.

बाकी बचे 80 लोगों ने
आपस में कोई सामंजस्य नहीं रखा,
और कोई वार्तालाप भी नहीं किया,
और अपनी बुद्धि एवम् विवेक से
अपनी रूचि अनुसार वोट दिया.

*18 ने डोसा चुना,*
*16 ने परांठा,*
*14 ने रोटी,*
*12 ने ब्रेड बटर,*
*10 ने नूडल्स , और*
*10 ने पूरी सब्जी को वोट दिया.*

🤔 *अब सोचो* 🤔
*क्या हुआ होगा ?*

*उस कैंटीन में आज भी*
*वो 80 छात्र, रोज़ खिचड़ी ही खाते हैं.*
*क्यों - क्योंकि वो 20छात्र बहुमत में व एकजुट रहे*

*शिक्षा*👉🏻 *जब तक हिस्सों में 80 बंटे रहोगे,*
*तब तक 20% वालों का वर्चस्व रहेगा.*
*समाज के लिये संदेश*
👉🏽 *एक बनो, संगठित रहो !!*
*नही तो खिचड़ी ही खानी पड़ेगी*

यह youtube channel अपने ही किसी राजपूत भाई द्वारा चलाया जा रहा है। यह एक एजुकेशनल चैनल है। सभी लोगों से अनुरोध है कि ज्य...
21/08/2020

यह youtube channel अपने ही किसी राजपूत भाई द्वारा चलाया जा रहा है। यह एक एजुकेशनल चैनल है। सभी लोगों से अनुरोध है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस channel को subscriber करें ।

ताकि हम उनकी कुछ मदद कर पाऐं।

https://www.youtube.com/c/UNIQUESOLUTION

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20/08/2020

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16/08/2020

हिंदू मान्यतानुसार क्या आप जानते हैं कि हमारे देश व शहरों के असली नाम क्या थे ?🤔🧐😟

🪔१. हिन्दुस्तान, इंडिया या भारत का असली नाम - आर्यावर्त्त !
🪔२. कानपुर का असली नाम - कान्हापुर !
🪔३. दिल्ली का असली नाम - इन्द्रप्रस्थ !
🪔४. हैदराबाद का असली नाम - भाग्यनगर !
🪔५. इलाहाबाद का असली नाम - प्रयाग !
🪔६. औरंगाबाद का असली नाम - संभाजी नगर !
🪔७. भोपाल का असली नाम - भोजपाल !
🪔८. लखनऊ का असली नाम - लक्ष्मणपुरी !
🪔९. अहमदाबाद का असली नाम - कर्णावती !
🪔१०. फैजाबाद का असली नाम - अवध !
🪔११. अलीगढ़ का असली नाम - हरिगढ़ !
🪔१२. मिराज का असली नाम - शिव प्रदेश !
🪔१३. मुजफ्फरनगर का असली नाम - लक्ष्मी नगर !🪔१४. शामली का असली नाम - श्यामली !
🪔१५. रोहतक का असली नाम - रोहितासपुर !
🪔१६. पोरबंदर का असली नाम - सुदामापुरी !
🪔१७. पटना का असली नाम - पाटलीपुत्र !
🪔१८. नांदेड का असली नाम - नंदीग्राम !
🪔१९. आजमगढ का असली नाम - आर्यगढ़ !
🪔२०. अजमेर का असली नाम - अजयमेरु !
🪔२१. उज्जैन का असली नाम - अवंतिका !
🪔२२. जमशेदपुर का असली नाम काली माटी !
🪔२३. विशाखापट्टनम का असली नाम - विजात्रापश्म !
🪔२४. गुवाहटी का असली नाम - गौहाटी !
🪔२५. सुल्तानगँज का असली नाम - चम्पानगरी !
🪔२६. बुरहानपुर का असली नाम - ब्रह्मपुर !
🪔२७. इंदौर का असली नाम - इंदुर !
🪔२८. नशरुलागंज का असली नाम - भीरुंदा !
🪔२९. सोनीपत का असली नाम - स्वर्णप्रस्थ !
🪔३०. पानीपत का असली नाम - पर्णप्रस्थ !
🪔३१.बागपत का असली नाम - बागप्रस्थ !
🪔३२. उसामानाबाद का असली नाम - धाराशिव (महाराष्ट्र में) !
🪔३३. देवरिया का असली नाम - देवपुरी ! (उत्तर प्रदेश में)
🪔३४. सुल्तानपुर का असली नाम - कुशभवनपुर
🪔३५. लखीमपुर का असली नाम - लक्ष्मीपुर ! (उत्तर प्रदेश में)
🪔३६. मुरैना का असली नाम - मयुरवन....*_

🪔यह सभी नाम मुगलों व अंग्रेजों द्वारा बदले गये हैं

🪔लेख को पढ़ने के उपरांत अन्य समूहों में साझा अवश्य करें....!!....✍🏻
🔔🔔*जय श्री राधेकृष्णा*🔔🔔

30/06/2020

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14/06/2020

स्टार Sushant Singh Rajput ने किया सुसाइड, दुखद घटना कब क्या चल रहा होता है दिमाग में किसी को कुछ नहीं पत्ता चल पाता , ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिवार को इस दुखद घड़ी को सहन करने की हिम्मत दे।

सभी से अनुरोध है किसी भी प्रकार की कोई ग़लत टिप्पणी ना करें इनके बारे में पूर्वजो ने कहा है किसी मरे हुवे इंसान के पर राजनीति नहीं करनी चाहिए ...

