05/06/2023
कहीं राह किनारे एकाकीपन है
व्यथित मन और खालीपन है
फिर भी तिल-तिल डोल रहा हूँ
"मैं पीपल का वृक्ष",बोल रहा हूँ
वर्षों अगणित आघात सहे,
मैं रहा मौन, बिन शब्द कहे,
विषवायु में अमृत घोल रहा हूँ
"मैं पीपल का वृक्ष",बोल रहा हूँ....✍️
#जीवन_बचाएं❣️
ीपल_लगाएं
#विश्व_पर्यावरण_दिवस🌳