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22 मार्च विश्व जल दिवस पर विशेषभविष्य में आने वाला है घोर जल संकट,करने होंगें संरक्षण के उपायपृथ्वी तल के नीचे स्थित किस...
21/03/2024

22 मार्च विश्व जल दिवस पर विशेष

भविष्य में आने वाला है घोर जल संकट,करने होंगें संरक्षण के उपाय

पृथ्वी तल के नीचे स्थित किसी भू- गर्भिक स्तर की सभी रिक्तियों में विद्यमान जल को भू-गर्भ जल कहा जाता है। अपने देश में लगभग 300 लाख हेक्टोमीटर भू-गर्भ जल उपलब्ध है। इसका 80 प्रतिशत तक हम उपयोग कर चुके हैं।यदि भू-जल विकास स्तर की दृष्टि से देखा जाय तो अपना देश धूमिल संभावना क्षेत्र से गुजर रहा है,जो जल्दी ही संभावना विहिन क्षेत्र के अन्तर्गत आ जायेगा। इसको देखते हुए कहा जा सकता है कि निकट भविष्य में अपने देश में घोर जल संकट उत्पन्न हो सकता है। हाल ही में बंगलौर जिस जल संकट से गुजर रहा है, यह एक चेतावनी मात्र है। देश के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे जल संकट के आसार परिलक्षित हो रहे हैं।

यदि उत्तर- प्रदेश में भू-गर्भ जल की स्थिति को देखें तो स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जायेगी,कारण कि एक अध्ययन के अनुसार विगत वर्षों में उत्तर- प्रदेश में भू-जल का वार्षिक पुनर्भरण 68,757 मिलियन घन मीटर, शुद्ध दोहन 49483 मिलियन घन मीटर एवं भू-जल विकास 72.17 प्रतिशत रहा है। जबकि सुरक्षित सीमा 70 प्रतिशत है। वर्तमान समय में यह स्थिति और खराब हो गयी है।

वाटर एड इण्डिया एवं अन्य स्रोतों के अनुसार 2000 से 2010 के मध्य भारत में भू-जल दोहन 23 प्रतिशत बढ़ा है। विश्व में प्राप्त कुल भू-जल का 24 प्रतिशत अकेले भारत उपयोग करता है। इस तरह भू-जल उपयोग में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। फिर भी अपने देश में एक अरब से अधिक लोग पानी की कमी वाले क्षेत्रों में रहते हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भविष्य में न केवल भारत में बल्कि विश्व में घोर जल संकट की स्थिति आने वाली है।

बलिया सहित पूर्वांचल में भू-जल की स्थिति

यद्यपि कि बलिया सहित पूर्वांचल के जिलों में भू-जल की स्थिति बहुत खराब नहीं कही जा सकती, किंतु उपभोग की स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बलिया सहित पूर्वांचल के जिलों में भी भविष्य में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कुछ वर्ष पूर्व पूर्वांचल के जिलों आजमगढ़, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी,संत रविदास नगर, मिर्जापुर एवं सोनभद्र जिलों में शुद्ध पुनर्भरण जल क्षमता क्रमश:1329, 483, 890, 1243, 1251, 717, 486, 400, 478 एवं 211 मिलियन घन मीटर,शुद्ध जल निकासी क्षमता क्रमश : 865, 338, 589,1106, 856, 273, 419, 370, 361 एवं 92 मिलियन घन मीटर एवं भू-गर्भ जल विकास स्तर क्रमशः 65.70, 69.90, 66.24, 88.98, 68.45, 38.02, 86.28, 92.25, 62.38 एवं 43.12 प्रतिशत है। इन आंकड़ों के अनुसार आजमगढ़, बलिया एवं गाजीपुर जिले धूमिल सम्भावना क्षेत्र के अन्तर्गत आ गए हैं, जबकि जौनपुर, वाराणसी एवं संत रविदास नगर जिले संभावना विहिन क्षेत्र के अन्तर्गत आ गए हैं। यानि कि इन तीनों जिलों में भू-जल दोहन को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। धूमिल संभावना क्षेत्र वाले जिलों में भी जल उपयोग को संतुलित किया जाना चाहिए। इन सभी जिलों में जल विदोहन करना प्रकृति के के खिलवाड़ है।

भू-जल में गिरावट के प्रमुख कारण

वर्षा वितरण में असमानता एवं वर्षा में कमी का होना,अधिकांश क्षेत्रों में सतही जल का आभाव,पेयजल आपूर्ति हेतु भू-जल का अधिक दोहन, सिंचाई हेतु भू-जल का अत्यधिक दोहन एवं उद्योगों में भू-जल का अत्यधिक उपभोग आदि भू-जल में गिरावट के प्रमुख कारण हैं।

भू-जल की कमी से उत्पन्न समस्याएं

भू - जल स्तर का निरन्तर नीचे की तरफ खिसकना, भू-जल में प्रदूषण की वृद्धि,पेय आपूर्ति की समस्या में वृद्धि, सिंचाई जल की कमी से कृषि पर प्रभाव, भू-जल का अत्यधिक लवणतायुक्त होना,पेय जल आपूर्ति का घोर संकट उत्पन्न होना,

भू-जल की कमी एवं जल का प्रदूषित होना तथा आबादी वाले क्षेत्रों में जल आपूर्ति की कमी होना आदि भू-जल की कमी से उत्पन्न प्रमुख समस्याएं हैं।

भू-जल दोहन रोकने के उपाय
भू-जल समस्या का एकमात्र उपाय भू-जल में हो रही कमी को रोकना है। प्रत्येक स्तर पर भू-जल के अनियंत्रित एवं अतिशय दोहन तथा शोषण एवं उपभोग पर रोक लगाना आवश्यक है। पुराने जल स्लैम को पुनर्जीवित करना होगा। जल ग्रहण क्षेत्रों में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना होगा,ताकि प्राकृतिक रूप से जल का पुनर्भरण होता रहे। जल बचत प्रक्रिया को अपनाना होगा। येन - केन प्रकारेण जल की बर्बादी को रोकना होगा। विकल्प की खोज करनी होगी। सुरक्षित एवं संरक्षित उपयोग करना होगा। जल को प्रदूषण से बचाना होगा। वर्षा जल का अधिक से अधिक संचयन करना होगा। जल आपूर्ति की सुरक्षित एवं संचयित प्रक्रिया अपनानी होगी। भूमिगत जल को चिरकाल तक स्थाई रखना होगा। कुल वर्षीय जल का कम से कम 31 प्रतिशत जल को धरती के अंदर प्रवेश कराने की व्यवस्था करनी होगी,इसके लिए वर्षा जल संचयन(रेन वाटर हार्वेस्टिंग) को बढ़ावा देना होगा।

डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी

बच्चा बाजी ( Bachcha Bazi) अफ़ग़ानिस्तान में "बच्चा बाज़ी" एक घिनौनी प्रथा है जिसमें बच्चे, खासकर लड़के, किसी बुजुर्ग या ...
12/03/2024

बच्चा बाजी ( Bachcha Bazi)

अफ़ग़ानिस्तान में "बच्चा बाज़ी" एक घिनौनी प्रथा है जिसमें बच्चे, खासकर लड़के, किसी बुजुर्ग या अमीर व्यक्ति के लिए यौन उत्पी _ ड़न और उत्प्रेरण के रूप में उपयोग होते हैं। इस प्रकार की आपराधिक प्रथा के तहत, बच्चों को नियोजित और आत्म ह * त्या करवाने के लिए उन्हें खुद की इच्छा के बिना बाजू में लाकर उन्हें बुजुर्ग या अमीर व्यक्ति के लिए सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

बच्चा बाज़ी की इस प्रथा को बंद करने की बहुत सारी कारण हो सकते हैं, जैसे कि

1. इंसानियत के खिलाफ : बच्चा बाज़ी इंसानियत के खिला फ एक घृणित अप * राध है। यह बच्चों के अधिकारों की अवहेलना को प्रमोट करता है और उन्हें अधिकारहीनता में डालता है।

2. मानवा * धिकार का उल्लंघन : बच्चा बाज़ी मानवा * धिकार का सीधा उल्लंघन है, जिससे बच्चों की आत्मसम्मान और विकास पर हानि पहुंचती है।

3. नकारात्मक सामाजिक प्रभाव : इस प्रथा के चलते सामाजिक बुराइयों का संचार होता है और सामाजिक मानदंडों को ध्वस्त किया जाता है।

4. धार्मिक और नैतिक आधार : बच्चा बाज़ी धार्मिक और नैतिक मानकों के खिलाफ है। यह एक गलत और अमा नवीय कृत्य है जिसे समाज से हटाने की जरूरत है।

इन कारणों के आलावा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी बच्चा बाज़ी को बंद किया जाना चाहिए। इस प्रकार की प्रथा से निपटने के लिए सामाजिक संचार, कानूनी कदम और शिक्षा के माध्यम से सख्ती से काम किया जाना चाहिए।




कुछ पाकर तो हर कोई मुस्कुराता है। लेकिन, जिंदगी शायद उनकी होती है जो बहुत कुछ खोकर भी हरदम मुस्कुराना जानते है । Stay Bl...
12/03/2024

कुछ पाकर तो हर कोई मुस्कुराता है। लेकिन, जिंदगी शायद उनकी होती है जो बहुत कुछ खोकर भी हरदम मुस्कुराना जानते है ।

Stay Blessed 😊😊


चाहता हूँ कि आपके 100 + विचार प्राप्त हो कि विज्ञान, गणित शिक्षण बहुत आसान है । कुछ बिंदु मैंने लिखे हैं । आपसे निवेदन ह...
11/03/2024

चाहता हूँ कि आपके 100 + विचार प्राप्त हो कि विज्ञान, गणित शिक्षण बहुत आसान है । कुछ बिंदु मैंने लिखे हैं । आपसे निवेदन है कि कुछ आसान बिंदु आप भी सुझायें ।

1-स्कूल में एक थर्मामीटर लगा दें -बच्चे प्रतिदिन रीडिंग लें
-10 -15 दिनों में बिना विशेष प्रयास के ऊष्मा /ताप से सम्बन्धित बहुत सारे प्रकरण स्पष्ट ही जायेंगे ।

2-बच्चों से कुछ बीज जमीन में रोपने को कहें -10 15 दिनों की प्रगति का अवलोकन करायें ।

3-साइकिल के पहिये का अवलोकन करने को कहें -त्रिज्या, व्यास, परिधि, सायकिल पंप से हवा भरने को कहें । पंप क्यों गरम हो गया ? हवा पंप से ट्यूब में जाती है लेकिन ट्यूब से पम्प में क्यों नहीं जाती ?

- ट्यूब से हवा निकालने पर हवा ठंडी क्यों लगती है ? यह प्रश्न भी पूँछ सकते हैं । क्या किसी विषय का कोई पाठ साइकिल से सम्बन्धित है । इस पर भी चर्चा करें ।

4- बच्चों को 2 समूहों में बांट कर प्रत्येक समूह को माचिस की एक खाली डिबिया देकर अधिकाधिक सामग्री इकट्ठा करने का प्रोजेक्ट कार्य दे सकते हैं। समूह चर्चा करा सकते हैं कि उक्त सामग्री में कहाँ कहाँ विज्ञान है ।

5 -विद्यालय के भवन में कहाँ पर विज्ञान और गणित है इस पर भी चर्चा कर सकते हैं ।

(शेष आप सब बतायें ) निवेदन है आपसे ।

#विज्ञान Everyone Narendra Modi Brajesh Pathak Narendra Singh Tomar CM Yogi Adityanath

बीआरसी घुघली में 'हमारा आंगन - हमारे बच्चे' कार्यक्रम का हुआ आयोजन- निपुण बच्चों को मिला प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार-  बीई...
09/03/2024

बीआरसी घुघली में 'हमारा आंगन - हमारे बच्चे' कार्यक्रम का हुआ आयोजन

- निपुण बच्चों को मिला प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार

- बीईओ डाॅ प्रदीप शर्मा ने कहा, बच्चों का भविष्य संवारना शिक्षकों की जिम्मेदारी

घुघली ब्लाक के ब्लाक संसाधन केंद्र पर शनिवार को 'हमारा आंगन, हमारे बच्चे' उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि पवन जायसवाल रहे। इस दौरान कार्यक्रम में बाल वाटिका एवं परिषदीय प्रत्येक संकुल से 20 निपुण बच्चों को निपुण प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया।

बीइओ कार्यालय स्थित प्राथमिक विद्यालय घुघली प्रथम के परिसर में बीईओ डाॅ प्रदीप शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को 'हमारा आंगन - हमारे बच्चे उत्सव' का आयोजन हुआ। बीईओ डाॅ प्रदीप शर्मा ने बताया कि विभाग की ओर से समय-समय पर अभिभावकों के साथ बैठक, माता अभिमुखीकरण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

