14/12/2025
करनाल - जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष अजय कुमार शारदा के मार्गदर्शन में आज जिला न्यायालय व सब डिवीजन इंद्री, असंध और घरौंडा में लगने वाली नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव डा. इरम हसन ने बताया कि इस लोक अदालत में माननीय एडिशनल प्रिंसिपल जज प्रवीन कुमार, पारिवारिक न्यायालय, करनाल, डा. सविता कुमारी, माननीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, करनाल, रामअवतार पारीक, माननीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, करनाल सुश्री खुशबू गोयल, माननीय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री अभिषेक वर्मा, माननीय सिविल जज (जूनियर डिवीजन) उदित अग्रवाल, माननीय सिविल जज (जूनियर डिवीजन)के साथ ही उप मंडलीय स्तर पर अमृतबीर कौर, माननीय अतिरिक्त सिविल जज (सिनियर डिवीजन)असंध, माननीय अतिरिक्त सिविल जज (सिनियर डिवीजन)उदय प्रताप व गौरांग शर्मा, माननीय अतिरिक्त सिविल जज (सिनियर डिवीजन) घरौंडा के बैंच बनाए गए। जिसमें 28055 मुकदमे रखे गए जिनमे से 23663 मुकदमों का निपटारा 102106888 रुपये की धनराशि पर किया गया। इन मुकदमों में मोटर दुर्घटना संबधित 43 मुकदमों का निपटारा हुआ। पारिवारिक विवाद संबंधित 154 मुकदमों का, चैंक बाउंस सम्बंधित 324 मुकदमों का और अदालत में लंबित 2191 यातायात चालानों के मुकदमों का निपटारा हुआ तथा रुपये 937980 का भुगतान हुआ।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव डा. इरम हसन ने बताया कि इस लोक अदालत के माध्यम से कुछ लंबित मुकदमों का सफलतापूर्ण निपटारा होने से कई दम्पतियों के घर बसे तो कई बच्चों को माता पिता दोनों का प्यार मिला। अदालत में लंबित किसी मोटर दुर्घटना मुआवजा संबंधित मुकदमों में 22 लाख 50 हजार रुपये के मुआवजे पर समझौता होने से किसी का आर्थिक सहायता मिली तो किसी चेक बाउंस संबधित मुकदमे का समझौता राशि 13 लाख 50 हजार रुपये को किश्तों में अदा करने के आदेश ने किसी को राहत की सास दिलाई।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष अजय कुमार शारदा के द्वारा दोनों पक्षों की काउंसलिंग करने से लोक अदालत की प्रक्रिया को बल मिला जिससे मुकदमों का निपटारा हुआ। उन्होंने बताया कि इस नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने में दोनों पक्षों का आपसी सहयोग और ज्यूडिशियल मैजिस्टेटस व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और लोक अदालत के सदस्यों के प्रयासों के अलावा अधिवक्तागण व मीडिया का पूर्ण सहयोग रहा है।