ॐ शान्ति शान्ति शान्ति

27/05/2020
02/04/2020

जो दिग्विजय , सिंह स्वरा भास्कर , कन्हैया कुमार अनुराग कश्यप , प्रकाश राज , कविता क्रिश्नन ,जीगनेश मेवानी आदि CAA के समय मुसलमानो के बीच रहते थे वो ख़ुद दूर दूर तक इनके आस पास भी दिखाई नहीं दे रहे अगर अब भी हिंदुस्तान नहीं जगा तो आने वाले समय में इस्तथि उससे भी गम्भीर परिणाम देगी

22/03/2020

विषय बहुत गंभीर है । कोरोना को जो नही समझ पा रहे या मजाक समझ रहे हैं वो केवल 5 बातों पर ध्यान दे कर देखें :-

1:- जन्म से लेकर अब तक कितनी बार आपकी कॉलर ट्यून बदली है सरकार ने ?
2:- आज तक कितनी बार दो देशों की सीमाओं को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया ?
3:- कितनी बार विद्यालयों की परीक्षा रद्द की गई या मॉल , सिनेमाघर इत्यादि बन्द रहे हैं ?
4:- कितनी बार न्यायालय या अन्य कार्यालय बन्द होते दिखे ?
5:- कितनी बार सरकार ने किसी वायरस के चलते धारा 144 लगाई ?

समस्या यह है कि सरकार जनता को पूरी बात इसलिए नही बता रही कि कहीं जनता घबराए ना । लेकिन चेतावनी लगातार दे रही है और पूरे प्रयास कर रही है कि जनता सुरक्षित रहे। लेकिन जनता को मजाक से फुरसत नही है । जिन्हें अभी भी समझ नही आ रहा वो गूगल पर इटली ओर चीन की स्थिति देखें l

जनता कर्फ़्यू के पीछे लॉजिक l
चूंकि एक स्थान पर कारोना वायरस का जीवन 12 घंटे और जनता कर्फ्यू 14 घंटे के लिए होता है, इसलिए सार्वजनिक क्षेत्रों के स्थान या बिंदु जहां कारोना बच सकता है, उसे 14 घंटे तक नहीं छुआ जाएगा और इससे श्रृंखला टूट जाएगी।

14 घंटे के बाद हमें जो मिलेगा वह एक सुरक्षित देश होगा। वह विचार है इसके पीछे। आगे यह एक ड्रिल होगा यदि निकट भविष्य में अधिक समय तक आवश्यकता होगी l

🙏विशेष अपील- कोरोना के लिए🙏

ये सप्ताह कैरोना के लिए बेहद वाइटल है।
इसे कम्युनिटी stage कहते हैं। इस समय रुक गया तो ठीक, नहीं तो महामारी स्टेज में चला जाएगा। फिर हम सब इसकी ज़द में आ सकते हैं।

इटली में लोगों ने शुरू में हल्के से लिया। छूट्टी समझ कर पार्टी करते रहे, दोस्तों रिश्तेदारों से मिलते रहे जिससे ये कम्युनिटी में फैल कर अब महामारी बन गया है।कौन किसमें फैला रहा है, सरकार पकड़ ही नही पा रही ।

भय, अवसाद, अनिद्रा, अकेलापन...आज इटली का यथार्थ है। जिससे निकलने में वर्षो लग जाएंगे।

आपकी ज़िंदगी आपके माँ बाप, भाई- बहन, मित्रों के लिए बेहद मायने रखता है। आप पर न जाने कितने लोगों की जिम्मेवारियां हैं। इसलिए जिम्मेवार बनिये।

SO PLEASE, इसे हल्के में मत लीजिए और जितना हो सके, अकेले में समय बिताइए। अच्छी किताबें पढ़िए, fb, wats app, you tube चलाइये, मूवी डाऊनलोड करके देखिए। पर प्लीज़ अकेले रहिये।

आपकी लापरवाही और मज़ाक आप पर, आपके अपनों पर बहुत भारी न पड़ जाए।🙏🙏🙏
सहमत हों तो सपोर्ट करें
शेयर करें या कॉपी पेस्ट करें, लेकिन आगे जरूर बढ़ाएं , देश को बचाए

30/01/2020
30/01/2020

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