मुख्य अतिथि नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि पवन कुमार जायसवाल ने कहा कि हम सभी योजनाओं की जानकारी के अभाव में हम लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। इस दौरान ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि पवन जायसवाल, अजय जायसवाल, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष घनश्याम यादव, मंत्री रिजवानुल्लाह खान, पवन पटेल, एआरपी परमानंद विश्वकर्मा, पारस, संतोष चौधरी, दिनेश, रविशंकर शुक्ल, प्रधानाध्यापक अनिल सिंह, शीतल मिश्र, आनंद बादल, सुधीर श्रीवास्तव, जागृति त्रिपाठी, विमलेश गुप्ता, डाॅ धनंजय मणि त्रिपाठी आदि शिक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम संचालन राजेश उपाध्याय ने किया।

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09/03/2024
पहले बच्चों को सूजी, मैदा और आटे में भेद करना सिखाइये ।पहले बच्चों को मूंग, मसूर, उडद, चना और अरहर पहचानना सिखाइये ।पहले...
12/02/2024

पहले बच्चों को सूजी, मैदा और आटे में भेद करना सिखाइये ।

पहले बच्चों को मूंग, मसूर, उडद, चना और अरहर पहचानना सिखाइये ।

पहले बच्चों को मख्खन, घी, पनीर, चीज़ के बीच अंतर और उन्हें बनाने की जानकारी सिखाइये ।

पहले बच्चों को सोंठ और अदरक, अंगूर और किशमिश, खजूर और छुहारे के बीच का अंतर सिखाइये ।

पहले बच्चों को दालचीनी, कोकम, राई, सरसों, जीरा, अजवायन और सौंफ पहचानना सिखाइये ।

पहले बच्चों को आलू, अदरक, हल्दी, प्याज और लहसुन के पौधे दिखाइये ।

पहले बच्चों को मेथी, पालक, चौलाई, बथुआ, सरसों, लाल भाजी में फर्क सिखाइये ।

पहले बच्चों को फलों से लदे पेड़ों, फूलों की बगिया दिखाइए ।

पहले बच्चे को गाय, बैल, सांड का फर्क सिखाओ, गधे, घोड़े और ख़च्चर में अंतर समझाओ ।

पहले बच्चों को दिखाएं कि गाय, भैंस और बकरी से दूध कैसे दुहा जाता है।

पहले बच्चों को कीचड़ और मिट्टी में उलट पुलट होना सिखाइये, बरसात में भीगना और गर्मियों में पसीने से तरबतर होना सिखाइये।

पहले बच्चों को बुजुर्गों के पास जाना, उनसे बातें करना, उनके साथ खेलना और मस्ती करना सिखाइये।

बड़ों से तमीज़ से बात करना और घर के काम धाम में माँ-पिता का सहयोग करना सिखाइये।

इन सब के बगैर आप बच्चों को कोडिंग सिखाना चाह रहे हैं तो आपका बच्चा ATM बनेगा, समस्याओं का!

व्हाइटहैट जूनियर की जल्दी क्या है? कोडिंग भी सीख लेंगे, पहले डिकोडिंग तो कर लें, अपने आस-पास की...बचपन को ज़िंदा रखें, मरने न दें।

हाथ जोड़कर निवेदन है ।

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बच्चों के साथ एक शिक्षक बनकर आप उनका कभी भी भला नहीं कर सकते .... आज के समय में Teacher को एक Dost भी बनना जरूरी है...  ...
08/02/2024

बच्चों के साथ एक शिक्षक बनकर आप उनका कभी भी भला नहीं कर सकते ....
आज के समय में Teacher को एक Dost भी बनना जरूरी है...

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मोमोज खाते हैं? तो हो जाइए सतर्क, इसमें डाली गई 'अजीनोमोटो' बढ़ा रहा कैंसर - चाउमीन, मंचूरियन, स्प्रिंग रोल खाने वाले ध्...
23/01/2024

मोमोज खाते हैं? तो हो जाइए सतर्क, इसमें डाली गई 'अजीनोमोटो' बढ़ा रहा कैंसर

- चाउमीन, मंचूरियन, स्प्रिंग रोल खाने वाले ध्‍यान दें, हर 'बाइट' में आप चाव से खा रहे 'जहर'

- प्रेगनेंसी में खतरनाक है अजीनोमोटो का सेवन, सेहत को हो रहे ये 5 नुकसान

मोमोज, चाउमीन, मंचूरियन और स्प्रिंग रोल जैसे चायनीय खाद्य पदार्थों का लोग चटखारे लेकर स्‍वाद लेते हैं। क्‍या बच्‍चे, क्‍या युवा और क्‍या महिलाएं सभी इसके दीवाने हैं। सड़कों के किनारे या रेस्‍टोरेंट में भी इसकी मांग अधिक रहती है। क्‍या आप जानते हैं कि ये सेहत के लिए हानिकारक भी है। आइए जानें कि इन खाद्य पदार्थों में ऐसा क्‍या है जो रोगी बना सकता है।

दिल को बीमार बना रहा चाऊमीन वाला अजीनोमोटो

चायनीज खाद्य पदार्थों का स्वाद बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला अजीनोमोटो (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) आपको दिल की बीमारी दे रहा है। इसके सेवन से उम्र बढ़ने की दर तेज हो जाती है और यह बढ़ते बच्चों और महिला के शरीर में पल रहे बच्चे के लिए भी खतरनाक है।

वैज्ञानिकों ने बताए 'अजीनोमोटो' के दुष्‍प्रभाव

अजीनोमोटो की विषाक्तता पर किए गए अध्ययन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जैव रसायन विभाग के वैज्ञानिकों ने इसके दुष्प्रभाव बताए हैं। जैव रसायन विभाग के प्रो. एसआइ रिजवी के अधीन काम करने वाले विज्ञानियों का यह अध्ययन इंडियन जर्नल आफ क्लीनिकल बायोकैमिस्ट्री में प्रकाशित हुआ है।

जानें क्‍या है अजीनोमोटी?

