08/11/2020
Health Heart : जरा सी चूक बना सकती है ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का शिकार, यूं करें बचाव
दिल हमारे शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा है. ये तो हम सभी जानते हैं.दिल की महत्वपूर्णता को ध्यान में रखते हुए इसका ध्यान नहीं रखते हैं. हृदय रोग भारत में ज्यादातर लोगों की मौत का कारण बन गया है.
एक अध्ययन के अनुसार 1000 लोगों में से 272 लोगों की मौत दिल की बीमारी से हो जाती है और यह आंकडें अगले 26 सालों में दोगुणा हो सकते हैं.
दिल की बीमारी से तात्पर्य ऐसी समस्या से है, जो दिल को प्रभावित करती है. दिल की बीमारी को कोरोनरी धमनी रोग से जोड़कर देखना पूरी तरह से गलत है. बल्कि दिल की बीमारी में कई सारी समस्याएं होती हैं.
आज के लाइफस्टाइल और अनियमित आहार के कारण 30 से 40 साल की उम्र में ही लोगों को दिल के रोग होने लगे हैं. ये समस्या इतनी आम हो चुकी है कि हर परिवार में कोई न कोई सदस्य दिल की बीमारी से ग्रस्त है. आज कल तो छोटी उम्र के बच्चे भी इस बीमारी का शिकार होते जा रहे हैं.
स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ दिल का होना जरुरी है, इसलिए दिल के प्रति लापरवाही बिल्कुल भी नहीं बरतना चाहिए. एक बार हार्ट अटैक झेल चुके ह्रदय के मरीजों को अत्यन्त सावधानी के साथ अपनी जीवन शैली में बदलाव अपनाने चाहिए. कई बार लोग इतने लापरवाह होते हैं कि उन्हें पता ही नहीं होता है कि उनके दिल को स्वस्थ रखने के लिए क्या खांए, कैसा लाइफस्टाइल अफनाएं.
दिल की बीमारी मुख्य रूप से 4 प्रकार की होती है.
1-कोरोनरी आर्टरी डिजीज बता दे कि यह हृदय रोग का सामान्य प्रकार है, जिसे आम भाषा में कोरोनरी धमनी रोग के नाम से जाना जाता है.
2- दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ना ये सबसे जान-मानी बीमारी है, जिससे अधिकांश लोग पीड़ित होते हैं.
3-दिल का खराब (Heart Failure) होना जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह ऐसी दिल की बीमारी है, जिसमें दिल सही तरह से काम करना बंद कर देता है.
4- दिल की धड़कनों का अनियमित रूप से चलना कई बार दिल की धड़कने धीमे या फिर तेज़ गति से चलने लगती है, इसे भी दिल की बीमारी के रूप में परिभाषित किया जाता है.
दिल की बीमारी उच्च रक्तचाप, ध्रूमपान करना, डायबिटीज का होना, अधिक वजन होना, तनाव का होना के वजह से दिल की बीमारी होती है. दिल की बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, इसलिए उसे इन 5 लक्षणों को नज़रदाज़ नहीं करना चाहिए. जैसे सीने में बेचैनी होना, जी मचलाना, बदहजमी या पेट में दर्द होना, बांह में दर्द होना, पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ होना आदि.
ज्यादातर लोग दिल की बीमारी को एक लाइलाज बीमारी समझते हैं, इसी कारण वे इससे निजात नहीं पा पाते हैं. व्यायाम करना, दवाई लेना, ईसीजी या ब्लड टेस्ट कराना, डाइट प्लान बनाना, सर्जरी कराना आदि के द्ववारा दिल की बीमारी का भी उपचार संभव है, और आप अपनी ज़िदगी बेहतर बना सकते है. ह्रदय रोग का इलाज कोरोनरी इंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी के द्वारा किया जा सकता है.
किसी भी दिल की बीमारी के मरीज को फास्ट फूड न करना, डेयरी खाद्य उत्पादों का सेवन न करना, शराब न पीना, कम मात्रा में नमक और चीनी खाना के तरह का भोजन नहीं खाना चाहिए. ज्यादा मात्रा में इन चीजों का सेवन करना दिल के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
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