14/01/2025
गोरीफाट स्थित आदम बरपटिया जनजाति की उपजाति ‘बर्निया’ का संक्षिप्त वर्णन-
हिमालय क्षेत्र के प्राचीन आदम जाति किरात, पुलिंद, तंगण तथा विष्णु पुराण, महाभारत के वनपर्व, वाराहसंहिता में भी भारतवर्ष के किनारे-किनारे हिमवंत क्षेत्र में सकास,नाग, गंधर्व, यक्ष भिल्ल, आदि आदम जाति रहते आ रहे हैं.आज भी निवास करने वाले उन प्राचीन जातियों से जो संबंध रखते हों, किंतु कयी अन्य बाहरी जातियों का यहाँ आकर इन जाति के साथ घुल-मिल जाने से पहचान की भ्रामकता दिखती है.
बरपटिया जनजाति के विषय में सही -सही बता पाना कठिन है.क्या ये खस, शक, या पौराणिक जाति किरात पुलिन्द, तंगण संबंध रखते होगें ? इनसे जानकारी प्राप्त करने पर वे अपने को बाहरी क्षेत्र नेपाल, पाली पछांऊ, दानपुर आदि क्षेत्रों से आने की बात बताते है.पर यह सिद्ध है कि कुछ बाहरी जातियाँ, आदम प्राचीन जातियों के साथ यहाँ आकर घुल-मिल गये हैं. जिसमें संदेह नहीं.
हिमालय क्षेत्र के ही जनजाति जोहार के शौका घुमंतू, पशुचारक, अर्द्धयायावरी जीवन व्यतीत करते थे, इनके विषय में इतिहासकारों की खोज, किवदंती, जनश्रुति, मत-मतांतर देखने को मिलते हैं.जोहार घाटी में भी समय-समय पर बाहरी जातियों का प्रवेश तथा रक्त संबंध स्थापित के चलते जोहार के समाज में पूरातन समय से अर्वाचीन तक सामाजिक उथल-पुथल चलता ही रहा है.
शौका जनजाति मौसम के अनुसार जोहार परगना, गौरीफाट, तल्लादेश में प्रवास करते रहे थे. इन्ही के आस-पास, बीच एक और.......
जगदीश सिंह बृजवाल ✍️ हिमालय क्षेत्र के प्राचीन आदम जाति किरात, पुलिंद, तंगण तथा विष्णु पुराण, महाभारत के वनपर्व, वा....