जैव रसायन विभाग के प्रो. एसआइ रिजवी ने बताया कि चीनी व्यंजनों जैसे कि मोमोज, चाउमीन, मंचूरियन और स्प्रिंग रोल जैसे इन खाद्य पदार्थों में प्रयोग होने वाले एक साल्ट को अजीनोमोटो कहते हैं। इसकी कम मात्रा भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। हाल के वर्षों में मोनोसोडियम ग्लूटामेट से भरपूर खाद्य पदार्थों की खपत में जबरदस्त वृद्धि हुई है। पैक्ड चिप्स, मोमोज और कुछ पैक्ड फूड सहित सभी फास्ट फूड में इस यौगिक की बड़ी मात्रा होती है।

उच्‍च रक्‍तचाप की भी हो रही है समस्‍या

जैव रसायन विभाग के प्रो. एसआइ रिजवी ने अध्ययन के आधार पर दावा किया कि निर्धारित सीमा के तहत प्रयोग करने पर भी अजीनोमोटो तनाव, सूजन और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है। ये सभी प्रभाव एक व्यक्ति को उच्च रक्तचाप, हृदय की समस्याओं और उम्र बढ़ने की तेज दर जैसी बीमारियों को बढ़ा सकते हैं।

चूहों पर किया गया अध्ययन

चूहों पर किए गए प्रायोगिक अध्ययन में अजीनोमोटो का तीन सप्ताह के लगातार सेवन कराया गया। मस्तिष्क क्षेत्र में कुछ परिवर्तन भी देखे गए। विज्ञानियों ने 30 मिलीग्राम और 100 मिलीग्राम प्रति किलो शरीर के वजन के आधार पर परीक्षण किया। हालांकि 30 मिलीग्राम की खुराक से कोई प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन 100 मिलीग्राम की खुराक के कई दुष्प्रभाव थे जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

बच्चों के लिए काफी खतरनाक है अजीनोमोटो

प्रो. रिजवी करते हैं कि यह अध्ययन आंख खोलने वाला है। विशेष रूप से बढ़ते बच्चे मोनोसोडियम ग्लूटामेट के विषाक्त प्रभावों की चपेट में आ सकते हैं। छोटे बच्चों और बढ़ते भ्रूण में रक्त-मस्तिष्क की बाधा उत्पन्न हो सकती है।अजीनामोटो का स्वाद एक लत का कारण बनता है जो बच्चों के लिए हानिकारक है।

चाइनीज फूड आइटम जीभ को बेशक स्वाद देते हों, लेकिन इसमें इस्तेमाल होने वाला अजीनोमोटो (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) गर्भवती महिला और गर्भ में पलने वाले बच्चे को भी नुकसान पहुंचा सकता है। न्यूट्रिशन स्पेशलिस्ट पूनम द्विवेदी का कहना है कि प्रेग्नेंसी में अजीनोमोटो का सेवन करने से गर्भ में पलने वाले बच्चे के विकास में बाधा आ सकती है। अजीनोमोटो के सेवन से शरीर में पैंक्रियाज बढ़ते हैं, जिससे भूख बढ़ती है और खाने की क्रेविंग ज्यादा होने लगती है।

हेल्थ एण्ड वेलनेस कोच एक्सपर्ट पूनम द्विवेदी बताती है कि अजीनोमोटो का सेवन दिमागी विकास में बाधा डालता है। अगर कोई प्रेग्नेंट महिला नियमित तौर पर अजीनोमोटो का सेवन करता है, तो इससे गर्भ में पलने वाले बच्चे का दिमाग संकुचित हो सकता है। प्रेगनेंसी में अजीनोमोटो का सेवन करने से मां की याददाश्त भी कमजोर हो सकती है। इससे माइग्रेन और अनिद्रा की समस्या और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। जिससे सीने में दर्द की समस्या पैदा हो सकती है।

वो चंद सिक्केचार आने, आठ आने, बारह आने और एक रूपया...इन चंद सिक्कों में जिंदगी जी है हमने। पारले की वो नारंगी टॉफी, किरा...
23/01/2024

वो चंद सिक्के

चार आने, आठ आने, बारह आने और एक रूपया...इन चंद सिक्कों में जिंदगी जी है हमने। पारले की वो नारंगी टॉफी, किराए की किताब, किराए की साइकिल, आइसक्रीम, भेलपुरी और ना जाने कितनी खुशियां खरीदी हैं इन खनकते पैसों से।उन दिनों तो पांच पैसे और दस पैसे भी कीमती होते थे जो हमारी मिट्टी की गुल्लक में भर कर हमें अमीर बनाते थे।
शनिवार के दिन जब जल्दी छुट्टी होती,वतब मां से मिलने वाला वो एक रूपया इस उलझन में डाल देता था कि इससे अमरूद खरीदा जाए या भेलपुरी और या फिर वो डंडी वाली आइसक्रीम।

उन दिनों एक लॉलीपॉप आती थी.. मिस्टर पॉप जो की दो रूपए में आती थी। ऐसी ही ना जाने कितनी "चीज़ें" हां, चीज़ ही तो बोलते थे इन मनपसंद चीजों को, की चीज़ लेने जाना है, फिर वो चाहे क्रीम रोल हो या छोटा सा केक, जिसकी खुशबू, शायद लिखने मात्र से महसूस की जा सकती है। इन्हीं चंद सिक्कों से खरीदी जाती थी।

यही तो वो सिक्का है जो मंदिर में चढता है तो सिर पर लगाया जाता है और किन्नर से मिलता है तो तिजोरी की बरकत बढ़ा देता है।

इन सिक्कों की कीमत कम मत आंकना जनाब, इन सिक्कों में बचपन जिया है हमने।

कितने लोगों ने बचपन में बाईसकोप देखा है ?मेरे बचपन में जब गांव में बाईस्कोप वाला आकर बच्चों को बुलाता था तो हम अम्मा से ...
23/01/2024

कितने लोगों ने बचपन में बाईसकोप देखा है ?

मेरे बचपन में जब गांव में बाईस्कोप वाला आकर बच्चों को बुलाता था तो हम अम्मा से पैसे लेकर भागते थे। कभी पैसे नहीं होते तो हम धान, गेहूं, आटा, चावल कुछ भी लेकर बाईसकोप देखने जाते । जब हम लोग अंदर देखते थे तो वह कमेंट्री करता जाता था और पीछे चरखी घुमाता था। अंदर रंग बिरंगे बच्चे और लड़कियां डांस करती दिखाई देती थीं। बड़ा मजा अता था। बाईसकोप वाले से मैं अक्सर लड़ता था कि बहुत तेज से घुंडी घुमा दिया, हम ठीक से नहीं देख पाए है। एक बार और दिखाओ। वह हमें पहचान गया ताल और जब मैं आता तो वह चाहे जितना धीरे धीरे घुमाता हम उससे दोबारा जरूर देख लेते थे। इसलिए मेरे साथ लड़के और लड़कियों की भीड़ लगी रहती थी कि मैं एक बार के पैसे में दो बार बाइस्कोप का मजा दिलावाता था। बाइस्कोप वाला भी मेरे साथ बच्चों का हुजूम देखकर खुश रहता।

k Mani

15/01/2024

Send me stars

मित्र ने शिक्षा विभाग में एक छोटा लेकिन हृदयस्पर्शी कार्यकाल पूरा किया... उन सभी को धन्यवाद जो इस कठिन दौर में आपके संघर...
08/01/2024

मित्र ने शिक्षा विभाग में एक छोटा लेकिन हृदयस्पर्शी कार्यकाल पूरा किया... उन सभी को धन्यवाद जो इस कठिन दौर में आपके संघर्ष का हिस्सा रहे और इसे खास बनाया।

मित्र काना राम (IAS) को नई कर्म भूमि हनुमानगढ़ में बतौर ज़िला कलक्टर मुबारक ……..

तो आपके साथ साथ मित्रों का भी जलवा है।

कभी-कभी मुझे खुद पर गर्व महसूस होता है, इसलिए नहीं कि मैंने कोई सफलता हासिल की है, बल्कि इसलिए क्योंकि मैं उन सभी कठिनाइ...
07/01/2024

कभी-कभी मुझे खुद पर गर्व महसूस होता है, इसलिए नहीं कि मैंने कोई सफलता हासिल की है, बल्कि इसलिए क्योंकि मैं उन सभी कठिनाइयों से अवगत हूं जो मैंने झेली हैं या जिनसे मैं गुजरा हूं। मैं उन सभी डर, कमजोरी, हताशा, असफलता, अवसाद, निराशा और दुर्भाग्य के क्षणों का प्रत्यक्षदर्शी हूं, जिनसे मैं अकेले गुजरा हूं, जिसने मुझे काफी प्रभावित किया है, लेकिन कभी भी कोई नकारात्मकता मुझे हरा नहीं सकती है।

यही कारण है कि मुझे गर्व है, क्योंकि मैं अब कल की तुलना में अधिक मजबूत हो गया हूं, मैं अभी भी खड़ा हूं और अपने रास्ते पर चल रहा हूं, अभी भी अपने सपनों का पालन कर रहा हूं, और मैं कभी हार नहीं मानूंगा! सब ठीक है!!

07/01/2024

अफसरों के सामने फफक रो पड़ीं छात्राएं, बोलीं, सर्दी में करा दीजिए छुट्टी
हरगांव (सीतापुर)। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के निरीक्षण के समय अफसरों के सामने छात्राएं रोने लगीं। छात्राओं ने कहा सर, भीषण ठंड में छुट्टी करा दीजिए। माता-पिता के साथ छुट्टी मनाना चाहती हूं। अफसरों ने छात्राओं के आंसू पोंछे। डीएम तक उनकी बात पहुंचाने का आश्वासन दिया।

07/01/2024

काउंसलिंग के बाद स्कूल आवंटन को भटक रहे शिक्षक

बांदा

12,460 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत नियुक्ति के बाद शिक्षक अब स्कूल आवंटन के लिए भटक रहे है। विभाग का कहना है कि बेवसाइट न चलने से स्कूलों का आवंटन नहीं हो पा रहा है।

वर्ष 2018 में विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों के लिए 12,460 सहायक अध्यापक भर्ती निकली थी। बेसिक शिक्षा विभाग ने 233 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग शुरू की। 95 लोगों की काउंसलिंग पूरी होने के बाद शासन ने यह कहकर काउंसलिंग में रोक लगा दी कि उन्हें जनपद से विशिष्ट बीटीसी की हो उसी को काउंसलिंग में शामिल किया जाएगा। इससे करीब 136 लोग काउंसलिंग से बाहर हो गए। कोर्ट के आदेश पर इन अभ्यर्थियों की दोबारा काउंसलिंग शुरू की गई है। लेकिन इनमें अभी तक 107 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग की गई है। दो दिन से स्कूलों का आवंटन न होने से आवेदक कडाके की सर्दी में इधर से उधर भटक रहे है। बेसिक शिक्षाधिकारी प्रिंसी मौर्य का कहना है कि स्कूल का आवंटन ऑनलाइन किया जाना है। शासन की बेवसाइट न चलने से यह दिक्कत आ रही है। बेवसाइट चलते ही स्कूलों का आवंटन कर दिया जाएगा।

31 अभ्यार्थी काउंसलिंग से बाहर

दूरस्थ बीटीसी के 20 व कई जनपदों से आवेदन करने वाले 11 यानि 31 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग नहीं की जा रही है। बेसिक शिक्षाधिकारी का कहना है कि शासन ने फिलहाल इनकी काउंसलिंग पर रोक लगा दी है। आगे कोई आदेश आता है तो कार्रवाई की जाएगी। अभ्यर्थियों को शासन के आदेश से अवगत करा दिया गया है। 107 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग की गई है जिन्हें जल्द स्कूल आवंटित किए जाएंगे।

हम अपने जीवन को सुन्दर कैसे बना सकते हैं?एक प्रयोग करना। में एक ऐसा मन्त्र बताऊंगा की तुम्हारा जीवन बदल जाएगा। तुम्हारा ...
07/01/2024

हम अपने जीवन को सुन्दर कैसे बना सकते हैं?

एक प्रयोग करना। में एक ऐसा मन्त्र बताऊंगा की तुम्हारा जीवन बदल जाएगा। तुम्हारा जीवन धन्य हो जाएगा। इस मन्त्र को बोलने से गजब चमत्कार होता है। ये मन्त्र मेने पहले भी कई लोगो को बताया है। मुझे अभी तक ऐसा कोई नही मिला जो इस मंत्र के प्रभाव को नकार सके। ये बड़े गजब का है।

यह मंत्र मुझे अवसाद के अंतिम चरण से खींच कर वापस बचा लाया। वो अवसाद जहा बड़े बड़े डॉक्टर भी ठीक नही कर पा रहे वहां से ये मुझे बचा कर लाया। अंधेरे से प्रकाश में खड़ा कर दिया। मृत्यु से जीवन मे ला दिया। मेरे जीवन को धन्य कर दिया। ये हर समस्या का अचूक मन्त्र है। रामबाण है। कोई सी भी समस्या हो ये तुम्हे ऊपर उठा देगा।

अब मै वो मन्त्र बताता हूं।

'धन्यवाद'

ये एक छोटा सा शब्द है जिसे मै मन्त्र बोलता हूं। ये जितना छोटा है उतने ही बड़े चमत्कार है। बड़े बड़े चमत्कार है।

इसका एक प्रयोग करना। 90 दिन का प्रयोग है। तुम्हारा जीवन आनंद में हो जाएगा। तुम्हारे जीवन को धन्य कर देगा। अब प्रयोग की बात करते है।

प्रयोग पर आते है।

तुम्हे एक कॉपी बनानी है। जब सुबह उठो तो 10 चीज़ों के लिए उसमे धन्यवाद देना। हर चीज के लिए अलग अलग धन्यवाद देना।

जैसे कि-

"में ईश्वर का आभारी हु की मैं आज का दिन देख सका। धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद।"

इस प्रकार के 10 चीज़े लिखना। रोजाना अलग अलग लिख सकते हो। पर लिखना जरूर। सुबह उठते ही यह कार्य करना।

अब फिर जब लिख लो तो अपने रोजाना के काम मे लग जाना। लेकिन एक बात याद रखना। तुम्हे पूरे दिन हर चीज़ जो तुम्हारी राह आसान करे उसको भी धन्यवाद बोल देना। सारे दिन लिखने की जरूरत नही है। लिखना तो सुबह ही है। दिन में तो बोलना है। धन्यवाद बोलना है। जो भी तुम्हारी राह आसान करे उसे धन्यवाद करना। अगर तुम किसी कमरे में भी घुस रहे हो और उसका दरवाज़ा पहले से ही खुला हो तो उस दरवाज़े को भी धन्यवाद कर देना। उस दरवाज़े ने तुम्हारी राह आसान कर दी। वरना वो भी तुम्हे खोलना पड़ता। इसलिए दरवाजे को भी धन्यवाद देना। देते रहना।

हर छोटी से छोटी चीज़ का भी धन्यवाद करते रहना।

शुरू शुरू में ये बड़ा अजीब लगेगा। तुम्हे मन कहेगा कि ये क्या आडम्बर है। छोड़ो। ये सब बन्द करो। कितनी बार धन्यवाद दोगे? छोडो।

लेकिन तुम मन की मत सुनना। तुम्हे ये प्रयोग रोजाना 30 दिन तक करना है। एक दिन भी मत छोड़ना। तुम 30 दिन बाद देखोगे की तुम्हारे जीवन मे प्रकाश आने लगा है। कृतज्ञता आने लगी है। शांति आने लगी है। कृतज्ञता जब आ जाये तो फिर क्या चाहिए? कृतज्ञता से सकारात्मकता आएगी। अच्छे विचार आएंगे। अच्छे भाव आएंगे। तुम में एक विशेष शांति आ जायेगी। तुम हर चीज़ के लिए धन्यवाद करना सीख जाओगे। तुम्हारे ह्रदय में जीवन के लिए कृतज्ञता आ जायेगी। जीवन से प्रेम हो जाएगा।

कुछ दिन बाद निरन्तर करते रहोगे तो एक दिन रोने लगोगे। खुशी के आंसू आ जाएंगे। अब जीवन मे आनंद आ जायेगा। सुख नही बल्कि आनंद आएगा। सुख तो कुछ क्षण के लिए होता है। आनन्द तो निरन्तर रहता है। तुम्हारी धुन लग जायेगी। जितनी समस्याएं है वो सब फीकी हो जाएगी। बड़ी से बड़ी समस्या ही क्यों न हो। धन्यवाद उन्हें फीका कर देगा। तुम जीवन को पा लोगे। जीवन को पा लेना ही विजय है। जीवन को पाना ही उद्देश्य है।

फिर कुछ दिन बाद और धन्यवाद करते रहोगे तो चमत्कार भी होने लगेंगे। चारो तरफ एक अलग ही मस्ती आ जाएगी। तुम उसमे खो जाओगे। तुम्हे एहसास हो जाएगा कि प्रकृति ने तुम्हे कितनी शक्तियां दी है।

उस ईश्वर के लिए प्रेम आ जायेगा। इतने दिन प्रेम कहा था?

इतने दिन से तो हम ईश्वर से मांग रहे थे। अब तो देना शुरू कर दिया। धन्यवाद देना शुरू कर दिया।

ईश्वर को सिर्फ धन्यवाद ही देना है। उसे और कुछ नही चाहिए। उसे दे भी क्या सकते हो। धन्यवाद दे देना। आज से ही धन्यवाद देना शुरू कर दो। धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद।

यह प्रयोग मेने खुद अवसाद के अंतिम चरण में किया है। अवसाद ने 17 साल की उम्र में मुझे पकड़ा था। और मैने फिर धन्यवाद को पकड़ लिया। धन्यवाद मेरे मन मे जो हीन भावना थी उसको खत्म कर गया। तुम भी इसे अपनाओ।

अवसाद ही नही, यह हर समस्या में गजब कार्य करता है। बहुत चमत्कार करता है। ये मेने सेकड़ो लोगो को बताया है और अभी तक इसका परिणाम वही आया है जो मेने ऊपर बताया। इसलिए धन्यवाद देते रहो।

जिस दिन तुम कुछ मांगना बन्द कर देते हो उस दिन परमात्मा सब कुछ देने के लिए व्याकुल हो जाता है।

धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद धन्यवाद।

ऐसे कौन से सत्य हैं जिन्हें सभी को जीवन में स्वीकार करना चाहिए?1. काम करना और पैसा कमाना, दो अलग-अलग चीजें हैं। क्योंकि ...
07/01/2024

ऐसे कौन से सत्य हैं जिन्हें सभी को जीवन में स्वीकार करना चाहिए?

1. काम करना और पैसा कमाना, दो अलग-अलग चीजें हैं। क्योंकि आप पाएंगे कि बहुत से लोग काम नहीं करते हैं लेकिन अमीर हैं, अनुचित महसूस न करें, यह आपके अपने जीवन को परेशान करेगा।

2. यदि आप पैसे से समस्याओं का समाधान कर सकते हैं तो लोगों के उपकार न करें।

3. किसी के साथ रहने के लिए सहमत न हों यदि आप इस व्यक्ति को पसंद नहीं करते हैं, तो उस व्यक्ति को खोजने का प्रयास करें जिससे आप गंभीर संबंध बना सकते हैं।

4. ज्यादातर लोगों के सपने कभी सच नहीं होंगे। बहुत से लोग अपना जीवन, सबसे अधिक संभावना, अस्पष्टता में और बिना कुछ हासिल किए जीते हैं।

5. जब आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं तो प्रमुख निर्णय न लेना सबसे अच्छा है।

6. पुस्तकें मानव प्रगति की सीढ़ी हैं।

7. अकेले न होने का एकमात्र तरीका इसे स्वीकार करना है।

8. अपने आदर्शों को इतनी आसानी से न बोलें और न ही दूसरों को आप पर हंसने का मौका दें।

9. चिंता को हल करने का एकमात्र तरीका कार्य करना है।

10. आभारी रहें अगर दूसरे आपकी किसी भी तरह से मदद करते हैं, चाहे वह कितना भी बड़ा या छोटा क्यों न हो।

अगर यह आपकी मदद करता है तो क्या आप मुझे कमेन्ट्स दे सकते हैं?

धन्यवाद।

विकसित भारत संकल्प यात्रा अभियान
28/12/2023

विकसित भारत संकल्प यात्रा अभियान

अपनी औलाद के साथ बहुत अच्छा दोस्त बनकर उसे बहुत अच्छा इंसान बना दीजियेवरना बुरे लोग उसे दोस्त बनाकर एक बहुत बुरा इंसान ब...
27/12/2023

अपनी औलाद के साथ बहुत अच्छा दोस्त बनकर उसे बहुत अच्छा इंसान बना दीजिये
वरना
बुरे लोग उसे दोस्त बनाकर एक बहुत बुरा इंसान बना देंगे।

Everyone

"श्री तुलसीदास सम्मान" से अलंकृत हुईं शिक्षिका अर्चना सिंह, बढ़ाया महराजगंज का मान - दर्जनों बड़े स्तर के मंचों पर अपना ...
23/12/2023

"श्री तुलसीदास सम्मान" से अलंकृत हुईं शिक्षिका अर्चना सिंह, बढ़ाया महराजगंज का मान

- दर्जनों बड़े स्तर के मंचों पर अपना कार्य पाठ कर चुकी अर्चना सिंह ने साहित्य जगत में बनाई नई पहचान

महराजगंज
काव्य संस्था 'हिंदुस्तान अंतरराष्ट्रीय साहित्य समूह' द्वारा श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें देश के विभिन्न प्रांतो के प्रतिष्ठित रचनाकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की l वहीं उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जनपद के घुघली ब्लाक में बेसिक शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापिका पद पर कार्यरत साहित्यकार श्रीमती अर्चना सिंह को उत्कृष्ट काव्य पाठ के लिए "श्री तुलसीदास सम्मान" से अलंकृत किया गया l ये अभी तक दर्जनों बड़े स्तर के मंचों पर अपना कार्य पाठ कर चुकी हैं। कई बार इन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेहतरीन काव्य पाठ के लिए सम्मानित किया गया है l कार्यक्रम में उनकी रचना "है तुम्हारा अभिनंदन दशरथ के लाल राम जी, जय हो तुम्हारा शतवंदन हे जग दुलारे राम जी" को श्रोताओं द्वारा बेहद पसंद किया गया एवं सराहा गया । उक्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के व्याख्याता दुष्यंत कुमार वर्मा, दिव्यांग संघ के अध्यक्ष जागेश्वर साहू, लोक कलाकार लक्ष्मी करियारे, सैन्य विभाग के मिंटू झा, साधना त्रिपाठी, रीना मिश्रा आदि ने अपनी प्रस्तुति दी।

साहित्य जगत में लगातार अपनी श्रेष्ठ प्रस्तुतिकरण के लिए घुघली के खंड शिक्षा अधिकारी डाॅ प्रदीप शर्मा ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य में हमारे ब्लॉक की शिक्षिका निरंतर नित नयी उपलब्धियां प्राप्त कर रही हैं। विभाग में अलग पहचान बनाने के उनके प्रयास के लिए शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी हैं। इन्हें सम्मानित होने पर महाराजगंज के समस्त साहित्यकार डाॅ धनंजय मणि त्रिपाठी, रवीन्द्र शर्मा, डाॅ प्रभुनाथ गुप्त 'विवश' कृपाराज आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दी है।



प्रमोशन आदेश, लखीमपुर खीरी
14/12/2023

प्रमोशन आदेश, लखीमपुर खीरी

14/12/2023

सीतापुर जनपद में पदोन्नति की कतार में 4500 शिक्षक, रिक्त पद 2400

सीतापुर : प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। कितने पदों पर शिक्षकों को पदोन्नति मिलेगी, रिक्त पदों के सापेक्ष कितने पद भरे जाएंगे। वेटिंग वालों को मौका मिलेगा या नही, इसको लेकर शिक्षकों में असमंजस है। इतना ही नहीं, दिसंबर माह में पदोन्नति हो पाएगी या नहीं, इस पर अभी तक संशय के बादल छाए हैं। शासन ने ज्येष्ठता सूची को अंतिम रूप देकर 16 दिसंबर तक पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।

जानकारी के मुताबिक, जिले भर में 3512 परिषदीय विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में लगभग 2400 रिक्त पदों

पर शिक्षकों की पदोन्नति होनी है। वहीं ज्येष्ठता सूची में करीब 4500 शिक्षक हैं। रिक्त पदों के सापेक्ष 50 फीसद पदोन्नति होगी या 100 फीसद, इस पर भी संशय बना है। प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों की मानें तो वेटिंग वालों को मौका दिया जाएगा या नहीं, इसके लिए शासन से नए निर्देश नहीं आए हैं। पदोन्नति छोड़ने वालों को पहले एक पदोन्नति छोड़करदूसरी पदोन्नति में मौका मिलता था। पदोन्नति छोड़ी तो फिर आगे मौका मिलेगा या नहीं, इसकी भी तस्वीर साफ नहीं है। पदोन्नति छोड़ने वालों को पहले चयन वेतनमान समय पर मिलता था। इसको लेकर भी नया निर्देश अभी तक नहीं आया है।

इतना ही नहीं, पदोन्नति के बाद शिक्षकों को विद्यालय कैसे आवंटन होंगे, आनलाइन पोर्टल की व्यवस्था रहेगी या रोस्टर प्रणाली, इस पर भी शिक्षक कयास लगा रहे हैं। इसमें उन विद्यालयों में शिक्षकों को तैनात किया जाएगा, जहां शिक्षकों की कमी है। इस पर वीडियो कांफ्रेसिंग में चर्चा तो नहीं हुई, शासन के निर्देशों का इंतजार हो रहा है।

शिक्षकों की जो ज्येष्ठता सूची तैयार है, रिक्त पदों पर 100 फीसद पदोन्नति कर दी जाए। पदोन्नति में बार-बार नियमों का अवरोध डालकर बाधित न किया जाए।

रवींद्र दीक्षित, जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ

ज्येष्ठता सूची अभी फाइनल नहीं है। समिति की बैठक तक तस्वीर साफ होगी। शत प्रतिशत रिक्त पदों पर पदोन्नति होगी। पदोन्नति छोड़ने, चयन वेतनमान, वेटिंग वालों के लिए नया निर्देश नहीं है। शासन के निर्देशों के तहत ही पदोन्नति प्रक्रिया व विद्यालय आवंटन होगा।

- अखिलेश प्रताप सिंह, वेसिक शिक्षा अधिकारी।

14/12/2023

रविवार के दिन भी फुर्सत में नहीं है 'गुरूजी' ..

रविवार की छुट्टी की शुरुआत सन 1890 ई0 में हुई थी। इसका मकसद सरकारी कार्यालयों में, स्कूलों, विद्यालयों में काम कर रहे लोगों को मानसिक रूप से विश्राम प्रदान था।… परिषदीय विदयालयों में काम कर रहे शिक्षकोंके सन्दर्भ में कहा जाए तो लगातार खत्म होती छुट्टियाँ और अब रविवार को भी काम के लिए बुलाया जाना दुर्भाग्य ही है। निष्ठा, प्रेरणा और अब निपुण भारत कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षक जी जान से मेहनत कर रहे है। ‘निपुण भारत मिशन’ ने बेसिक के स्कूलों में बदला है पढ़ने-पढ़ाने का तरीका, शिक्षक नए-नए प्रयोग करके बच्चों को पढ़ा और सिखा रहे है, बच्चों में भी आश्चर्यजनक रूप से सकारात्मक बदलाव दिख रहे है।

बावजूद इसके वर्तमान में शिक्षक शिक्षण कार्य के अलावा मानसिक रूप से लगातार विभागीय काम के बोझ से दबा जा रहा है, चाहे चुनाव ड्यूटी हो, पल्स पोलियो दिवस हो, किसी की जयंती मनाने का हो, मेरी माटी मेरा देश, असेसमेंट हो, तमाम कार्य रविवार की छुट्टी के दिन भी कराए जाते है, जिसका परिणाम ये होता है कि शिक्षक मानसिक थकान के साथ-साथ शारिरिक रूप से भी तकलीफ में होता है, जिसका असर शिक्षण कार्य और शिक्षक के शारिरिक मानसिक स्तर पर देखा जा सकता है। सप्ताह में एक दिन की छुट्टी मिलती है, इस एक दिन में शिक्षक अपने घर परिवार बाल बच्चे, रिस्तेदार नेह निमन्त्रण, घर की साफ सफाई आदि करने होते है, परन्तु छुट्टी के दिन भी विभाग द्वारा इतने काम दे दिए जाते है कि शिक्षक के शिक्षण कार्य के साथ साथ स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है,, इस समय प्रतिमाह मंगलवार को विद्यालय समय के बाद 3 से 5 बजे तक शिक्षक संकुल की बैठक आहूत की जाती है, क्या ये तर्क संगत है, सायद सबका जवाब एक सुर में नही, शिक्षक संकुल की बैठक ही कराना है तो स्कूल टाइम में 1 से 3 कराया जा सकता है। यू डायस का काम हो, एमडीएम का काम हो, फल सब्जी लाने का काम हो या गेहूं चावल लाने का काम शिक्षक लगातार करते नजर आते है। नीति नियंताओं और विभागीय अधिकारियों से अनुरोध है कि रविवार के दिन शिक्षको को काम मे न लगाया जाए।

मुख्यमंत्री से किया बीईओ के रिश्वतखोरी की शिकायततमकुहीराज, कुशीनगर । प्राथमिक शिक्षा के उत्थान और उसे हाइटेक बनाने के लि...
12/12/2023

मुख्यमंत्री से किया बीईओ के रिश्वतखोरी की शिकायत

तमकुहीराज, कुशीनगर ।

प्राथमिक शिक्षा के उत्थान और उसे हाइटेक बनाने के लिए सूबे की सरकार नई नई कार्ययोजना बनाकर बेतहासा पैसा खर्च कर रही है कि नौनीहालो को बेहतर और गुणवात्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराई जा सके लेकिन इसकी पर्यवेक्षण कि जिम्मेदारी संभाले बैठे कुछ अधिकारियो ने इसे रिश्वत का मंडी बना दिया है। खंड शिक्षा अधिकारी सेवरही द्वारा अपने ही शिक्षकों से जबरिया रिश्वत लिए जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है और उनके रिश्वतखोरी से अजीज एक शिक्षक ने अपने साथ हुए आपबीती के बाबत मुख्यमंत्री पोर्टल पर उनके रिश्वतखोरी का भंडाफोड़ करते हुए शिकायत दर्ज कराया है जिसको लेकर महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।। । प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुसार सेवरही विकास खंड बंड के बैजू पट्टी के एक शिक्षक ने खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा ब्यापक पैमाने पर किये जा रहे रिश्वतखोरी का भंडाफोड़ करते हुए मुख्यमंत्री पोर्टल पर लिखित शिकायत दर्ज कराया है। शिकायतकर्ता शिक्षक के अनुसार खंड शिक्षा अधिकारी बिद्यालयों का निरीक्षण कर रजिस्टर में अनुपस्थित दिखाते हुए बिचौलियों के माध्यम से जबरिया अबैध वसूली करते है। इसके अलावा मेडिकल लिव को रिजेक्ट करने के नाम पर धनउगाही की जाती है। इसके अलावा खेलकूद के नाम पर प्रति विद्यालय पांच सौ रूपये और कंपोजिट बिद्यालय से आठ हजार रूपये की वसूली करना तथा दो दो हजार लेकर तमकुहीराज (एसएनबी) प्राथमिक शिक्षा के उत्थान और उसे हाईटेक बनाने के लिए सूबे की सरकार नई नई कार्ययोजना बनाकर बेतहासा पैसा खर्च कर रही है कि नौनीहालो को बेहतर और गुणवात्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराई जा सके लेकिन इसकी पर्यवेक्षण कि जिम्मेदारी संभाले बैठे कुछ अधिकारियो ने इसे रिश्वत का मंडी बना। दिया है। खंड। शिक्षा अधिकारी सेवरही द्वारा अपने ही शिक्षकों से जबरिया रिश्वत । लिए जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है और उनके रिश्वतखोरी से अजीज एक शिक्षक ने अपने साथ हुए आपबीती के बाबत मुख्यमंत्री पोर्टल पर उनके रिश्वतखोरी का भंडाफोड़ करते हुए शिकायत दर्ज कराया है जिसको लेकर महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

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